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PM Modi Mauritius Visit Update; Navy Akash Ganga India Mauritius national day | मोदी को मॉरीशस का सर्वोच्च सम्मान: राष्ट्रीय दिवस समारोह में शामिल हुए; मॉरीशस का नया संसद भवन बनाने में मदद करेगा भारत
पोर्ट लुइस3 दिन पहले
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PM मोदी मॉरीशस के राष्ट्रीय दिवस समारोह में शामिल होने पहुंचे हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मॉरीशस दौरे का आज दूसरा दिन है। वे मॉरीशस के 57वें राष्ट्रीय दिवस समारोह में शामिल होने पहुंचे। PM मोदी बतौर मुख्य अतिथि इस समारोह में शामिल हुए।
मॉरीशस को 12 मार्च 1968 को ब्रिटिश से आजादी मिली थी। यह राष्ट्रमंडल के तहत 1992 में गणतंत्र बना। भारतीय मूल के भारतीय मूल के सर शिवसागर रामगुलाम की अगुआई में मॉरीशस को आजादी मिली थी। इस दिन को मॉरीशस राष्ट्रीय दिवस के तौर पर मनाता है।
आज के समारोह में भारतीय सेना की एक टुकड़ी, नौसेना का एक वॉरशिप और एयरफोर्स की आकाश गंगा स्काई डाइविंग टीम भी इस समारोह में हिस्सा ले रही है। इस दौरान भारी बारिश भी हुई।
PM मोदी को मॉरीशस का सर्वोच्च पुरस्कार ‘द ग्रैंड कमांडर ऑफ द ऑर्डर ऑफ द स्टार एंड की ऑफ द इंडियन ओशन’ दिया गया। मोदी यह सम्मान पाने वाले पहले भारतीय हैं। किसी देश की तरफ से पीएम मोदी को दिया गया यह 21वां अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार है।
मॉरीशस के राष्ट्रीय दिवस समारोह की तस्वीरें…
PM मोदी राष्ट्रीय दिवस समारोह में शामिल होने पहुंचे। समारोह में तोपों से सलामी दी गई।
समारोह में परफॉर्मेंस के दौरान भारी बारिश शुरू हुई।
नेशनल डे परेड में शामिल होने के लिए INS इंफाल मॉरीशस में मौजूद है।
भारत और मॉरीशस में 8 समझौते पर सहमति
भारत और मॉरीशस के प्रधानमंत्रियों के बीच आज सुबह द्विपक्षीय बातचीत हुई। दोनों देशों के बीच 8 समझौते हुए हैं। PM मोदी और मॉरीशस PM ने ज्वाइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित भी किया।
इस दौरान मॉरीशस के PM नवीनचंद्र रामगुलाम ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमारे स्वतंत्रता के 57वें वर्षगांठ के राष्ट्रीय दिवस समारोह में अपनी उपस्थिति से हमें सम्मानित किया है। उनकी मौजूदगी दोनों देशों के बीच अच्छे संबंधों का सबूत है।
वहीं PM मोदी ने कहा,
140 करोड़ भारतीयों की ओर से मैं मॉरीशस के लोगों को उनके राष्ट्रीय दिवस पर बधाई देता हूं। यह मेरा सौभाग्य है कि मुझे एक बार फिर मॉरीशस के राष्ट्रीय दिवस पर यहां आने का अवसर मिला। भारत और मॉरीशस सिर्फ हिंद महासागर से ही नहीं, बल्कि साझा संस्कृति और मूल्यों से भी जुड़े हुए हैं
उन्होंने बताया कि भारत-मॉरीशस साझेदारी को ‘एनहैन्स्ड स्ट्रेटजिक पार्टनरशिप’ का दर्जा देने का फैसला किया। भारत मॉरीशस में नया संसद भवन बनवाने में मदद करेगा। इसे PM मोदी ने मॉरीशस के लिए ‘लोकतंत्र की जननी’ भारत की ओर से एक उपहार बताया।
PM मोदी ने आज मॉरीशस के पूर्व प्रधानमंत्री प्रविंद कुमार जगन्नाथ और नेता प्रतिपक्ष जॉर्जेस पियरे के साथ मुलाकात भी की।
मॉरीशस के राष्ट्रपति को महाकुंभ का गंगाजल गिफ्ट किया प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कल मॉरीशस के राष्ट्रपति धरम गोखूल से मुलाकात की। PM ने राष्ट्रपति धरम को गंगाजल और उनकी पत्नी को बनारसी साड़ी गिफ्ट की।
इस विजिट में PM मोदी दोनों देशों के आर्थिक और सुरक्षा संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए कई समझौतों पर हस्ताक्षर करेंगे। 2015 के बाद भारतीय PM की यह दूसरी मॉरीशस यात्रा है।
मंगलवार दोपहर उन्होंने मॉरीशस के राष्ट्रपति धरम गोखूल से मुलाकात की। PM ने राष्ट्रपति धरम को गंगाजल और उनकी पत्नी को बनारसी साड़ी गिफ्ट की।
पीएम मोदी ने मॉरीशस के प्रधानमंत्री नवीन रामगुलाम को बिहार के मखाने गिफ्ट दिए।
पीएम मोदी बोले- मॉरीशस से होली के रंग साथ लेकर जाऊंगा मंगलवार शाम पीएम मोदी ने इंडियन डायस्पोरा को संबोधित किया। उन्होंने भोजपुरी में अपने भाषण की शुरुआत की। उन्होंने कहा, ‘जब 10 साल पहले आज की ही तारीख पर मैं मॉरीशस आया था, उस साल होली एक हफ्ते पहले बीती थी, तब मैं भारत से फगवा की उमंग अपने साथ लेकर आया था। अब इस बार मॉरीशस से होली के रंग अपने साथ लेकर भारत जाऊंगा।’
पीएम मोदी ने कहा- ‘राम के हाथे-ढोलक होसे, लक्ष्मण हाथ मंजीरा, भरत के हाथ कनक पिचकारी, शत्रुघन हाथ अबीरा… जोगी रा सा रा रा रा रा….’
