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After Maruti, Tata’s commercial vehicles will also become expensive | मारुति के बाद टाटा की कमर्शियल गाड़ियां भी महंगी होंगी: कंपनियों ने 2% तक कीमत बढ़ाने का ऐलान किया, वजह मैन्युफैक्चरिंग कॉस्ट बढ़ना

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मुंबई3 घंटे पहले

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मारुति सुजुकी के बाद टाटा मोटर्स ने सोमवार (17 मार्च) को अपनी गाड़ियों के दाम बढ़ाने का ऐलान किया है। नई कीमतें 1 अप्रैल 2025 से लागू होंगी। कंपनी ने एक्सचेंज फाइलिंग में इसकी जानकारी दी है।

टाटा मोटर्स ने बताया कि इनपुट कॉस्ट और लॉजिस्टिक्स में बढ़ोतरी के चलते यह फैसला लिया गया है। कंपनी का कहना है कि कीमतों में बढ़ोतरी सभी कॉमर्शियल व्हीकल्स की रेंज पर लागू होगी और अलग-अलग मॉडल और वैरिएंट के अनुसार बढ़ोतरी अलग-अलग होगी।

मारुति सुजुकी की गाड़ियां 4% महंगी होंगी इससे पहले मारुति सुजुकी ने भी अप्रैल-2025 से अपनी गाड़ियों की कीमतों में बढ़ोतरी का ऐलान किया था। कंपनी ने अप्रैल-2025 से अपनी कारों की कीमत में 4% तक की बढ़ोतरी की घोषणा की है। यह बढ़ोतरी कंपनी के सभी मॉडल्स पर अलग-अलग होगी। मारुति ने रॉ मटेरियल और ऑपरेशनल कॉस्ट के बढ़ने के कारण यह फैसला किया है।

टाटा मोटर्स के शेयर में 0.70% की तेजी टाटा मोटर्स का शेयर सोमवार (17 मार्च) को 0.70% की तेजी के साथ 660.10 रुपए के स्तर पर बंद हुआ। कंपनी का शेयर एक महीने में 3.27% गिरा और 6 महीने में 31% गिरा है। एक साल में कंपनी का शेयर 32% गिरा है। टाटा मोटर्स का मार्केट कैप 2.43 लाख करोड़ रुपए है।

फरवरी में टाटा की सेल्स 8% घटी फरवरी में टाटा मोटर्स की घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बिक्री सालाना आधार पर 8% घटकर 79,344 यूनिट रही। कंपनी ने पिछले साल इसी महीने में 86,406 गाड़ियां बेची थीं। फरवरी में कुल घरेलू बिक्री 9% घटकर 77,232 यूनिट रही। एक साल पहले इसी अवधि में यह आंकड़ा 84,834 यूनिट था।

इलेक्ट्रिक व्हीकल सहित कुल पैसेंजर व्हीकल से एक साल पहले की 51,321 यूनिट की तुलना में 9% घटकर 46,811 यूनिट रही। फरवरी में टाटा मोटर्स के कमर्शियल व्हीकल की बिक्री सालाना आधार पर 7% घटकर 32,533 यूनिट रही।

तीसरी तिमाही में टाटा मोटर्स का मुनाफा 22% कम हुआ टाटा मोटर्स को वित्त वर्ष 2024-25 की तीसरी तिमाही में 5,451 करोड़ रुपए का शुद्ध मुनाफा (कॉन्सोलिडेटेड नेट प्रॉफिट) हुआ है। सालाना आधार पर यह 22% कम हुआ है। एक साल पहले की समान तिमाही में कंपनी का मुनाफा 7,025 करोड़ रुपए था।

अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में ऑपरेशन से कंपनी का रेवेन्यू 11.36 लाख करोड़ रुपए रहा। एक साल पहले की समान तिमाही में टाटा मोटर्स ने 11.06 लाख करोड़ रुपए का रेवेन्यू जनरेट किया था। सालाना आधार पर यह 2.71% बढ़ा है। वस्तुओं और सेवाओं को बेचने से मिली राशि को रेवेन्यू या राजस्व कहा जाता है।

