Connect with us

Sports

VIDEO: याद है कि नहीं, आज ही के दिन फुटबॉल के मैदान पर ‘गॉड’ ने खुद किया था गोल – watch video diego maradona hand of god goal on this day 22 june vs england in fifa world cup quarterfinal

Published

on

Last Updated:

Diego Maradona’s Hand of God: दिग्गज फुटबॉलर डिएगो माराडोना ने आज ही के दिन फीफा विश्व कप के क्वार्टर फाइनल में इंग्लैंड के खिलाफ दो गोल दागकर अपनी टीम को सेमीफाइनल में पहुंचाया था. इस मैच में माराडोना का एक गो…और पढ़ें

VIDEO: याद है कि नहीं, आज ही के दिन फुटबॉल मैदान पर 'गॉड' ने खुद किया था गोल

डिएगो माराडोना के 1986 विश्व कप क्वार्टर फाइनल में किए गए पहले गोल को हैंड ऑफ गॉड के नाम से जाना जाता है. (AFP)

नई दिल्ली. अर्जेंटीना फुटबॉल टीम के लिए आज का दिन बेहद खास है. 36 साल पहले यानी 22 जून 1986 को डिएगो माराडोना (Diego Maradona) की कप्तानी में अर्जेंटीना की टीम ने फीफा विश्व कप (FIFA World Cup) के क्वार्टर फाइनल में इंग्लैंड को 2-1 से पराजित कर सेमीफाइनल में प्रवेश किया था. अर्जेंटीना की ओर से दोनों गोल माराडोना ने किया था. माराडोना के दोनों गोल काफी चर्चा में रहे. खासकर पहला गोल विवादित रहा.

मैक्सिको में आयोजित इस प्रतष्ठित टूर्नामेंट में इस मैच में माराडोना हेडर से गोल करना चाहते थे, लेकिन गेंद कथित तौर पर उनके हाथ से टकराकर गोल पोस्ट में चली गई थी. मैच रेफरी इसे देखने में विफल रहे थे. उन्होंने हालांकि इस मैच में अपनी ख्याति के अनुरूप इंग्लैंड की लगभग पूरी टीम को अपनी शानदार ड्रिबलिंग से छकाते हुए गोलकर टीम को यादगार जीत दिलाई थी. माराडोना ने इसे भगवान की मर्जी बताते हुए इसे ‘हैंड ऑफ गॉड’ (Hand Of God) करार दिया था, जो आज भी इसी नाम से फेमस है.

यह भी पढ़ें:Asian Track Cycling Championship: रोनाल्डो ने अपना ही राष्ट्रीय रिकॉर्ड तोड़ा, सेमीफाइनल में पहुंचे

Kuortane Games: नीरज चोपड़ा ने सीजन का पहला गोल्ड मेडल जीता, ओलंपिक चैंपियन को पछाड़ा

Continue Reading
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Sports

Liverpool beat Chelsea in Finals of EFL cup to become champions after 10 years – EFL Cup: लीवरपूल ने पेनल्टी शूट आउट में चेल्सी को हराकर लीग कप जीता

Published

on

Last Updated:

लीवरपूल (Liverpool FC) ने रविवार को लीग कप के फाइनल में चेल्सी को पेनल्टी शूट आउट में 11-10 से हराकर एक दशक में अपना पहला घरेलू फुटबॉल खिताब जीता. लीवरपूल ने पिछला घरेलू कप फाइनल 2012 लीग कप के रूप में जीता था….और पढ़ें

EFL Cup: लीवरपूल ने पेनल्टी शूट आउट में चेल्सी को हराकर लीग कप जीता

लीवरपूल ने फाइनल मुकाबले में पेनल्टी शूट आउट में चेल्सी को हराकर लीग कप जीता. (AFP)

लंदन. लीवरपूल फुटबॉल क्लब में दमदार खेल दिखाते हुए रविवार को लीग कप (EFL Cup) के फाइनल में चेल्सी को पेनल्टी शूट आउट में 11-10 से हरा दिया. इसी के साथ लीवरपूल ने एक दशक में पहला घरेलू फुटबॉल फाइनल जीता. दोनों टीम के खिलाड़ियों ने शुरुआती 10 पेनल्टी को गोल में बदला जिसके बाद पेनल्टी लेने की बारी दोनों टीम के गोलकीपर की आई.

लीवरपूल के गोलकीपर साओमहिन केलेहर ने पेनल्टी को गोल में बदला लेकिन चेल्सी के गोलकीपर केपा अरिजाबालगा चूक गए जिससे लीवरपूल ने खिताब जीता. केपा को पेनल्टी विशेषज्ञ के रूप में अतिरिक्त समय की समाप्ति से ठीक पहले 120वें मिनट में उतारा गया था. इससे पहले उनकी जगह खेल रहे एडवर्ड मेंडी ने शानदार बचाव किए जिससे मुकाबला गोल रहित बराबर चल रहा था.

