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धोनी के बुलाने पर भी नहीं आए अश्विन, सबके सामने सुनाया दिल का दर्द, लेकिन कहानी में एक ट्वीस्ट भी है
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R Ashwin: अनुभवी स्पिन-बॉलिंग ऑलराउंडर ने स्वीकारा कि वह 100वां टेस्ट खेलने के बाद संन्यास लेना चाहते थे, जो उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ धर्मशाला में खेला था.

एमएस धोनी और रवि अश्विन
हाइलाइट्स
- धर्मशाला में ही संन्यास लेना चाहते थे रविचंद्रन अश्विन
- धोनी के सामने खेलना चाहते थे अपना आखिरी टेस्ट
- माही नहीं पहुंचे तो बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी में लिया संन्यास
नई दिल्ली: रविचंद्रन अश्विन अपने दोस्त और पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के सामने संन्यास लेना चाहते थे, लेकिन माही के कॉल न उठाने पर ऐसा हो न सका और अश्विन का करियर 100 टेस्ट की बजाय 106 टेस्ट तक चल गया. अश्विन ने एक मजेदार कहानी सुनाकर पूरी घटना का खुलासा किया है.
दरअसल, चेन्नई में एक कार्यक्रम के दौरान अश्विन ने खुलासा किया कि उन्हें अपने 100वें टेस्ट पर धोनी से मनचाहा तोहफा नहीं मिला, लेकिन उन्हें इससे भी बेहतर तोहफा तब मिला जब पूर्व भारतीय कप्तान ने आईपीएल 2025 की नीलामी में उन्हें चेन्नई सुपर किंग्स के साथ जोड़ लिया.
“I called Dhoni for my 100th Test. I invited him to hand over memento in Dharamshala. I wanted to make that my last Test, but he couldn’t make it. What I didn’t expect was that he would give me an even better gift — bringing me back to CSK.” – Ash anna 💛 pic.twitter.com/25f8q7mkMY
— 𝑻𝑯𝑨𝑳𝑨 (@Vidyadhar_R) March 16, 2025