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पर्यावरण को देखते हुए दिल्ली के रहने वाले सौरभ मेहता ने 2018-19 में अपनी पत्नी शिवानी मेहता के साथ मिलकर इस पेन के स्टार्टअप की शुरुआत की थी. इसके बाद उन्होंने 2021 में कंपनी रजिस्टर भी कर ली.

दिल्ली के इस कपल ने की अनोखी शुरूआत, पेन के प्लास्टिक से दिला रहे निजात,
गौहर/ दिल्ली: आज के समय में अगर आप कहीं भी पेन खरीदेंगे, तो आपको प्लास्टिक वाला ही पेन मिलेगा. कुछ ही जगहें ऐसी होंगी, जहां पर बायोडिग्रेडेबल पेन मिल सकता है. यह एक ऐसा पेन है, जिसमें ना के बराबर प्लास्टिक होता है, जिससे पर्यावरण पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है. इसी को देखते हुए दिल्ली के रहने वाले सौरभ मेहता ने 2018-19 में अपनी पत्नी शिवानी मेहता के साथ मिलकर इस पेन के स्टार्टअप की शुरुआत की थी. इसके बाद उन्होंने 2021 में कंपनी रजिस्टर भी कर ली. कंपनी इसी साल 5 जून को वर्ल्ड एनवायरमेंटल डे वाले दिन ही अपने बायोडीग्रेडेबल पेन को लॉन्च करने की तैयारी में है.
पेपर पेन से निकाला समाधान
सौरभ ने लोकल18 को बताया कि 70 साल पहले जो पेन बना होगा, वह आज भी धरती पर कहीं ना कहीं पड़ा होगा. इसपर किसी का भी ध्यान नहीं है और यही प्लास्टिक आने वाले कुछ वर्षों में धरती पर नॉन बायोडिग्रेडेबल प्लास्टिक की मात्रा और भी ज्यादा बढ़ा देगा. उन्होंने इस समस्या को देखते हुए इसका समाधान पेपर पेन के रूप में बनाया है. यह पेन प्लास्टिक की जगह पेपर से बना हुआ है. पेन में मुश्किल से 5 फीसदी हिस्सा ही काम का होता है. दरअसल ये 5 फीसदी हिस्सा पेन की नीब और उसकी स्याही है. बाकी रीफिल से लेकर पेन की बॉडी तक, सारा प्लास्टिक का होता है, जो पेन के 95 फीसदी हिस्से के बराबर होता है.
क्या थी सबसे बड़ी मुश्किल
सौरभ ने Local18 को बताया कि पेपर पेन बनाते हुए उन्हें ज्यादा मुश्किल का सामना नहीं करना पड़ा था. लेकिन जब वह पेन की रिफिल बना रहे थे, तो उन्हें सबसे ज्यादा मुश्किल आ रही थी. मगर फिर करीब 4 साल की रिसर्च के बाद उन्होंने एक ऐसा तरीका खोज निकाला, जिससे रीफिल से भी प्लास्टिक हटाई जा सके. उन्होंने एक खास तकनीक से पेपर से रीफिल बनाई. इसमें अंदरूनी सतह पर वेजिटेबल ऑयल लगा होता है, जिसके चलते इंक बाहर नहीं आती. यह वेजिटेबल ऑयल एक बैरियर का काम करता है. यह पेन दिखने और चलने में बिल्कुल रेगुलर पेन जैसा होता है, लेकिन अच्छी बात ये है कि इससे इंक लीक नहीं होता है.
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16 लाख रुपये की फंडिंग
सौरभ ने यह भी बताया कि उनके स्टार्टअप को भारत सरकार की तरफ से चलाई जा रही स्टार्टअप इंडिया सीड फंड स्कीम के तहत करीब 16 लाख रुपये का ग्रांट मिला है. इन पैसों का इस्तेमाल कंपनी ने प्रोडक्ट डेवलपमेंट में किया. अभी तक ये स्टार्टअप बूटस्ट्रैप्ड है, लेकिन आने वाले वक्त में और भी ज्यादा मदद की जरूरत होगी. जिसके लिए वह फंडिंग भी जुटाएंगे. वह चाहते हैं कि इस मार्केट के बड़े प्लेयर भी उनके साथ इस काम को आगे बढ़े, ताकि वह एनवायरनमेंट के प्रति थोड़ा योगदान दे सके और बायोडिग्रेडेबल स्टेशनरी आइटम्स और इस तरह के पेपर पेन और भी ज्यादा बना सके.
दिल्ली के इस कपल ने की अनोखी शुरुआत, पेन के प्लास्टिक से दिला रहे निजात
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Realme P3 Ultra Price 2025; Features | AMOLED Display Sony Camera Details | रियलमी P3 अल्ट्रा 19 मार्च को लॉन्च होगा: मीडियाटेक डाइमेंसिटी 8350 प्रोसेसर, 6000mAh बैटरी और 50MP सोनी कैमरा; प्राइस ₹25,000 तक