मॉरीशस की मिट्टी में भारत के पूर्वजों का खून-पसीना मंगलवार रात दिए भाषण में मोदी ने कहा कि यहां की मिट्टी में, हवा में, पानी में अपनेपन का एहसास है। गीत गवाई में, ढोलक की थाप में, दाल पूरी में, कुच्चा में और गातो पिमा में भारत की खुशबू है, क्योंकि यहां की मिट्टी में कितने ही भारतीयों का, हमारे पूर्वजों का खून-पसीना मिला हुआ है।
आपने मुझे सम्मान दिया, इसे मैं विनम्रता से स्वीकारता हूं। यह उन भारतीयों का सम्मान है जिन्होंने पीढ़ी-दर-पीढ़ी इस धरती की सेवा की और मॉरीशस को इस ऊंचाई पर लेकर आए। मैं मॉरीशस के हर नागरिक और यहां की सरकार का इस सम्मान के लिए आभार व्यक्त करता हूं।
भारत के लिए क्यों खास है मॉरीशस भारत को घेरने और हिंद महासागर में अपना दबदबा बढ़ाने के लिए चीन ने पाकिस्तान के ग्वादर, श्रीलंका के हंबनटोटा से लेकर अफ्रीकी देशों में कई पोर्ट प्रोजेक्ट में पैसा लगाया है। इसके जवाब में भारत सरकार ने 2015 में हिंद महासागर में अपनी मौजूदगी बढ़ाने के लिए सिक्योरिटी एंड ग्रोथ फॉर ऑल इन द रीजन (सागर प्रोजेक्ट) शुरू किया था।
इसके तहत भारत ने मुंबई से 3,729 किमी दूर मॉरीशस के उत्तरी अगालेगा द्वीप पर मिलिट्री बेस के लिए जरूरी इन्फ्रास्ट्रक्चर बनाया है, इसमें रनवे, जेट्टी, विमान के लिए हैंगर शामिल हैं। यहां से भारत-मॉरीशस मिलकर पश्चिमी हिंद महासागर में चीन के सैन्य जहाजों और पनडुब्बियों पर नजर रख सकते हैं।
मॉरीशस में भारतीय मूल के लोग बहुसंख्यक भारत से करीब 190 साल पहले एटलस नाम का जहाज 2 नवंबर 1834 को भारतीय मजदूरों को लेकर मॉरीशस पहुंचा था। इसकी याद में वहां 2 नवंबर अप्रवासी दिवस मनाया जाता है। एटलस से जो मजदूर मॉरीशस पहुंचे थे, उनमें 80 प्रतिशत तक बिहार से थे।
इन्हें गिरमिटिया मजदूर कहा जाता था यानी समझौते के आधार पर लाए गए मजदूर। इन्हें लाने का मकसद मॉरीशस को एक कृषि प्रधान देश के रूप में विकसित करना। अंग्रेज 1834 से 1924 के बीच भारत के कई मजदूरों को मॉरीशस ले गए। मॉरीशस जाने वालों में सिर्फ मजदूर नहीं थे।
ब्रिटिश कब्जे के बाद मॉरीशस में भारतीय हिंदू और मुस्लिम दोनों व्यापारियों का छोटा, लेकिन समृद्ध समुदाय भी था। यहां आने वाले अधिकांश व्यापारी गुजराती थे। 19वीं शताब्दी में कई ऐसे घटनाक्रम हुए, जिससे मजदूरों के वंशज जमीन खरीद सके। उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार आया है।
मॉरीशस की कुल आबादी में करीब 52% हिंदू हैं। यह देश अफ्रीका में सबसे अधिक प्रतिव्यक्ति आय वाले देशों में से एक है। मॉरीशस पर 1715 में फ्रांस ने कब्जा किया था। तब इसकी अर्थव्यवस्था विकसित हुई, जो चीनी के उत्पादन पर आधारित थी।
1803 से 1815 के दौरान हुए युद्धों में ब्रिटिश इस द्वीप पर कब्जा पाने में कामयाब हुए। भारतीय मूल के सर शिवसागर रामगुलाम की अगुआई में ही मॉरीशस को 1968 में आजादी मिली थी। राष्ट्रमंडल के तहत 1992 में यह गणतंत्र बना।
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मॉरीशस के दो दिन के राजकीय दौरे पर हैं। मंगलवार शाम मॉरीशस के प्रधानमंत्री नवीन रामगुलाम ने उन्हें देश के सर्वोच्च राष्ट्रीय सम्मान से नवाजा। इस इवेंट में पीएम मोदी ने इंडियन डायस्पोरा को संबोधित किया। उन्होंने भोजपुरी में अपने भाषण की शुरुआत की। यहां पढ़ें पूरी खबर…