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Sunita Williams Return Date & Time: सुनीता विलियम्स को अंतरिक्ष से वापस लाने वाली फ्लाइट कब और कहां लैंड होगी? कितना रिस्क है? आपके हर सवाल का जवाब

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Sunita Williams Return To Earth: सुनीता विलियम्स को SpaceX के Dragon स्पेसक्राफ्ट में बैठकर धरती पर वापस आना है. इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन से उनकी रिटर्न फ्लाइट 16 मार्च की शाम को शुरू होगी.

सुनीता विलियम्स की रिटर्न फ्लाइट कब और कहां लैंड होगी? कितना रिस्क? जानें जवाब

16 मार्च को ISS से उड़ान भरेंगी सुनीता विलियम्स.

हाइलाइट्स

  • सब ठीक रहा तो सुनीता विलियम्स 16 मार्च को धरती पर लौटेंगी.
  • SpaceX का Dragon स्पेसक्राफ्ट 13 मार्च को लॉन्च होगा.
  • इस स्पेसक्राफ्ट का स्प्लैशडाउन अटलांटिक महासागर में होगा.

नई दिल्ली: सुनीता विलियम्स और उनके साथी अंतरिक्ष यात्री बुच विलमोर आखिरकार धरती पर वापस आ रहे हैं. ये दोनों NASA के अंतरिक्ष यात्री करीब 10 महीने से अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन (ISS) पर हैं. उन्हें वापस लाने के लिए SpaceX का ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट फाल्कन-9 रॉकेट के जरिए 13 मार्च को फ्लोरिडा के केनेडी स्पेस सेंटर से लॉन्च होगा. यह मिशन Crew-10 का हिस्सा है, जो ISS पर मौजूद Crew-9 को रिप्लेस करेगा.

कब लॉन्च होगा सुनीता को लेने जा रहा स्पेसक्राफ्ट?

सुनीता विलियम्स और बुच विलमोर को वापस लाने के लिए SpaceX Dragon स्पेसक्राफ्ट लॉन्च होगा. यह Falcon-9 रॉकेट के जरिए फ्लोरिडा के Kennedy Space Center से 13 मार्च को रवाना होगा. यह भारतीय समयानुसार सुबह 5:18 बजे लॉन्च होगा. इसके बाद करीब 12 घंटे के सफर के बाद Dragon ISS पर पहुंचेगा.

Dragon स्पेसक्राफ्ट ISS तक Crew-10 मिशन के चार नए एस्ट्रोनॉट्स को ले जाएगा. इसमें नासा की कमांडर ऐनी मैकक्लेन, पायलट निकोल अयर्स, जापान की स्पेस एजेंसी JAXA के एस्ट्रोनॉट ताकुया ओनिशी और रूस की Roscosmos के कोस्मोनॉट किरिल पेसकोव शामिल हैं.

स्पेस स्टेशन से कब रवाना होंगी सुनीता?

ISS पर Crew-10 के पहुंचने के बाद सुनीता विलियम्स, जो अब तक स्पेस स्टेशन की कमांडर थीं, नए एस्ट्रोनॉट्स को सभी साइंस एक्सपेरिमेंट्स की जिम्मेदारी सौंपेंगी. यह प्रोसेस कुछ दिनों से लेकर एक हफ्ते तक चल सकता है.

इसके बाद Crew-9 के सदस्य, यानी सुनीता विलियम्स और बुच विलमोर, Dragon स्पेसक्राफ्ट में बैठकर ISS से अनडॉक करेंगे. Dragon स्पेसक्राफ्ट 16 मार्च को भारतीय समयानुसार शाम 6:30 बजे ISS से अलग होगा. हालांकि, यह समय मौसम की स्थिति पर निर्भर करेगा.

कहां उतरेगा सुनीता को लाने वाला स्पेसक्राफ्ट?

सुनीता और उनके साथियों की वापसी पूरी तरह नासा और SpaceX की निगरानी में होगी. स्प्लैशडाउन अटलांटिक महासागर में होगा. यह प्रक्रिया बेहद संवेदनशील होती है, क्योंकि स्पेसक्राफ्ट को पहले डी-ऑर्बिट करना पड़ता है, फिर पृथ्वी के वायुमंडल में एंट्री करनी होती है.

सबसे बड़ा रिस्क एंट्री के दौरान तेज़ गर्मी और गतिकीय प्रभाव से जुड़ा होता है. हालांकि, Crew Dragon पहले भी कई सफल लैंडिंग कर चुका है, इसलिए मिशन सुरक्षित रहने की पूरी उम्मीद है.

वापसी को लेकर नासा और SpaceX पूरी तरह सतर्क हैं. अनडॉकिंग से लेकर स्प्लैशडाउन तक की हर गतिविधि लाइव ट्रैक की जाएगी. अगर मौसम ने साथ दिया तो यह मिशन समय पर पूरा हो जाएगा और सुनीता विलियम्स दोबारा पृथ्वी की जमीन पर कदम रखेंगी.

