Internattional
डोनाल्ड ट्रंप की खुलने लगी पोल, कैबिनेट मीटिंग में भिड़ गए एलन मस्क और विदेश मंत्री, राष्ट्रपति को करना पड़ा बीच-बचाव

Last Updated:
Donald Trump News: न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, कर्मचारियों की छंटनी को लेकर तनाव कई हफ़्तों से चल रहा था, लेकिन कैबिनेट रूम में यह तनाव और बढ़ गया. राष्ट्रपति ट्रंप ने मस्क और शीर्ष अधिकारियों के …और पढ़ें

डेनाल्ड ट्रंप के सरकार में सब कुछ सही नहीं चल रहा है.
हाइलाइट्स
- मस्क और विदेश मंत्री के बीच बहस.
- कर्मचारियों की छंटनी ना होने परर भड़के मस्क.
- ट्रंप ने मस्क को सुनाया खरी-खरी
Donald Trump News: ऐसा लग रहा है कि ट्रंप की सरकार में सब कुछ सही नहीं चल रहा है. इधर पूरी दुनिया को ट्रंप अपनी ताकत दिखाने में लगे हुए हैं, उधर उनके मंत्री ही आपस लड़ रहे हैं. जी हां, बिल्कुल सही सुन रहे हैं, ट्रंप की एक हाई कैबिनेट बैठक चल रही थी, तभी एलन मस्क ने विदेश मंत्री मार्को रुबियो से कुछ ऐसा सवाल पूछ लिया कि दोनों तकरार हो गया. दोनों के बीच बहुत बड़ी बहसा-बहसी हुई. दोनों के बीच विस्फोटक तकरार इस बात पर हुई कि रुबियो अपने विभाग के कर्मचारियों की कटौती नहीं कर रहे थे. दरअसल, कटौती मस्क के सरकार के पैसे बचाने के स्कीम का हिस्सा है.
जिस बैठक में ये बहस हुई वहां पर ट्रंप भी मौजूद रहे. वहीं उनके दोनों करीबियों बीच गहमागहमी की बैठक के दौरान तीखी बहस हुई. इस बैठक के बाद ट्रंप ने स्पष्ट कर दिया कि उनकी एजेंसियों में कर्मचारियों की संख्या और पॉलिसी पर अंतिम फैसला कैबिनेट प्रमुखों का होगा, न कि एलन मस्क के नेतृत्व वाले सरकारी दक्षता विभाग (डीओजीई) का.
न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, तनाव कई हफ़्तों से चल रहा था, मगर कैबिनेट की बैठक में यह फूट पड़ा. राष्ट्रपति ट्रंप ने मस्क और शीर्ष अधिकारियों के बीच तीखी नोकझोंक के दौरान मौजूद रहे और बीच बचाव की. रुबियो और मस्क के आक्रामक लागत-कटौती उपायों से लंबे समय से निराश थे. तभी बैठक के दौरान जब मस्क ने उन पर अपने विभाग का आकार कम करने में विफल रहने का आरोप लगाया, तो उन्होंने कड़ी प्रतिक्रिया दी.
मस्क ने मजे लिए
बैठक के दौरान मजे लेते हुए मस्क ने कहा, ‘आपने किसी को भी नहीं निकाला है. आपका विदेश विभाग अभी भी फूला हुआ है.’ मस्क के तीखे सवाल को सुनते ही रुबियो भड़क उठे. उन्होंने जवाब दिया कि मस्क को 1,500 विदेश विभाग के अधिकारियों की याद दिला दी जिन्होंने बायआउट किया था. मगर मस्क प्रभावित नहीं हुए.
ट्रंप की हुई एंट्री
दोनों के बीच जैसे ही बहस बढ़ी, ट्रंप, जो पहले हाथ पर हाथ धरे देख रहे थे, आखिरकार उनको हस्तक्षेप करना पड़ा. ट्रंप ने कहा कि कैबिनेट सचिव कार्यभार संभालेंगे, जबकि मस्क की टीम केवल सलाह देगी. यह ट्रंप का पहला महत्वपूर्ण संकेत था कि मस्क के प्रभाव पर सीमाएं लगाने के लिए तैयार थे.
मस्क ताकतवर शख्स
फिर भी मस्क का प्रभाव अभी भी बहुत ज़्यादा है. ट्रम्प के अभियान को उनकी वित्तीय मदद और सोशल मीडिया पर उनकी पकड़ ने अधिकारियों को उनके साथ समझौता करने से रोक दिया है. बैठक के बाद, ट्रम्प ने पोस्ट किया कि भविष्य में कटौती “हथौड़े से नहीं, बल्कि स्केलपेल से की जाएगी”, जो मस्क की जली हुई धरती की रणनीति की स्पष्ट निंदा थी.
March 08, 2025, 08:16 IST
ट्रंप की खुलने लगी पोल, कैबिनेट मीटिंग में भिड़े एलन मस्क और विदेश मंत्री
Internattional
यूक्रेन-रूस युद्ध: नाटो से अमेरिका के अलग होने पर जेलेंस्की की रणनीति संकट में