टाटा मोटर्स की टोटल इनकम 3% बढ़ी अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में टाटा मोटर्स की टोटल इनकम सालाना आधार पर 3% बढ़कर 11.54 लाख करोड़ रुपए रही। वित्त वर्ष 2023-24 की दूसरी तिमाही में कंपनी की टोटल इनकम 11.21 लाख करोड़ रुपए रही थी।

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प्राचार्य और स्टाफ ने बदली महाविद्यालय की तस्वीर, , डिजीटल लाइब्रेरी का हुआ निर्माण, मिलेगी अब ये सुविधा – Rajasthannagaur principal lecturers and students together changed the condition of the college

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नागौर के श्री. बी. आर. महाविद्यालय में पहले बार स्टेडियम का निर्माण हुआ, साथ ही डिजीटल लाइब्रेरी को भी बनाने का काम जोरो पर चल रहा है, महाविद्यालय परिसर में सबसे बड़ी समस्या शुलभ कॉम्पलैक्स की थी जो अभी पूरी हो…और पढ़ें

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बी.

बी. आर. मिर्धा महाविद्यालय की मुख्य दरवाजे पर बनी चित्रकारी

कृष्ण कुमार/ नागौर. श्री. बी. आर. महाविद्यालय जर्जर व्यवस्था की मार झेल रहा था, इसी बीच कॉलेज के समस्त स्टाफ और विद्यार्थियों ने मिलकर किया है. और इसको बेहतर स्थिति में लाया दिया, बता दें कि यहां की दीवारों से कलर गायब हो रहा था. लेकिन सभी ने मिलकर कार्य करने का सोचा तो महाविद्यालय की सूरत ही बदल गई. प्राचार्य हरसुख छारंग ने बताया कि जब महाविद्यालय में जब मैने प्राचार्य के पद पर ज्वॉइनिंग की तब महाविद्यालय में कई चीजों की कमी थी. तो विद्यार्थियों के हितों को ध्यान में रखते हुऐ कई निर्माण कार्य महाविद्यालय में करवाए है. जिसमें स्थानीय लोगो तथा भामाशाहों का सहयोग भी रहा है.

महाविद्यालय में सबसे पहले रंग रोगन का काम करवाया क्योंकि महाविद्यालय परिसर में दिवारों का कलर खराब हो रहा था. उसके बाद जर्जर कमरों को पुन ठीक करवाया.वहीं कॉलेज में इस वर्ष 60 से अधिक ट्री-गार्ड और पेड़ लगाए गए है.जहां राजस्थान के दूसरे महाविद्यालयों में हर प्रकार की सुविधा होती थी लेकिन नागौर के महाविद्यालय में कुछचीजों की कमी थी.

कॉलेज में  डिजीटल लाइब्रेरी का हुआ निर्माण

पहली बार कॉलेज में स्टेडियम का निर्माण हुआ, डिजीटल लाइब्रेरी का बनाना ( जो जल्द कार्य पूरा करके शुरु होने वाली है.), कैंटीन का निर्माण, ट्रैक का निर्माण, महाविद्यालय परिसर में सबसे बड़ी समस्या शुलभ कॉम्पलैक्स की थी जो अभी पूरी हुई, यह कुछ निर्माण कार्य इस वर्ष हुऐ है. महाविद्यालय में इतने निर्माण कार्य फीके लग रहे है क्योंकि महाविद्यालय की होनहार छात्राओं ने मिलकर महाविद्यालय की दिवारों पर अपने हाथ का जादू बिखरा है.

दीवारों पर की गई शानदार चित्रकारी

क्योंकि यहां पर रंग बिरंगी कॉलेज की दीवारों पर चित्राकारी की गई है जो कॉलेज के इतिहास में पहली बार हुआ. यहां पर मुख्य गेट पर चित्रकारी करना, कॉलेज की दिवारों पर चित्रकारी जिसमें आधुनिक व राजस्थानी संस्कृति का संगम देखने को मिलता है.

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प्राचार्य और विद्यार्थियों ने मिलकर बदली महाविद्यालय की तस्वीर, देखें VIDEO

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डेडलाइन खत्म…अधर में लटका संजीत नाका ओवरब्रिज का काम, जान हथैली में रख पटरी पार कर रहे लोग – Sanjit naka overbridge not ready after deadline is over people crossing tracks risking their lives

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मंदसौर शहर के संजीत नाके पर 30 करोड़ की लागत से बन रहे ओवरब्रिज का काम अभी तक पूरा नहीं हो पाया है. इस ओवरब्रिज का भूमि पूजन साल 2018 में हुआ था, लेकिन 4 साल बीतने के बाद भी लोगों को इसका लाभ नहीं मिल रहा है.

