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Sunita Williams Return News: Why NASA Astronauts Will Be Carried On Stretchers After Landing On Earth | Science News Explainer: स्पेस मिशन के बाद सीधे स्ट्रेचर पर! जमीन पर कदम नहीं रख पाएंगी सुनीता विलियम्स, समझिए

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Sunita Williams Return From Space: NASA के अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर 18 मार्च को SpaceX क्रू कैप्सूल में धरती पर लौटेंगे. लैंडिंग के बाद, दोनों को स्ट्रेचर पर ले जाया जाएगा.

2012 में स्पेस स्टेशन से लौटने के फौरन बाद सुनीता विलियम्स विलियम्स का फोटो (NASA/GCTC/Andrey Shelepin)
हाइलाइट्स
- भारतीय मूल की सुनीता विलियम्स 18 मार्च को पृथ्वी पर लौटेंगी.
- स्पेसफ्लाइट के असर से एस्ट्रोनॉट्स स्ट्रेचर पर लाए जाएंगे.
- स्पेस में महीनों बिताने से इंसान के शरीर में बदलाव होते हैं.
नई दिल्ली: NASA की एस्ट्रोनॉट सुनीता विलियम्स और बुच विलमोर 18 मार्च को पृथ्वी पर लौट रहे हैं. वे SpaceX क्रू कैप्सूल में समंदर में लैंड करेंगे. मिशन खत्म होने के बाद जब कैप्सूल खोला जाएगा, तो दोनों एस्ट्रोनॉट्स सीधे स्ट्रेचर पर लाए जाएंगे. यह किसी मेडिकल इमरजेंसी की वजह से नहीं हो रहा. बल्कि यह स्पेसफ्लाइट के असर और सेफ्टी प्रोटोकॉल का हिस्सा है. स्पेस में महीनों बिताने के बाद एस्ट्रोनॉट्स अचानक चल नहीं सकते. शरीर में कई बदलाव होते हैं, जिससे बैलेंस और मसल्स पर असर पड़ता है.
अंतरिक्ष में बदल जाता है शरीर
धरती पर ग्रैविटी हमारे शरीर को कंट्रोल में रखती है. लेकिन स्पेस में इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) लगातार पृथ्वी की ओर फ्री-फॉल में रहता है. इससे एस्ट्रोनॉट्स को वजनहीनता (Weightlessness) महसूस होती है और उनका शरीर खुद को इस माहौल के हिसाब से ढाल लेता है.
Time to head home.
Crew-9 is scheduled to undock from the @Space_Station on March 18th at 1:05 am EDT. They conducted dozens of experiments during their stay aboard the International Space Station. Here are some of Crew-9’s scientific milestones: https://t.co/pgzCCwvSes pic.twitter.com/QqRNqlxZSG
— ISS Research (@ISS_Research) March 17, 2025
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तुलसी गबार्ड ने कहा पीएम मोदी और ट्रंप शांति के लिए प्रतिबद्ध हैं

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Raisina Dialogue 2025: तुलसी गबार्ड ने रायसीना डायलॉग 2025 में कहा कि पीएम मोदी भी राष्ट्रपति ट्रंप की तरह शांति के लिए प्रतिबद्ध हैं. उन्होंने स्पष्ट किया कि अमेरिका फर्स्ट का मतलब अमेरिका अकेला नहीं है.

तुलसी गबार्ड ने कहा पीएम मोदी और ट्रंप शांति के लिए प्रतिबद्ध हैं
Raisina Dialogue 2025: अमेरिका की राष्ट्रीय खुफिया निदेशक तुलसी गबार्ड ने मंगलवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की तरह शांति के लिए प्रतिबद्ध हैं. भारत दौरे पर आईं तुलसी गबार्ड नई दिल्ली में आयोजित रायसीना डायलॉग 2025 कार्यक्रम में कहा कि अमेरिका फर्स्ट का मतलब यह नहीं है कि अमेरिका अकेला है. रायसीना डॉयलॉग कार्यक्र में तुलसी गबार्ड ने कहा, ‘राष्ट्रपति ट्रंप की ही तरह पीएम मोदी भी शांति के लिए प्रतिबद्ध हैं.
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March 18, 2025, 11:35 IST
PM मोदी भी ट्रंप की तरह शांति के लिए प्रतिबद्ध, रायसीना डॉयलॉग में बोलीं तुलसी
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Dainik Bhaskar Hindi News,Breaking News Headlines Today, Latest World News Updates, International News Headlines Live, Global News Top Stories, Breaking News Worldwide | लाइव अपडेट्स: राहुल गांधी ने न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री क्रिस्टोफर लक्सन से मुलाकात की

