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यूकेन में वो खजाना है भी या नहीं, जेलेंस्की से जिसका सौदा करने जा रहे ट्रंप?

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Ukraine Mineral Resources Deal With US: अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बड़े-बड़े दावे करते हुए यूक्रेन से डील तो कर डाली, लेकिन क्या सच में यूक्रेन के पास इतनी खनिज संपदा है? अमेरिकी जियोलॉजिकल सर्वे (USGS) और अन्य एक्सपर्ट्स की मानें तो यूक्रेन में दुर्लभ खनिज तत्वों का बड़ा भंडार होने के पक्के सबूत नहीं हैं.

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सुनीता विलियम्स और बुच विलमोर 19 मार्च को धरती पर लौटेंगे.

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Sunita Williams News: सुनीता विलियम्स और बुच विलमोर 19 मार्च को नौ महीने बाद अंतरिक्ष से लौटेंगे. स्पेस-एक्स यान उन्हें लाने ISS पहुंचा है. लंबे समय तक माइक्रोग्रैविटी में रहने से उनके शरीर पर असर पड़ सकता है.

धरती पर लौटकर भी सुनीता विलियम्स की मुसीबत नहीं होगी कम, पहाड़ सा लगेगा हर कदम

सुनीता विलियम्स और बुच विलमोर ISS पर 9 महीने बिताने के बाद 19 मार्च को धरती पर लौटने वाले हैं.

हाइलाइट्स

  • सुनीता विलियम्स और बुच विलमोर 19 मार्च को लौटेंगे.
  • स्पेस-एक्स यान उन्हें लाने ISS पहुंचा है.
  • लंबे समय तक माइक्रोग्रैविटी में रहने से शरीर पर असर पड़ सकता है.

भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और उनके साथी बुच विलमोर अंतरिक्ष में नौ महीने बिताने के बाद 19 मार्च को धरती पर लौटने वाले हैं. उन्हें वापस लाने के लिए स्पेस-एक्स का अंतरिक्ष यान इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) पहुंच गया है. वहां उनकी जगह लेने के लिए अंतरिक्ष यात्रियों का नया जत्था भेजा गया है. इनमें नासा की ऐनी मैकक्लेन और निकोल एयर्स, जापान के टाकुया ओनिशी और रूस के किरिल पेसकोव शामिल हैं. मैकक्लेन और एयर्स जहां मिलिट्री पायलट हैं, वहीं ओनिशी और पेसकोव पूर्व एयरलाइन पायलट रह चुके हैं.

सुनीता विलियम्स और बुच विलमोर के वापस लौटने के बाद ये अंतरिक्ष यात्री अगले छह महीने तक ISS पर रहेंगे. सुनीता और बुच आठ दिनों के मिशन पर अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के लिए रवाना हुए थे. हालांकि, बोइंग के स्टारलाइनर यान में तकनीकी खराबी आ गई. इस कारण उन्हें स्पेस स्टेशन में ही रुकना पड़ा और उनका मिशन लगभग 270 दिनों तक बढ़ गया.

नौ महीने तक अंतरिक्ष में रहने के बाद सुनीता विलियम्स और बुच विलमोर आखिरकार 19 मार्च को धरती पर लौटने वाले हैं. हालांकि, इतने लंबे समय तक अंतरिक्ष में गुरुत्वाकर्षण के बिना रहने के कारण उनके शरीर पर इसका असर पड़ सकता है. वैज्ञानिकों के अनुसार, वे ‘बेबी फीट’ नामक समस्या से जूझ सकते हैं, जिससे उनके पैरों की संरचना प्रभावित हो सकती है.

क्या होती है ‘बेबी फीट’ समस्या?
लंबे समय तक माइक्रोग्रैविटी में रहने से हड्डियों और मांसपेशियों पर भार नहीं पड़ता, जिससे वे कमजोर हो जाते हैं. पृथ्वी पर लौटने के बाद उन्हें चलने में कठिनाई हो सकती है, क्योंकि पैरों को फिर से गुरुत्वाकर्षण के अनुरूप ढलने में समय लगेगा.

