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Tariff War: भारत का नाम लेकर डोनाल्‍ड ट्रंप ने कह दी बड़ी बात, चीन-कनाडा ने तो खोल दिया है मोर्चा – tariff war america president big statement over india why china canada mexico went all out

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Tariff War News: अमेरिका में डोनाल्‍ड ट्रंप के सत्‍ता संभालने के बाद से पूरी दुनिया में उथल-पुथल का माहौल है. राष्‍ट्रपति ट्रंप की ओर से छेड़े गए टैरिफ वॉर से इकोनॉमी पर उलटा असर पड़ रहा है.

भारत का नाम लेकर ट्रंप ने कह दी बड़ी बात, चीन-कनाडा ने खोल दिया है मोर्चा

अमेरिका के राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप ने भारत का नाम लेकर बड़ी बात कही है.

हाइलाइट्स

  • राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप ने टैरिफ वॉर पर कही बड़ी बात
  • चीन-कनाडा ने अमेरिका के खिलाफ खोल दिया मोर्चा
  • टैरिफ वॉर पर भारत फूंक-फूंक कर बढ़ा रहा है कदम

अमेरिका में डोनाल्‍ड ट्रंप की सरकार बनने के बाद से पूरी दुनिया में उथल-पुथल का आलम है. राष्‍ट्रपति ट्रंप ने साफ शब्‍दों में कहा है कि जो देश जितना टैरिफ अमेरिका पर लगाएगा, वह भी उतना ही शुल्‍क संबंधित देश के खिलाफ लगाएंगे. अमेरिका ने चीन, कनाडा, मैक्सिको जैसे देशों से होने वाले इंपोर्ट पर अतिरिक्‍त टैरिफ लगाने का ऐलान किया है. हालांकि, उसे फिलहाल स्‍थगित कर दिया है और उसे 2 अप्रैल 2025 से लागू करने का ऐलान किया है. टैरिफ वॉर के लपेटे में भारत भी है. ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह है कि अमेरिका के टैरिफ वॉर का जवाब भारत किस तरह से देगा? इस मसले पर इंडिया का कदम चीन या कनाडा या फिर उससे अलग होगा?

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार को दावा किया कि भारत टैरिफ में कटौती करने के लिए सहमत हो गया है. साथ ही उन्होंने कहा कि आखिरकार कोई उन्हें उनके किए की पोल खोल रहा है. इससे पहले शुक्रवार को विदेश मंत्रालय ने टैरिफ के खतरे पर बात की थी, लेकिन इस पर कोई टिप्पणी नहीं की कि शुल्क कम करने पर कोई निर्णय हुआ है या नहीं. राष्‍ट्रपति ट्रंप ने आगे कहा, ‘भारत हम पर भारी शुल्क लगाता है. हेवी टैरिफ. आप भारत में कुछ भी नहीं बेच सकते…वैसे वे इस पर सहमत हो गए हैं; वे अब अपने शुल्कों में कटौती करना चाहते हैं.’

यह है मामला
यह डेवलपमेंट ऐसे समय में सामने आया है, जब भारत में अपना कारोबार फैलान की कोशिश में जुटी एलन मस्‍क की कंपनी टेस्ला शून्य टैरिक की उम्‍मीद में है. भारत वर्तमान में वाहनों पर 110% तक का आयात शुल्क लगाता है. टेस्ला के सीईओ और राष्‍ट्रपति ट्रंप की सरकार में शामिल एलन मस्क ने इसे दुनिया में सबसे अधिक दरों में से एक बताया है. पहले लगाए गए भारी टैरिफ के कारण टेस्ला ने भारत के ऑटोमोबाइल बाजार में प्रवेश करने की अपनी योजना को छोड़ दिया था. ग्‍लोबल लेवल पर भारत ऑटो सेक्‍टर का तीसरा बड़ा बाजार है.