सुनीता विलियम्स की मिशन स्टोरी

सुनीता विलियम्स और उनके साथी सितंबर 2024 में ISS पहुंचे थे. उनका मिशन सिर्फ आठ दिन का होना था, लेकिन Boeing Starliner में तकनीकी खामियों की वजह से उन्हें अंतरिक्ष में अतिरिक्त समय बिताना पड़ा. अब करीब 10 महीने बाद वे वापस लौटेंगे.

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Iran Bomber Drone US: Iran का Jass 313 Bomber Drone IRGC की UAV Capabilities में बड़ा विस्तार

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ईरान के IRGC ने नया बॉम्बर ड्रोन जास 313 तैयार किया है, जो रनवे और कैरियर प्लेटफॉर्म से उड़ान भर सकता है. यह एक घंटे तक उड़ान में सक्षम है और फरवरी में सफल परीक्षण हुआ. पश्चिमी देश ईरान की बढ़ती क्षमता से चिंति…और पढ़ें

US टांग अड़ाता रहा फिर भी ईरान ने हासिल कर ली बड़ी ताकत, नहीं रोक पाए ट्रंप

ईरान ने ड्रोन से अपनी ताकत दिखाई है.

हाइलाइट्स

  • ईरान ने नया बॉम्बर ड्रोन जास 313 तैयार किया
  • जास 313 एक घंटे तक उड़ान भरने में सक्षम है
  • पश्चिमी देशों को ईरान की बढ़ती ड्रोन क्षमता से चिंता

तेहरान: ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) अमेरिका के खिलाफ अपनी ताकत बढ़ाने लगा है. IRGC का कहना है कि उसका नया बॉम्बर ड्रोन रनवे से टेकऑफ और कैरियर प्लेटफॉर्म से उड़ान टेस्टिंग से गुजर रहा है. ईरान को उम्मीद है कि जल्द ही यह ड्रोन संचालित होगा. IRGC से जुड़ी तस्नीम वेबसाइट के मुताबिक IRGC नेवी कमांडर अलीरेजा तंगसिरी ने कहा, ‘जास 313 अपनी हाई स्पीड और उन्नत विशेषताओं के साथ अपने मिशनों को प्रभावी ढंग से अंजाम दे सकता है.’ इसमें टर्बोफैन इंजन लगा है. उन्होंने बताया कि ड्रोन एक घंटे तक उड़ान भर सकता है और इसे फरवरी की शुरुआत में ड्रोन कैरियर जहाज शाहिद बघेरी पर सफलतापूर्वक टेस्ट किया गया था.

पिछले सप्ताह अमेरिकी ट्रेजरी विभाग ने हांगकांग और चीन की छह संस्थाओं पर प्रतिबंध लगाए, जो ईरान की ओर से बनाए गए ड्रोन के लिए आवश्यक उपकरणों की खरीद में मदद कर रहे थे. अमेरिका की ओर से यह ईरान पर ‘अधिकतम दबाव’ बढ़ाने वाले अभियान का हिस्सा है. नए प्रतिबंधों वाली ये संस्थाएं ईरान के ड्रोन प्रोग्राम के लिए पश्चिमी तकनीक की करोड़ों डॉलर की खरीद में मदद कर रही थीं. अमेरिकी दबाव के बावजूद ईरान ड्रोन बनाने में कामयाब रहा. तंगसिरी ने कहा कि जास-313 ड्रोन को दोहरी भूमिकाओं के लिए डिजाइन किया गया है. टोही अभियानों के साथ यह सटीक हमला करने के लिए है.

ईरान का ड्रोन क्यों है पश्चिमी देशों की टेंशन
ईरान अपने ड्रोन बेड़े का लगातार विस्तार कर रहा है. ईरानी अधिकारियों का कहना है कि ड्रोन डेवलपमेंट देश की रक्षा रणनीति का एक महत्वपूर्ण स्तंभ है, लेकिन ईरान की बढ़ती ड्रोन क्षमता से पश्चिमी देशों की चिंता बढ़ी हुई है. इससे मिडिल ईस्ट की स्थिरता को खतरा है. जास 313 का नाम ईरान के काहेर 313 फाइटर जेट प्रोजेक्ट से मिलता-जुलता है. ईरान इंटरनेशनल की रिपोर्ट के मुताबिक ईरानी सूत्रों ने कहा कि यह एक अलग प्रोग्राम है, जिसका उद्देश्य नौसैनिक विमानन को मजबूत करना है. पश्चिमी ताकतें ईरान पर रूस को ड्रोन और मिसाइलें देने का आरोप लगाती हैं, जिसका इस्तेमाल यूक्रेन पर हमले के लिए किया जाता है. इसीलिए यह ड्रोन डेवलपमेंट अमेरिका और पश्चिमी देशों की चिंता बढ़ा रहा है.

