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Pakistan Train Hijack Update; Jaffar Express | Balochistan BLA Army | बलूच आर्मी का दावा- सभी 214 बंधकों को मार डाला: कहा- जंग अभी जारी; पाकिस्तानी सेना ने ट्रेन हाईजैक खत्म होने का दावा किया था

इस्लामाबाद50 मिनट पहले
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पाकिस्तान ने कुछ तस्वीरें जारी करके बताया था कि ट्रेन हाईजैक से बचाए गए लोगों बुरी तरह जख्मी नजर आ रहे हैं। वहीं, पाकिस्तानी सेना ने क्वेटा स्टेशन पर 200 ताबूत भेजे थे।
पाकिस्तान में ट्रेन हाईजैक करने वाली बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (BLA) ने दावा किया है कि उसने सभी 214 बंधकों को मार डाला है। आज BLA ने एक बयान में कहा कि हमने पाकिस्तानी सेना को बंधकों की अदला-बदली करने के लिए 48 घंटे का समय दिया था। लेकिन पाकिस्तान की जिद के चलते इतने लोगों की जान गई।
BLA ने कहा कि यह युद्ध अभी खत्म नहीं हुआ, बल्कि और तेज हो गया है। अपनी आजादी के लिए लड़ रहे बलूच लड़ाके लगातार हमले कर रहे हैं। पाकिस्तानी सेना अपने सैनिकों के शव नहीं निकाल पा रही है। BLA ने कहा कि ऑपरेशन दर्रा-ए-बोलान पूरा होने के बाद हम इसकी डिटेल जानकारी देंगे।
BLA ने 12 मार्च को जाफर एक्सप्रेस को हाईजैक किया था। इसके अगले ही दिन यानी 13 मार्च को पाकिस्तानी सेना ने दावा किया था कि ट्रेन हाईजैक संकट खत्म हो गया है। उन्होंने कहा था कि हमने 33 बलूच लड़ाकों को मार गिराया है। इस ऑपरेशन में कुछ बंधक भी मारे गए हैं।

पाकिस्तानी सरकार ने बुधवार (12 मार्च) को प्रोटोकॉल के तहत बलूचिस्तान में 200 ताबूत भेजे थे, ताकि इमरजेंसी के हालात में इनका इस्तेमाल किया जा सके।
बलूच आर्मी बोली- हमारे लड़ाकों को मारा नहीं गया, उन्होंने खुद शहादत चुनी
BLA ने कहा कि हमारे लड़ाकों ने खुद शहादत चुनी, लेकिन अब पाकिस्तानी सेना हमारे फिदायीन लड़ाकों के शवों को अपनी सफलता के तौर पर पेश करने की कोशिश कर रही है। जबकि हमारे लड़ाकों का असली मिशन आखिरी दम तक लड़ना था, वापस लौटना नहीं।
बलूच सेना ने कहा कि हमने हमेशा युद्ध और अंतरराष्ट्रीय कानूनों के मुताबिक काम किया है, लेकिन पाकिस्तानी सरकार ने अपने सैनिकों को बचाने के बजाय उन्हें युद्ध के ईंधन के तौर पर इस्तेमाल किया है। पाकिस्तानी सेना अपनी सभी सैन्य और खुफिया क्षमताओं के बावजूद बंधकों को छुड़ाने में विफल रही।
पाकिस्तान बोला- ट्रेन हाईजैक में भारत का हाथ, भारत ने आरोप खारिज किए
पाकिस्तान ने इस ट्रेन हाईजैक में भारत का हाथ होने के आरोप लगाया था। पाकिस्तान के आरोपों को भारत ने खारिज कर दिया। भारतीय विदेश मंत्रालय ने प्रेस रिलीज जारी कर कहा कि दुनिया जानती है कि आतंकवाद का केंद्र कहां है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा-

