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India US Trade Tariff Reductions Update; Donald Trump | Narendra Modi | भारत बोला- टैरिफ कटौती पर अमेरिका को कोई कमिटमेंट नहीं: अभी ट्रेड एग्रीमेंट फाइनल नहीं; ट्रम्प बोले थे भारत टैरिफ घटाने पर सहमत

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नई दिल्ली4 दिन पहले

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भारत अमेरिका के बीच 2024 में 118 अरब डॉलर का व्यापार हुआ था। जिसमें भारत को 37 अरब डॉलर का फायदा हुआ था। - Dainik Bhaskar

भारत अमेरिका के बीच 2024 में 118 अरब डॉलर का व्यापार हुआ था। जिसमें भारत को 37 अरब डॉलर का फायदा हुआ था।

भारत सरकार ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के उस दावे को खारिज किया है, जिसमें उन्होंने शुक्रवार को दावा किया था कि भारत अपने टैरिफ में बहुत कटौती करना चाहता है।

भारतीय कॉमर्स सेक्रेटरी सुनील बर्थवाल ने सोमवार को संसदीय पैनल को बताया कि भारत ने अमेरिका के साथ टैरिफ में कटौती को लेकर कोई कमिटमेंट नहीं दिया है।

विदेश मामलों की संसदीय समिति को जानकारी देते हुए सुनील बर्थवाल ने साफ किया कि भारत और अमेरिका के बीच बातचीत अभी भी जारी है और किसी ट्रेड एग्रीमेंट को अभी तक अंतिम रूप नहीं दिया गया।

बर्थवाल ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति के दावों और मीडिया रिपोर्टों पर भरोसा नहीं किया जा सकता। किसी भी व्यापार वार्ता में भारत के हितों का पूरा ध्यान रखा जाएगा।

टैरिफ वॉर से किसी का फायदा नहीं, मंदी आ सकती है बर्थवाल ने कहा-

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भारत फ्री ट्रेड पक्ष में है और व्यापार को उदार बनाना चाहता है, जिससे दोनों देशों के बीच व्यापार बढ़ाने में मदद मिलेगी। भारत व्यापार विस्तार का समर्थन करता है, लेकिन टैरिफ वॉर से किसी का फायदा नहीं है और इससे मंदी भी आ सकती है।

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उन्होंने संसदीय समिति को बताया कि भारत अंधाधुंध तरीके से टैरिफ कम नहीं करेगा, खासकर उन क्षेत्रों में जो हमारी घरेलू अर्थव्यवस्था के लिए काफी जरूरी हैं। भारत अपने राष्ट्रीय हितों को बनाए रखने के लिए बहुपक्षीय के बजाय द्विपक्षीय तौर पर टैरिफ कटौती पर बातचीत करना पसंद करता है।

ट्रम्प ने कहा था कि भारत हमसे बहुत ज्यादा टैरिफ वसूलता है दरअसल ट्रम्प ने शुक्रवार देर रात कहा था कि भारत हमसे बहुत ज्यादा टैरिफ वसूलता है। आप भारत में कुछ भी नहीं बेच सकते। हालांकि भारत अब अपने टैरिफ में बहुत कटौती करना चाहता है, क्योंकि हम उनके किए की पोल खोल रहे हैं।

उन्होंने कहा- हमारे देश को हर किसी ने लूटा है। लेकिन अब यह बंद हो गया है। मैंने अपने पहले कार्यकाल में इसे बंद करवाया था। अब हम इसे पूरी तरह से बंद करने जा रहे हैं, क्योंकि यह बहुत गलत है। अमेरिका को आर्थिक, वित्तीय और व्यापार की नजर से दुनिया के लगभग हर देश ने लूटा है।

2 अप्रैल से दुनियाभर में जैसे को तैसा टैरिफ लगाएंगे ट्रम्प

ट्रम्प ने 5 मार्च को संसद के जॉइंट सेशन में रिकॉर्ड 1 घंटा 44 मिनट का भाषण दिया था। भाषण की शुरुआत अमेरिका इज बैक, यानी ‘अमेरिका का दौर लौट आया है’ से की थी। उन्होंने कहा था कि उन्होंने 43 दिन में जो किया है वह कई सरकारें अपने 4 या 8 साल के कार्यकाल में नहीं कर पाईं।