स्पेस में गुरुत्वाकर्षण न होने के कारण शरीर की हड्डियों और मांसपेशियों पर असर पड़ता है. पृथ्वी पर भार वहन करने वाली हड्डियों की घनत्व (डेंसिटी) हर महीने लगभग 1% कम हो जाती है. अगर सही डाइट, एक्सरसाइज़ और दवाइयों का सेवन न किया जाए तो यह हड्डियों को कमजोर और भंगुर बना सकती है. इस प्रक्रिया को ‘एट्रोफी’ (atrophy) कहा जाता है. नासा के अनुसार, अंतरिक्ष यात्रियों को इस प्रभाव से बचाने के लिए वे हर दिन औसतन दो घंटे तक व्यायाम करते हैं.

मांसपेशियों की कमजोरी और थकान
अंतरिक्ष में मांसपेशियों को सामान्य रूप से काम नहीं करना पड़ता, जिससे वे कमजोर हो जाती हैं. वापस आने के बाद सुनीता को सामान्य गतिविधियों में भी थकान और कमजोरी महसूस हो सकती है.

चक्कर आना और संतुलन बिगड़ना
माइक्रोग्रैविटी के कारण कान की अंदरूनी संतुलन प्रणाली प्रभावित होती है. पृथ्वी पर लौटने पर उन्हें चक्कर आना, मतली और असंतुलन की समस्या हो सकती है.

रक्त संचार और हृदय से जुड़ी समस्याएं
अंतरिक्ष में दिल को खून पंप करने में ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ती. ऐसे में पृथ्वी पर लौटने के बाद रक्तचाप में गिरावट (orthostatic hypotension) हो सकती है, जिससे खड़े होते ही चक्कर आ सकता है.

प्रतिरक्षा प्रणाली (इम्यून सिस्टम) पर असर
कुछ स्टडी के मुताबिक, अंतरिक्ष में रहने से इम्यून सिस्टम कमजोर हो सकता है. इससे सुनीता को संक्रमण या एलर्जी जैसी समस्याएं हो सकती हैं.

कैसे होगा रिकवरी प्रोसेस?
सुनीता और बुच की वापसी के बाद उन्हें विशेष पुनर्वास प्रक्रिया से गुजरना होगा. इसमें फिजियोथेरेपी, एक्सरसाइज, संतुलित आहार और मेडिकल निगरानी शामिल होगी. NASA की मेडिकल टीम यह सुनिश्चित करेगी कि वे जल्द से जल्द सामान्य स्थिति में लौट सकें.

इतने लंबे समय तक स्पेस में रहने के कारण सुनीता और बुच के परिवारों पर भी असर पड़ा है. विलमोर की पत्नी और दो बेटियां तथा सुनीता के पति और उनकी मां उनके लौटने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं. विलमोर, जो एक चर्च एल्डर हैं, फिर से आमने-सामने धार्मिक सेवाओं में शामिल होने के लिए उत्सुक हैं. वहीं, सुनीता अपने दो लेब्राडोर डॉग्स को टहलाने का इंतजार कर रही हैं. अब सभी की नजरें 19 मार्च पर टिकी हैं, जब ये दोनों अंतरिक्ष यात्री धरती पर सुरक्षित वापसी करेंगे.

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धरती पर लौटकर भी सुनीता विलियम्स की मुसीबत नहीं होगी कम, पहाड़ सा लगेगा हर कदम

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Trump का Houthi Rebels पर Airstrike 31 Dead Iran को दी कड़ी चेतावनी

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US Attack On Houthi: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हूती विद्रोहियों पर हवाई हमले का आदेश दिया, जिससे 31 लोग मारे गए और 101 घायल हुए. ट्रंप ने ईरान को चेतावनी दी और कहा कि हमले जारी रहेंगे. अमेरिका ने रूस …और पढ़ें

हूती विद्रोहियों पर ट्रंप ने जब बरसाई आग तो ऐसा था वाइट हाउस के वॉर रूम का हाल

हमले के दौरान डोनाल्ड ट्रंप. (X/Whitehouse)

हाइलाइट्स

  • ट्रंप ने हूती विद्रोहियों पर हवाई हमले का आदेश दिया
  • हमलों में 31 लोग मारे गए, 101 घायल हुए
  • ट्रंप ने ईरान को चेतावनी दी, हमले जारी रहेंगे

