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Aurangzeb Last Letter: अपने ही भाई का कत्ल करवाने वाला जल्लाद, आंखें फोड़कर कर देता था अंधा, जानें औरंगजेब के आखिरी खत का रहस्य

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Aurangzeb Last Letter: औरंगजेब के आखिरी खत को लेकर अक्सर कुछ न कुछ सुनने के लिए मिलता है. इस बारे में लोकल 18 को जानकारी दी इतिहासकार प्रोफेसर इरफान हबीब ने.

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जानिए

जानिए औरंगजेब के उस आखिरी खत के बारे मे

हाइलाइट्स

  • औरंगजेब ने सत्ता के लिए अपने भाई दारा शिकोह को मरवाया.
  • औरंगजेब ने गुरु तेग बहादुर का सिर कलम करवाया.
  • औरंगजेब ने अपने गुनाहों पर पछतावा जताते हुए पत्र लिखे.

Aurangzeb Last Letter: इतिहास के पन्नों में देखें तो विवादास्पद मुगल शासकों में सबसे बड़ा नाम औरंगजेब का है. औरंगजेब ने गैर-मुसलमानों पर जजिया कर जैसी भेदभावपूर्ण नीतियां लागू की. औरंगजेब ने सिखों के गुरु तेग बहादुर का सिर कलम करवा दिया था. उसने गुरु गोविंद सिंह के बेटों को जिंदा दीवार में चुनवा दिया. वहीं संभाजी महाराज की आंखें फोड़ दीं और नाखून उखाड़ लिए. इसके शासन काल में भारत में शरियत के आधार पर फतवा-ए-आलमगीरी लागू किया और बड़ी संख्या में हिंदू मंदिरों को नष्ट कर दिया गया.

काशी और सोमनाथ मंदिरों को नष्ट करवाया और लाखों हिंदुओं की हत्या करवाई इसकी क्रूरता के कारण करीब-करीब पूरे भारतीय उपमहादीप में मुगल साम्राज्य अपना सबसे ज्यादा विस्तार कर पाया.

औरंगजेब का आखिरी खत
औरंगजेब की मृत्यु 1707 ईस्वी में हुई थी. ऐसा कहा जाता है कि मौत से पहले इसको अपने किये गुनाहों पर पछतावा था और औरंगजेब ने अपने बेटों, आजम शाह और काम बख्श को अपने खेद व्यक्त करने के लिए पत्र लिखे थे. इन पत्रों में उसने अपने पापों और असफलताओं के बारे में जिक्र किया. इस सवाल का जवाब जानने के लिए लोकल 18 की टीम ने प्रख्यात इतिहासकार प्रोफेसर इरफान हबीब से जानकारी ली.

जानकारी देते हुए प्रख्यात इतिहासकार प्रोफेसर इरफान हबीब ने बताया कि औरंगजेब का कोई ऐसा खत मिलने का साक्ष्य तो नहीं है. लेकिन कुछ खत ऐसे चले थे जो जजिया के खिलाफ थे. जिसमें औरंगजेब से अपील थी कि आप अकबर को मुफोलिसी रखिए. वह खत बहुत मशहूर है जो फारसी में है. अक्सर लोग कहते हैं कि यह खत शिवाजी ने लिखवाया हैं लेकिन ये कुछ शिवाजी को मनसूफ करते हैं. लेकिन वह थोड़ा-सा बाद का मालूम होता है. यह खत तो है लेकिन और कोई खत नहीं है.

सत्ता के लिए अपने ही भाई को मरवाया
इतिहासकार प्रोफेसर इरफान हबीब बताते हैं कि मुगलों में यह तरीका तो था कि उनके भाई वगैरह जो होते थे वह लोग हुकूमत ना कर सके. तो उन्हें आंख फूडवाकर कर अंधा कर देते थे. कभी कत्ल भी कर देते थे. जैसे कि औरंगजेब ने सत्ता के लिए अपने बड़े भाई दारा शिकोह को मरवाया था. औरंगजेब का बड़ा भाई दारा शिकोह ने संस्कृत टेक्स का तर्जुमा फारसी में किया. उनको ही कत्ल कर दिया. बादशाहत के पीछे.