उन्होंने कहा था- 2 अप्रैल से अमेरिका में ‘रेसिप्रोकल टैरिफ’ लागू होगा। यानी वे हम पर जितना टैरिफ लगाएंगे, हम भी उन पर उतना ही लगाएंगे। वे हम पर जितना टैक्स लगाएंगे, हम भी उन पर उतना ही टैक्स लगाएंगे। ट्रम्प ने हंसते हुए कहा कि मैं इसे 1 अप्रैल को लागू करना चाहता था, लेकिन फिर लोग इसे ‘अप्रैल फूल’ समझते।

ट्रम्प ने कहा था कि उनके प्रशासन के तहत, अगर कोई कंपनी अमेरिका में अपना प्रोडक्ट नहीं बनाएगी, तो उसे टैरिफ देना होगा। कुछ मामलों में, यह टैरिफ बहुत बड़ा होगा। दूसरे देश अमेरिका पर भारी टैक्स और टैरिफ लगाते हैं, जबकि अमेरिका उन पर बहुत कम लगाता है। यह बहुत अन्यायपूर्ण है। दूसरे देश दशकों से हम पर टैरिफ लगाते आ रहे हैं, अब हमारी बारी है।

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International Drug Mafia Shaun Bhinder; FBI Wanted Arrested By Punjab Police | Tarn Taran | तरनतारन में इंटरनेशनल ड्रग तस्कर गिरफ्तार: अमेरिकी एजेंसी FBI भी थी भिंडर की तलाश में, कोलंबिया से अमेरिका-कनाडा में कोकीन सप्लाई करता था – tarn-taran News

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तरनतारन पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। पुलिस ने अंतरराष्ट्रीय ड्रग माफिया शहनाज सिंह उर्फ ​​शॉन भिंडर को गिरफ्तार किया है, जिसकी तलाश अमेरिकी जांच एजेंसी एफबीआई को भी काफी समय से थी। शहनाज सिंह ड्रग तस्करी करने वाले गिरोह का मुख्य सरगना था, जो कोलंबिया

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डीजीपी गौरव यादव ने बताया कि अमेरिका में उसके कुछ साथियों को गिरफ्तार किया गया है। अमेरिका में अपने साथियों की गिरफ्तारी के बाद शहनाज सिंह भारत भाग गया था, लेकिन पंजाब पुलिस ने उसका पीछा कर उसे गिरफ्तार कर लिया।

पंजाब पुलिस ने अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसियों के सहयोग से इस कार्रवाई को अंजाम दिया। यह कार्रवाई पंजाब सरकार और पुलिस की ड्रग तस्करी और संगठित अपराध के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति को दर्शाती है। पुलिस ने कहा कि पंजाब को ड्रग माफिया और अपराधियों के लिए सुरक्षित पनाहगाह नहीं बनने दिया जाएगा।

अमेरिका में उसके चार सहयोगी पहले ही गिरफ्तार

इससे पहले 26 फरवरी 2025 को अमेरिका में इसके चार साथियों को गिरफ्तार किया गया था:

  • अमृतपाल सिंह उर्फ अमृत उर्फ बल
  • अमृतपाल सिंह उर्फ चीमा
  • तकदीर सिंह उर्फ रोमि
  • सरबजीत सिंह उर्फ साबी
  • फर्नांडो वलादारेस उर्फ फ्रैंको

अमेरिकी अधिकारियों ने इस कार्रवाई के दौरान 391 किलोग्राम मेथामफेटामिन, 109 किलोग्राम कोकीन और चार हथियार जब्त किए थे।

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Lalit Modi Citizenship Controversy; Vanuatu PM Jotham Napat | Passport | भगोड़े ललित मोदी की वानुअतु की नागरिकता रद्द: PM जोथम ने पासपोर्ट कैंसिल करने का आदेश दिया

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पोर्ट विला5 दिन पहले

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ललित मोदी पर 2010 में करप्शन के आरोप लगे थे, इसके बाद वह भागकर लंदन चला गया। - Dainik Bhaskar

ललित मोदी पर 2010 में करप्शन के आरोप लगे थे, इसके बाद वह भागकर लंदन चला गया।

इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) के पूर्व कमिश्नर और भगोड़े ललित मोदी की वानुअतु की नागरिकता रद्द होगी। वानुअतु के प्रधानमंत्री जोथम नापाट ने नागरिकता आयोग को ललित मोदी को जारी पासपोर्ट रद्द करने का आदेश दिया है।

