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Central government’s conditions before Starlink’s entry | स्टारलिंक की एंट्री से पहले केंद्र ने शर्तें रखीं: भारत में कंट्रोल सेंटर बनाना जरूरी, सुरक्षा एजेंसियों को कॉल इंटरसेप्शन की परमिशन देनी होगी

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नई दिल्ली8 घंटे पहले

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रिपोर्ट के मुताबिक स्टारलिंक की सैटेलाइट कम्युनिकेशन लाइसेंसिंग की प्रोसेस लगभग पूरी होने वाली है। - Dainik Bhaskar

रिपोर्ट के मुताबिक स्टारलिंक की सैटेलाइट कम्युनिकेशन लाइसेंसिंग की प्रोसेस लगभग पूरी होने वाली है।

इलॉन मस्क की स्टारलिंक कंपनी भारत में सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस शुरू करने वाली है। इसके पहले केंद्र सरकार ने स्टारलिंक के सामने कुछ शर्तें रखी हैं।

सरकार की मांग है कि शटडाउन कंट्रोल के लिए देश में ही कंट्रोल सेंटर बनाया जाए। यानी अगर कभी इस सर्विस को बंद करना हो तो इसके लिए कंट्रोल सेंटर भारत में ही हो। साथ ही डेटा सिक्योरिटी के लिए सुरक्षा एजेंसियों को ये सुविधा दी जाए कि वो कॉल इंटरसेप्ट यानी डेटा की निगरानी कर सकें।

इसके अलावा सरकार ने कहा है कि सैटेलाइट के जरिए विदेश में किए जाने वाले कॉल्स को सीधे फॉरवर्ड के बजाए स्टारलिंक को इन्हें पहले भारत में बनाए गए स्टारलिंक गेटवे पर लाना होगा। इसके बाद टेलिकॉम चैनलों के जरिए फोन को विदेश में फॉरवर्ड किया जाएगा।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पहली दो शर्तें देश की टेलिकॉम कंपनियों जियो, एयरटेल और वोडाफोन-आइडिया (VI) पर पहले से लागू हैं।

लाइसेंस मिलने की प्रोसेस आखिरी चरण में

रिपोर्ट के मुताबिक स्टारलिंक की सैटेलाइट कम्युनिकेशन लाइसेंसिंग की प्रोसेस लगभग पूरी होने वाली है। कंपनी भारत में इंटरनेट सेवाओं के लिए जियो और एयरटेल के साथ मार्केटिंग और नेटवर्क एक्सपेंशन के लिए समझौते कर रही है।

भारत में क्यों जरूरी है कंट्रोल सेंटर

देश के किसी भी हिस्से में कानून-व्यवस्था बिगड़ने की स्थिति में संचार सेवाओं को तत्काल बंद करने के लिए कंट्रोल सेंटर जरूरी है। इसमें सैटेलाइट सर्विसेज भी शामिल हैं। इसलिए स्टारलिंक का कंट्रोल सेंटर भारत में बनाने की मांग की गई है।

जियो और एयरटेल ने स्टारलिंक के साथ करार किया

भारत में सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस प्रोवाइड करने के लिए देश की दो बड़ी टेलिकॉम कंपनियां जियो और एयरटेल ने इलॉन मस्क की कंपनी स्टारलिंक के साथ करार किया है।

समझौते के तहत, स्पेसएक्स और एयरटेल बिजनेस, शैक्षणिक संस्थानों, स्वास्थ्य सेवा केंद्रों और दूरदराज के क्षेत्रों में स्टारलिंक सर्विसेस देने के लिए मिलकर काम करेंगे। एयरटेल के मौजूदा नेटवर्क इंफ्रास्ट्रक्चर में स्टारलिंक टेक्नोलॉजी इंटीग्रेट करने की संभावनाएं तलाशी जाएंगी।

6 सवाल-जवाब में स्टारलिंक के बारे में जानें…

सवाल 1- स्टारलिंक क्या है?

