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Donald Trump Microphone News: Donald Trump के चेहरे से टकराया Microphone, Video हुआ Viral Social Media पर उठे Security सवाल

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Donald Trump Mic: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें एक रिपोर्टर का माइक उनके चेहरे से टकरा गया. ट्रंप ने इसे हंसी में टालने की कोशिश की, लेकिन नाराजगी साफ दिखी.

डोनाल्ड ट्रंप के चेहरे से एक माइक टकरा गया. (सांकेतिक फोटो/Reuters)
हाइलाइट्स
- डोनाल्ड ट्रंप के मुंह से माइक टकराया
- माइक की टक्कर पर लोगों ने सवाल उठाए
- कई लोगों ने ड्रग्स और जहर की आशंका जताई
वॉशिंगटन: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप किसी न किसी कारण से आए दिन चर्चा में रहते हैं. इस बार पत्रकारों से बातचीत के दौरान उनका एक वीडियो वायरल हो रहा है. दरअसल डोनाल्ड ट्रंप शुक्रवार को पत्रकारों से बात कर रहे थे, तभी एक रिपोर्टर का माइक ट्रंप के चेहरे से टकरा गया. ट्रंप ने इस घटना को हंसी में टालने की कोशिश की, लेकिन उनके चेहरे पर नाराजगी साफ दिख रही थी. जॉइंट बेस एंड्रयूज में एक महिला रिपोर्टर के सवाल का जवाब देते हुए यह घटना हुई. माइक का आकार काफी बड़ा था जो ट्रंप के सीधे होंठ पर जा लगा. इस घटना के बाद लोगों ने सोशल मीडिया पर ट्रंप की सुरक्षा से जुड़े सवाल उठाए.
जब माइक ट्रंप के मुंह से टकराया तो उनसे गाजा पट्टी को लेकर सवाल पूछा जा रहा था. ट्रंप ने हंसकर सवाल से बचते हुए कहा,’उसने आज एक बड़ी खबर बना ली है. यह आज रात की सबसे बड़ी खबर बन गई है. है न?’ ट्रंप ने अपने बातचीत के लहजे से यह भी बताने की कोशिश की कि वह खुश नहीं हैं. उन्होंने हंसते हुए अपने एक सहयोगी से पूछा, ‘क्या तुमने देखा?’ एक्स पर एक यूजर ने वीडियो पोस्ट किया, जिसे अब तक 11 लाख से ज्यादा बार देखा जा चुका है. पोस्ट करने के कुछ ही मिनट बाद यह वायरल हो गया.
A reporter just shoved a microphone into Trump’s face.
“She just became a big story tonight… did you see that?” pic.twitter.com/CGw61TjseW
— Gunther Eagleman™ (@GuntherEagleman) March 14, 2025
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ट्रंप के टैरिफ वॉर से दुनिया हिली, अब अमेरिका बहाएगा खून के आंसू, अमेरिकी राष्ट्रपति ने दिए ऐसे संकेत

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अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने व्यापार शुल्क के बीच अमेरिकी मंदी की संभावना को खारिज नहीं किया. उन्होंने कहा कि ‘मुझे भविष्यवाणी करना पसंद नहीं है.’ ट्रंप ने अपनी शुल्क नीति पर हालिया शेयर बाजार की अस्थ…और पढ़ें