वानुअतु डेली पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक यह फैसला उन रिपोर्ट्स के आधार पर लिया गया है, जिनमें ये दावा किया गया था कि ललित मोदी भारत में प्रत्यर्पण से बचने की कोशिश कर रहा है। इसे लेकर अंतरराष्ट्रीय मीडिया में कई रिपोर्ट्स छपी थीं।

प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) के बयान में कहा गया कि इंटरपोल ने दो बार ललित मोदी के खिलाफ अलर्ट जारी करने से मना कर दिया था। इसके चलते उसके पासपोर्ट आवेदन को रिजेक्ट नहीं किया गया था। उसका बैकग्राउंड जांचने के बाद भी उसे किसी अपराध में दोषी नहीं पाया गया था।

वानुअतु का गोल्डन पासपोर्ट प्रोग्राम ऐसे लोगों के बीच काफी मशहूर है, जो अपने देश से फरार हैं। यहां सिर्फ 1.55 लाख डॉलर यानी करीब 1.3 करोड़ रुपए देकर नागरिकता खरीद सकते हैं।

वानुअतु का गोल्डन पासपोर्ट प्रोग्राम ऐसे लोगों के बीच काफी मशहूर है, जो अपने देश से फरार हैं। यहां सिर्फ 1.55 लाख डॉलर यानी करीब 1.3 करोड़ रुपए देकर नागरिकता खरीद सकते हैं।

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भारत का पासपोर्ट सरेंडर करने के लिए आवेदन किया

वानुअतु की नागरिकता लेने के बाद ललित मोदी ने भारतीय पासपोर्ट को सरेंडर करने के लिए आवेदन किया था। विदेश मंत्रालय ने 7 मार्च को बताया था कि ललित ने लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग में पासपोर्ट जमा किया था।

मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने बताया कि ललित मोदी ने वानुअतु की नागरिकता ले ली है। हम उनके खिलाफ मामले को कानून के अनुसार आगे बढ़ाते रहेंगे।

8 मार्च को X पोस्ट करते हुए ललित मोदी ने लिखा-

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भारत की किसी भी अदालत में मेरे खिलाफ कोई मामला लंबित नहीं है। यह सिर्फ मीडिया की कल्पना है। 15 साल हो गए, लेकिन वे अब भी कहते हैं कि वे मेरे पीछे पड़े हैं।

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भारत से क्यों भागा ललित मोदी?

ललित मोदी 2005 से 2009 तक राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन का अध्यक्ष था। 2008 में उसने IPL शुरू किया। BCCI ने उसे IPL का अध्यक्ष और कमिश्नर बनाया।

2010 में ललित पर IPL में करप्शन के आरोप लगे। ललित ने मॉरीशस की कंपनी वर्ल्ड स्पोर्ट्स को IPL का 425 करोड़ का ठेका दिया था। मोदी पर 125 करोड़ रुपए कमीशन लेने के आरोप लगे। ये भी कहा गया कि उसने दो नई टीमों की नीलामी के दौरान गलत तरीके अपनाए।

2010 में BCCI ने IPL के तीसरे सीजन के फाइनल के तुरंत बाद ललित को सस्पेंड कर दिया। 2010 में ही अंडरवर्ल्ड से धमकियों का हवाला देते हुए ललित मोदी भारत से भाग कर लंदन चला गया। ED ने उसके खिलाफ ‘ब्लू कॉर्नर’ नोटिस जारी किया। उसका पासपोर्ट भी रद्द कर दिया गया।

2011 में BCCI ने अरुण जेटली की अध्यक्षता में एक जांच समिति बनाई। तब के कांग्रेस सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया और तब के BCCI अध्यक्ष एन श्रीनिवासन इसके सदस्य थे। 2012 में ललित मोदी ने कहा कि उसने 2009 के IPL में CSK में इंग्लैंड के ऑलराउंडर एंड्रयू फ्लिंटॉफ को लाने में श्रीनिवासन की मदद की।

ललित लंदन में रह रहा था। उसके खिलाफ IPL में खिलाड़ियों की बोली में हेराफेरी, मनी लॉन्ड्रिंग और विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम यानी FEMA के उल्लंघन का मामला चल रहा है।

