Internattional
Iran Bomber Drone US: Iran का Jass 313 Bomber Drone IRGC की UAV Capabilities में बड़ा विस्तार

Last Updated:
ईरान के IRGC ने नया बॉम्बर ड्रोन जास 313 तैयार किया है, जो रनवे और कैरियर प्लेटफॉर्म से उड़ान भर सकता है. यह एक घंटे तक उड़ान में सक्षम है और फरवरी में सफल परीक्षण हुआ. पश्चिमी देश ईरान की बढ़ती क्षमता से चिंति…और पढ़ें

ईरान ने ड्रोन से अपनी ताकत दिखाई है.
हाइलाइट्स
- ईरान ने नया बॉम्बर ड्रोन जास 313 तैयार किया
- जास 313 एक घंटे तक उड़ान भरने में सक्षम है
- पश्चिमी देशों को ईरान की बढ़ती ड्रोन क्षमता से चिंता
तेहरान: ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) अमेरिका के खिलाफ अपनी ताकत बढ़ाने लगा है. IRGC का कहना है कि उसका नया बॉम्बर ड्रोन रनवे से टेकऑफ और कैरियर प्लेटफॉर्म से उड़ान टेस्टिंग से गुजर रहा है. ईरान को उम्मीद है कि जल्द ही यह ड्रोन संचालित होगा. IRGC से जुड़ी तस्नीम वेबसाइट के मुताबिक IRGC नेवी कमांडर अलीरेजा तंगसिरी ने कहा, ‘जास 313 अपनी हाई स्पीड और उन्नत विशेषताओं के साथ अपने मिशनों को प्रभावी ढंग से अंजाम दे सकता है.’ इसमें टर्बोफैन इंजन लगा है. उन्होंने बताया कि ड्रोन एक घंटे तक उड़ान भर सकता है और इसे फरवरी की शुरुआत में ड्रोन कैरियर जहाज शाहिद बघेरी पर सफलतापूर्वक टेस्ट किया गया था.
पिछले सप्ताह अमेरिकी ट्रेजरी विभाग ने हांगकांग और चीन की छह संस्थाओं पर प्रतिबंध लगाए, जो ईरान की ओर से बनाए गए ड्रोन के लिए आवश्यक उपकरणों की खरीद में मदद कर रहे थे. अमेरिका की ओर से यह ईरान पर ‘अधिकतम दबाव’ बढ़ाने वाले अभियान का हिस्सा है. नए प्रतिबंधों वाली ये संस्थाएं ईरान के ड्रोन प्रोग्राम के लिए पश्चिमी तकनीक की करोड़ों डॉलर की खरीद में मदद कर रही थीं. अमेरिकी दबाव के बावजूद ईरान ड्रोन बनाने में कामयाब रहा. तंगसिरी ने कहा कि जास-313 ड्रोन को दोहरी भूमिकाओं के लिए डिजाइन किया गया है. टोही अभियानों के साथ यह सटीक हमला करने के लिए है.
ईरान का ड्रोन क्यों है पश्चिमी देशों की टेंशन
ईरान अपने ड्रोन बेड़े का लगातार विस्तार कर रहा है. ईरानी अधिकारियों का कहना है कि ड्रोन डेवलपमेंट देश की रक्षा रणनीति का एक महत्वपूर्ण स्तंभ है, लेकिन ईरान की बढ़ती ड्रोन क्षमता से पश्चिमी देशों की चिंता बढ़ी हुई है. इससे मिडिल ईस्ट की स्थिरता को खतरा है. जास 313 का नाम ईरान के काहेर 313 फाइटर जेट प्रोजेक्ट से मिलता-जुलता है. ईरान इंटरनेशनल की रिपोर्ट के मुताबिक ईरानी सूत्रों ने कहा कि यह एक अलग प्रोग्राम है, जिसका उद्देश्य नौसैनिक विमानन को मजबूत करना है. पश्चिमी ताकतें ईरान पर रूस को ड्रोन और मिसाइलें देने का आरोप लगाती हैं, जिसका इस्तेमाल यूक्रेन पर हमले के लिए किया जाता है. इसीलिए यह ड्रोन डेवलपमेंट अमेरिका और पश्चिमी देशों की चिंता बढ़ा रहा है.