हम पाकिस्तान के किसी भी आरोप का खंडन करते हैं। पूरी दुनिया जानती है कि पाकिस्तान ग्लोबल टेररिज्म का केंद्र है। पाकिस्तान अपनी अंदरूनी समस्याओं और नाकामियों के लिए दूसरों को जिम्मेदार ठहराता रहता है। इससे बेहतर होगा कि वह खुद को देखे।
इससे पहले पाकिस्तानी फॉरेन ऑफिस ने ये दावा भी किया था कि बलूच लड़ाके हाईजैक के दौरान अफगानिस्तान में मौजूद अपने सरगनाओं के संपर्क में थे, उन्हें वहां से ऑर्डर मिल रहे थे। हालांकि, अफगान सरकार ने इस दावे को नकार दिया है।

बलूच लड़ाकों के हमले में मारे गए क्वेटा के एक बंधक के शव को अंतिम संस्कार के लिए ले जाते लोग।
बलूचिस्तान के बोलान जिले में हुआ हमला जाफर एक्सप्रेस 11 मार्च की सुबह 9 बजे क्वेटा से पेशावर के लिए चली थी। इसके सिबि पहुंचने का टाइम 1.30 बजे था। इससे पहले ही दोपहर करीब 1 बजे बलूचिस्तान के बोलान जिले के माशकाफ इलाके में बलूच लिबरेशन आर्मी ने गुडालार और पीरू कुनरी के बीच इस हमले को अंजाम दिया। यह पहाड़ी इलाका है, जहां 17 सुरंगें हैं, इसके चलते ट्रेन को धीमी स्पीड पर चलाना पड़ता है। इसका फायदा उठाकर BLA ने ट्रेन पर हमला किया।
सबसे पहले बलूच आर्मी ने माशकाफ में टनल नंबर-8 में रेलवे ट्रैक को उड़ा दिया। इससे जाफर एक्सप्रेस डिरेल हो गई। इसके बाद BLA ने फायरिंग शुरू कर दी। फायरिंग में ट्रेन का ड्राइवर भी घायल हुआ।
इस ट्रेन में सुरक्षाबल, पुलिस और ISI के एजेंट्स सफर कर रहे थे। सभी पंजाब जा रहे थे। इन्होंने BLA के हमले का जवाब दिया, लेकिन BLA ने ट्रेन पर कब्जा कर लिया। इस दौरान कई सुरक्षाकर्मी मारे गए।
घटना की जानकारी मिलने पर पाकिस्तान आर्मी ने BLA पर जमीनी फायरिंग की और हवा से बम भी बरसाए, लेकिन BLA लड़ाकों ने किसी तरह आर्मी के जमीनी ऑपरेशन को रोक दिया।
पिछले साल 25 और 26 अगस्त 2024 की आधी रात BLA ने इस ट्रेन के रूट में कोलपुर और माच के बीच एक ब्रिज को उड़ा दिया था। इसके चलते ट्रेन की सर्विस रोक दी गई थी। 11 अक्टूबर 2024 से ट्रेन सर्विस फिर से शुरू हो गई थी।

बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी क्या है बलूचिस्तान में कई लोगों का मानना है कि भारत-पाकिस्तान बंटवारे के बाद वे एक आजाद देश के तौर पर रहना चाहते थे, लेकिन बिना उनकी मर्जी से उन्हें पाकिस्तान में शामिल कर दिया गया था। इस वजह से बलूचिस्तान में सेना और लोगों का संघर्ष आज भी जारी है।
BLA की प्रमुख मांग पाकिस्तान से अलग होकर बलूचिस्तान देश का गठन करना है। बलूचिस्तान में आजादी की मांग करने वाले कई संगठन हैं। इनमें बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (BLA) सबसे ताकतवर संगठन है। ये संगठन 70 के दशक में अस्तित्व में आया, लेकिन 21वीं सदी में इसका प्रभाव बढ़ा है।
BLA बलूचिस्तान को पाकिस्तानी सरकार और चीन से मुक्ति दिलाना चाहता है। उनका मानना है कि बलूचिस्तान के संसाधनों पर उनका हक है। पाकिस्तान सरकार ने बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी को 2007 में आतंकी संगठनों की सूची में शामिल किया था।