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Russia Ukraine War LIVE: रूस ने कार्गो जहाज पर दागी मिसाइल, यूक्रेन के लिए हथियार ले जाने के शक में हमला

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Russia Ukraine War LIVE: अमेरिका रूस-यूक्रेन युद्ध खत्म करने के लिए नए कदम उठा रहा है. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप रूस पर लगे प्रतिबंधों में ढील देने पर विचार कर रहे हैं ताकि मॉस्को के साथ संबंध सुधार सकें.

रूस ने कार्गो जहाज पर दागी मिसाइल, हथियार ले जाने के शक में हमला

रूस और यूक्रेन युद्ध में अमेरिका रूस को राहत देने में लगा है.

Russia Ukraine War LIVE: रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध को अमेरिका ने हर हाल में खत्म करने की योजना बना ली है. यही कारण है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप रूस के खिलाफ लगे प्रतिबंधों को ढील देने पर विचार कर रहे हैं. राष्ट्रपति ट्रंप मॉस्को के साथ फिर से संबंधों को बढ़ाने के लिए ऐसा कर सकते हैं. न्यूज एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक एक अधिकारी ने इससे जुड़ी जानकारी दी. सूत्रों का कहना है कि वाइट हाउस ने देश के ट्रेजरी विभागों से प्रतिबंधों की एक सूची तैयार करने को कहा है, जिन्हें आने वाले दिनों में रूसी प्रतिनिधियों के साथ चर्चा के लिए ढील दी जा सकती है. आइए जानें 4 मार्च का रूस-यूक्रेन युद्ध से जुड़ा बड़ा अपडेट.

शांति सेना भेजने के लिए ऑस्ट्रेलिया तैयार

ऑस्ट्रेलियाई प्रधान मंत्री का कहना है कि वह बहुराष्ट्रीय शांति सेना के हिस्से के रूप में यूक्रेन में सेना भेजने पर विचार करने के लिए तैयार हैं.

Russia Ukraine War: रूस ने कार्गो जहाज पर किया मिसाइल हमला- रिपोर्ट

व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन के लिए कथित तौर पर हथियार ले जा रहे एक विदेशी मालवाहक जहाज को डुबाने की कोशिश की. द सन की रिपोर्ट के मुताबिक एक हाइपरसोनिक मिसाइल जहाज की तरफ लॉन्च की गई. रूस ने दावा किया कि उसने इस्कंदर-एम मिसाइल लॉन्च की, जो सीधे पनामा के झंडे वाले जहाज को लगी ओडेसा बंदरगाह पर लगी. रिपोर्ट के मुताबिक हमले में बंदरगाह पर दो कर्मचारी घायल हुए और बुनियादी ढांचे को नुकसान हुआ.

जेलेंस्की-ट्रंप की झड़प से ईरान खुश

डोनाल्ड ट्रंप और जेलेंस्की की झड़प से सबसे ज्यादा खुश ईरान है. उसकी खुशी का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि तेहरान की सड़कों पर इस बहस से जुड़े बैनर लगे हैं.

रूस को बातचीत की मेज पर लाना है- अमेरिकी विदेश मंत्री

अमेरिका के विदेश मंत्री सचिव मार्को रुबियो ने यूक्रेन को सैन्य सहायता रोकने के फैसले के जवाब में एक बयान जारी किया है. रुबियो कहते हैं, ‘राष्ट्रपति ट्रम्प इस समय दुनिया के एकमात्र नेता हैं जिनके पास यूक्रेन में युद्ध को स्थायी और स्थायी रूप से समाप्त करने का मौका है।’ उन्होंने कहा कि हम रूसियों को बातचीत की मेज पर लाना चाहते हैं. हम यह पता लगाना चाहते हैं कि क्या शांति संभव है. यह ट्रम्प प्रशासन के किसी अधिकारी की पहली सार्वजनिक टिप्पणी है.

Russia Ukraine Live: बातचीत के लिए दरवाजे खुले हैं- जेडी वेंस

अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने कहा कि ट्रंप और जेलेंस्की के लिए बातचीत का दरवाजा खुला है. लेकिन जेलेंस्की ने चेतावनी भी दी. वेंस ने कहा, ‘जब तक जेलेंस्की गंभीरता से शांति पर बात करने को तैयार हैं.’ वेंस का कहना है कि असली समस्या है कि जेलेंस्की सुरक्षा गारंटी के बिना शांति पर बात करने को तैयाकर नहीं थे. वेंस ने कहा, ‘जब वे शांति पर बात करने के इच्छुक होंगे, तो मुझे लगता है कि राष्ट्रपति ट्रंप फोन उठाने वाले पहले व्यक्ति होंगे.’