New Delhi,New Delhi,Delhi
March 04, 2025, 11:41 IST
US टांग अड़ाता रहा फिर भी ईरान ने हासिल कर ली बड़ी ताकत, नहीं रोक पाए ट्रंप
Internattional
हार्वर्ड वैज्ञानिक डॉ. विली सून का दावा: गणित से भगवान का अस्तित्व प्रमाणित

Last Updated:
God Exists: हार्वर्ड वैज्ञानिक डॉ. विली सून ने गणितीय सूत्र से भगवान के अस्तित्व का दावा किया है. उन्होंने पॉल डिराक के “फाइन ट्यूनिंग आर्गुमेंट” का हवाला दिया. यह सूत्र जिसे सबसे पहले कैम्ब्रिज गणितज्ञ पॉल डिर…और पढ़ें

हार्वर्ड खगोलशास्त्री डॉ. विली सून. (फोटो X)
हाइलाइट्स
- हार्वर्ड वैज्ञानिक ने गणितीय सूत्र से भगवान के अस्तित्व का दावा किया.
- डॉ. विली सून ने पॉल डिराक के “फाइन ट्यूनिंग आर्गुमेंट” का हवाला दिया.
- ब्रह्मांडीय स्थिरांक अद्भुत सटीकता से मेल खाते हैं.
God Exists: हार्वर्ड खगोल भौतिक विज्ञानी और एयरोस्पेस इंजीनियर डॉ. विली सून ने क्रांतिकारी खुलासा किया है. सून ने दावा किया है कि एक गणितीय सूत्र भगवान के अस्तित्व का अंतिम प्रमाण हो सकता है.प्रसिद्ध वैज्ञानिक, जो टकर कार्लसन नेटवर्क पर दिखाई दिए, ने अपने सूत्र को प्रस्तुत किया और सुझाव दिया कि ब्रह्मांड के रहस्य केवल तारों में ही नहीं, बल्कि गणित की बुनियाद में भी लिखे गए हो सकते हैं.
उनके सिद्धांत के केंद्र में “फाइन ट्यूनिंग आर्गुमेंट” है, जो सरल शब्दों में कहें तो यह सुझाव देता है कि ब्रह्मांड के भौतिक नियम इतने सटीक रूप से जीवन का समर्थन करने के लिए कैलिब्रेट किए गए हैं कि यह संयोग से नहीं हो सकता.
पढ़ें- इस देश में डाक सेवा का अंत, 400 साल पुरानी परंपरा पर पूर्ण विराम, अब नहीं आएगी चिट्ठी
फॉर्मूला पहले किसने दिया?
यह सूत्र जिसे सबसे पहले कैम्ब्रिज गणितज्ञ पॉल डिराक ने प्रस्तावित किया था, यह दर्शाता है कि कैसे कुछ ब्रह्मांडीय स्थिरांक अद्भुत सटीकता के साथ मेल खाते हैं. यह एक घटना थी जिसने दशकों से वैज्ञानिकों को चकित किया है. डिराक ने अनुमान लगाया कि ब्रह्मांड के भौतिक नियमों का परिपूर्ण संतुलन गणितीय सिद्धांत की महान सुंदरता और शक्ति के संदर्भ में वर्णित किया जा सकता है, और इसे समझने के लिए उच्च बुद्धिमत्ता की आवश्यकता होती है.