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संजीत

संजीत नाका ओवरब्रिज

शादाब चौधरी/मंदसौर: शहर के संजीत नाके पर 30 करोड़ की लागत से बन रहे ओवरब्रिज का काम अभी तक पूरा नहीं किया गया है. इस ओवरब्रिज का भूमि पूजन साल 2018 में हुआ था. लेकिन आज 2023 का वर्ष भी आधा बीत जाने के बाद भी काम पूरा नहीं हो पाया है. लिहाजा, करीब 15 कॉलोनियों सहित एक दर्जन से ज्यादा गांव के लोगो को प्रत्येक दिन परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. ओवर ब्रिज के आसपास के रहवासी तो जान जोखिम में डालकर पटरी पार करने पर मजबूर हैं.

विभाग और विधायक को लेकर बना चर्चा का विषय 

विभाग और विधायक के दावों को लेकर यह ब्रिज चर्चाओं में है. विधायक यशपाल सिंह सिसोदिया ने मार्च 2023 में ब्रिज का काम पूरा होने का अल्टीमेटम दिया था, लेकिन काम पूरा नही हो पाया, तब यह मामला विधानसभा सदन में बजट सत्र के दौरान उठाया गया. विभागीय मंत्री ने जून के महीने में काम पूरा होने का दावा किया था. अब विधायक के वादे के बाद विभागीय मंत्री की भी डेडलाइन खत्म हो गई है, लेकिन काम अभी भी अधूरा है. संजीत नाके से रेलवे स्टेशन नजदीक होने के कारण यहां ट्रेनों का आवागमन भी अधिक रहता है. ऐसे में लोग जान जोखिम में डालकर रेल की पटरी पार कर रहे हैं.

कंपनी को कर दिया ब्लैकलिस्ट

जानकारी के मुताबिक ब्लैक लिस्टेड कंपनी पर अफसरों की मेहरबानी भारी पड़ रही है. ओवरब्रिज का निर्माण करने वाली कंपनी को देरी के कारण कई बार नोटिस दिए जा चुके हैं, लेकिन कार्रवाई एक भी बार नहीं हुई है. कंपनी को ब्लैक लिस्टेड तक करार कर दिया गया है.

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डेडलाइन खत्म होने के बाद भी अधर में लटका संजीत नाका ओवरब्रिज

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हार्वर्ड के वैज्ञानिकों का दावा- ढूंढ लिया है ‘बुढ़ापे को जवानी में बदलने’ का रासायनिक मिश्रण, चूहे और बंदर पर सफल रहा प्रयोग – Harvard medical school researchers claim to develop a chemical cocktail which could help reverse aging

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हार्वर्ड के वैज्ञानिकों ने एक दवा की कॉकटेल (मिश्रण) खोजी है जिसे एक गोली में मिलाया जा सकता है, जो उम्र को रिवर्स यानी उलट सकती है. न्यूयॉर्क पोस्ट की रिपोर्ट इसी बात पर रोशनी डालती है. 12 जुलाई को जर्नल Aging…और पढ़ें

हार्वर्ड के वैज्ञानिकों का दावा- ढूंढ ली 'बुढ़ापे को जवानी में बदलने' वाली दवा

वैज्ञानिकों ने ऐसे रासायनिक मिश्रण का पता लगाया है जिसके जरिये बुढ़ापे को उलटा जा सकता है

न्यूयॉर्क: बुढ़ापा एक ऐसी अवस्था है जो कोई नहीं पाना चाहता है. बूढ़ा होने को लेकर मानव के ऊपर ययाति की कहानी सटीक बैठती है. ययाति राजा पुरु के पिता थे. पुरु जिनका वंश आगे जाकर भीष्म तक पहुंचा था. ययाति को राजा शुक्र ने बूढ़ा होने का श्राप दे दिया था. लेकिन 100 वर्ष का हो जाने के बाद भी वह यमराज के साथ जाने को राजी नहीं हुए थे. उनके सामने यमराज ने एक शर्त रखी की अगर वह अपने किसी पुत्र की जवानी ले लेते हैं, तो वह फिर से जवान हो सकते हैं. ययाति के सभी बेटों ने ऐसा करने से मना कर दिया, तब उनके छोटे बेटे पुरु ने अपनी जवानी उन्हें दान कर दी थी.