जवाब- स्टारलिंक 100 से ज्यादा देशों में सैटेलाइट के जरिए इंटरनेट देती है। उसके पास पृथ्वी की निचली कक्षा में 7 हजार से ज्यादा सैटेलाइट का सबसे बड़ा सैटेलाइट नेटवर्क है। स्टारलिंक इंटरनेट के जरिए स्ट्रीमिंग, ऑनलाइन गेमिंग, वीडियो कॉल आसानी से किया जा सकता है।

इसमें कंपनी एक किट उपलब्ध करवाती है जिसमें राउटर, पावर सप्लाई, केबल और माउंटिंग ट्राइपॉड दिया जाता है। हाई-स्पीड इंटरनेट के लिए डिश को खुले आसमान के नीचे रखा जाता है। iOS और एंड्रॉयड पर स्टारलिंक का एप मौजूद है, जो सेटअप से लेकर मॉनिटरिंग करता है।

सवाल 2- यह कैसे अलग है?

जवाब- जियो और एयरटेल जैसी कंपनियां फाइबर ऑप्टिक्स, मोबाइल टावर से इंटरनेट देती हैं। स्टारलिंक सैटेलाइट नेटवर्क पर आधारित है। ये छोटे उपग्रहों, ग्राउंड स्टेशनों और यूजर टर्मिनल्स के जरिए काम करती है। इसमें फिजिकल इन्फ्रास्ट्रक्चर की जरूरत नहीं पड़ती।

सवाल 3- इसकी स्पीड क्या ज्यादा है?

जवाब- स्टारलिंक के सैटेलाइट ट्रेडिशनल सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस के मुकाबले धरती से ज्यादा करीब (550 किमी) हैं। इससे तेज इंटरनेट मिलता है। स्टारलिंक का दावा है कि वह 150 MBPS तक स्पीड देती है, जो फाइबर ब्रॉडबैंड से कम है लेकिन पारंपरिक सैटेलाइट इंटरनेट से बेहतर।

सवाल 4- भारत में क्या बदलाव होगा?

जवाब- स्टारलिंक का सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह उन क्षेत्रों में इंटरनेट सर्विस दे सकता है जहां ट्रेडिशनल ब्रॉडबैंड प्रोवाइडर्स अपनी सर्विस नहीं दे सकते। इसमें ग्रामीण क्षेत्र, दूरदराज के स्थान और यहां तक कि प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित क्षेत्र भी शामिल हैं।

हमारे देश में दूर-दराज के कई इलाकों में इंटरनेट की पहुंच नहीं है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, मार्च 2024 तक ग्रामीण टेली-डेंसिटी 59.1% थी। स्टारलिंक इन क्षेत्रों के लिए गेम-चेंजर साबित हो सकती है। दुर्गम इलाकों में ऑनलाइन शिक्षा और डिजिटल स्वास्थ्य सेवा बढ़ेगी।

सवाल 5- क्या स्टारलिंक मौजूदा कंपनियों के लिए चुनौती है?

जवाब- स्टारलिंक और अन्य सैटकॉम सर्विसेज पारंपरिक इंटरनेट कंपनियों के लिए प्रतिस्पर्धी नहीं, बल्कि इनकी पूरक सर्विस है। हालांकि, इनकी लागत ज्यादा है। स्टारलिंक के प्लान्स मौजूदा ब्रॉडबैंड प्लान्स के मुकाबले 18 गुना तक महंगे हैं। सरकार चाहे तो डिजिटल इंडिया योजना में यूनिवर्सल सर्विस ऑब्लिगेशन फंड का इस्तेमाल करके कीमतें कम करने में मदद कर सकती है।

सवाल 6- भारत में कैसा होगा भविष्य?

जवाब- देश में सैटेलाइट कम्युनिकेशन का बाजार तेजी से बढ़ रहा है। KPMG की 2024 में आई एक रिपोर्ट के मुताबिक, यह बाजार साल 2028 तक 1.7 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच सकता है।

सैटेलाइट्स से आप तक कैसे पहुंचता है इंटरनेट?