उन्होंने 1963 में अपनी पुस्तक में लिखा, “कोई शायद इस स्थिति का वर्णन इस प्रकार कर सकता है कि भगवान एक बहुत उच्च श्रेणी के गणितज्ञ हैं, और उन्होंने ब्रह्मांड का निर्माण करने में बहुत उन्नत गणित का उपयोग किया.” डिराक को ‘एंटीमैटर के पिता’ माना जाता है, जिन्होंने इसे 1932 में वास्तव में पुष्टि होने से पहले ही गलती से खोज लिया था.
डॉ. सून ने पॉडकास्ट में डिराक के सिद्धांत का हवाला देते हुए भगवान के अस्तित्व के बारे में अपनी बात समझाई. उन्होंने कहा, “हमारे जीवन को रोशन करने वाली सदैव उपस्थित शक्तियों के कई उदाहरण हैं. हालांकि, कई वैज्ञानिकों ने विज्ञान को धर्म से जोड़ने से परहेज किया है, डॉ. सून ने तर्क दिया कि गणित और ब्रह्मांड के बीच की सामंजस्यपूर्णता एक जानबूझकर डिजाइन की ओर इशारा करती है. उन्होंने कहा, “भगवान ने हमें यह प्रकाश दिया है, इस प्रकाश का अनुसरण करने और अपनी पूरी कोशिश करने के लिए.”
March 07, 2025, 23:08 IST
गणित से भगवान का अस्तित्व प्रमाणित, हार्वर्ड वैज्ञानिक का बड़ा दावा
Internattional
Sheikh Hasina News: शेख हसीना को हटाने के लिए किसने दिया बांग्लादेश की आर्मी को आदेश? 8 महीने बाद सामने आ गया असली सच-who ordered bangladesh army to remove sheikh hasina real truth 8 months latter

Last Updated:
शेख हसीना को सत्ता से हटाने की जब कोशिश हो रही थी, तब सेना ने उनका साथ क्यों नहीं दिया. इसका जवाब मिल गया है. यूएन मानवाधिकार संगठन के प्रमुख ने स्वीकारा कि उन्होंने ही चेतावनी दी थी.

शेख हसीना को बांग्लादेश से छोड़ने के लिए आर्मी ने ही कहा था.
हाइलाइट्स
- शेख हसीना को बांग्लादेश की सत्ता से किसने हटवाया, अब खुला सच.
- यूएन ह्यूमन राइट्स कमीशन के चीफ ने खुद कबूल की हकीकत.
- कहा-हमने एक आदेश दिया और बांग्लादेश में सरकार बदल गई.
शेख हसीना जब से बांग्लादेश की सत्ता से हटी हैं, तब से एक ही सवाल सबके सामने है कि आखिर सेना ने उनका बचाव क्यों नहीं किया? कौन था वो शख्स जिसके कहने पर सेना ने शेख हसीना से दूरी बना ली और उनके तख्तापलट की राह बनाई. अब इसका जवाब मिलता दिख रहा है.
संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार संगठन के प्रमुख फाल्किर्क ने बताया कि जब उन्होंने बांग्लादेशी सेना को जुलाई-अगस्त में हुए छात्र विरोध प्रदर्शनों को कुचलने में शामिल न होने की चेतावनी दी, इसके बाद बांग्लादेश की सरकार बदल गई. पिछले साल अगस्त में शेख हसीना के कहने के बावजूद, सेना ने प्रदर्शनकारियों पर सख्ती नहीं दिखाई. बाद में सेना ने हसीना को ‘सुरक्षित रास्ते’ से भारत भेज दिया. शुरुआत में सेना ने बांग्लादेश को अपने नियंत्रण में ले लिया. फिर उन्होंने अलग-अलग दलों से बात करके एक अस्थायी सरकार बनाने में मदद की.