टैरिफ वॉर के कारण अमेरिका में मंदी आ सकती है. (Image:AP)
हाइलाइट्स
- डोनाल्ड ट्रंप ने इस साल अमेरिकी इकोनॉमी में मंदी की संभावना से इनकार नहीं किया.
- संभावना है कि टैरिफ वॉर से अमेरिका में महंगाई और बढ़ सकती है.
- ट्रंप ने भविष्यवाणी की कि उनके आर्थिक लक्ष्यों को पूरा होने में समय लगेगा.
वाशिंगटन. अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस संभावना को खारिज करने से इनकार कर दिया कि इस साल अमेरिकी इकोनॉमी मंदी की ओर बढ़ सकती है और महंगाई बढ़ सकती है. क्योंकि उनकी अव्यवस्थित व्यापार शुल्क नीति अनिश्चितता और बाजार में उथल-पुथल पैदा कर रही है. अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने भविष्यवाणी की कि उनके आर्थिक लक्ष्यों को पूरा होने में समय लगेगा और एक संक्रमण काल की आवश्यकता होगी. लेकिन जब उनसे फॉक्स न्यूज शो संडे मॉर्निंग फ्यूचर्स में पूछा गया कि ‘क्या आप इस साल मंदी की उम्मीद कर रहे हैं?’ तो उन्होंने टालमटोल किया.
ट्रंप ने कहा कि ‘मुझे ऐसी चीजों की भविष्यवाणी करना पसंद नहीं है. यह एक संक्रमण काल है, क्योंकि जो हम कर रहे हैं वह बहुत बड़ा है. हम अमेरिका में संपत्ति वापस ला रहे हैं. यह एक बड़ी बात है. और हमेशा ऐसे समय होते हैं, इसमें थोड़ा समय लगता है. इसमें थोड़ा समय लगता है, लेकिन मुझे लगता है कि यह हमारे लिए बहुत अच्छा होना चाहिए.’ जब उनसे पूछा गया कि क्या उन्हें लगता है कि उनके अमेरिकी आयात पर शुल्क महंगाई को बढ़ावा देंगे, तो उन्होंने कहा कि ‘आपको यह देखने को मिल सकता है.’
डोनाल्ड ट्रंप ने कनाडा, मैक्सिको और चीन से निर्यात पर अपनी शुल्क नीति पर टालमटोल के बाद शेयर बाजार की हालिया अस्थिरता को कम करके आंका. गौरतलब है कि पिछले हफ्ते अटलांटा फेडरल रिजर्व ने सुझाव दिया कि अमेरिकी अर्थव्यवस्था पहले तिमाही में मंदी की ओर बढ़ रही है. जिससे डर पैदा हो गया कि अगर कमजोरी बनी रही तो दुनिया की सबसे बड़ी इकोनॉमी में मंदी आ सकती है और शेयर बाजार में घबराहट बढ़ सकती है.
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इस बीच अमेरिकी वाणिज्य मंत्री हॉवर्ड लुटनिक ने इस चिंता को खारिज कर दिया कि ट्रंप के वैश्विक शुल्क की संभावना अमेरिका में मंदी का कारण बनेगी. उन्होंने कहा कि ‘बिल्कुल नहीं, अमेरिका में कोई मंदी नहीं होगी.’ लुटनिक ने कहा कि ‘जो कोई भी डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ दांव लगाता है, यह उन लोगों की तरह है जिन्होंने सोचा था कि डोनाल्ड ट्रंप एक साल पहले नहीं जीतेंगे … आप अगले दो वर्षों में अमेरिका से सबसे बड़ी विकास दर देखेंगे … मैं कभी भी मंदी पर दांव नहीं लगाऊंगा, कोई मौका नहीं.’
March 10, 2025, 17:59 IST
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खत्म हो जाएगी दुनिया, कुछ भी नहीं बचेगा, डोनाल्ड ट्रंप ने कर दी बड़ी भविष्यवाणी, बाबा वेंगा की बात होगी सच?

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बाबा वेंगा और निकोलस औजुला की भविष्यवाणियों से अलग अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक अजीबोगरीब भविष्यवाणी की है. उन्होंने कहा, हमारे पास इतने परमाणु हथियार हैं, जिनसे कल भयानक तबाही मचाई जा सकती…और पढ़ें