ललित लंदन में रह रहा था। उसके खिलाफ IPL में खिलाड़ियों की बोली में हेराफेरी, मनी लॉन्ड्रिंग और विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम यानी FEMA के उल्लंघन का मामला चल रहा है।

12 हजार करोड़ रुपए की कंपनी का मालिक है ललित मोदी

ललित मोदी, मोदी इंटरप्राइजेज का प्रेसिडेंट है। मोदी इंटरप्राइजेज की कुल नेटवर्थ 12 हजार करोड़ रुपए की है। कंपनी एग्रो, टोबैको, पान मसाला, माउथ फ्रेशनर, कन्फेक्शनरी, रिटेल, एजुकेशन, कॉस्मेटिक, एंटरटेनमेंट और रेस्तरां का बिजनेस करती है।

भारत के अलावा मोदी इंटरप्राइजेज का कारोबार मिडिल ईस्ट, वेस्ट अफ्रीका, साउथ-ईस्ट अफ्रीका, साउथ-ईस्ट एशिया, ईस्ट यूरोप, ऑस्ट्रेलिया, साउथ अमेरिका और सेंट्रल अमेरिका तक फैला है।

वहीं मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक ललित मोदी की कुल संपत्ति 4.5 हजार करोड़ रुपए की है। ललित मोदी के पास तीन फेरारी हैं, जिनकी कीमत 15 करोड़ रुपए है।

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ललित मोदी से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें…

आज का एक्सप्लेनर:भारत से भागे ललित मोदी ने वानुअतु की नागरिकता क्यों ली; ज्वालामुखी और भूकंपों वाला देश, आबादी महज कस्बे जितनी

IPL के पूर्व चेयरमैन और भगोड़े ललित मोदी ने भारत की नागरिकता छोड़ने के लिए आवेदन किया है। अब वह छोटे-छोटे द्वीपों के देश वानुअतु का नागरिक बन गया है। प्रशांत महासगार में बसे इस द्वीपीय देश की कुल आबादी 3 लाख है, जो देहरादून जैसे एक शहर की आबादी से भी आधी है। पूरी खबर यहां पढ़ें…

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Canada will send Gujarat’s daughter to space | गुजरात की बेटी को अंतरिक्ष में भेजेगा कनाडा: शॉना पंड्या बोलीं- नवरात्रि-दिवाली मेरे पसंदीदा त्योहार, जलेबी मुझे पसंद है, कनाडा में बहुत भेदभाव सहा – Gujarat News

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डॉ शाना पंड्या के पिता गुजरात के गिर सोमनाथ जिले के कोडिनार के मूल निवासी हैं।

‘भले ही मैं कनाडा में रहती हूं, लेकिन मेरा पालन-पोषण बहुत साधारण तरीके से हुआ है। मैंने अपने पिता को घर पर प्रतिदिन 15 घंटे काम करते देखा है। मां ने भी बहुत मेहनत की है। कनाडा में भी घर पर पूरा दिन गुज्जू का माहौल रहता है।

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हर दिन पूजा-पाठ करती हूं, मंदिर जाती हूं, सभी भारतीय त्योहार मनाती हूं। अब, इससे पहले कि मैं अंतरिक्ष में जाऊं, मैं चाहती हूं कि सुनीता विलियम्स दीदी सुरक्षित धरती पर लौट आएं ताकि हम एक-दूसरे से मिल सकें। आखिर हम दोनों ही पंड्या बेटियां हैं…’

ये शब्द हैं डॉ. शॉना पंड्या के जो कनाडा की पहली कमर्शियल महिला अंतरिक्ष यात्री हैं। शॉना पेशे से डॉक्टर (एम.डी., फिजीशियन) हैं और 2026 के अंत में अंतरिक्ष में उड़ान भरने जा रही हैं। वे सुनीता विलियम्स के बाद दूसरी गुजराती होंगी जो अंतरिक्ष में जाने वाली हैं। उनके पिता मूल रूप से गुजरात के कोडिनार के रहने वाले हैं।

हमने उनसे बातचीत की…

कोडिनार से मुंबई होते हुए कनाडा पहुंचा परिवार

डॉ. शॉना ने गुजराती -अंग्रेजी लहजे में बातचीत शुरू की। उन्होंंने कहा में कनाडा में पैदा हुई, लेकिन मेरे पिता मूल रूप से गुजरात में गिर सोमनाथ जिले के कोडिनार से हैं और मेरी मां मुंबई से हैं। पिताजी ने मुंबई से ग्रेजुएशन किया। उसके बाद कोडिनार में फिजियोथेरेपिस्ट के रूप में काम किया, लेकिन कुछ समय बाद वे नौकरी के लिए मुंबई चले गए। तभी उनकी मुलाकात मेरी मां से हुई और दोनों की शादी हो गई।