सेना ने क्यों नहीं मानी बात
लेकिन बांग्लादेशी सेना ने शेख हसीना के आदेशों का पालन क्यों नहीं किया? उन्हें किसने ऐसा करने को कहा था? इस पर फाल्किर्क ने कहा, हमने छात्रों और जनता के आंदोलन को दबाने में सेना की भूमिका के खिलाफ चेतावनी दी थी. हमने उन्हें चेताया था कि अगर सेना ने शेख हसीना का साथ दिया तो हालात और खराब हो सकते हैं. इसके बाद बांग्लादेश में सरकार बदल गई. हो सकता है कि इसके बाद ही सेना ने शेख हसीना का साथ छोड़ दिया हो.
तब क्या हुआ
फाल्किर्क ने कहा, ‘मैं पिछले साल बांग्लादेश का उदाहरण देता हूं. जैसे कि आप जानते हैं, जुलाई-अगस्त में वहां बड़े पैमाने पर छात्र विरोध प्रदर्शन हुए थे. बांग्लादेश के लोग यह देख रहे थे कि हम (संयुक्त राष्ट्र) क्या कहते हैं. फिर हमने सेना को चेतावनी दी. हमने कहा कि अगर बांग्लादेशी सेना इस आंदोलन को कुचलने के लिए दखल देती है तो वे संयुक्त राष्ट्र की शांति सेना का हिस्सा नहीं रहेंगे. इसके बाद, हमने बांग्लादेश में बदलाव देखा. वहां के लोगों के लिए बड़ी उम्मीद यह थी कि हम क्या कहते हैं, मैं क्या कहता हूं, हम क्या कर सकते हैं, और हम उस स्थिति को कैसे सामने ला सकते हैं.’
पद संभालते ही यूनुस ने पूछा
फाल्किर्क ने कहा, “जब प्रोफेसर यूनुस ने अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार का पद संभाला, तो उन्होंने तुरंत मुझसे पूछा, क्या आप एक इन्विस्टिगेशन करने वाली टीम को भेज सकते हैं. यहां की स्थिति का आकलन कर सकते हैं. इस बात की जांच करा सकते हैं कि वहां क्या हुआ था? हमने उनकी बात मानी और हमने ये काम किया. मैं खुद पिछले साल बांग्लादेश गया था. तब छात्रों ने हमें देखकर खुशी जताई थी. वे बहुत आभारी थे कि हमने उनका साथ दिया और उनका समर्थन किया.”
New Delhi,New Delhi,Delhi
March 07, 2025, 19:56 IST
शेख हसीना को हटाने के लिए किसने दिया बांग्लादेश की आर्मी को आदेश? जानें सच
Internattional
Aurangzeb Brother Killing: Aurangzeb Like King Killed Family Members: Ruthless Kings Who Killed Their Own Blood- औरंगजेब भी लगेगा शरीफ जब इन राजाओं की सुनेंगे करतूत, किसी ने भाइयों को मारा तो किसी ने दामाद का बहाया खून

Last Updated:
सत्ता की भूख ने इतिहास में कई शासकों को इतना निर्दयी बना दिया कि उन्होंने अपने ही परिवार का खून बहा दिया. इतिहास में औरंगजेब के अलावा भी कई क्रूर राजा रहे हैं.

औरंगजेब ने अपने भाइयों की हत्या कराई थी.
हाइलाइट्स
- औरंगजेब ने अपने भाइयों की हत्या करवाई थी
- तुर्की के सुल्तान मेहमत ने भी अपने भाइयों को मारा था
- सत्ता के लिए इतिहास में राजा अपने ही परिवार का खून बहाते रहे हैं
इतिहास गवाह है कि सत्ता का नशा जब सर चढ़कर बोलता है, तो खून के रिश्ते भी मायने नहीं रखते. दुनियाभर में कई ऐसे राजा हुए जिन्होंने तख्त के लिए अपने ही परिवार का खून बहा दिया. औरंगजेब का नाम तो इस मामले में सभी जानते हैं. उसने अपने भाई दारा शिकोह, शुजा और मुराद बख्श और उनके समर्थकों की हत्या करवा दी थी. राजनीतिक कारणों से औरंगजेब भले ही आज चर्चा में हो, लेकिन ऐसा करने वाला वह अकेला नहीं था. आइए जानते हैं कुछ ऐसे क्रूर शासकों के बारे में, जिन्होंने अपने ही खून के रिश्तों को खत्म कर दिया.