वेस्ट पाम बीच: वाइट हाउस ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की एक फोटो शेयर की है. इस फोटो में वह हूती ठिकानों पर हमले के दौरान वॉर रूम में निगरानी कर रहे हैं. न्यूयॉर्क पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक ट्रंप प्रशासन ने अपने बयान में कहा है कि उसने हमले के बारे में रूस को जानकारी दी थी. कूटनीतिक संचार को बढ़ावा देने के लिए ऐसा किया गया. हमले के तुरंत बाद वाइट हाउस ने एक फोटो शेयर की, जिसमें ट्रंप टीवी पर देख रहे हैं. हूती विद्रोहियों की ओर से संचालित स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि मरने वालों की संख्या 31 हो गई है. इन लोगों में महिलाएं तथा बच्चे भी शामिल हैं. मंत्रालय के प्रवक्ता अनीस अल-असबाही ने रविवार को बताया कि रातभर हुए हमलों में 101 लोग घायल भी हुए हैं. अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शनिवार को यमन में हूती विद्रोहियों के कब्जे वाले इलाकों पर सिलसिलेवार हवाई हमलों का आदेश दिया. ट्रंप ने चेतावनी दी कि ईरान समर्थित हूती विद्रोही लाल सागर में आने-जाने वाले मालवाहक जहाजों पर जब तक अपने हमले बंद नहीं कर देते, तब तक वह ‘पूरी ताकत से’ हमले जारी रखेंगे.

हूती विद्रोहियों ने पहले कहा था कि इन हवाई हमलों में कम से कम 18 आम नागरिकों की मौत हुई है. ट्रंप ने सोशल मीडिया पर एक ‘पोस्ट’ में कहा, ‘हमारे बहादुर सैनिक अमेरिकी जलमार्गों, वायु और नौसैन्य संपत्तियों की रक्षा करने तथा नौवहन की स्वतंत्रता को बहाल करने के लिए आतंकवादियों के ठिकानों, उनके आकाओं और मिसाइल रक्षा तंत्र पर हवाई हमले कर रहे हैं.’ उन्होंने कहा, ‘कोई भी आतंकी ताकत अमेरिकी वाणिज्यिक और नौसैनिक पोतों को दुनिया के जलमार्गों पर स्वतंत्र रूप से आने-जाने से नहीं रोक पाएगी.’

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मॉरीशस राष्ट्रीय दिवस: पीएम मोदी मुख्य अतिथि, INS इंफाल भी शामिल

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MAURITIUS NATIONAL DAY: मॉरीशस के आबादी का 70 फीसदी भारतीय मूल के हैं. मॉरीशस हिंद महासागर में भारत का सबसे करीबी भरोसेमंद समुद्री पड़ोसी देश है. इसे अफ्रीका में एंट्री गेट के तौर पर भी जाना जाता है. पीएम मोदी…और पढ़ें

पीएम से पहले इंडियन नेवी का जंगी जहाज पहुंचा मॉरीशस, नेशनल डे पर करेगा शिरकत

पहली बार मॉरीशस पहुंचा नौसेना का युद्ध पोत INS इंफाल

हाइलाइट्स

  • पीएम मोदी मॉरीशस के दौरे पर जाएंगे.
  • INS इंफाल मॉरीशस नेशनल डे में भाग लेगा.
  • दौरे में रूपे और यूपीआई लॉन्च होंगे.

MAURITIUS NATIONAL DAY:  भारत की नेबरहुड फर्सट पॉलेसी बड़ी तेजी से आगे बढ़ रही है. हिंद महासागर क्षेत्र के हर देश के साथ भारत ने अपने रिश्तों को और मजबूत किया है. 12 मार्च 2025 को आयोजित होने वाले 57वें मॉरीशस राष्ट्रीय दिवस समारोह पर खास तौर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को निमंत्रण दिया गया है. पीएम मोदी मुख्य अतिथि के तौर पर शिरकत करेंगे. पीएम मोदा का यह दूसरा दौरा है. यह सभी कार्यक्रम भारत की ‘नेबरहुड फर्स्ट’ नीति और ‘SAGAR यानी सिक्योरिटी एंड ग्रोथ फॉर ऑल इन दी रीजन’ दृष्टिकोण पर आधारित हैं. जिसे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ठीक एक दशक पहले 2015 में मॉरीशस में MCGS बैराकुडा के कमीशनिंग के अवसर पर इसकी घोषिणा की थी. MCGS बैराकुडा मॉरीशस नेशनल कोस्ट गार्ड में शामिल होने वाला पहला भारतीय निर्मित युद्धपोत था.