इसे भी देखें, गले लगकर फूट फूटकर रोने लगे मैदान पर एक दूसरे के खिलाफ उतरे यूक्रेन के खिलाड़ी

लीवरपूल ने पिछला घरेलू कप फाइनल 2012 लीग कप के रूप में जीता था. टीम ने 2019 में चैंपियन्स लीग और 2020 में प्रीमियर लीग खिताब भी जीता. मैच से पहले रूस के हमले को देखते हुए युक्रेन के लोगों से एकजुटता दिखाई गई. इस दौरान युक्रेन का नीला और पीला रंग स्क्रीन पर दिखाया गया और दर्शकों ने तालियां बजाई.

homesports

EFL Cup: लीवरपूल ने पेनल्टी शूट आउट में चेल्सी को हराकर लीग कप जीता

Continue Reading

Sports

Russia ukraine war Chelsea FC Russian owner Roman Abramovich to sell club and help Ukraine – 22 हजार करोड़ की चेल्‍सी बचेंगे रशियन मालिक, यूक्रेन से युद्ध के पीड़ितों की करेंगे मदद

Published

on

Last Updated:

Russia-Ukraine War: सबसे बड़े फुटबॉल क्‍लब में से एक चेल्‍सी के रशियन मालिक रोमन अब्रामोविच ब्रिकी से होने वाली आय से रूसी हमले से प्रभावित यूक्रेन के लोगों की मदद की करेंगे. इसके लिए उन्‍होंने टीम को एक चैरिटे…और पढ़ें

22 हजार करोड़ की चेल्‍सी बचेंगे रशियन मालिक,यूक्रेन की करेंगे मदद

नई दिल्‍ली. रूस और यूकेन (Russia- Ukraine war) के बीच युद्ध छिड़ा हुआ है. इस बीच खबर आई है कि रूस के रोमन अब्रामोविच सबसे बड़े फुटबॉल क्‍लब में से एक चेल्‍सी (Chelsea FC) को बेचने की तैयारी कर रहे हैं. रोमन ने 2003 में इस क्‍लब को खरीदा था. इसके बाद इस क्‍लब ने कई बड़ी ट्रॉफी अपने नाम की. चेल्‍सी 2020-2021 यूएफा चैंपियंस लीग की विजेता है. अप्रैल 2021 में फोर्ब्‍स के अनुसार इस फुटबॉल क्‍लब की कीमत 3.2 बिलियन डॉलर यानी 22 हजार करोड़ रुपये से अधिक है.

अब्रामोविच के टीम बेचने के ऐलान से पहले स्विस अरबपति हैंसजॉर्ग वाइस ने कहा कि वह चेल्‍सी खरीदना चाहते हैं. अब्रामोविच ने टीम को एक चैरिटेबल फाउंडेशन स्‍थापित करने के लिए कहा है. उन्‍होंने एक बयान जारी करके कहा कि ब्रिकी से होने वाली आय से यूक्रेन पर रूसी हमले से प्रभावित लोगों की मदद की जाएगी.

टीम को चैरिटेबल फाउंडेशन स्‍थापित करने का दिया निर्देश
चेल्‍सी के मालिक ने कहा कि क्‍लब को बेचने का फैसला फैंस, यहां काम करने वाले स्‍टाफ, स्‍पॉन्‍सर और पार्टनर्स के लिए बेहतर है. इसे बेचने में जल्‍दबाजी नहीं की जाएगी, बल्कि एक प्रोसेस के तहत किया जाएगा. उन्‍होंने कहा कि वो कोई ऋण चुकाने के लिए कहेंगे. उन्‍होंने कहा कि चेल्‍सी को खरीदना उनके लिए कभी बिजनेस या पैसे को लेकर नहीं था, बल्कि यह तो खेल और क्‍लब के लिए उनका जुनून था.

IND vs SL: विराट कोहली के 100वें टेस्‍ट मैच में शामिल होंगे सौरव गांगुली या नहीं, आया बड़ा अपडेट

इसके अलावा उन्‍होंने अपनी टीम को एक चैरिटेबल फाउंडेशन स्‍थापित करने का निर्देश दिया है. जो ब्रिकी से होने वाले फायदे से यूक्रेन के पीड़ितों की मदद करेगी. पीड़ितों को जरूरत के समय तत्‍काल पैसे उपलब्‍ध कराए जाएंगे. अब्रामोविच के 2003 में क्‍लब खरीदने के बाद चेल्‍सी ने 2 चैंपियंस लीग ट्रॉफी और 5 इंग्लिश प्रीमियर लीग ट्रॉफी जीती.