सुल्तान मेहमत तृतीय
तुर्की के सुल्तान महमत तृतीय ने सिंहासन पर बैठते ही अपने 19 भाइयों और दर्जनों भतीजों की हत्या करवा दी थी. सुल्तान मेहमत ने अपनी सत्ता बनाए रखने के लिए ऐसा किया था. ऑटोमन साम्राज्य में अपने भाइयों की हत्या आम थी, ताकि ताज को कोई चुनौती न दे सके.
योंगल सम्राट
चीन के योंगल सम्राट (Zhu Di) ने सत्ता पाने के लिए अपने भतीजे जियानवेन सम्राट को जिंदा जला दिया. उन्होंने सिंहासन हड़पने के लिए भतीजे के समर्थकों को भी मौत के घाट उतार दिया. उनके शासनकाल में हजारों लोगों को यातनाएं देकर मारा गया.
काराकाला
रोम का सम्राट काराकाला (Caracalla) अपने पिता की मौत के बाद अपने भाई गेटा को सन् 211 को मारकर अकेले सम्राट बना. उसने सत्ता साझा करने से साफ इनकार कर दिया और गेटा को मरवा दिया. उसने अपने भाई के समर्थकों का भी कत्ल करवा दिया. इतना ही नहीं उसने गेटा का अस्तित्व मिटाने के लिए उसकी तस्वीरों को भी मिटाने की पूरी कोशिश की.
इवान चतुर्थ
16 नवंबर 1581 की रात को रूस के इवान चतुर्थ ने अपने ही बेटे और वारिस इवान इवानोविच को मार दिया था. हालांकि यह सत्ता की लड़ाई नहीं बल्कि गुस्सा था. दरअसल इवान चतुर्थ ने अपनी बहू पर हल्के कपड़े पहनने को लेकर हमला किया था. इससे गुस्सा होकर उनका बेटा भिड़ गया. राजा ने अपने राजदंड से उसके सिर पर इतना जोरदार हमला किया कि खून बहने से उसकी मौत हो गई. पेंटर इल्या रेपिन ने 19वीं सदी में एक पेंटिंग बनाई, जिसमें इवान चतुर्थ अपने मरते हुए बेटे को गोद में लेकर रो रहा है.
चंगेज खान
चंगेज खान का नाम दुनिया के सबसे क्रूर शासकों में आता है. उसने अपने दामाद को भी मरवा दिया था. क्योंकि उसने चंगेज खान के खिलाफ विद्रोह किया था. चंगेज खान ने न सिर्फ अपने दामाद को मारा बल्कि उसकी जनजाति को भी नष्ट कर दिया. दावा है कि अपने जीवनकाल में उसने लाखों लोगों को मारा था.
New Delhi,New Delhi,Delhi
March 08, 2025, 14:17 IST
औरंगजेब भी लगेगा शरीफ जब इन राजाओं की सुनेंगे करतूत, भाईयों का बहाया खून
-
Fashion2 days ago
These ’90s fashion trends are making a comeback in 2017
-
Entertainment2 days ago
The final 6 ‘Game of Thrones’ episodes might feel like a full season
-
Fashion2 days ago
According to Dior Couture, this taboo fashion accessory is back
-
Entertainment2 days ago
The old and New Edition cast comes together to perform
-
Sports2 days ago
Phillies’ Aaron Altherr makes mind-boggling barehanded play
-
Business2 days ago
Uber and Lyft are finally available in all of New York State
-
Entertainment2 days ago
Disney’s live-action Aladdin finally finds its stars
-
Sports2 days ago
Steph Curry finally got the contract he deserves from the Warriors