सैटेलाइट धरती के किसी भी हिस्से से बीम इंटरनेट कवरेज को संभव बनाता है। सैटेलाइट के नेटवर्क से यूजर्स को हाई-स्पीड, लो-लेटेंसी इंटरनेट कवरेज मिलता है। लेटेंसी का मतलब उस समय से होता है जो डेटा को एक पॉइंट से दूसरे तक पहुंचाने में लगता है।

एयरटेल के रिटेल स्टोर पर मिलेंगे स्टारलिंक उपकरण

  • एयरटेल और स्पेसएक्स एयरटेल के रिटेल स्टोर में स्टारलिंक उपकरण ऑफर करने की संभावनाओं को तलाशेंगे।
  • एयरटेल के जरिए बिजनेस कस्टमर्स को स्टारलिंक सर्विसेज ऑफर करने की संभावनाएं भी तलाशी जाएंगी।
  • समुदायों, स्कूलों और स्वास्थ्य केंद्रों को जोड़ने और ग्रामीण इलाकों में भी सर्विस देने की संभावना तलाशेंगे।

46 करोड़ ग्राहकों के साथ जियो सबसे बड़ा ऑपरेटर

रिलायंस इंडस्ट्रीज ने टेलिकॉम, इंटरनेट और डिजिटल बिजनेस के लिए 5 सालों में करीब 26 हजार करोड़ रुपए खर्च किए हैं। रिलायंस जियो देश का सबसे बड़ा दूरसंचार ऑपरेटर है, जिसके दिसंबर के अंत में 46 करोड़ वायरलेस ग्राहक हैं। पिछले साल जून में टैरिफ बढ़ाने से सितंबर तिमाही में इसके प्रॉफिट में उछाल देखने को मिला था।

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देश में सैटेलाइट से इंटरनेट मिलेगा, स्पेस X-एयरटेल में करार: जंगल-पहाड़ सब जगह चलेगा, मस्क की कंपनी के पास सबसे बड़ा सैटेलाइट नेटवर्क

टेलिकॉम कंपनी भारती एयरटेल जल्द ही देश में सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस उपलब्ध कराएगी। इसके लिए इलॉन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स के साथ करार किया है। एयरटेल ने मंगलवार (11 मार्च) को स्टॉक एक्सचेंज फाइलिंग में इसकी जानकारी दी।

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You can bring home TV and fridge for just Rs 1 | सिर्फ 1 रुपए में घर ला सकेंगे टीवी-फ्रिज: हायर के होम अप्लायंसेस पर 25% तक का डिस्काउंट, ₹1000 करोड़ निवेश करेगी कंपनी

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नई दिल्ली2 दिन पहले

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होली के मौके पर आप सिर्फ एक रुपए में टीवी-फ्रिज जैसे जरूरी सामान अपने घर ला सकेंगे। होम अप्लायंसेस मेकर कंपनी हायर अप्लायंसेज इंडिया ने अपने प्रोडक्ट्स पर स्पेशल ऑफर जारी किए हैं।

इसमें आप स्मार्ट टीवी, रेफ्रिजरेटर, वॉशिंग मशीन, एयर कंडीशनर, वॉटर हीटर, माइक्रोवेव ओवन और स्मार्ट रोबोट वेक्यूम क्लीनर जैसे होम अप्लायंसेस शामिल हैं।

सेल में 25% तक का डिस्काउंट मिलेगा इस सेल में आप सिर्फ एक रुपए देकर हायर का कोई भी प्रोडक्ट खरीद सकते हैं और बाकी पेमेंट 994 रुपए की मिनिमम EMI के जरिए कर सकेंगे। कंपनी का कहना है कि सेल में 25% तक का डिस्काउंट दिया जा रहा है। ये डिस्काउंट क्रेडिड कार्ड इस्तेमाल करने पर मिलेगा। इसके अलावा हायर इंडिया अपने प्रोडक्ट्स पर एक्सटेंडेड वारंटी ऑफर दे रही है।

₹1000 करोड़ निवेश करेगी कंपनी कंपनी ने हाल ही में 2028 तक अपने ग्रेटर नोएडा प्लांट में 1000 करोड़ रुपए के इंवेस्टमेंट का ऐलान किया था। हायर अप्लायंसेज इंडिया के प्रेसिडेंट NS सतीश ने बताया कि, कंपनी ने 200 करोड़ रुपए के इंजेक्शन मोल्डिंग प्लांट का उद्घाटन किया है, जिसमें बेहतर क्वॉलिटी और फ्लेक्सिबिलिटी को ध्यान में रखते हुए प्लास्टिक कॉम्पोनेंट्स का प्रोडक्शन किया जाएगा। इसके साथ ही 100 करोड़ रुपए की लागत से बनी मैन्युफैक्चरिंग यूनिट भी अक्टूबर-2025 तक चालू हो जाएगी।

