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US Vice President’s statement on Green Card increases concern among immigrants | अमेरिकी उपराष्ट्रपति का ग्रीनकार्ड पर बयान, प्रवासियों की चिंता बढ़ाई: वेंस बोले- उन्हें हमेशा रहने का हक नहीं, अमेरिकी सरकार को निर्वासित करने का अधिकार
वॉशिंगटन1 मिनट पहले
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अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस के ग्रीन कार्ड पर दिए बयान ने अमेरिका में स्थाई तौर पर रहने वाले प्रवासियों की चिंता बढ़ा दी है।
वेंस ने गुरुवार को एक टीवी चैनल से बात करते हुए कहा कि ग्रीन कार्ड रखने का मतलब यह नहीं है कि किसी व्यक्ति को अमेरिका में हमेशा रहने का अधिकार मिल जाता है। उन्होंने बताया कि प्रशासन के पास ग्रीनकार्ड धारकों को निर्वासित करने का अधिकार होता है।
ग्रीन कार्ड को कानूनी तौर पर स्थाई निवासी कार्ड के नाम से जाता है। इससे अमेरिका में स्थाई तौर पर रहने और काम करने का अधिकार मिलता है, बशर्ते कि व्यक्ति ऐसे अपराध में शामिल न हो जिससे इमिग्रेशन कानूनों का उल्लंघन होता हो।
ट्रम्प गोल्ड कार्ड सिटिजिन शिप को बढ़ावा दे रहे
वेंस की टिप्पणी ऐसे समय में आई है, जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प, ‘ट्रम्प गोल्ड कार्ड’ नाम के एक वीजा प्रोग्राम को बढ़ावा दे रहे हैं। इस प्रोग्राम के तहत विदेशी नागरिक 5 मिलियन डॉलर यानी करीब 44 करोड़ रुपए देकर अमेरिका की नागरिकता हासिल कर सकते हैं। ट्रम्प ने इसे अमेरिकी नागरिकता का रास्ता बताया है।
ट्रम्प ने ‘गोल्ड कार्ड’ को EB-5 वीजा प्रोग्राम का विकल्प बताया और कहा कि भविष्य में 10 लाख गोल्ड कार्ड बेचे जाएंगे। फिलहाल अमेरिकी नागरिकता के लिए EB-5 वीजा प्रोग्राम सबसे आसान रास्ता है। इसके लिए लोगों को 1 मिलियन डॉलर (करीब 8.75 करोड़ रुपए) देने होते हैं।
ट्रम्प ने कहा कि यह वीजा कार्ड अमेरिकी नागरिकता के रास्ते खोलेगा। इसे खरीदकर लोग अमेरिका आएंगे और यहां बहुत ज्यादा टैक्स भरेंगे। उन्होंने दावा किया कि यह प्रोग्राम बहुत सफल होगा और इससे राष्ट्रीय कर्ज का भुगतान जल्द हो सकता है।
ट्रम्प गोल्ड कार्ड वीजा से जुड़े आदेश पर साइन भी कर चुके हैं।
35 साल पुरानी व्यवस्था बदलेंगे ट्रम्प
अमेरिका में स्थायी तौर पर रहने के लिए ग्रीन कार्ड की जरूरत होती है। इसके लिए EB-1, EB-2, EB-3, EB-4 वीजा प्रोग्राम हैं, लेकिन EB-5 वीजा प्रोग्राम सबसे ज्यादा बेहतर है। यह 1990 से लागू है। इसमें शख्स किसी रोजगार देने वाले नियोक्ता से नहीं बंधे होते हैं और अमेरिका में कहीं भी रहकर काम या फिर पढ़ाई कर सकते हैं। इसे हासिल करने में 4 से 6 महीने लगते हैं।
EB-4 वीजा प्रोग्राम का मकसद विदेशी निवेश हासिल करना है। इसमें लोगों को किसी ऐसे बिजनेस में 1 मिलियन डॉलर का निवेश करना होता है, जो कम से कम 10 नौकरियां पैदा करता हो। यह वीजा प्रोग्राम निवेशक, उसकी पति या पत्नी और 21 साल के कम उम्र के बच्चों को अमेरिकी स्थायी नागरिकता देते हैं।
अमेरिका विदेशी नागरिकों को अपने यहां स्थायी तौर पर रहने के लिए ग्रीन कार्ड देता है। इसके बाद विदेशी नागरिकों को वीजा लेने की जरूरत नहीं पड़ती है। हालांकि ग्रीन कार्ड से अमेरिका की नागरिकता नहीं मिलती है।
भारतीय लोगों पर क्या असर होगा?
रिपोर्ट्स के मुताबिक वे भारतीय जो अमेरिकी नागरिकता लेने के लिए EB-5 प्रोग्राम पर निर्भर थे, उनके लिए ‘ट्रम्प वीजा प्रोग्राम’ काफी महंगा पड़ सकता है। EB-5 कार्यक्रम को खत्म करने से लंबे ग्रीन कार्ड बैकलॉग में फंसे स्किल्ड भारतीय प्रोफेशनल्स को भी नुकसान हो सकता है।
भारतीय आवेदकों को पहले से ही रोजगार-आधारित ग्रीन कार्ड कैटेगरी के तहत दशकों तक इंतजार करना पड़ता है। गोल्ड कार्ड की शुरुआत के साथ इमिग्रेशन सिस्टम उन लोगों के लिए और भी चुनौतीपूर्ण हो सकता है जो भारी कीमत नहीं चुका सकते।