शादी के कुछ समय बाद ही मां को कनाडा में ऑफिस मैनेजर की नौकरी मिल गई, इसलिए वे दोनों कनाडा चले गए। पिताजी कनाडा आये और अपना फिजियोथेरेपी क्लिनिक शुरू किया। शुरुआत में वे जब कनाडा गए तो काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। शुरुआत में पिताजी सुबह 7 बजे से रात 10 बजे तक 15 घंटे काम करते थे। इसलिए मुझे बचपन से ही कड़ी मेहनत करना सिखाया गया है।

मेरे माता-पिता दोनों ही कट्टर गुजराती हैं, इसलिए घर में हमेशा गुजराती माहौल रहा। हम अब भी हर पांच साल में मुंबई घूमने आते हैं। इसके अलावा, हम शादी जैसे किसी समारोह में शामिल होने के लिए भी गुजरात जाते हैं।

यह मेरा सपना

अंतरिक्ष यात्री बनने के बारे में शॉना कहती हैं, ‘मेरा बचपन से ही एक सपना था। जब मैं छोटी था तब भी मैं अंतरिक्ष यात्रियों की जीवनियां और किताबें पढ़ा करती थी। उस समय, कनाडा की पहली महिला अंतरिक्ष यात्री रॉबर्टा बोंडार अंतरिक्ष में गयीं। मैं उनसे बहुत प्रेरित हुई। मैंने भी फैसला लिया कि मैं भी बोंडार की तरह मेडिसिन की पढ़ाई करूंगी न्यूरोसाइंटिस्ट बनूंगी, और फिर अंतरिक्ष यात्री बनूंगी।

कॉलेज की पढ़ाई पूरी करने के बाद मैंने इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एस्ट्रोनॉटिकल साइंसेज से मास्टर डिग्री हासिल की। मास्टर्स के बाद मैंने यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी में 3 महीने की इंटर्नशिप की। तभी मैंने फैसला लिया कि अब मैं केवल अंतरिक्ष चिकित्सा पर ही काम करूंगी।

‘एक महिला होने के नाते मुझे बहुत कठिनाइयों का सामना करना पड़ा’

हमने सुना है कि कनाडा में बहुत अधिक नस्लवाद है, तो क्या आपको कभी नस्लवाद का सामना करना पड़ा है? शॉना कहती हैं, ‘मैं कनाडा में न केवल नस्लवाद, बल्कि सेक्सिज्म (महिलाओं के प्रति अन्याय) का भी शिकार रही हूं।’ एक महिला के लिए इस क्षेत्र में इतना आगे बढ़ना बहुत कठिन है। आज भी मैं किसी से कहती हूं, ‘नमस्ते, मैं डॉ. पंड्या तो लोग मुझे आश्चर्य से देखते हैं। हम 2025 में हैं और फिर भी लोग अभी भी यह विश्वास नहीं करते कि एक महिला डॉक्टर बन सकती है।

इन सबके बीच, मैं 2026 से पहले ‘वर्जिन गैलेक्टिक’ के साथ अंतरिक्ष में जाऊंगी। मैं पांच अंतरिक्ष यात्रियों की टीम में एकमात्र महिला हूं। इसलिए यह मेरे लिए बहुत गर्व की बात है।’

जब शॉनाबेन अंतरिक्ष में जाएंगी तो क्या करेंगी?

आप जिस प्रोजेक्ट पर काम करने जा रही हैं उसका मुख्य उद्देश्य क्या है? इसके बारे में बात करते हुए शॉना कहती हैं, ‘हम 2026 के अंत तक IIAS (इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर एस्ट्रोनॉटिकल साइंसेज) के साथ वर्जिन गैलेक्टिक के कमर्शियल स्पेसशिप ‘डेल्टा-क्लास’ में अंतरिक्ष जाएंगे। हम तीन अंतरिक्ष शोधकर्ता इस प्रोजेक्टपर काम कर रहे हैं।

इस अंतरिक्ष यान में 2 पायलट और 6 शोधकर्ता जा सकते हैं। मुझे IIAS02 मिशन के लिए चुना गया है। मुझे वहां क्रू( चालक दल) की महिलाओं के स्वास्थ्य पर शोध करना है। हम उनके तंत्रिका विज्ञान और स्वास्थ्य प्रौद्योगिकी से संबंधित प्रयोग करेंगे। इससे भविष्य में अंतरिक्ष यात्रियों को स्वास्थ्य लाभ हो सकता है।

एक शोध अंतरिक्ष यात्री के रूप में आपका दिन कैसा होता है?