3500 लोगों को मिलेगी नौकरियां सबसे बड़ा निवेश 700 करोड़ रुपए का होगा, जिससे नई एसी मैन्युफैक्चरिंग फेसिलिटी बनाई जाएगी। इससे हायर की एनुअल एसी प्रोडक्शन कैपेसिटी 2.5 मिलियन यूनिट तक बढ़ जाएगी और इसी के साथ 2027 की शुरुआत तक कुल उत्पादन क्षमता 4 मिलियन यूनिट हो जाएगी। इससे नोएडा की कंपनी में वर्कफोर्स दोगुना हो जाएगा। इससे 3500 नए लोगों को नौकरियां मिलेगी।

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Updated Tata Tiago NRG launched, prices start at ₹ 7.20 lakh | अपडेटेड टाटा टियागो NRG लॉन्च, कीमत ₹7.20 लाख से शुरू: पेट्रोल में 20kmpl और CNG में 27Km/Kg का माइलेज, मारुति वैगनआर से मुकाबला

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नई दिल्ली1 दिन पहले

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टियागो NRG अपने रेगुलर मॉडल से करीब 30 हजार रुपए महंगी है। - Dainik Bhaskar

टियागो NRG अपने रेगुलर मॉडल से करीब 30 हजार रुपए महंगी है।

टाटा मोटर्स ने टियागो NRG का अपडेटेड 2025 मॉडल भारतीय बाजार में लॉन्च कर दिया है। इसे डिजाइन में कॉस्मेटेकि चेंजेस और नए फीचर्स के साथ पेश किया गया है। टियागो NRG अपने स्टैंडर्ड मॉडल पर बेस्ड है और यह सिर्फ XZ और XZ+ ट्रिम में अवेलेबल है। इसके एंट्री-लेवल XT वैरिएंट को बंद कर दिया गया है।

टाटा टियागो NRG सीएनजी और पेट्रोल दोनों वर्जन में आती है और ये भारत में ऑटोमैटिक ट्रांसमिशन वाली सबसे सस्ती CNG हेचबैक कार है और ट्विन सिलेंडर टेक्नोलॉजी से लैस है। इसकी एक्स-शोरूम कीमत 7.2 लाख रुपए से शुरू होती है, जो टॉप वैरिएंट में 8.75 लाख रुपए तक जाती है। टियागो NRG रेगुलर मॉडल से 30 हजार रुपए महंगी है।

टाटा मोटर्स का दावा है कि कार CNG मोड में ऑटोमैटिक ट्रांसमिशन के साथ 28.06km/Kg और मैनुअल ट्रांसमिशन के साथ 26.49km/Kg का माइलेज देती है। वहीं, पेट्रोल मोड में ऑटोमैटिक ट्रांसमिशन के साथ 19.43Kmpl और मैनुअल ट्रांसमिशन के साथ 20.1kmpl का माइलेज मिलेगा।

क्रॉस-हैचबैक का भारतीय बाजार में सीधा कोई प्रतिद्वंद्वी नहीं है, लेकिन कीमत के आधार पर यह हुंडई ग्रैंड i10 निओस, मारुति वैगनआर मारुति सेलेरियो और सिट्रोएन C3 को टक्कर देती है।

एक्सटीरियर: अपडेटेड ग्रिल और LED हेडलाइट्स 2025 टाटा टियागो के दोनों वर्जन में अपडेटेड ग्रिल और LED हेडलाइट्स दी गई है। हालांकि, टियागो NRG अपने ब्लैक-आउट बंपर और सिल्वर स्किड प्लेट की वजह से ज्यादा स्पोर्टी दिखती है। वहीं, रेगुलर टियागो में क्रोम-फिनिश एयर डैम और फॉग लाइट्स हैं, जो टियागो NRG में नहीं हैं।

साइड प्रोफाइल टियागो NRG में 14-इंच के स्टील व्हील्स और रेगुलर टियागो में 15-इंच के डुअल-टोन एलॉय व्हील्स मिलते हैं। टियागो NRG का ग्राउंड क्लीयरेंस 181mm है। साइड बॉडी क्लैडिंग, ब्लैक डोर हैंडल और आउटसाइड रियर व्यू मिरर (ORVMs) इसे रेगुलर मॉडल से अलग बनाते हैं।