मुंबई1 घंटे पहले
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टेक कंपनी रियलमी बुधवार (19 मार्च) को बजट सेगमेंट में नया स्मार्टफोन ‘रियलमी P3 अल्ट्रा’ लॉन्च करने जा रही है। पावर बैकअप के लिए फोन में 80W चार्जिंग सपोर्ट के साथ 6000mAh बैटरी और 50 मेगापिक्सल सोनी IMX896 OIS कैमरा मिलेगा।
कंपनी ने कंफर्म किया है कि परफॉरमेंस के लिए स्मार्टफोन में मीडियाटेक डाइमेंसिटी 8350 चिपसेट मिलेगा। इसमें 12GB तक रैम और 256GB तक स्टोरेज का ऑप्शन मिलेगा।
उम्मीद है कंपनी P3 अल्ट्रा को तीन स्टोरेज वैरिएंट 8GB+128GB, 8GB+256GB और 12GB+256GB में लॉन्च कर सकती है। भारतीय मार्केट में स्मार्टफोन की कीमत 25,000 रुपए तक होगी।
रियलमी P3 अल्ट्रा: डिजाइन
कंपनी का दावा है कि स्मार्टफोन में सबसे पतला 0.738 सेंटीमीटर का 1.5k क्वाड कर्व्ड डिस्प्ले मिलेगा। इसके बैक पैनल पर कैमरा मॉड्यूल में कॉस्मिक रिंग डिजाइन मिलेगा, जो दो कलर- नेपच्यून ब्लू औरओरियो रेड ऑप्शन में स्मार्टफोन को लग्जरी लुक देगा।

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एक महीने पहले यानी 18 फरवरी को रियलमी ने P3 सीरीज से दो स्मार्टफोन रियलमी P3 प्रो और रियलमी P3 x 5G लॉन्च किया था।
इनके भी प्राइस और स्पेसिफिकेशन जान लीजिए…
रियलमी P3 प्रो | रियलमी P3 x |
8GB+128GB : ₹23,999 8GB+256GB : ₹24,999 12GB+256GB : ₹26,999 |
6GB+128GB : ₹13,999 8GB+128GB : ₹14,999 |
रियलमी P3 प्रो और रियलमी P3 x 5G : डिटेल्ड स्पेसिफिकेशन
- डिस्प्ले : रियलमी P3 प्रो 5G में 120Hz रिफ्रेश रेट वाला 6.83 इंच का क्वाड कर्व्ड AMOLED डिस्प्ले दिया गया है, जिसका रेजोल्यूशन 2392 ×1080 पिक्सल है। वहीं, P3 x में 120Hz रिफ्रेश रेट वाला 6.7 इंच LCD डिस्प्ले दिया गया है।
- कैमरा : P3 प्रो के बैक पैनल पर LED फ्लैश लाइट के साथ 50 मेगापिक्सल का सोनी IMX896 प्राइमरी सेंसर और ऑप्टिकल इमेज स्टेबलाइजेशन दिया गया है। सेल्फी और और वीडियो कॉलिंग के लिए 16 MP का सोनी IMX480 सेंसर दिया गया है। जबकि P3 x में 50 मेगापिक्सल रियर कैमरा के साथ 8 मेगापिक्सल का सेल्फी कैमरा दिया गया है।
- बैटरी और चार्जिंग : रियलमी P3 प्रो 5G में 6000mAh की बैटरी दी गई है। इसके साथ 80W का चार्जर कंपनी दे रही है। वहीं, P3 x में समान बैटरी के साथ 45W का चार्जर मिल रहा है।
- प्रोसेसर और OS: परफॉर्मेंस के लिए रियलमी P3 प्रो में क्वॉलकॉम स्नैपड्रैगन 7S जेन 3 चिपसेट दिया गया है। वहीं P3 x में मीडियाटेक डाइमेंसिटी 6400 चिपसेट मिल रहा है। दोनों एंड्रॉयड 15 पर बेस्ड कंपनी की रियलमी UI 6.0 पर रन करते हैं।


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गर्मी में जादू है ये पौधा, घटा देगा घर का तापमान, उमस का है दुश्मन, एक बार लगाकर कई साल के लिए हो जाएं फ्री

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अगर आप गर्मी से परेशान हैं तो सिर्फ कूलर, एसी के भरोसे मत रहिए. आप गमलों में कुछ ऐसे पौधे लगा सकते हैं जो प्राकृतिक रूप से आपके घर की हवा को शुद्ध करने के साथ ही तापमान को भी कम करने का काम करते हैं.