ग्लोबल टेररिज्म इंडेक्स में पाकिस्तान दूसरे नंबर पर सिडनी स्थित इंस्टीट्यूट फॉर इकोनॉमिक्स एंड पीस की तरफ से जारी वैश्विक आतंकवाद सूचकांक (GTI) रिपोर्ट 2025 में पाकिस्तान को दुनिया में दूसरा सबसे ज्यादा आतंक प्रभावित देश बताया गया था।
रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान सबसे ज्यादा आतंक प्रभावित इलाके हैं। देश भर की कुल आतंकी घटनाओं में से 90% इसी इलाके में हुईं।
रिपोर्ट में तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान को लगातार दूसरे साल पाकिस्तान का सबसे खतरनाक आतंकवादी संगठन बताया गया। 2024 में इस ग्रुप ने 482 हमले किए, जिसकी वजह से 558 मौतें हुई थीं, जो 2023 के मुकाबले 91% ज्यादा हैं।
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खत्म हो जाएगी दुनिया, कुछ भी नहीं बचेगा, डोनाल्ड ट्रंप ने कर दी बड़ी भविष्यवाणी, बाबा वेंगा की बात होगी सच?

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बाबा वेंगा और निकोलस औजुला की भविष्यवाणियों से अलग अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक अजीबोगरीब भविष्यवाणी की है. उन्होंने कहा, हमारे पास इतने परमाणु हथियार हैं, जिनसे कल भयानक तबाही मचाई जा सकती…और पढ़ें

डोनाल्ड ट्रंप ने धरती पर तबाही की भविष्यवाणी कर दी है.
हाइलाइट्स
- अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने परमाणु हथियारों को विशालकाय राक्षस बताया.
- कहा-हमारे पास इतने हथियार कि धरती को 100 बार तबाह करने की क्षमता है.
- ट्रंप ने दी चेतावनी, जो हालात बन रहे हैं उससे परमाणु युद्ध कल भी संभव है.
दुनिया में तबाही की बाबा वेंगा की भविष्यवाणियां आपने सुनी होंगी. वे कह चुके हैं कि 2025 तबाही का साल होगा. लेकिन अब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ऐसी भविष्यवाणी कर दी है, जो डराने वाली है. ट्रंप ने कहा कि परमाणु बम मानवता के लिए खतरा हैं. अगर इन राक्षसी हथियारों का इस्तेमाल हुआ तो दुनिया का अंत हो जाएगा. इतना विनाशकारी होगा कि आप कल्पना भी नहीं कर सकते.