Last Updated:
यूक्रेन पर रूस के हमले की एक वजह वोलोदिमीर जेलेंस्की की नाटो में शामिल होने चाहत भी थी. वह लगातार ही इस सैन्य गठबंधन में होने की कोशिश में जुटे हैं. हालांकि अब डोनाल्ड ट्रंप के साथ हुए विवाद के बाद एलन मस्क…और पढ़ें

ट्रंप से नोकझोंक के बाद अब मस्क का नाटो पर किया पोस्ट जेलेंस्की के लिए बड़ा झटका साबित हो सकता है.
हाइलाइट्स
- जेलेंस्की की NATO में शामिल होने की चाहत से रूस-यूक्रेन युद्ध शुरू हुआ.
- एलन मस्क ने NATO से अमेरिका के अलग होने का समर्थन किया.
- अमेरिका के हटने से NATO कमजोर होगा, रूस-चीन का प्रभाव बढ़ेगा.
यूक्रेन और रूस के बीच जंग को तीन साल से ज्यादा वक्त हो गया है. इस जंग की एक वजह तो वोलोदिमीर जेलेंस्की की एक चाहत थी… चाहत उत्तर अटलांटिक संधि संगठन यानी नाटो (NATO) में शामिल होने की… जेलेंस्की चाहते थे कि यूक्रेन भी इन सैन्य गठबंधन का हिस्सा बने, जबकि व्लादिमीर पुतिन बिल्कुल नहीं चाहते थे कि नाटो रूस के इतने करीब तक पहुंचे. पुतिन ने पहले तो जेलेंस्की को चेताया और नहीं मानने पर यूक्रेन पर धावा बोल दिया. 24 फरवरी 2022 को शुरू हुए इस युद्ध के खत्म होने की फिलहाल तो उम्मीद कम ही दिख रही है. वहीं दूसरी तरफ से जेलेंस्की ने जिस नाटो की चाहत में पुतिन से पंगा मोल ले लिया, अब उसी सैन्य संगठन पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं. वजह है अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उनके करीबी एलन मस्क का बयान…
मस्क ने संयुक्त राष्ट्र (UN) और नाटो से अमेरिका के अलग होने के प्रस्ताव पर सहमति जताते हुए कहा कि अमेरिका को इन संगठनों से बाहर निकल जाना चाहिए. इससे न केवल नाटो के भविष्य पर सवाल खड़े हो गए हैं, बल्कि यूक्रेन के लिए भी बड़ा झटका साबित हो सकता है, जो इस गठबंधन में शामिल होने की लगातार कोशिश कर रहा है.
एलन मस्क ने क्या कहा?
एलन मस्क ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट को रीट्वीट करते हुए लिखा ‘I agree’ यानी मैं सहमत हूं. यह प्रतिक्रिया सीनेटर माइक ली की तरफ से पेश किए गए एक विधेयक पर थी, जिसमें अमेरिका के यूएन और नाटो से पूरी तरह अलग होने का प्रस्ताव है.
क्या अमेरिका सच में NATO से हट सकता है?
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी कई बार नाटो की फंडिंग को लेकर सवाल उठा चुके हैं. ट्रंप का कहना था कि नाटो में शामिल यूरोपीय देशों को अपनी सुरक्षा का खर्च खुद उठाना चाहिए.