घर का तापमान घटाने के लिए आप स्नेक प्लांट लगा सकते हैं.
Best houseplant for Summer: अप्रैल के महीने में भीषण गर्मी के साथ लू चलना शुरू हो गई है. ऐसी तपती गर्मी से बचने के लिए लोग पंखा, एसी, कूलर से लेकर तमाम तरह के इंतजाम करते हैं. कोशिश करते हैं कि कैसे भी घर के अंदर का तापमान कम हो जाए और ठंडा महसूस हो लेकिन आपको बता दें कि कितने भी आर्टिफिशियल तरीके अपना लीजिए, प्राकृतिक चीजों की बराबरी नहीं हो सकती. बड़े-बड़े पेड़ ही नहीं, गमलों में उगाए जाने वाले पौधे भी इनसे इक्कीस ही साबित होते हैं. आज हम आपको एक ऐसे पौधे के बारे में बताने जा रहे हैं जो गर्मी में जादू की तरह काम करता है. छोटे से गमले में उगाया जाने वाला ये पौधा आपके घर को कूल-कूल बनाए रखने की ताकत रखता है.
दिखने में भी बेहद सुंदर ये पौधा कभी अफ्रीकी देशों में पाया जाता था, लेकिन इसके फायदे इतने कमाल के हैं कि अब यह भारत में भी आसानी से और बहुतायत में उगाया जाता है. यहां तक कि बड़े-बड़े इंटीरियर डिजाइनर्स से लेकर हॉर्टीकल्चर एक्सपर्ट तक इस पौधे की विशेषताओं के चलते इसे इनडोर लगाने की सलाह देते हैं.
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प्लांट है स्नेक प्लांट यानि कि सांप का पौधा. इसका नाम स्नेक प्लांट इसलिए भी है क्योंकि इसकी पत्तियों पर वाइपर सांप के शरीर जैसी डिजाइन छपी होती है. स्नेक प्लांट को लेकर ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ आयुर्वेद की ओर से दी गई जानकारी में बताया गया कि इस पौधे की देखभाल बहुत आसान है. इसमें ज्यादा पानी, खाद की भी जरूरत नहीं होती और इसे आसानी से इनडोर प्लांट के रूप में लगाया जा सकता है.
इस पौधे में कुछ खासियतें होती हैं, जैसे अन्य गहरे रंग की पत्तियों वाले पौधों में होती हैं. यह हवा को प्यूरिफाई करता है, हवा में से जहरीले प्रदूषण तत्वों को हटाता है. इसे घर में लगाने पर सांस लेने के लिए लोगों को शुद्ध हवा मिलती है. यह एक नेचुरल ह्यूमिडिफायर है. यानि कि उमस को कम करता है. इतना ही नहीं अगर इसे कमरे या घर में कई गमलों में लगाया जाए तो यह तापमान को भी कुछ हद तक मेनटेन करने का काम करता है.
प्रदूषण के खिलाफ काम करने वाला ये पौधा एलर्जिक तत्वों को भी सोख लेता है. यह मानसिक स्वास्थ्य और शांति में कारगर है. इसकी खूबसूरती की वजह से भी इसे देखकर अच्छा महसूस होता है. इसके अलावा इसे लेकर कई तरह वास्तु संबंधी बातें भी सामने आती हैं. जिसमें इसकी पत्तियों की डिजाइन की वजह से इसे लकी पौधा माना जाता है.
हालांकि एक्सपर्ट की मानें तो आप गर्मी के मौसम में अपने घर में स्नेक प्लांट लगा सकते हैं और इसके जादुई असर को महसूस भी कर सकते हैं. खास बात है कि यह पौधा एक बार लगाने पर करीब 10-12 साल तक लिए आसानी से चलता रहता है. इसमें ज्यादा मेहनत करने की भी जरूरत नहीं होती. कई बार यह 20 साल तक भी जिंदा रह लेता है.
Noida,Gautam Buddha Nagar,Uttar Pradesh
April 23, 2024, 13:06 IST
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अतुल राय ने Local18 टीम से बात करते हुए कहा इस कंपनी ने एक जार्विस (JARVIS) नाम का ऐसा AI सॉफ्टवेयर बनाया है, जिसकी मदद से अभी तक 30 हजार क्रिमिनल पकड़े जा चुके हैं और 18 टेररिस्ट मॉड्यूल बस्ट भी किए जा चुके है…और पढ़ें

