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G20 बैठक में जयशंकर और वांग यी की मुलाकात: भारत-चीन संबंधों पर चर्चा

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India China: गलवान में सैनिकों की झड़प के बाद भारत-चीन के रिश्तों में काफी गिरावट आई थी, लेकिन लगातार बैठकों का सिलसिला चला और अब फिर से दोनों देशों पटरी पर लौटने लगे हैं. ऐसे में जयशंकर की वांग यी से मुलाकात क…और पढ़ें

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हाइलाइट्स

  • जयशंकर ने G20 बैठक में वांग यी से मुलाकात की.
  • भारत-चीन संबंधों में सुधार के संकेत.
  • व्यापार, सुरक्षा और जलवायु पर चर्चा हुई.

जोहान्सबर्ग. विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने शुक्रवार को जोहान्सबर्ग में आयोजित G20 विदेश मंत्रियों की बैठक के दौरान अपनी चीनी समकक्ष वांग यी से मुलाकात की. जयशंकर इस बैठक में भाग लेने के लिए दक्षिण अफ्रीका में दो दिवसीय यात्रा पर हैं. जयशंकर ने इस बैठक की जानकारी अपने सोशल मीडिया अकाउंट ‘X’ पर साझा की, जिसमें उन्होंने वांग यी से मुलाकात के दौरान ली गई कुछ तस्वीरें पोस्ट की. उन्होंने लिखा, “जोहनसबर्ग में G20 विदेश मंत्रियों की बैठक के दौरान इस सुबह चीनी विदेश मंत्री वांग यी से मुलाकात करने का अवसर मिला.”

यह मुलाकात भारत और चीन के बीच द्विपक्षीय मुद्दों और क्षेत्रीय चुनौतियों पर चल रही कूटनीतिक बातचीत के बीच हुई है. गुरुवार को जी20 सत्र ‘वैश्विक भू-राजनीतिक स्थिति पर चर्चा’ में अपने भाषण में, जयशंकर ने कहा कि जी20 दुनिया की बढ़ती बहुध्रुवीयता का एक महत्वपूर्ण प्रतीक है. उन्होंने वैश्विक भू-राजनीतिक स्थिति को कठिन बताते हुए कहा, “कोविड महामारी, संघर्ष की स्थितियाँ, वित्तीय दबाव, खाद्य सुरक्षा और जलवायु संबंधी चिंताएं, इन सभी का असर वर्तमान वैश्विक स्थिति पर है.”

जयशंकर के चीन विदेश मंत्री से मिलने का मतलब
भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर और चीन के विदेश मंत्री वांग यी के बीच मुलाकात के कई मायने निकाले जा रहे हैं, जिनका अंतरराष्ट्रीय कूटनीति और भारत-चीन संबंधों पर गहरा असर पड़ सकता है. भारत और चीन के बीच सीमा विवाद और कई अन्य द्विपक्षीय मुद्दे लंबे समय से चर्चा का विषय रहे हैं. हाल के वर्षों में दोनों देशों के रिश्तों में तनाव देखा गया है, खासकर गलवान घाटी में हुए संघर्ष के बाद इस मुलाकात का उद्देश्य इन जटिल मुद्दों पर बातचीत और संवाद का रास्ता खोलना हो सकता है.

भारत और चीन दोनों ही एशिया के प्रमुख देश हैं और उनका आपसी सहयोग एशियाई और वैश्विक मामलों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इस मुलाकात के दौरान, संभवतः व्यापार, सुरक्षा, जलवायु परिवर्तन और अन्य वैश्विक चुनौतियों पर सहयोग बढ़ाने पर भी चर्चा हुई होगी. यह मुलाकात यह संकेत देती है कि दोनों देशों के बीच कूटनीतिक और राजनयिक संपर्क लगातार जारी हैं, जिसका उद्देश्य भारत-चीन संबंधों को सुधारने और संवाद को मजबूत करना हो सकता है. इससे दोनों देशों के बीच दीर्घकालिक स्थिरता और शांति स्थापित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए जा सकते हैं.

जी20 में कौन-कौन से देश शामिल?
जी20 एक प्रमुख मंच है, जो वैश्विक आर्थिक सहयोग में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और यह दुनिया की बड़ी चुनौतियों का सामना करने में सहायक है. जी20 देशों में शामिल हैं: अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, कोरिया गणराज्य, मेक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्की, यूनाइटेड किंगडम, संयुक्त राज्य अमेरिका, अफ्रीकी संघ और यूरोपीय संघ.

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