इसे भी पढ़ें – लाल किला नहीं दिल्ली के इस बाग में हुई थी औरंगजेब की ताजपोशी, जानिए क्या थी वजह

औरंगजेब का एक और दूसरा भाई था जिसका नाम मुराद बख्श था. उस भाई को भी मार दिया. औरंगजेब का यही मानना था कि हम हुकुमत करें यह लोग हुकूमत ना करें. आमतौर से जितने भी मुगल बादशाह थे तो अपनी बादशाहत के मुखालिफत करने वालों को सजा देते थे उन्हें मार दिया करते थे. ताकि दूसरे लोग बादशाह ना बन सके और औरंगजेब ने भी यही किया.

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अपने ही भाई का कत्ल करवाने वाला जल्लाद, आंखें फोड़कर कर देता था अंधा

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आखिर क्यों? ‘डीएम ने बजाया मादल, एसपी ने बजाई थाली’… धुन पर झूम उठे पुलिस अधिकारी!, देखें वायरल वीडियो

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MP Viral Video: एमपी के बुरहानपुर जिले में एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें डीएम हर्ष सिंह मादल बजाते हुए दिखाई दे रहे हैं, जबकि एसपी देवेंद्र कुमार पाटीदार थाली बजा रहे हैं. इसी दौरान, नेपानगर थाना प्रभारी ज्…और पढ़ें

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मादल

मादल बजाते कलेक्टर थाली बजाते एसपी 

हाइलाइट्स

  • बुरहानपुर में डीएम हर्ष सिंह ने मादल बजाया.
  • एसपी देवेंद्र कुमार पाटीदार ने थाली बजाई.
  • थाना प्रभारी ज्ञानु जैसवाल ने डांस किया.

MP Viral Video. आज तक आपने कई मेले देखे होंगे, जहां पर खेल खिलौने की दुकान भी लगी होगी. लोग मेले में एंजॉय भी करते देखे होंगे. मध्य प्रदेश के बुरहानपुर जिले में भी आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र है. इसलिए नेपानगर में भी भगोरिया का बाजार लगाया जाता है, जहां पर लोग होली पर्व की खरीदी करने के लिए आते हैं. यहां पर एक नजारा ऐसा देखने को मिला कि जहां पर कलेक्टर हर्ष सिंह मादल बजाते हुए नजर आए, तो एसपी देवेंद्र कुमार पाटीदार थाली बजा रहे हैं. इन दोनों को देखकर नेपानगर थाना प्रभारी ज्ञानु जैसवाल अपने आप को नहीं रोक पाई और उन्होंने डांस करना शुरू कर दिया. आदिवासी समाज जन उनके साथ डांस करते हुए नजर आ रहे हैं. आप खुद तस्वीरों में देख सकते हैं कि किस तरह से यहां पर भगोरिया बाजार में पूरा प्रशासनिक हमला धूम मचा रहा है.

होली पर्व में अलग अलग क्षेत्र में लगते हैं बाजार
लोकल 18 की टीम ने जब क्षेत्र के मुकेश दरबार से बात की तो उन्होंने बताया कि जैसे ही होली का पर्व नजदीक आता है वैसे ही भगोरिया का बाजार लगना शुरू हो जाता है. और नेपानगर क्षेत्र भी एक आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र है. इसलिए अलग-अलग जगह पर अलग-अलग दिन बाजार लगते हैं. जहां पर समाजजन होली पर्वत की खरीदी करने के लिए पहुंचते हैं और सभी लोग बड़े उत्साह के साथ यहां पर खरीदी करने के लिए आते हैं. सुरक्षा व्यवस्था की दृष्टि से पुलिस प्रशासन और जिला प्रशासन भी इस मेले में शामिल हुआ था, जहां पर उन्होंने आदिवासी समाज जनों के साथ यह पर्व बड़े उत्साह पूर्वक मनाया.