homesports

22 हजार करोड़ की चेल्‍सी बचेंगे रशियन मालिक,यूक्रेन की करेंगे मदद

Continue Reading

Sports

भारत के 7 फुटबॉलर वीजा मुद्दों के कारण टीम के साथ बहरीन रवाना होने से चूके – indian football team 7 players unable to fly with team to bahrain due to visa issues

Published

on

Last Updated:

भारतीय फुटबॉल टीम के कोच इगोर स्टिमक (Igor Stimac) ने बताया कि उन्हें यात्रा में काफी मुश्किलें आईं. उन्होंने बताया कि 25 में से 7 खिलाड़ी मुंबई में रह गए और अभी उनके वीजा की मंजूरी का इंतजार किया जा रहा है. स्…और पढ़ें

भारत के 7 फुटबॉलर वीजा मुद्दों के कारण टीम संग बहरीन रवाना होने से चूके

कोच इगोर स्टिमक ने बताया कि सभी खिलाड़ियों ने वीजा के लिए करीब 2 महीने पहले आवेदन दिया था. (AFP)

मनामा. भारतीय फुटबॉल टीम (Indian Football Team) के 7 सदस्य वीजा मुद्दों के कारण बहरीन के खिलाफ बुधवार को होने वाले अंतरराष्ट्रीय मैत्री मैच में खेलने के लिए मुंबई से टीम के साथ यात्रा नहीं कर सके. ऐसी आशंका है कि वे मैच के लिए उपलब्ध नहीं हो पाएंगे. भारत की 25 सदस्यीय टीम में से 18 खिलाड़ियों के साथ मुख्य कोच इगोर स्टिमक (Igor Stimac) और सहयोगी स्टाफ सोमवार को मनामा पहुंच गए. राष्ट्रीय टीम को बुधवार को मेजबान बहरीन के खिलाफ और शनिवार को बेलारूस के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय मैत्री मैच खेलने हैं.

गोलकीपर अमरिंदर सिंह, रक्षा-पंक्ति के खिलाड़ी चिंगलेनसाना सिंह एवं आकाश मिश्रा और मिडफील्डर अनिरुद्ध थापा, ब्रैंडन फर्नांडीस, अनिकेत यादव तथा बिपिन सिंह सोमवार को अपने साथी खिलाड़ियों के साथ विमान में नहीं चढ़ सके क्योंकि उनकी वीजा मंजूरी समय पर नहीं आ सकी. कोच इगोर स्टिमक ने वर्चुअल प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘हमें अपनी यात्रा में कठिनाइयों का सामना करना पड़ा. 7 खिलाड़ी (25 में से) मुंबई में रह गए हैं. हम अभी उनके वीजा की मंजूरी का इंतजार कर रहे हैं, जिसके लिए हमने 2 महीने पहले आवेदन किया था.’

इसे भी देखें, कोच स्टिमक ने की सुनील छेत्री की तारीफ, बताया- 25 साल के खिलाड़ी वाली है एनर्जी

उन्होंने आगे कहा, ‘उम्मीद है कि उन्हें अनुमति (वीजा अनुमोदन) मिल जाएगी और वे सभी वहां (मुंबई) से उड़ान भरेंगे. फिलहाल बुधवार के मैच में उनकी मौजूदगी के बारे में कुछ नहीं कह सकते हैं.’ इस बीच अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) के एक सूत्र ने कहा कि 7 खिलाड़ियों का वीजा मंगलवार को ही आ गया और वे बुधवार को मनामा के लिए रवाना होंगे. उन्होंने कहा, ‘सभी खिलाड़ियों का वीजा आ गया है और वे बुधवार को उड़ान भरेंगे.’

स्टिमक से जब टीम की योजना के बारे में पूछे गया तो उन्होंने कहा, ‘मुझे नहीं पता कि मैं ऐसी स्थिति में क्या करूंगा. मुझे देखना होगा कि यहां मनामा में कितने खिलाड़ी उपलब्ध होते हैं. अगर ये 7 खिलाड़ी उपलब्ध नहीं रहेंगे तब भी मैं उपलब्ध खिलाड़ियों में सर्वश्रेष्ठ एकादश को मैदान पर उतारूंगा.’

भारत ने अपने फुटबॉल इतिहास में बहरीन को कभी नहीं हराया है. टीम का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 1982 में गोलरहित ड्रॉ मैच रहा है. भारतीय टीम ने हालांकि 2019 में बहरीन को कड़ी टक्कर दी थी. उस समय टीम एशियाई कप के नॉकआउट चरण में जगह बनाने के करीब थी लेकिन बहरीन ने स्टॉपेज टाइम में गोल करके जीत दर्ज की.

homesports

भारत के 7 फुटबॉलर वीजा मुद्दों के कारण टीम संग बहरीन रवाना होने से चूके

Continue Reading

TRENDING