दरअसल अमेरिका नाटो का सबसे बड़ा फंडिंग पार्टनर है. यह पूरा सैन्य गठबंधन एक तरह से अमेरिका की सैन्य शक्ति पर ही टिका है. ऐसे में अगर अमेरिका नाटो से हट जाता है, तो इसके अस्तित्व पर ही सवाल खड़ा हो जाएगा.
यूक्रेन और जेलेंस्की के लिए यह क्यों बड़ा झटका?
रूस के खिलाफ जंग लड़ रहे यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की की सबसे बड़ी रणनीतिक प्राथमिकता नाटो की सदस्यता थी. उनका मानना था कि नाटो में शामिल होकर यूक्रेन को सैन्य सुरक्षा मिलेगी और रूस का प्रभाव कम होगा.
लेकिन अगर अमेरिका NATO से हटता है, तो नाटो की सैन्य ताकत कमजोर हो जाएगी. यूरोपीय देशों को खुद अपनी सुरक्षा करनी होगी, जिससे वे यूक्रेन को उतनी मदद नहीं कर पाएंगे. रूस के लिए एक बड़ा कूटनीतिक और सामरिक अवसर बनेगा.
रूस के लिए क्या मायने रखता है यह घटनाक्रम?
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन शुरू से ही नाटो के विस्तार का विरोध करते आए हैं. उनका मानना है कि नाटो का पूर्वी यूरोप में बढ़ता प्रभाव रूस की सुरक्षा के लिए खतरा है.
- अगर अमेरिका NATO छोड़ता है, तो इसका सीधा फायदा रूस को मिलेगा.
- NATO कमजोर होगा, जिससे रूस-चीन का प्रभाव बढ़ेगा.
- यूरोपीय देशों के पास यूक्रेन को मदद देने के लिए सीमित संसाधन होंगे.
क्या अमेरिका वाकई NATO से अलग होगा?
इस सवाल का जवाब भविष्य की राजनीति और अमेरिकी नीतियों पर निर्भर करेगा. हालांकि पहले डोनाल्ड ट्रंप और अब उनके खासमखान एलन मस्क इसके साफ संकेत दे रहे हैं.
एलन मस्क का यह बयान सिर्फ एक पोस्ट नहीं, बल्कि वैश्विक राजनीति के लिए एक बड़ा संकेत है. अगर अमेरिका नाटो से अलग होता है, तो यह विश्व शक्ति संतुलन को पूरी तरह से बदल सकता है. ऐसे में रूस, चीन और यूरोप का भविष्य भी नए मोड़ पर जा सकता है.
New Delhi,Delhi
March 02, 2025, 16:58 IST
जिसकी चाह में जेलेंस्की ने रूस से लिया पंगा, अब उसी पर खतरा, मस्क की बात समझिए
Internattional
जीरो ग्रेविटी में जीरो पॉलिटिक्स! अंतरिक्ष में फंसी सुनीता विलियम्स के लिए मदद लेकर पहुंचा रूसी स्पेसक्राफ्ट

Last Updated:
Sunita Williams News: रूसी अंतरिक्ष एजेंसी Roscosmos का स्पेसक्राफ्ट शनिवार को खाना और अन्य सप्लाई लेकर इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) पहुंचा. यह सप्लाई सुनीता विलियम्स और बुच विलमोर समेत ISS पर मौजूद सभी एस्ट्रो…और पढ़ें