फॉक्स न्यूज के संडे मॉर्निंग फीचर्स को दिए इंटरव्यू में ट्रंप ने कहा, हम परमाणु हथियारों पर बहुत पैसा खर्च करते हैं, लेकिन इनके विनाश का स्तर आपकी कल्पना से परे है. यह बुरी बात है कि आपको इस पर इतना पैसा खर्च करना पड़ता है. हम इन चीजों पर पैसे खर्च कर रहे हैं, जो शायद दुनिया का अंत कर सकते हैं. ट्रंप ने कहा, परमाणु हथियारों से इतनी तबाही मच सकती है जितनी जलवायु परिवर्तन से भी नहीं मच सकती.
ट्रंप ने बताया विशालकाय राक्षस
लेकिन सबसे बड़ी बात, ट्रंप ने इस बात की चेतावनी दी कि परमाणु हमला सिर्फ कल्पना नहीं है, यह कल भी हो सकता है. ट्रंप ने कहा, मैंने बाइडेन को सालों तक यह कहते सुना है कि अस्तित्व के लिए सबसे बड़ा खतरा जलवायु परिवर्तन है, लेकिन मैं कहता हूं कि नहीं. सबसे बड़ा खतरा विभिन्न देशों में रखे ‘परमाणु हथियार’ हैं. ये ऐसे विशालकाय राक्षस हैं जो मीलों दूर से आपके शहर को तबाह कर सकते हैं’. ट्रंप ने ये भी संकेत दिए कि वे दुनिया में परमाणु हथियारों की संख्या कम करना चाहते हैं.
पूरी दुनिया को 100 बार तबाह करने की क्षमता
पिछले महीने ही ट्रंप ने कहा था कि वे परमाणु हथियारों को कम करने पर चीन और रूस के साथ बात करना चाहते हैं. व्हाइट हाउस में उन्होंने कहा था, हमारे पास पहले से ही इतने सारे हथियार हैं, हमें नए परमाणु हथियार बनाने की ज़रूरत नहीं है’. हमारे पास इतने परमाणु बम हैं कि हम दुनिया को 50 बार, 100 बार तबाह कर सकते हैं. इसके बावजूद हम और परमाणु हथियार बनाए जा रहे हैं. हम सब बहुत सारा पैसा खर्च कर रहे हैं, जिसे हम दूसरी चीज़ों पर खर्च कर सकते हैं.
किसके पास कितने हथियार
अमेरिका के पास इस समय 5,177 परमाणु हथियार हैं, जिनमें से 1,477 को नष्ट किया जाना है. आप जानकर हैरान होंगे कि 1960 के दशक के अंत में अमेरिका के पास सबसे ज़्यादा 31,255 परमाणु हथियार थे. रूस के पास लगभग 5,600 परमाणु हथियार हैं. तीसरे स्थान पर चीन है, जिसके पास लगभग 350 परमाणु हथियार हैं. इस हफ्ते की शुरुआत में चीन ने घोषणा की कि वह अपने रक्षा बजट को 7.2% बढ़ाने जा रहा है. इसके बाद डर है कि चीन कहीं और परमाणु बम न बना रहा हो.
New Delhi,New Delhi,Delhi
March 10, 2025, 19:56 IST
खत्म हो जाएगी दुनिया, ट्रंप ने कर दी भविष्यवाणी,बाबा वेंगा की बात होगी सच?
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SIPRI रिपोर्ट: अमेरिका सबसे बड़ा हथियार निर्यातक, यूक्रेन सबसे बड़ा आयातक