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जीरो ग्रेविटी में जीरो पॉलिटिक्स! अंतरिक्ष में फंसी सुनीता विलियम्स के लिए मदद लेकर पहुंचा रूसी स्पेसक्राफ्ट

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Sunita Williams News: रूसी अंतरिक्ष एजेंसी Roscosmos का स्पेसक्राफ्ट शनिवार को खाना और अन्य सप्लाई लेकर इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) पहुंचा. यह सप्लाई सुनीता विलियम्स और बुच विलमोर समेत ISS पर मौजूद सभी एस्ट्रो…और पढ़ें

जीरो ग्रेविटी, जीरो पॉलिटिक्स! स्पेस में सुनीता के लिए खाना ले गया रूस का यान

रूस का स्पेसक्राफ्ट Sunita Williams समेत फंसे NASA एस्ट्रोनॉट्स के लिए मदद लेकर पहुंचा.

हाइलाइट्स

  • रूसी स्पेसक्राफ्ट ने ISS पर राशन पहुंचाया.
  • सुनीता विलियम्स और बुच विलमोर आठ महीने से ISS पर फंसे हैं.
  • Crew 10 टीम 12 मार्च को ISS पर पहुंचेगी.

Science News: दुनिया की राजनीति अंतरिक्ष में नहीं चलती! जहां गुरुत्वाकर्षण शून्य होता है, वहां मानवता सबसे बड़ा धर्म बन जाती है. इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) बाहरी अंतरिक्ष में मौजूद ऐसी ही एक जगह है. वहां कई महीनों से अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी NASA के दो एस्ट्रोनॉट्स- सुनीता विलियम्स और बुच विलमोर फंसे हुए हैं. उनके और ISS पर मौजूद अन्य एस्ट्रोनॉट्स के लिए राशन व अन्य सप्लाई भेजने का जिम्मा इस बार रूस का था. रूसी स्पेस एजेंसी Roscosmos का Progress 91 शनिवार को सफलतापूर्वक ISS पर डॉक हुआ. यह यान तीन टन खाना, ईंधन और अन्य जरूरी सामान लेकर पहुंचा. Roscosmos का Progress 91 स्पेसक्राफ्ट अगले छह महीने तक ISS पर डॉक रहेगा. इसके बाद इसमें कचरा भरकर पृथ्वी पर लौटने की योजना है.

आठ महीने से फंसे हैं सुनीता और बुच

NASA के एस्ट्रोनॉट सुनीता विलियम्स और बुच विलमोर पिछले आठ महीने से ISS पर फंसे हुए हैं. वे 5 जून 2024 को Boeing के Starliner से अंतरिक्ष में गए थे, लेकिन तकनीकी खामियों के कारण वापसी संभव नहीं हो सकी. हीलियम लीक और थ्रस्टर मालफंक्शन जैसी समस्याओं ने Starliner को अनसेफ बना दिया. अब, NASA ने कहा है कि दोनों एस्ट्रोनॉट्स की वापसी मार्च के अंत तक हो सकती है. लेकिन यह भी मौसम की स्थिति पर निर्भर करेगा.

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रोजमेरी चिकन, क्रीम बूली… व्हाइट हाउस का वो लजीज लंच जो जेलेंस्की को नसीब नहीं हुआ

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इस बीच, यूक्रेनी प्रतिनिधिमंडल पास के एक कमरे में इंतजार कर रहा था, जो विदेशी नेताओं के लिए स्टैंडर्ड प्रोटोकॉल है. हालांकि, स्थिति ने अप्रत्याशित मोड़ ले लिया. कोलिन्स ने अपनी पोस्ट में आगे बताया, “आमतौर पर वे दोपहर के भोजन के लिए फिर से मिलते हैं. लेकिन यूक्रेनियन व्हाइट हाउस में भोजन नहीं करेंगे. जैसे ही तैयार भोजन पास के एक गलियारे में ट्रॉलियों पर रखा हुआ था, यूक्रेनियन को वहां से जाने का निर्देश दिया गया.”

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‘कोई पंगा मत लेना…’ कौन था वो अमेरिकी नेता? जिसने ट्रंप के साथ बैठक से पहले जेलेंस्की को दी वॉर्निंग

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सीनेटर लिंडसे ग्राहम ने यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की को ट्रंप के साथ बहस से बचने की सलाह दी थी. ट्रंप-जेलेंस्की की मुलाकात में बहस हुई, जिससे दोनों देशों के रिश्ते खराब हो गए.