30 हजार क्रिमिनल्स और 18 टेररिस्ट मॉड्यूल बस्ट करने वाला हिंदुस्तानी सोफ्टवेयर
गौहर/ दिल्ली: इस तकनीकि युग में AI अपने पैर लगातार पसार रहा है. ऐसा कोई क्षेत्र नहीं बचा जिसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल ना किया जाता हो. इसपर विश्वभर के कई वैज्ञानिक भी दिन रात मेहनत कर रिसर्च कर रहे हैं. ऐसा ही दिल्ली एनसीआर की एक Staqu Technologies नाम की कंपनी ने कुछ अलग करके दिखाया है. आपको बता दें कि इस कंपनी ने ऐसा AI सॉफ्टवेयर तैयार किया है, जिसके आगे अपराधी से लेकर आतंकी तक थर-थर कांपते हैं. आइए इस सॉफ्टवेयर के बारे में विस्तार से जानते हैं.
Staqu Technologies कंपनी की स्थापना अतुल राय ने 2015 में की थी, जो कि इस कंपनी के को-फाउंडर हैं. उन्होंने Local18 टीम से बात करते हुए कहा इस कंपनी ने एक जार्विस (JARVIS) नाम का ऐसा AI सॉफ्टवेयर बनाया है, जिसकी मदद से अभी तक 30 हजार क्रिमिनल पकड़े जा चुके हैं और 18 टेररिस्ट मॉड्यूल बस्ट भी किए जा चुके हैं. उन्होंने कहा उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स भी इस सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करती है. यूपी में लगे सीसीटीवी कैमरों के साथ इस सॉफ्टवेयर को इंस्टॉल किया गया है. इसकी मदद से अपराध और अपराधियों पर लगाम लगाई जा रही है. उन्होंने आगे बताया इसकी डिमांड मध्य ईस्ट के कई देशों में भी की जा रही है. यहां तक की न्यूयॉर्क और लंदन जैसे शहरों में इसे मंगवाया जा रहा है. अतुल ने बताया स्टारबक्स, रेमंड समेत कई बड़ी कंपनियां भी अपना कस्टमर डेटाबेस बनाने के लिए इस्तेमाल कर रही हैं.
कैसे काम करता है सॉफ्टवेयर
उन्होंने बताया यह सॉफ्टवेयर अपराधियों से संबंधित सीसीटीवी फीड, तस्वीरों और ऑडियो जैसे किसी डेटा को सुरक्षा एजेंसियों को तुरंत जानकारी देता है. इस सॉफ्टवेयर के माध्यम से अपराधियों से जुड़ी हर जानकारी प्राप्त कर सकेंगे. इसके साथ यह भी बता देगा कि कौन से क्षेत्र में कौन सा अपराधी घूम रहा है. इसके अलावा, यदि कोई व्यक्ति किसी गाड़ी पर कोई गलत नंबर प्लेट लगाकर चला रहा है, तो इसके माध्यम से पता लग जाता है. उन्होंने आगे बताया कि अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन के दौरान भी सर्विलांस के लिए इसी सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया गया था. अगर किसी भी जगह पर संदिग्ध गतिविधि हो रही है या फिर कोई संदिग्ध व्यक्ति उस जगह पर हो तो यह सॉफ्टवेयर तुरंत ही एक रियल टाइम अलर्ट जारी कर देगा.
जानें कितने में बना सॉफ्टवेयर
अतुल ने आगे जानकारी देते हुए कहा इसे बनाने के लिए 15 से 16 करोड रुपए तक खर्च कर चुके हैं. लेकिन इस साल 20 करोड रुपए तक कमा भी चुके हैं. उन्होंने कहा अगले 5 साल तक लक्ष्य करीबन 500 करोड़ तक कमाना है और भरोसा भी जताया है कि यह कर भी लेंगे.
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