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8 मिनट पहले
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भारत में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने सोमवार को न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री क्रिस्टोफर लक्सन से मुलाकात की। लक्सन भारत में तीन दिन के रायसीना डायलॉग में शामिल होने पहुंचे हैं। 17 मार्च को सम्मेलन के पहले दिन लक्सन ने बतौर चीफ गेस्ट समिट को संबोधित किया।
इस दौरान उन्होंने नमस्कार, सत श्री अकाल! बोलकर लोगों को संबोधित किया। लक्सन ने चैंपियंस ट्रॉफी में जीत के लिए भारत को बधाई दी। 3 दिन का यह सम्मेलन 19 मार्च तक चलेगा।
अंतरराष्ट्रीय मसलों से जुड़ी आज की अन्य प्रमुख खबरें…
डोमिनिकन में गायब हुई भारतीय मूल की अमेरिकी छात्रा के माता-पिता ने उसे मृत घोषित करने की अपील की

भारतीय मूल की अमेरिकी स्टूडेंट सुदीक्षा कोनांकी के माता-पिता ने डोमिनिकन गणराज्य की पुलिस से अनुरोध किया है कि सुदीक्षा को मृत घोषित कर दिया जाए। सुदीक्षा कोनांकी पिछले हफ्ते गुरुवार को कैरेबियाई द्वीप डोमिनिकन रिपब्लिक से गायब हो गई थीं। माना जा रहा है कि उसकी डूबने से मौत हो गई थी।
उसे आखिरी बार 6 मार्च को डोमिनिकन गणराज्य के पुंटा काना शहर में स्थित रिउ रिपब्लिक रिसॉर्ट में देखा गया था। जांच में शामिल 3 अधिकारियों ने बताया कि कोनांकी 5 मार्च को अपने 6 दोस्तों के साथ समुद्र तट पर टहल रही थी, जिसके बाद शायद वह रात को समुद्र में तैरने गई और डूब गई।
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Raisina Dialogue 2025 Update; S Jaishankar | India Lichtenstein Minister | रायसीना डायलॉग का दूसरा दिन: जयशंकर बोले- सेकेंड वर्ल्ड वॉर के सबसे लंबा अवैध कब्जा कश्मीर पर; पश्चिमी देशों के दोहरे रवैये पर सवाल उठाए

नई दिल्ली11 मिनट पहले
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नई दिल्ली में चल रहेरायसीना डायलॉग 2025 के दूसरे दिन विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने वैश्विक व्यवस्था में निष्पक्षता की जरूरत पर जोर दिया और पश्चिमी देशों के दोहरे मानकों पर सवाल उठाए।
‘थ्रोन्स एंड थॉर्न्स: डिफेंडिंग द इंटेग्रिटी ऑफ नेशंस’ सत्र में बोलते हुए, जयशंकर ने संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता को वैश्विक नियमों की नींव बताया। उन्होंने कश्मीर मुद्दे का जिक्र करते हुए इसे द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से अब तक का सबसे लंबा अवैध कब्जा करार दिया।
जयशंकर ने कहा,

हम संयुक्त राष्ट्र गए। एक आक्रमण को विवाद बना दिया गया। हमलावर और पीड़ित को एक ही श्रेणी में रख दिया गया। इसके लिए जिम्मेदार पक्ष कौन थे? ब्रिटेन, कनाडा, बेल्जियम, ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका? इसलिए मुझे इस पूरे विषय पर कुछ सवाल हैं।
जयशंकर ने कहा, यह दिखाता है कि कैसे पश्चिमी ताकतों ने कश्मीर की वास्तविकता को तोड़-मरोड़कर पेश किया। उन्होंने राजनीतिक हस्तक्षेप पर पश्चिमी देशों के नजरिए पर भी सवाल उठाए।
जयशंकर के अलावा पैनल में लिचेंस्टीन की विदेश मंत्री डोमिनिक हसलर, स्लोवाक रिपब्लिक के विदेश मंत्री जुराज ब्लानर, स्वीडन के पूर्व प्रधानमंत्री कार्ल बिल्ड्ट भी शामिल हुए।

इस बार के रायसीना डायलॉग की ‘थीम: कालचक्र- पीपुल, प्लेस एंड प्लेनेट’ है। इसमें करीब 125 देशों के 3500 से ज्यादा लोग शामिल होंगे।