'पंगा मत लेना...' कौन था वो अमेरिकी नेता? जिसने जेलेंस्की को दी वॉर्निंग

जेलेंस्की को अमेरिकी दौरे में मिली थी बहस नहीं करने की सलाह. (Image:PTI)

हाइलाइट्स

  • सीनेटर लिंडसे ग्राहम ने जेलेंस्की को ट्रंप से बहस से बचने की सलाह दी.
  • ट्रंप-जेलेंस्की की मुलाकात में बहस से रिश्ते खराब हुए.
  • ग्राहम ने जेलेंस्की को पद छोड़ने का सुझाव दिया.

वाशिंगटन. अमेरिकी दफ्तर में बहस से कुछ घंटे पहले अमेरिका के एक बड़े नेता और सीनेटर ने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की को अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ किसी बहसबाजी या ‘झगड़े’ से बचने की सलाह दी थी. रिपब्लिकन नेता और ट्रंप के खास साथी सीनेटर लिंडसे ग्राहम ने कहा कि उन्होंने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ बहस में न पड़ने की सलाह दी थी. यह सलाह उस महत्वपूर्ण मुलाकात से कुछ घंटे पहले दी गई थी, जिसने दुनिया को हैरान कर दिया था.

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के कड़े आलोचक और रिपब्लिकन पार्टी में यूक्रेन के सबसे बड़े समर्थकों में से एक, सीनेटर ग्राहम ने 28 फरवरी को जेलेंस्की से मुलाकात की थी, जो बाद में अमेरिकी दफ्तर में ट्रंप से मिलने वाले थे. ग्राहम ने पत्रकारों से कहा कि ‘मैंने सुबह उनसे कहा झगड़े में मत पड़ो. मीडिया या किसी और को आपको ट्रंप के साथ बहस में न फंसने देना. वह आज जो कर रहे हैं, वह रिश्ते सुधार रहे हैं.’

जो हुआ वह अपमानजनक
अमेरिका के सीनेटर लिंडसे ग्राहम ने आगे ट्रंप और उपराष्ट्रपति जेडी वेंस का समर्थन किया और कहा कि वे अमेरिकियों के साथ खड़े हैं. उन्होंने जेलेंस्की को पद छोड़ने का सुझाव दिया. उन्होंने कहा कि यह पता नहीं है कि अमेरिका कभी जेलेंस्की के साथ काम कर पाएगा या नहीं. ग्राहम ने कहा कि ‘जो मैंने अमेरिकी दफ्तर में देखा वह अपमानजनक था, और मुझे नहीं पता कि हम कभी जेलेंस्की के साथ काम कर पाएंगे या नहीं. मुझे लगता है कि ज्यादातर अमेरिकियों ने एक ऐसे व्यक्ति को देखा जिसके साथ वे काम नहीं करना चाहेंगे, जिस तरह से उन्होंने बैठक को संभाला.’

जिस NATO की चाहत में जेलेंस्की ने पुतिन से लिया पंगा, अब उसी पर संकट के बादल, एलन मस्क की बातों के मायने समझिये

दोनों देशों के रिश्ते निचले स्तर पर पहुंचे
ट्रंप-जेलेंस्की की मुलाकात एक सामान्य फोटो खिंचवाने के मौके के रूप में शुरू हुई थी. वह दोनों नेताओं के बीच बहस में बदल गई, जिससे दोनों देशों के बीच रिश्ते एक नए निचले स्तर पर पहुंच गए. अमेरिकी दफ्तर की बैठक में ट्रंप ने जेलेंस्की को डांटा और कहा कि वे तीसरे विश्व युद्ध का जुआ खेल रहे हैं. उन्होंने आगे कहा कि रूस के साथ एक समझौता काफी करीब है और यूक्रेन के प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग करने की अनुमति देने वाला सौदा बहुत उचित होगा. बातचीत बहुत जल्दी बिगड़ गई जब जेलेंस्की ने अमेरिकी उपराष्ट्रपति से पूछा कि क्या वे यूक्रेन गए हैं.

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