डोनाल्ड ट्रंप ने धरती पर तबाही की भविष्यवाणी कर दी है.
हाइलाइट्स
- अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने परमाणु हथियारों को विशालकाय राक्षस बताया.
- कहा-हमारे पास इतने हथियार कि धरती को 100 बार तबाह करने की क्षमता है.
- ट्रंप ने दी चेतावनी, जो हालात बन रहे हैं उससे परमाणु युद्ध कल भी संभव है.
दुनिया में तबाही की बाबा वेंगा की भविष्यवाणियां आपने सुनी होंगी. वे कह चुके हैं कि 2025 तबाही का साल होगा. लेकिन अब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ऐसी भविष्यवाणी कर दी है, जो डराने वाली है. ट्रंप ने कहा कि परमाणु बम मानवता के लिए खतरा हैं. अगर इन राक्षसी हथियारों का इस्तेमाल हुआ तो दुनिया का अंत हो जाएगा. इतना विनाशकारी होगा कि आप कल्पना भी नहीं कर सकते.
फॉक्स न्यूज के संडे मॉर्निंग फीचर्स को दिए इंटरव्यू में ट्रंप ने कहा, हम परमाणु हथियारों पर बहुत पैसा खर्च करते हैं, लेकिन इनके विनाश का स्तर आपकी कल्पना से परे है. यह बुरी बात है कि आपको इस पर इतना पैसा खर्च करना पड़ता है. हम इन चीजों पर पैसे खर्च कर रहे हैं, जो शायद दुनिया का अंत कर सकते हैं. ट्रंप ने कहा, परमाणु हथियारों से इतनी तबाही मच सकती है जितनी जलवायु परिवर्तन से भी नहीं मच सकती.
ट्रंप ने बताया विशालकाय राक्षस
लेकिन सबसे बड़ी बात, ट्रंप ने इस बात की चेतावनी दी कि परमाणु हमला सिर्फ कल्पना नहीं है, यह कल भी हो सकता है. ट्रंप ने कहा, मैंने बाइडेन को सालों तक यह कहते सुना है कि अस्तित्व के लिए सबसे बड़ा खतरा जलवायु परिवर्तन है, लेकिन मैं कहता हूं कि नहीं. सबसे बड़ा खतरा विभिन्न देशों में रखे ‘परमाणु हथियार’ हैं. ये ऐसे विशालकाय राक्षस हैं जो मीलों दूर से आपके शहर को तबाह कर सकते हैं’. ट्रंप ने ये भी संकेत दिए कि वे दुनिया में परमाणु हथियारों की संख्या कम करना चाहते हैं.
पूरी दुनिया को 100 बार तबाह करने की क्षमता
पिछले महीने ही ट्रंप ने कहा था कि वे परमाणु हथियारों को कम करने पर चीन और रूस के साथ बात करना चाहते हैं. व्हाइट हाउस में उन्होंने कहा था, हमारे पास पहले से ही इतने सारे हथियार हैं, हमें नए परमाणु हथियार बनाने की ज़रूरत नहीं है’. हमारे पास इतने परमाणु बम हैं कि हम दुनिया को 50 बार, 100 बार तबाह कर सकते हैं. इसके बावजूद हम और परमाणु हथियार बनाए जा रहे हैं. हम सब बहुत सारा पैसा खर्च कर रहे हैं, जिसे हम दूसरी चीज़ों पर खर्च कर सकते हैं.
किसके पास कितने हथियार
अमेरिका के पास इस समय 5,177 परमाणु हथियार हैं, जिनमें से 1,477 को नष्ट किया जाना है. आप जानकर हैरान होंगे कि 1960 के दशक के अंत में अमेरिका के पास सबसे ज़्यादा 31,255 परमाणु हथियार थे. रूस के पास लगभग 5,600 परमाणु हथियार हैं. तीसरे स्थान पर चीन है, जिसके पास लगभग 350 परमाणु हथियार हैं. इस हफ्ते की शुरुआत में चीन ने घोषणा की कि वह अपने रक्षा बजट को 7.2% बढ़ाने जा रहा है. इसके बाद डर है कि चीन कहीं और परमाणु बम न बना रहा हो.
New Delhi,New Delhi,Delhi
March 10, 2025, 19:56 IST
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SIPRI रिपोर्ट: अमेरिका सबसे बड़ा हथियार निर्यातक, यूक्रेन सबसे बड़ा आयातक

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SIPRI REPORT: यूक्रेन पर नए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की विदेश नीति इस हथियारों की रेस पर फुलस्टॉप लगा सकती है. यूक्रेन 2020-2024 के बीच दुनिया के टॉप 10 हथियार आयातक देशों में इकलैता यूरोपीय देश था. रिपोर्ट मे…और पढ़ें