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अफगानिस्तान: तालिबान ने अमेरिकी हथियारों के बदले 320 बिलियन डॉलर मांगे

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Taliban US News: अमेरिका के छोड़े गए हथियारों पर तालिबान ने कहा कि अगर अमेरिका उन्हें वापस चाहता है, तो 20 साल के युद्ध का मुआवजा भी चुकाए. तालिबान ने नुकसान की गणना करते हुए अरबों डॉलर की मांग की है.

एक आदमी = 8.5 करोड़ ₹, इस देश ने ट्रंप से मांग लिया 20 साल का हिसाब

तालिबान ने ट्रंप से 20 साल का हिसाब मांगा. (AI)

हाइलाइट्स

  • तालिबान ने अमेरिका से 20 साल के युद्ध का मुआवजा मांगा
  • अमेरिका से अरबों डॉलर का मुआवजा मांगा
  • तालिबान ने हथियार वापसी के बदले मुआवजा मांगा

काबुल: अमेरिका की सत्ता संभालने के बाद राष्ट्रपति ट्रंप ने अफगानिस्तान में अमेरिकी सेना की ओर से छोड़े गए हथियारों को लेकर गहन चिंता व्यक्त की थी. साथ ही कहा था कि तालिबान उनके 100 मिलियन डॉलर के हथियार वापस कर दे या फिर कहीं ऐसा ना हो कि उसे उसका अंजाम भुगतना पड़े. ट्रंप की धमकी के जवाब में अब तालिबान ने कहा है कि अमेरिका अफगानिस्तान में छोड़े गए हथियारों की वापसी की मांग करता है और हम 20 साल के युद्ध के लिए मुआवजे की मांग करते हैं.

अफगानिस्तान का कहना है कि साल 2001 से साल 2021 तक अमेरिका ने अफगानिस्तान में लगातार युद्ध छेड़ कर रखा, जिसके चलते अफगानिस्तान को मानवीय आर्थिक सामाजिक और पर्यावरणीय स्तर पर बहुत ज्यादा नुकसान हुआ. अगर अमेरिका हथियारों को वापस चाहता है तो उसे भी इन 20 सालों के युद्ध का मुआवजा देना होगा. दिलचस्प है कि तालिबान के समर्थक सोशल मीडिया पर इसके लिए बाकायदा एक लिस्ट भी जारी की गई है, जिसमें मुआवजे का पूरा हिसाब-किताब है.

तालिबान ने कितना मांगा हर्जाना
मसलन 20 साल के दौरान 70,000 से अधिक नागरिकों और 80,000 से अधिक अफगान सैनिकों की जान चली गई. अमेरिकी नेतृत्व वाली बमबारी और संघर्षों के कारण 5 लाख से ज्यादा लोग स्थाई रूप से विकलांग या अपंग हो गए. प्रति नागरिक जीवन के नुकसान पर एक मिलियन डॉलर की दर से अकेले नागरिकों के लिए अमेरिका पर 70 बिलियन डॉलर से कहीं ज्यादा बकाया बनता है. कुल अनुमानित मानव मुआवजा बकाया 320 बिलियन डॉलर से ज्यादा है.

क्या अमेरिका कर पाएगा तालिबान की भरपाई?
इसी प्रकार प्राकृतिक संसाधनों, खनिजों की चोरी और पर्यावरण विनाश का बिल भी तालिबान ने तैयार किया है. अमेरिका और उसके सहयोगियों की ओर से अफगानिस्तान से लिथियम समेत रेयर अर्थ मिनरल निकाले गए, जिनकी कीमत 3 ट्रिलियन डॉलर थी. युद्ध गतिविधियों ने लाखों हेक्टेयर वनों को नष्ट कर दिया. इसके लिए भी कई बिलियन डॉलर की मांग तालिबान की ओर से की गई है. इसके अलावा युद्ध के दौरान पूरे अफगानिस्तान को तहस-नहस कर दिया गया, जिसके लिए बुनियादी ढांचा हानि के तौर पर साढ़े तीन सौ बिलियन डॉलर से अधिक की मांग की गई है.

अफगानिस्तान की ओर से जारी की गई मुआवजा राशि के हिसाब से तो यदि अमेरिका हिसाब देता है तो खुद अमेरिका को कंगाल होना पड़ सकता है. तालिबान अफगानिस्तान ने साफ तौर पर कहा है कि या तो अमेरिका अपने हथियारों को भूल जाए या फिर 20 सालों के युद्ध का हिसाब दे. यानी यूक्रेन के राष्ट्रपति के बाद अब तालिबान ने सीधे तौर पर अमेरिका को आंख दिखाते हुए हथियार वापस देने से मना कर दिया है.

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