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SIPRI REPORT: यूक्रेन पर नए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की विदेश नीति इस हथियारों की रेस पर फुलस्टॉप लगा सकती है. यूक्रेन 2020-2024 के बीच दुनिया के टॉप 10 हथियार आयातक देशों में इकलैता यूरोपीय देश था. रिपोर्ट मे…और पढ़ें

अमेरिका ने खूब बेचे हथियार
हाइलाइट्स
- यूक्रेन 2020-2024 में सबसे बड़ा हथियार आयातक रहा.
- अमेरिका दुनिया का सबसे बड़ा हथियार निर्यातक बना.
- भारत ने आत्मनिर्भरता के चलते हथियार आयात में कटौती की.
SIPRI REPORT: पिछले 3 साल से ज्यादा से रूस और यूक्रेन का युद्ध चल रहा है. 2 फरवरी 2022 को शुरू हुई यह जंग इतनी लंबी खीचने की कूबत अकेले यूक्रेन की नहीं थी. अमेरिका और नॉटो देश लगातार हथियार देते रहे और जंग को आगे बढ़ती रही. जब जंग का मौहोल दुनिया भर में है तो वह देश भी अपने हथियारों के जखीरे को बढ़ाते रहे. खास तौर पर अमेरिका और इनके समर्थित देश. यूरोप के देश इसमें शामिल हैं. और जैसा सबसे सोचा था वही हुआ. अमेरिका की हथियार कंपनियों की चांदी हो गई. स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI) का एक रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ है कि अमेरिका दुनिया का सबसे बड़ा हथियारों का एक्पोर्टर बन गया. इन चार साल में यूक्रेन सबसे बड़ा खरीदार बन गया. यूक्रेन ने 2015 से लेकर 2019 तक जितना हथियार की खरीद की 2020 से 2024 तक इसकी खरीद 100 फीसदी से ज्यादा बढ़ गई.
हथियार एक्सपोर्ट का लगभग 9 प्रतिशन यूक्रेन को गया है
दुनिया के 35 देशों ने यूक्रेन को हथियारों से उसकी मदद की. जिसमें सबसे आगे है अमेरिका. दुनिया के कुल आयात का 8.8 फीसदी यूक्रेन को मिली. इसमें सबसे ज्यादा अमेरिका की तरफ से 45 फीसदी, जर्मनी की तरफ से ने 12 फीसदी और पोलैंड ने 11 फीसदी हिस्सेदारी रही. यूक्रेन साल 2020-24 के दौरान दुनिया के 10 हथियार खरीदने वाले देशों में टॉप पर रहा.
यूरोपीय NATO सदस्य देशों ने जमकर खरीदे हथियार
साल 2015–2019 और 2020–2024 के बीच यूरोप के NATO सदस्य देशों के हथियारों के खरीद में 105 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज हुई. इस खरीद का सबसे बडा हिस्सा अमेरिका से किया गया. अमेरिका ने इन हथियारों का कुल 64 फीसदी सप्लाई की. यह साल 2015–2019 के मुकाबले काफी ज्यादा था. यूरोप के देशों को हथियारों की बिक्री करने वाले बाकी देशों में 6.5-6.5 फीसदी हिस्सा फ्रांस और दक्षिण कोरिया, 4.7 प्रतिशत जर्मनी और 3.9 फीसदी इजराइल का रहा. इसके अलावा कई यूरोपीय देशों ने इस टाइम पीरियड में अपने हथियार खरीद में जबरदस्त बढ़ोतरी की. रूस यूक्रेन के बीच उसकी मदद कर रहे देशों पर भी जंग का खतरा कभी भी मंडरा सकता है. इसलिए उन देशों ने खुद को मजबूत किया.
भारत ने विदेशों से खरीद की कम
आत्मनिर्भर भारत मुहीम के चलते अब भारत अब धीरे धीरे हथियारों के खरीद में कटौती कर रहा है. भारत हथियारों के खरीद में कभी दूसरे नंबर पर हुआ करता था. SIPRI की रिपोर्ट के मुताबाक
इस खरीद की वजह चीन और पाकिस्तान की दोहरी चुनौती थी. पिछले 4 साल में दुनिया भर के कुल हथियारों के खरीद का 8.3 फासदी भारत का रहा. यह साल 2015 से 2019 में 9.1 प्रतिशत था. तकरीबन 9.3 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है. यह एक अच्छा संकेत है भारत के आत्मनिर्भर मुहीम के लिए. साल 2020 से 2024 के बीच भारत के रक्षा खरीद का सबसे बड़ा 36 फीसदी हिस्सा रूस से हुआ. यह प्रतिशत साल 2015-19 के दौरान 55 प्रतिशत तो और साल 2010- 2014 के बीच 72 प्रतिशत रहा था. रूस के बाद 33 फीसदी खरीद फ्रांस और 13 प्रतिशत इजरायल से किया गया. पाकिस्तान में हथियारों के खरीद में भी जबरदस्त बढ़ोतरी हुई. चीन से पाकिस्तान ने 81 फीसदी अपनी हथियार खरीद की है. पाकिस्तान चीन का प्रमुख खरीदार बन गया. साल 2015 से 2019 के बीच यह खरीद 74 प्रतिशत था.
March 10, 2025, 20:08 IST
अमेरिकी डिफेंस इंडस्ट्री की बल्ले बल्ले, 4 साल में तबड़तोड बेचे हथियार
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नॉर्थ सी में अमेरिकी और पुर्तगाली जहाज की टक्कर से भीषण आग

Last Updated:
नॉर्थ सी में अमेरिकी लॉजिस्टिक्स कंपनी क्राउली का जहाज स्टेना इमैक्युलेट पुर्तगाली कंटेनर सोलोंग से टकरा गया, जिससे भीषण आग लग गई. 37 लोगों को बचाया गया, एक अस्पताल में है. आग बुझाने की कोशिश जारी है.