टियागो NRG में बंपर पर ब्लैक ट्रीटमेंट के साथ सिल्वर स्किड प्लेट दी गई है। NRG के टेलगेट पर ग्रे गार्निश है, जहां NRG की बेजिंग दी गई है। टेलगेट के निचले हिस्से पर क्रोम गार्निश के साथ रेगुलर टियागो काफी अट्रेक्टिव दिखती है।

इंटीरियर और फीचर्स : 2-स्पोक स्मार्ट डिजिटल स्टीयरिंग व्हील टियागो के रेगुलर मॉडल में डुअल-टोन ग्रे और व्हाइट केबिन थीम है। वहीं, टियागो एनआरजी में ब्लैक सीट अपहोल्स्ट्री के साथ ऑल-ब्लैक केबिन मिलेगा। अपडेटेड टियागो के दोनों वर्जन में सेंट्रल AC वेंट्स को फिर से डिजाइन किया गया है, साथ ही बीच में एक टाटा लोगो के साथ 2-स्पोक स्मार्ट डिजिटल स्टीयरिंग व्हील भी है।

टियागो और टियागो NRG दोनों ही कारों में 10.25 इंच की टचस्क्रीन, अपडेटेड डिजिटल ड्राइवर डिस्प्ले, रेन सेंसिंग वाइपर, ऑटो हेडलाइट्स और इलेक्ट्रिकली एडजस्टेबल, 8 स्पीकर और फोल्डेबल ORVMs जैसे फीचर्स दिए गए हैं। टियागो के स्टैंडर्ड वर्जन में ऑटो AC भी दिया गया है।

सेफ्टी फीचर्स: डुअल फ्रंट एयरबैग और रियर पार्किंग कैमरा सेफ्टी के लिए दोनों वर्जन में डुअल फ्रंट एयरबैग, रियर पार्किंग कैमरा, हिल होल्ड कंट्रोल, टायर प्रेशर मॉनिटर, सेंसर के साथ रियर पार्किंग कैमरा, रियर डिफॉगर और इलेक्ट्रॉनिक स्टेबिलिटी कंट्रोल (ESC) जैसे फीचर्स मिलते हैं।

परफॉर्मेंस: 1.2-लीटर का 3-सिलेंडर बाय-फ्यूल पेट्रोल इंजन टियागो NRG में कोई भी मैकेनिकली बदलाव नहीं किए गए हैं। इसमें पहले की तरह 1.2-लीटर का 3-सिलेंडर बाय-फ्यूल पेट्रोल इंजन दिया गया है। ये इंजन पेट्रोल मोड पर 84hp की पावर और 113Nm टॉर्क जनरेट करता है। वहीं, CNG मोड पर 72bhp की पावर और 95Nm का टॉर्क जनरेट करता है। ट्रांसमिशन के लिए इंजन के साथ 5-स्पीड मैनुअल गियरबॉक्स और 5 स्पीड ऑटोमेटिक (AMT) गियरबॉक्स का ऑप्शन मिलता है।

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Microsoft Paint is finally dead, and the world Is a better place

Sed ut perspiciatis unde omnis iste natus error sit voluptatem accusantium doloremque laudantium, totam rem aperiam.

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Nulla pariatur. Excepteur sint occaecat cupidatat non proident, sunt in culpa qui officia deserunt mollit anim id est laborum.

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Neque porro quisquam est, qui dolorem ipsum quia dolor sit amet, consectetur, adipisci velit, sed quia non numquam eius modi tempora incidunt ut labore et dolore magnam aliquam quaerat voluptatem. Ut enim ad minima veniam, quis nostrum exercitationem ullam corporis suscipit laboriosam, nisi ut aliquid ex ea commodi consequatur.

At vero eos et accusamus et iusto odio dignissimos ducimus qui blanditiis praesentium voluptatum deleniti atque corrupti quos dolores et quas molestias excepturi sint occaecati cupiditate non provident, similique sunt in culpa qui officia deserunt mollitia animi, id est laborum et dolorum fuga.

Quis autem vel eum iure reprehenderit qui in ea voluptate velit esse quam nihil molestiae consequatur, vel illum qui dolorem eum fugiat quo voluptas nulla pariatur.

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