कहानी की हकीकत भले ही जो भी हो, लेकिन इस बात में कोई दो राय नहीं है कि हम हमेशा जवान बने रहना चाहते हैं. यही वजह है कि बालों को रंगने से लेकर बोटोक्स तक, और नवीन तकनीक में ऑक्सीजन थेरेपी तक सभी कुछ जवान बनने की चाहत को बरकरार रखने का तरीका है. अब इसी चाहत को ध्यान में रखते हुए हार्वर्ड विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने एक दवा की कॉकटेल (मिश्रण) खोजी है, जिसे एक गोली में मिलाया जा सकता है, जो उम्र को रिवर्स यानी उलट सकती है. न्यूयॉर्क पोस्ट की रिपोर्ट इसी बात पर रोशनी डालती है. Aging नाम के जर्नल में 12 जुलाई को ‘सेलुलर उम्र बढ़ने को उलटने के लिए रासायनिक रूप से प्रेरित रिप्रोग्रामिंग’ शीर्षक से एक स्टडी प्रकाशित हुई थी.

शोधकर्ताओं की टीम ने ऐसे छह रसायनों के मिश्रण की खोज की है
इसका मतलब है कि रसायनिक रिप्रोग्रामिंग के जरिए कोशिकात्मक बुढ़ापे को उलटा करने के बारे में ही अध्ययन किया है. शोधकर्ताओं की टीम ने ऐसे छह रसायनों के मिश्रण की खोज की है जो इंसानों और चूहों की त्वचा की कोशिकाओं की उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को कई साल पीछे ले जा सकते हैं. हार्वर्ड के शोधकर्ता डेविड सिंक्लेयर ने ट्विटर थ्रेड में भी इस पर लिखा कि ‘पहले हम देख चुके हैं कि किस तरह जीन थेरेपी का इस्तेमाल करके उम्र को उलटना संभव है, जिसमें एम्ब्रियोनिक जीन (भ्रूण के जीन) काम करने लगते हैं. अब हमने पाया है कि यह प्रक्रिया रसायनिक कॉकटेल के साथ भी संभव है, जो पूरे शरीर को फिर से जवान करने की ओर एक कदम है, खास बात यह है कि यह प्रक्रिया बहुत मंहगी नहीं होगी.’

चूहों और बंदरों पर मिश्रण के ट्रायल में उनकी उम्र कम होती दिखी
गौर करने लायक बात यह है कि हर रसायनिक मिश्रण में 5 से 7 एजेंट्स होते हैं, जो शारीरिक और मानसिक विकारों का उपचार करने के लिए जाने जाते हैं. सिंक्लेयर ने बताया कि हार्वर्ड मेडिकल स्कूल में उन्हें और उनकी टीम ने 3 साल से ज्यादा वक्त लगाकर ऐसे मोलेक्युल्स खोजने का काम किया है, जो कोशिकात्मक बुढ़ापे को उलटा सकते हैं और मानव कोशिकाओं को पुनर्जीवित कर सकते हैं. अपने ट्वीट में सिंक्लेयर ने लिखा, ‘ऑप्टिक नर्व, ब्रेन टिश्यू, गुर्दा और मांसपेशियों पर किए गए अध्ययनों के नतीजे उम्मीद जगाते हैं. चूहों पर प्रयोग में उनकी उम्र कम होती देखी गई और इस साल अप्रैल में बंदरों में भी सुधार देखा गया. जहां तक इंसानों की बात है, तो उनकी उम्र को रिवर्स करने की जीन थेरेपी के पहले ट्रायल की तैयारियां जारी हैं और अगले साल के अंत तक इसके शुरू होने की संभावना है.’

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हार्वर्ड के वैज्ञानिकों का दावा- ढूंढ ली ‘बुढ़ापे को जवानी में बदलने’ वाली दवा

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