रूस का स्पेसक्राफ्ट Sunita Williams समेत फंसे NASA एस्ट्रोनॉट्स के लिए मदद लेकर पहुंचा.
हाइलाइट्स
- रूसी स्पेसक्राफ्ट ने ISS पर राशन पहुंचाया.
- सुनीता विलियम्स और बुच विलमोर आठ महीने से ISS पर फंसे हैं.
- Crew 10 टीम 12 मार्च को ISS पर पहुंचेगी.
Science News: दुनिया की राजनीति अंतरिक्ष में नहीं चलती! जहां गुरुत्वाकर्षण शून्य होता है, वहां मानवता सबसे बड़ा धर्म बन जाती है. इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) बाहरी अंतरिक्ष में मौजूद ऐसी ही एक जगह है. वहां कई महीनों से अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी NASA के दो एस्ट्रोनॉट्स- सुनीता विलियम्स और बुच विलमोर फंसे हुए हैं. उनके और ISS पर मौजूद अन्य एस्ट्रोनॉट्स के लिए राशन व अन्य सप्लाई भेजने का जिम्मा इस बार रूस का था. रूसी स्पेस एजेंसी Roscosmos का Progress 91 शनिवार को सफलतापूर्वक ISS पर डॉक हुआ. यह यान तीन टन खाना, ईंधन और अन्य जरूरी सामान लेकर पहुंचा. Roscosmos का Progress 91 स्पेसक्राफ्ट अगले छह महीने तक ISS पर डॉक रहेगा. इसके बाद इसमें कचरा भरकर पृथ्वी पर लौटने की योजना है.
आठ महीने से फंसे हैं सुनीता और बुच
NASA के एस्ट्रोनॉट सुनीता विलियम्स और बुच विलमोर पिछले आठ महीने से ISS पर फंसे हुए हैं. वे 5 जून 2024 को Boeing के Starliner से अंतरिक्ष में गए थे, लेकिन तकनीकी खामियों के कारण वापसी संभव नहीं हो सकी. हीलियम लीक और थ्रस्टर मालफंक्शन जैसी समस्याओं ने Starliner को अनसेफ बना दिया. अब, NASA ने कहा है कि दोनों एस्ट्रोनॉट्स की वापसी मार्च के अंत तक हो सकती है. लेकिन यह भी मौसम की स्थिति पर निर्भर करेगा.
Roscosmos Spacecraft Delivers Food & Supplies to Stranded Astronauts Sunita Williams & Butch Wilmore
Zero gravity. Zero geopolitics. The unmanned Progress 91 has successfully docked after blasting off from the Baikonur Cosmodrome.
Three tons of food, fuel and supplies… pic.twitter.com/7GqanieRn5
— RT_India (@RT_India_news) March 2, 2025
Internattional
रोजमेरी चिकन, क्रीम बूली… व्हाइट हाउस का वो लजीज लंच जो जेलेंस्की को नसीब नहीं हुआ

04

इस बीच, यूक्रेनी प्रतिनिधिमंडल पास के एक कमरे में इंतजार कर रहा था, जो विदेशी नेताओं के लिए स्टैंडर्ड प्रोटोकॉल है. हालांकि, स्थिति ने अप्रत्याशित मोड़ ले लिया. कोलिन्स ने अपनी पोस्ट में आगे बताया, “आमतौर पर वे दोपहर के भोजन के लिए फिर से मिलते हैं. लेकिन यूक्रेनियन व्हाइट हाउस में भोजन नहीं करेंगे. जैसे ही तैयार भोजन पास के एक गलियारे में ट्रॉलियों पर रखा हुआ था, यूक्रेनियन को वहां से जाने का निर्देश दिया गया.”
-
Fashion1 day ago
These ’90s fashion trends are making a comeback in 2017
-
Entertainment1 day ago
The final 6 ‘Game of Thrones’ episodes might feel like a full season
-
Fashion1 day ago
According to Dior Couture, this taboo fashion accessory is back
-
Entertainment1 day ago
The old and New Edition cast comes together to perform
-
Sports1 day ago
Phillies’ Aaron Altherr makes mind-boggling barehanded play
-
Business1 day ago
Uber and Lyft are finally available in all of New York State
-
Entertainment1 day ago
Disney’s live-action Aladdin finally finds its stars
-
Sports1 day ago
Steph Curry finally got the contract he deserves from the Warriors