आधा दर्जन से अधिक जगह पर लगता है बाजार
समाज जनों का कहना है की होली के पर्व से पहले करीब आधा दर्जन जगहों पर यह भगोरिया बाजार लगता है. जहां पर हजारों की संख्या में समाजजन खरीदी करने के लिए पहुंचते हैं. जिले के साथ आसपास के क्षेत्र से भी लोग यहां पर खरीदी करने के लिए आते हैं. रंग गुलाल पिचकारी से लेकर तो खान-पान की दुकान भी लगती है.

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डीएम ने बजाया मादल, एसपी ने बजाई थाली’… धुन पर झूम उठे पुलिस अधिकारी

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घर से बर्गर खाने निकला था शख्स, लौट कर आया तो हो चुका था करोड़पति, खुल गई किस्मत!

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ब्रिटेन के क्रैग हैगी केवल बर्गर खरीदने के लिए निकले थे. बर्गर खरीदते समय यूं ही नेशनल लॉटरी स्क्रैचकार्ड खरीदा. लेकिन उन्हें उम्मीद नहीं थी कि वे विजेता निकलेंगे. उन्होंने 11 करोड़ 26 लाख रुपये जीत लिए.

घर से बर्गर खाने निकला था शख्स, लौट कर आया तो हो चुका था करोड़पति, खुली किस्मत

क्रैग ने लॉटरी केवल समय बिताने के लिए यूं ही खरीद ली थी. (प्रतीकात्मक तस्वीर: Canva)

लाटरी के पीछे लाखों लोगों ने अपनी जिंदगी बरबाद की है. दुनिया के कई देश, यहां तक कि भारत के कई राज्यों में भी इसी वजह से लाटरी पूरी तरह से बैन है. ऐसे में कई कहानियां सुनने को मिलती हैं जिसमें कोई शख्स अचानक ही लॉटरी जीत कर करोड़पति बन जाता है. ब्रिटेन के एक शख्स के साथ ऐसा ही हुआ जब वे घर तो बर्गर खरीदने ही निकला था, लेकिन जब लौटा तो करोड़ों की लाटरी का विजेता बन कर लौटा जिसकी उसे कतई उम्मीद नहीं थी.

यूं ही खरीद लिया था कार्ड
कॉर्नवॉल के लिस्कियार्ड के रहने वाले 36 साल के क्रैग हैगी ने अपने लंच का इंतजार करते समय केवल वक्त काटने के लिए नेशनल लॉटरी स्क्रैचकार्ड खरीद लिया था. उन्हें बिलकुल उम्मीद नहीं थी कि यह छोटी से घटना उनकी जिंदगी बदल देगी. जैसे ही उन्हें पता चला कि उन्होंने नेशनल लॉटरी कैश वॉल्ट स्क्रैचकार्ड की 10 लाख पाउंड यानी 11 करोड़ 26 लाख रुपये जीत लिए, उन्हें यकीन ही नहीं हुआ.

टिकट खोने का डर
स्पार से कार्ड खरीदने वाले चार बच्चों के पिता क्रैग, अपने भाई निक के साथ परिवार का डब्ल्यूसीएल स्टोरेज सिस्टम्स चलाते हैं जिसके वे मैनेजिंग डायरेक्टर हैं. वैसे तो  उन्होंने उम्मीद नहीं की थी कि वे लॉटरी जीत जाएंगे या अपनी किस्मत आजमाने के लिए उसे नहीं खरीदा था. लेकिन जीतने के बाद वे टिकट खोने के डर इतने चिंतित हो गए कि उन्होंने उसे शरीर पर ही चिपका लिया.

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क्रैग के सामने चुनौती थी कि आखिर वे लाटरी के टिकट संभालकर कहां रखें. (प्रतीकात्मक तस्वीर: Canva)

कहां छिपाया कार्ड
क्रैग ने बताया कि उन्होंने पहले टिकट को पन्नी में रख कर शरीर पर टेप से चिपका लिया, लेकिन पसीने की वजह  से ज्यादा देर शरीर पर चिपका नहीं रह पाया, तब जा कर उन्होंने उसे किचन कैबिनेट में रखे सॉसपैन के अंदर रखा. उन्होंने खुद बताया कि जब आपको पता चले कि आप करोड़ पति हो गए हैं तो आप सीधा नहीं सोच पाते हैं.

