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आम में नीम या नीम में आम? एक जड़ में दो पेड़, फल भी अजूबा, बिजली गिरी तब हुआ था चमत्कार!
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Ajab Gajab News: झारखंड के पलामू में एक अनोखा पेड़ है. यह इस नीम कहें या आम लोग कंफ्यूज रहते हैं. इसमें निकलने वाले आम को निमियाही आम कहते हैं. ये नाम गांव की पहचान बन चुका है. जानें इस पेड़ की दिलचस्प कहनी…
आम और निम का पेड़ ( निमियाही आम)
हाइलाइट्स
- झारखंड के पलामू में एक जड़ से दो पेड़, नीम और आम निकले हैं
- इस पेड़ का नाम निमियाही आम है और इसका स्वाद बेहद मीठा है
- पेड़ सैकड़ों वर्ष पुराना है और गांव की पहचान बन चुका है
Palamu News: आपने एक फूल दो माली तो सुना होगा, लेकिन एक जड़ दो पेड़ का मामला शायद ही पहली बार सुने और देखेंगे. झारखंड के पलामू में एक ऐसा ही पेड़ है, जो गांव की पहचान बन चुका है. इसमें एक जड़ से दो पेड़ नीम और आम के साथ निकल आए हैं. इस पेड़ का नाम निमियाही आम रखा गया है. इस पेड़ के फल का स्वाद भी लोगों खूब हैरान कर देता है. लोग इसे कुदरत का करिश्मा कहते हैं.
दरअसल, पलामू के चैनपुर प्रखंड के बनखेता गांव में एक अनोखा पेड़ है, जो अक्सर चर्चा में रहता है. इस पेड़ का नाम भी अनोखा है. बनखेता गांव के सड़क किनारे स्थित इस पेड़ को निमियाही आम कहा जाता है. इसकी एक डाल में नीम तो दूसरे डाल में आम फरता है. आम का स्वाद भी ऐसा कि लोग इसको चखना बेहद पसंद करते हैं.
सैकड़ों वर्ष पुराना पेड़
ग्रामीण मनोज पांडे ने लोकल 18 को बताया कि यह पेड़ बेहद खास है. इसके नाम से ही इस गांव की पहचान है. लोग अक्सर पूछते हैं कि निमियाही आम वाला गांव कौन सा है. यहां आकर गांव के बस्ती में जाते हैं. यह पेड़ सैकड़ों वर्ष पुराना है. जिसे उनके दादा देवन पांडे लगाए थे. उनके दादा का ये प्रयोग था कि आम और नीम एक साथ लगाया जा सकता है, जो सफल हुआ. पेड़ एक साथ बड़ा हुआ. दोनों पेड़ आपस में सटे थे.
आकाशीय बिजली से झुकी डाल
आगे बताया, कभी आम और निम की डाल आपस में सटी थी. लेकिन, 1980 के आसपास इस पेड़ पर अचानक आकाशीय बिजली गिरी. इससे आम की डाल झुक गई, लेकिन आम और नीम के फलन में कोई कमी नहीं आई. आज भी आम का स्वाद इतना मीठा है जो बाकी आम में नहीं मिलता है. इस पेड़ को निमियाही आम के नाम से जाना जाता है. शुरू से ही इसके आम का स्वाद बेहद मीठा है.
अलग करने की नहीं किए कोशिश
शुभम पांडे ने बताया कि उनके पूर्वजों द्वारा यह पेड़ लगाया गया है. इस पेड़ से किसी को कोई नुकसान नहीं है. इस कारण इस पर हस्तक्षेप करने की कोशिश कभी नहीं किए. ये हमारे गांव आग्रह ग्राम बनखेता का पहचान है. इसे अलग करने की कोशिश इसलिए भी नहीं की, क्योंकि आम और नीम दोनों सनातन धर्म में पूजनीय हैं.
Palamu,Jharkhand
March 15, 2025, 11:31 IST
आम में नीम या नीम में आम? एक जड़ में दो पेड़, फल भी अजूबा, बिजली गिरी तब..