न्यूजीलैंड PM ने सत श्री अकाल से शुरू किया संबोधन इससे पहले कल कल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 10वें रायसीना डायलॉग के उद्घाटन में शामिल हुए। इस दौरान न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री क्रिस्टोफर लक्सन ने बतौर चीफ गेस्ट समिट को संबोधित किया। 3 दिन का यह सम्मेलन 19 मार्च तक चलेगा।
न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री लक्सन ने समिट को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने नमस्कार, सत श्री अकाल! बोलकर लोगों को संबोधित किया। लक्सन ने चैंपियंस ट्रॉफी में जीत के लिए भारत को बधाई दी।
संबोधन की प्रमुख बातें…
- मोदी के कार्यकाल में भारत में 25 करोड़ लोग घोर गरीबी से बाहर निकले। हमें भारत के साथ मजबूत संबंध और बेहतर सैन्य साझेदारी की जरूरत है।
- भारत को इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभानी है। न्यूजीलैंड हिंद-प्रशांत में अपने हितों के लिए भारत जैसे साझेदारों की ओर देख रहा है।
- हम एक ऐसे हिंद-प्रशांत क्षेत्र में रहना चाहते हैं, जहां देश मुक्त होकर अपना रास्ता चुनने के लिए आजाद हों, जहां कोई भी देश हावी न हो।
- भारत जैसे देश विश्व को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, उन्हें ग्लोबल पॉलिसी निर्माताओं की बैठक में जगह मिलना चाहिए।
- हम भारत के साथ मजबूत संबंध बनाने के लिए फ्री ट्रेड एग्रीमेंट पर विचार कर रहे हैं।
- जल्द ही खेल बदलने वाला है क्योंकि हम टेक्नोलॉजी की दुनिया में AI के उभार से बदलाव की कगार पर हैं।
- हाल ही में दुबई में चैंपियंस ट्रॉफी में भारत ने न्यूजीलैंड के खिलाफ जीत हासिल की। जिससे मेरा भी दिल टूटा, लेकिन मैं आपको बधाई देना चाहूंगा।
- रायसीना डायलॉग हर साल दुनिया भर के नेताओं को हिंद महासागर में रणनीतिक चुनौतियों पर मिलकर बात करने का मौका देता है।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने न्यूजीलैंड के पीएम को उनके भाषण के लिए शुक्रिया कहा। जयशंकर ने कहा कि आज के ग्लोबल ऑर्डर में अलग ढंग से सोचने और मुश्किलों के क्रिएटिव हल निकालने की जरूरत है।
तीसरी दुनिया के किसी देश में होने वाली इकलौती कॉन्फ्रेंस
- रायसीना डायलॉग किसी थर्ड वर्ल्ड देश में इतने बड़े पैमाने पर होने वाला इकलौता सम्मेलन है। वरिष्ठ पत्रकार और अंतरराष्ट्रीय मामलों के जानकार सत्येंद्र रंजन ने बताया कि रायसीना डायलॉग भारत में किसी थिंक टैंक की तरफ से आयोजित की जाने वाली एकमात्र कॉन्फ्रेंस है। यह कॉन्फ्रेंस सरकार के लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर अपनी स्थिति बताने के लिए एक अहम मंच है।
- इस पर दुनियाभर के पॉलिसी मेकर्स और जियोपॉलिटिक्स में अहम भूमिका निभाने वाले लोगों की नजर रहती है। इस कॉन्फ्रेंस के जरिए दूसरे देशों और अंतरराष्ट्रीय मामलों के विशेषज्ञों को आने वाले समय में भारत सरकार की प्राथमिकताओं को लेकर जानकारी मिलती है।
- इस बार के सम्मेलन में क्यूबा, स्लोवेनिया, लक्जमबर्ग, लिकटेंस्टीन, लाटविया, मोल्दोवा, जॉर्जिया, स्वीडन, स्लोवाक, भूटान, मालदीव, नार्वे, थाईलैंड, एंटीगुआ एंड बारबुडा, पेरू, घाना, हंगरी और मॉरीशस के विदेश मंत्री भी हिस्सा लेंगे।

शांगरी-ला डायलॉग की तर्ज पर शुरू हुआ
- रायसीना डायलॉग को सिंगापुर में होने वाले शांगरी-ला डायलॉग की तर्ज पर आयोजित किया जाता है। शांगरी-ला रक्षा मंत्रियों के लिए होने वाला सम्मेलन है, जबकि रायसीना में विदेश मंत्रियों की बैठक होती है।
- रायसीना डायलॉग का आयोजन विदेश मंत्रालय और ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन (ORF) मिलकर करते हैं। इस बार के रायसीना डायलॉग में 125 देशों के 3500 से ज्यादा डेलीगेट शामिल होंगे। इस दौरान रूस-यूक्रेन जंग के अलावा कई वैश्विक मुद्दों पर चर्चा हो सकती है।
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