अमेरिका ने खूब बेचे हथियार
हाइलाइट्स
- यूक्रेन 2020-2024 में सबसे बड़ा हथियार आयातक रहा.
- अमेरिका दुनिया का सबसे बड़ा हथियार निर्यातक बना.
- भारत ने आत्मनिर्भरता के चलते हथियार आयात में कटौती की.
SIPRI REPORT: पिछले 3 साल से ज्यादा से रूस और यूक्रेन का युद्ध चल रहा है. 2 फरवरी 2022 को शुरू हुई यह जंग इतनी लंबी खीचने की कूबत अकेले यूक्रेन की नहीं थी. अमेरिका और नॉटो देश लगातार हथियार देते रहे और जंग को आगे बढ़ती रही. जब जंग का मौहोल दुनिया भर में है तो वह देश भी अपने हथियारों के जखीरे को बढ़ाते रहे. खास तौर पर अमेरिका और इनके समर्थित देश. यूरोप के देश इसमें शामिल हैं. और जैसा सबसे सोचा था वही हुआ. अमेरिका की हथियार कंपनियों की चांदी हो गई. स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI) का एक रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ है कि अमेरिका दुनिया का सबसे बड़ा हथियारों का एक्पोर्टर बन गया. इन चार साल में यूक्रेन सबसे बड़ा खरीदार बन गया. यूक्रेन ने 2015 से लेकर 2019 तक जितना हथियार की खरीद की 2020 से 2024 तक इसकी खरीद 100 फीसदी से ज्यादा बढ़ गई.
हथियार एक्सपोर्ट का लगभग 9 प्रतिशन यूक्रेन को गया है
दुनिया के 35 देशों ने यूक्रेन को हथियारों से उसकी मदद की. जिसमें सबसे आगे है अमेरिका. दुनिया के कुल आयात का 8.8 फीसदी यूक्रेन को मिली. इसमें सबसे ज्यादा अमेरिका की तरफ से 45 फीसदी, जर्मनी की तरफ से ने 12 फीसदी और पोलैंड ने 11 फीसदी हिस्सेदारी रही. यूक्रेन साल 2020-24 के दौरान दुनिया के 10 हथियार खरीदने वाले देशों में टॉप पर रहा.
यूरोपीय NATO सदस्य देशों ने जमकर खरीदे हथियार
साल 2015–2019 और 2020–2024 के बीच यूरोप के NATO सदस्य देशों के हथियारों के खरीद में 105 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज हुई. इस खरीद का सबसे बडा हिस्सा अमेरिका से किया गया. अमेरिका ने इन हथियारों का कुल 64 फीसदी सप्लाई की. यह साल 2015–2019 के मुकाबले काफी ज्यादा था. यूरोप के देशों को हथियारों की बिक्री करने वाले बाकी देशों में 6.5-6.5 फीसदी हिस्सा फ्रांस और दक्षिण कोरिया, 4.7 प्रतिशत जर्मनी और 3.9 फीसदी इजराइल का रहा. इसके अलावा कई यूरोपीय देशों ने इस टाइम पीरियड में अपने हथियार खरीद में जबरदस्त बढ़ोतरी की. रूस यूक्रेन के बीच उसकी मदद कर रहे देशों पर भी जंग का खतरा कभी भी मंडरा सकता है. इसलिए उन देशों ने खुद को मजबूत किया.
भारत ने विदेशों से खरीद की कम
आत्मनिर्भर भारत मुहीम के चलते अब भारत अब धीरे धीरे हथियारों के खरीद में कटौती कर रहा है. भारत हथियारों के खरीद में कभी दूसरे नंबर पर हुआ करता था. SIPRI की रिपोर्ट के मुताबाक
इस खरीद की वजह चीन और पाकिस्तान की दोहरी चुनौती थी. पिछले 4 साल में दुनिया भर के कुल हथियारों के खरीद का 8.3 फासदी भारत का रहा. यह साल 2015 से 2019 में 9.1 प्रतिशत था. तकरीबन 9.3 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है. यह एक अच्छा संकेत है भारत के आत्मनिर्भर मुहीम के लिए. साल 2020 से 2024 के बीच भारत के रक्षा खरीद का सबसे बड़ा 36 फीसदी हिस्सा रूस से हुआ. यह प्रतिशत साल 2015-19 के दौरान 55 प्रतिशत तो और साल 2010- 2014 के बीच 72 प्रतिशत रहा था. रूस के बाद 33 फीसदी खरीद फ्रांस और 13 प्रतिशत इजरायल से किया गया. पाकिस्तान में हथियारों के खरीद में भी जबरदस्त बढ़ोतरी हुई. चीन से पाकिस्तान ने 81 फीसदी अपनी हथियार खरीद की है. पाकिस्तान चीन का प्रमुख खरीदार बन गया. साल 2015 से 2019 के बीच यह खरीद 74 प्रतिशत था.
March 10, 2025, 20:08 IST
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