जब बीच समंदर लग गई दो जहाजों में आग.
हाइलाइट्स
- नॉर्थ सी में दो जहाज टकरा गए हैं. इसके बाद तेल से भरे जहाज में आ लग गई.
- जेट ईंधन लेकर जा रहा अमेरिकी जहाज पुर्तगाली कंटेनर सोलोंग से जा टकराया.
- अभी तक 37 लोगों को बचाया जा चुका है, कई लोगों की हालत चिंताजनक.
नॉर्थ सी में दो जहाज टकरा गए हैं. इसके बाद तेल से भरे जहाज में आ लग गई. और टैंकर धू-धू कर जलने लगे. एक जहाज अमेरिकी लॉजिस्टिक्स कंपनी क्राउली का स्टेना इमैक्युलेट है जो जेट ईंधन लेकर जा रहा था. तभी सामने से आ रहे पुर्तगाली ध्वज वाले कंटेनर सोलोंग से जा टकराया. इसके बाद तेल लेकर जा रहे जहाज में भीषण आग लग गई. समंदर में ऊंची-ऊंची आग की लपटें उठने लगीं. इस जहाज पर सैकड़ों लोग सवार थे. अभी तक 37 लोगों को बचाया जा चुका है. उनकी हालत के बारे में अभी भी पूरी जानकारी नहीं मिली है.
जहाज के मालिक ने कहा, पूर्वी यॉर्कशायर तट पर हुई टक्कर के बाद जेट ईंधन उत्तरी सागर में फैल रहा है. स्थानीय सांसद ग्राहम स्टुअर्ट ने बताया कि एक व्यक्ति अस्पताल में है, जबकि दोनों दलों के 36 अन्य लोग सुरक्षित हैं और उनका पता लगा लिया गया है. वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें टैंकर से विशाल आग का गोला और घना धुआं निकलता हुआ दिखाई दे रहा है.
अमेरिका का खास जहाज
टक्कर उस वक्त हुई जब स्टेना इमैक्युलेट लंगर डाले हुए था, तभी पीछे से आकर पुर्तगाली जहाज ने टक्कर मार दी. यह जहाज उन 10 जहाजों में से एक है जिसका इस्तेमाल अमेरिकी सेना संघर्ष या आपात स्थिति के दौरान ईंधन ले जाने के लिए करती है. फ्लोरिडा स्थित कंपनी ने एक बयान में कहा, टक्कर के कारण आग लग गई और ईंधन निकलने की सूचना मिली. स्टेना इमैकुलेट के चालक दल ने जहाज पर कई विस्फोटों के बाद जहाज को छोड़ दिया. सभी क्रॉली नाविक पूरी तरह से सुरक्षित हैं. यह जेट ईंधन अमेरिकी सरकार का था. अमेरिकी वायु सेना के ब्रिटेन में कई अड्डे हैं. वहां पर इन्हें रखना था.
आग बुझाने की कोशिश जारी
हंबरसाइड से एक कोस्टगार्ड हेलीकॉप्टर घटनास्थल पर है. साथ ही, एक कोस्टगार्ड विमान और आग बुझाने वाले जहाज भी मदद कर रहे हैं. लाइफबोट भी भेजी गई हैं. हमें अभी पता चला है कि पिछली घटना के बाद केवल एक चालक दल का सदस्य अस्पताल में है. स्थानीय कार्यकर्ता नियाल स्टीवेन्सन ने बीबीसी को बताया कि उन्होंने आज सुबह 09:30 GMT के बाद “बहुत सारी एम्बुलेंस” और खोज एवं बचाव दल को आते देखा. उन्होंने बताया कि घटनास्थल पर आठ या नौ एम्बुलेंस और कुछ पुलिसकर्मी भी मौजूद थे. उन्होंने आगे कहा, यह पूरी तरह से हाथ पर हाथ धरे बैठने जैसी स्थिति थी.
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