शॉना कहती हैं, ‘मैं सारा दिन अंतरिक्ष चिकित्सा पर ध्यान केंद्रित करती हूं। लेकिन मेरे दो दिन एक जैसे नहीं होते। एक दिन आपको लैब में रिसर्च करना है, अगले दिन आपको अंतरिक्ष चिकित्सा पर काम करना है, अगले दिन आपको एक अंतरिक्ष यात्री के रूप में उड़ान के संचालन की जांच करनी है, और अगले दिन आपको एक चिकित्सक के रूप में रोगियों को देखना है। क्योंकि मैं एक डॉक्टर भी हूं। बहुत व्यस्त हूं लेकिन मुझे यह सब पसंद है।

इन सभी अन्य उपलब्धियों के साथ-साथ, मैं वर्तमान में अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष विज्ञान संस्थान के अंतरिक्ष चिकित्सा समूह के निदेशक के रूप में कार्यरत हूं। जहां हमारा अंतरिक्ष चिकित्सा अनुसंधान चल रहा है। इसके साथ ही हम पहली बार अंतरिक्ष में मनुष्यों पर दवा का प्रयोग करने जा रहे हैं। इसके अलावा, मैं नेशनल रिसर्च इंस्टीट्यूट कनाडा के साथ भी काम कर रही हूं।

मौजूदा दौर में अंतरिक्ष पर्यटन लोकप्रिय हो जाएगा? ​​​​​​​

आप व्यावसायिक तौर पर भी लोगों को अंतरिक्ष की सैर कराने जा रहे हैं, तो क्या आपको लगता है कि मौजूदा दौर में अंतरिक्ष पर्यटन लोकप्रिय हो जाएगा? शॉना कहती हैं, “लोग अब किसी न किसी तरह से अंतरिक्ष में जा रहे हैं, क्योंकि वाणिज्यिक कंपनियां वहां जा सकती हैं।”

कुछ लोग अंतरिक्ष के शून्य गुरुत्वाकर्षण का अनुभव करने और पृथ्वी को बाहर से देखने के लिए पर्यटक के रूप में जाना चाहते हैं, कुछ प्रतियोगिता के लिए जाना चाहते हैं, और कुछ रिसर्च के लिए। हम निश्चित रूप से कह सकते हैं कि निकट भविष्य में अंतरिक्ष पर्यटन बहुत आसान हो जाएगा।

90 मिनट की यात्री होगी

शॉना ने बताया कि उनके अंतरिक्ष यान को अमेरिकी राज्य न्यू मैक्सिको के एक स्पेसपोर्ट से लॉन्च किया जाएगा और यह 80 से 88 किलोमीटर की ऊंचाई तक जाएगा। नासा ने उस रेखा को अंतरिक्ष और पृथ्वी के बीच की सीमा के रूप में परिभाषित किया है। पृथ्वी से उड़ान भरने से लेकर पृथ्वी पर वापस उतरने तक की पूरी यात्रा में 90 मिनट का समय लगेगा।

जिसमें हम कुछ मिनटों के लिए शून्य गुरुत्वाकर्षण और निर्वात का भी अनुभव करेंगे, जहां शोध के लिए आए लोग अपना काम करेंगे और पर्यटन के लिए आए लोगों को वहां से पृथ्वी का सुंदर दृश्य भी देखने को मिलेगा।

डॉ शीना गेलेक्टिक स्पेसशिप में अंतरिक्ष जाएंगी। इसमें 2 क्रू मेंबर्स और 4 रिसर्चर जा सकते हैं।

डॉ शीना गेलेक्टिक स्पेसशिप में अंतरिक्ष जाएंगी। इसमें 2 क्रू मेंबर्स और 4 रिसर्चर जा सकते हैं।