INS इंफाल पहली बार मॉरीशस में
नेशनल दिवस पर हिस्सा लेने के लिए भारतीय नौसेना के जहाज ‘इंफाल’ पहुंच चुका है. 10 मार्च 2025 को मॉरीशस की राजधानी पोर्ट लुइस में अपनी पहली पोर्ट कॉल किया.यह जहाज 12 मार्च को आयोजित होने वाले 57वें मॉरीशस राष्ट्रीय दिवस समारोह में भाग लेगा. भारतीय युद्धपोतों और विमानों का मॉरीशस राष्ट्रीय दिवस समारोहों में भाग लेना एक परंपरा रही है. इसी परंपरा को जारी रखने के लिए INS इंफाल, इस जहाज में एक मार्चिंग दस्ता, नौसैना का बैंड और राष्ट्रीय दिवस परेड में उड़ान भरने के लिए हेलीकॉप्टर शामिल हों रहे हैं. INS इंफाल का यह पहला पोर्ट लुइस का दौरा है. INS इंफाल को दिसंबर 2023 में नौसेना में कमीशन किया गया था. यह प्रोजेक्ट 15B (विशाखपट्टनम क्लास) स्वदेशी डिस्ट्रॉयर है.

INS इंफाल है खूबियों का पावर हाउस
गाइडेड मिसाइल डेस्ट्रायर है इसकी सबसे बडा खूबी है कि यह दुश्मन की नजर से बच सकता है और आसानी से दुश्मन की रडार की पकड़ में नहीं आएगा. यह सतह से सतह मार करने वाली मिसाइल और सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल से लैस है. इसके 16-16 मिसाइल के 2 वर्टिकल लॉन्चर से कुल 32 मीडियम रेंज सर्फेस टू एयर मिसाइल दागी जा सकती है. इसके अलावा एंटी सर्फेस वॉरफेयर के लिये ब्रह्मोस एंटी शिप मिसाइल सिस्टम भी लगा हुआ है. आधुनिक सर्विलांस रडार लगा हुआ है और इसमें दुश्मन की सबमरीन को नष्ट करने के लिए रॉकेट लॉन्च और टॉरपिडो लॉन्चर भी मौजूद है. इस जहाज की लंबाई 163 मीटर है और 7400 टन वजनी है. यह डिस्ट्रॉयर चार पावरफुल गैस टर्बाइन से चलता है और इसकी अधिकतम रफ़्तार 30 नॉटिकल मील तक हो सकती है.

मॉरीशस नेवी के साथ होगा अभ्यास
10 से 14 मार्च तक पोर्ट लुइस में अपने स्टे के दौरान जहाज कई ट्रैनिंग और कलचरल एक्सचेंज में हिस्सा लेगा. साझा एक्सक्लूसिव इकॉनोमिक जोन सर्वेलॉन्स और अभ्यास को अंजाम देंगे.इसके अलावा क्रॉस-ट्रेनिंग विज़िट्स, फ्रैंडली गेम्स खेलों और सामुदायिक गतिविधियां शामिल हैं. इन गतिविधियों का मकसद दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों और समुद्री सुरक्षा सहयोग को मजबूत करना है.

कई मायने में है यह दौरा खास
प्रधानमंत्री का यह दौरा कई मायने में भी खास होगा. इस दौरे में ही रूपे और यूपीआई को मॉरीशस में लॉन्च किया जाएगा. इससे टूरिज्म और चिकिस्तिक यात्राओं में मदद मिलेगी. इससे भारतीय टूरिस्ट को मॉरीशस में और मॉरीशस के टूरिस्ट को भारत में पेमेंट करने में आसानी होगी. दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंधों को भी बढ़ावा मिलेगा. साल 2023-24 के व्यापार के आंकड़ो पर नजर डाले तो दोनों देशों के बीच कुल 851.13 मिलियन डॉलर का व्यापार हुआ. दोनों देशों के बीच कई समझौतों पर दस्तखत होने की संभावना है

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पीएम से पहले इंडियन नेवी का जंगी जहाज पहुंचा मॉरीशस, नेशनल डे पर करेगा शिरकत

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