यह भी पढ़ें: सब्जियों के बने वाद्ययंत्र से कसंर्ट करती है ये टीम, शो के बाद ऑडियंस को देती है उन्हीं से बना सूप!

क्रैग ने अपनी पत्नी जोये को जब लाटरी की जीत की खबर दी तो उन्हें लगा कि उनका पति उनके साथ मजाक कर रहा है. उन्हें लगता है कि अभी उनकी बहुत लंबी है इसलिए वे और उनके पति अभी अपना काम छोड़ने की स्थिति में नहीं हैं. परिवार अब प्लानिंग कर रहा है कि जीती हुई रकम का कैसे इस्तेमाल कर सकते हैं.

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घर से बर्गर खाने निकला था शख्स, लौट कर आया तो हो चुका था करोड़पति, खुली किस्मत

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सालों से अंतरिक्ष में जाकर लौट रहा है ये स्पेसशिप, किसी को नहीं पता, आखिर करता क्या है ये?

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दुनिया की निगाहें एलन मस्क के रीयूजेबल स्पेसशिप और रॉकेट के परीक्षणों पर रहती है. वहीं अमेरिका का X-37B स्पेसक्राफ्ट पूरी तरह से रीयूजेबल और हाल ही में उसने 434 दिन बाद स्पेस से लौट कर धरती पर विमान की तरह लैं…और पढ़ें

सालों से अंतरिक्ष जाकर लौट रहा है ये स्पेसशिप, किसी को नहीं पता करता क्या है

यह यान रॉकेट से स्पेस भेजा जाता है और विमान की तरह लैंडिंग करता है. (तस्वीर: Instagram)

हाइलाइट्स

  • अमेरिका का X-37B स्पेसक्राफ्ट 434 दिन बाद लौटा
  • X-37B पूरी तरह से रीयूजेबल और रहस्यमयी है
  • इसका उपयोग सैन्य निगरानी और गोपनीय प्रयोगों के लिए होता है

एलन मस्क ऐसी स्पेसशिप तैयार कर रहे हैं जो स्पेस में जा कर पृथ्वी पर वापस आ जाए और उसका फिर से इस्तेमाल हो सके. ऐसे रीयूजेबल रॉकेट पर कई प्रयोग हो चुके हैं जिनमें से कुछ पूरे सफल भी रहे हैं.  पर क्या आप जानते हैं कि अमेरिका के पास सालों से एक ऐसी स्पेस शिप भी है जो कई बार स्पेस में जा कर वापस आ चुकी है. हाल ही में ये स्पेसशिप 434 दिन बाद लौटी है. हैरानी की बात ये है कि दुनिया में बहुत से लोग यह तो जानते हैं कि इस तरह कि खास स्पेसशिप अमेरिका के पास है, पर यह कोई नहीं जानता कि अमेरिका इसका करता क्या है.

नहीं करता है की इसकी चर्चा
लेकिन ऐसा नहीं है कि इस यान की कभी चर्चा नहीं होती है. जब इसकी लॉचिंग होती है तब यह सुर्खियों में जरूर आता है. अमेरिकी सरकार इसे स्पेस एक्सपेरिमेंट के लिए उपयोग में लाना वाला यान बताती है, इससे अधिक नहीं. एक्सपर्ट्स भी बताते हैं कि इसके कई सैन्य उपयोग हैं पर इससे अधिक यह पूरी दुनिया के लिए रहस्मयी और अमेरिकी सरकार के लिए क्लासिफाइड ही है.

पहले भी रहा है चर्चा में
यह अनूठी स्पेसशिप या स्पेसक्राफ्ट X-37B ऑर्बिटल टेस्ट व्हीकल -7 है. हाल ही में ये कैलिफोर्निया के वेंडनबर्ग स्पेस फोर्स बेस में लैंडिंग कर लौटा है. कुछ महीनों पहले यह इस बात के लिए चर्चा में था कि यान ने अंतरिक्ष में रह कर खुद ब खुद ही पृथ्वी का चक्कर लगाने वाली अपनी कक्षा में सफल बदलाव किया था. वैज्ञानिक इसे “एरोब्रेकिंग मैनोवर” कहते हैं.

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