मैं भी इसरो के साथ काम करना चाहूंगी

क्या आप इसरो की गगनयान और चंद्रयान परियोजनाओं से अवगत हैं? शॉना कहती हैं, ‘दोनों परियोजनाएं बहुत रोमांचक हैं। जब मैं इसरो के प्रोजेक्ट्स को देखती हूं तो एक भारतीय होने के नाते मुझे अंदर से बहुत खुशी होती है। मुझे यह जानकर खुशी हुई कि अब भारत भी अंतरिक्ष में मनुष्य भेजेगा। मैं इंतजार कर रही हूं कि कैप्टन शुभांशु शुक्ला गगनयान में कब उड़ान भरेंगे। अगर मुझे मौका मिला तो मैं भविष्य में इसरो के साथ काम करना चाहूंगी।’

क्या आपमें कोई गुजराती या भारतीय भावना है जिसने आपको यहां तक ​​पहुंचने में मदद मिली?

शॉना कहती हैं, ‘हां, बिल्कुल, मुझमें एक भारतीय की तरह कड़ी मेहनत करने का माद्दा है, लेकिन इन सबके साथ ही, मैं अपने परिवार से बहुत ज्यादा जुड़ी हुई हूं। चाहे मेरी उम्र कितनी भी हो जाए, मैं अपने परिवार का सहयोग करना कभी बंद नहीं करूंगी। जो केवल हम भारतीयों में ही देखने को मिलता है।

मेरा लालन-पालन गुजराती रीति-रिवाजों के अनुसार हुआ है, इसलिए मैं पूजा-पाठ, मंदिर जाना और नवरात्रि मनाना समेत सभी काम करती हूं। दिवाली, होली और नवरात्रि मेरे पसंदीदा त्योहार हैं। खाने में जलेबी बहुत पसंद है।

अमेरिका-कनाडा जाने का पागलपन बंद करो।

आपको पता ही होगा कि कनाडा और अमेरिका जाने के लिए भारतीय किसी भी हद तक जा सकते हैं और हाल ही में अमेरिका ने ऐसे कई घुसपैठियों को वापस भी खदेड़ा है। आप उनके बारे में क्या कहना चाहेंगे? क्या वहां जाना सचमुच आपके जीवन में चेंज लाता है? शॉना कहती हैं, ‘यह कुछ भी नहीं है, अगर आपके पास काम करने का जुनून है, तो आप कहीं भी सफल होंगे, चाहे आप भारत में रहें या किसी अन्य देश में।’ जहां हो वहीं रहो और अपने काम पर ध्यान दो।’

अमेरिका-कनाडा जाने का पागलपन बंद होना चाहिए।

अंतरिक्ष में चिकित्सा अनुसंधान का उद्देश्य क्या है?

यदि आप चिकित्सा क्षेत्र से हैं, तो आप उस क्षेत्र में कैसे उपयोगी हो सकते हैं? डॉ.शॉना कहती हैं, ‘जब हम अंतरिक्ष में जाते हैं तो सबसे बड़ा परिवर्तन हमारे शरीर में होता है। कई बीमारियां भी हो जाती हैं। मनुष्यों को इन सब से सुरक्षित रखने के लिए हमें अंतरिक्ष में दवा की जरूरत है। इसके अलावा, अंतरिक्ष में जीवित रहने तथा हाई रेडिएशन और अन्य चीजों से बचने के लिए बहुत अधिक इलाज की जरूरत होती है।

दुनिया में केवल 12-15% महिला अंतरिक्ष यात्री

डॉ. शॉना कहती हैं, ‘मैं अभी कनाडा की पहली व्यावसायिक महिला अंतरिक्ष यात्री के बजाय एक गुजराती महिला अंतरिक्ष यात्री के रूप में पहचानी जाना पसंद करूंगी। मैं विशेष रूप से लड़कियों से कहना चाहूंकि यदि आप किसी चीज में प्रथम हैं तो कभी भी डरें नहीं। आएं शुरू करें। विश्व में केवल 12-15% अंतरिक्ष यात्री महिलाएं हैं। लेकिन मैंने ऐसा किया और अब आप देख सकते हैं कि मैं कहां हूं। चाहे आप किसी भी क्षेत्र में हों, आप अंतरिक्ष में जा सकते हैं। हमें अभी भी कई महिलाओं को अंतरिक्ष में ले जाना है।

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