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Sunita Williams will return to Earth, Elon Musk dragon spacecraft | सुनीता विलियम्स अंतरिक्ष से 9 महीने बाद आज रवाना होंगी: सुबह 10:35 बजे स्पेसक्राफ्ट ISS से अलग होगा, 17 घंटे बाद कल पानी में लैंडिंग

फ्लोरिडा24 मिनट पहले
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क्रू-10 की एस्ट्रोनॉट ऐनी मैकक्लेन और निकोल एयर्स, जापान के ताकुया ओनिशी और रूस के किरिल पेस्कोव 16 मार्च को स्पेस स्टेशन पहुंचे थे। सुनीता विलियम्स सहित अन्य एस्ट्रोनॉट्स ने उनका वेलकम किया था।
अंतरिक्ष में फंसे एस्ट्रोनॉट सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर 9 महीने 13 दिन बाद पृथ्वी पर लौट रहे हैं। उनके साथ इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में मौजूद क्रू-9 के दो और एस्ट्रोनॉट भी आ रहे हैं। भारतीय समयानुसार आज सुबह 10:35 बजे अनडॉकिंग होगी, यानी ड्रैगन कैप्सूल इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) से अलग होगा। यह 19 मार्च को सुबह लगभग 3:27 बजे फ्लोरिडा के तट पर लैंड होगा। सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर की धरती पर वापसी को लेकर 8 सवालों में जाने सब-कुछ….
1. स्पेस स्टेशन से पृथ्वी पर लौटने में कितना समय लगेगा और प्रोसेस क्या होगी?
इस सफर में करीब 17 घंटे लगेंगे। अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा ने इसका कवरेज भारतीय समयानुसार आज यानी, 18 मार्च को सुबह 8:15 बजे से शुरू कर दिया है। नासा की ओर से इस इवेंट का एक अनुमानित शेड्यूल जारी किया गया है। इसमें मौसम के कारण बदलाव भी हो सकता है।
- 18 मार्च को हैच क्लोजिंग के बाद सुबह 10:35 बजे ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट की अनडॉकिंग होगी।
- 19 मार्च को सुबह 2:41 बजे डीऑर्बिट बर्न यानी, इंजन को फायर किया जाएगा।
- पृथ्वी के वातावरण में एंट्री के बाद 19 मार्च की सुबह 3:27 बजे फ्लोरिडा के तट पर पानी में लैडिंग होगी।


पृथ्वी पर लौटने के लिए तैयार क्रू-9 के मेंबर स्पेस स्टेशन और ड्रैगन क्रू स्पेसक्राफ्ट के बीच वेस्टिबुल के अंदर एक साथ पोज देते हुए। बाएं से क्लॉकवाइज, अमेरिकी एस्ट्रोनॉट बुच विल्मोर, निक हेग और सुनीता विलियम्स और रूसी एस्ट्रोनॉट अलेक्सांद्र गोरबुनोव हैं।
2. आज होने वाली अनडॉकिंग की प्रोसेस कैसे होगी?
भारतीय समयानुसार आज सुबह 10:35 बजे अनडॉकिंग होनी है। अनडॉकिंग की प्रोसेस में एस्ट्रोनॉट सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर को वापस धरती पर लाने वाला स्पेसक्राफ्ट (ड्रैगन कैप्सूल) इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) से अलग होगा।

3. सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर को स्पेस स्टेशन पर क्यों भेजा गया था?
सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर बोइंग और NASA के 8 दिन के जॉइंट ‘क्रू फ्लाइट टेस्ट मिशन’ पर गए थे। इस मिशन का उद्देश्य बोइंग के स्टारलाइनर स्पेसक्राफ्ट की एस्ट्रोनॉट्स को स्पेस स्टेशन तक ले जाकर वापस लाने की क्षमता को टेस्ट करना था। एस्ट्रोनॉट्स को स्पेस स्टेशन पर 8 दिन में रिसर्च और कई एक्सपेरिमेंट भी करने थे। मिशन के दौरान उन्हें स्पेसक्राफ्ट को मैन्युअली भी उड़ाना था।
4. बोइंग का स्टारलाइनर स्पेसक्राफ्ट कब और कैसे लॉन्च किया गया था?
स्पेसक्राफ्ट 5 जून 2024 को रात 8:22 बजे एटलस V रॉकेट के जरिए लॉन्च हुआ था। ये 6 जून को रात 11:03 बजे स्पेस स्टेशन पहुंचा था। इसे रात 9:45 बजे पहुंचना था, लेकिन थ्रस्टर में परेशानी आ गई थी।

बोइंग का स्टारलाइनर स्पेसक्राफ्ट एटलस V रॉकेट से 5 जून 2024 को भारतीय समयानुसार रात 8:22 बजे लॉन्च हुआ।
5. सुनीता और विल्मोर इतने लंबे समय तक स्पेस में कैसे फंस गए?
- स्टारलाइनर स्पेसक्राफ्ट के 28 रिएक्शन कंट्रोल थ्रस्टरों में से 5 फेल हो गए थे। 25 दिनों में 5 हीलियम लीक भी हुए। हीलियम प्रोपलेंट को थ्रस्टरों तक पहुंचाने के लिए बहुत अहम है। ऐसे में स्पेसक्राफ्ट के सुरक्षित रूप से लौटने पर चिंताएं थी।
- डेटा का विश्लेषण करने के बाद, नासा ने फैसला लिया कि स्टारलाइनर स्पेसक्राफ्ट सुनीता और बुच विल्मोर को वापस लाने के लिए सुरक्षित नहीं है, इसलिए वो अंतरिक्ष यात्रियों के बिना ही स्टारलाइनर स्पेसक्राफ्ट को 6 सिंतबर 2024 को पृथ्वी पर वापस ले आया।
- अब स्पेसएक्स को स्पेस स्टेशन में फंसे एस्ट्रोनॉट्स को वापस लाने की जिम्मेदारी दी गई। स्पेसएक्स का ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट हर कुछ महीनों में 4 एस्ट्रोनॉट्स को स्पेस स्टेशन लेकर जाता है और वहां मौजूद पिछला क्रू स्पेस स्टेशन में पहले से पार्क अपने स्पेसक्राफ्ट से वापस आ जाता है।
- स्पेसएक्स ने जब 28 सितंबर 2024 को क्रू-9 मिशन लॉन्च किया तो इसमें भी 4 एस्ट्रोनॉट जाने वाले थे, लेकिन सुनीता और बुच के लिए दो सीट खाली रखी गई। इनके पहुंचने के बाद क्रू-8 स्पेस स्टेशन में पार्क अपने स्पेसक्राफ्ट से पृथ्वी पर लौट आया।
- 15 मार्च 2025 को SpaceX ने 4 एस्ट्रोनॉट्स के साथ क्रू-10 मिशन लॉन्च किया। 16 मार्च को ये एस्ट्रोनॉट स्पेस स्टेशन पहुंच गए। अब क्रू-9 के चारों एस्ट्रोनॉट जिम्मेदारी क्रू-10 के एस्ट्रोनॉट्स को हैंडओवर करने के बाद स्पेस स्टेशन में सितंबर से पार्क अपने स्पेसक्राफ्ट से लौट रहे हैं।

6 जून 2024 को स्पेस स्टेशन पहुंचने के बाद स्टारलाइनर क्रू फ्लाइट टेस्ट के कमांडर बुच विल्मोर और पायलट सुनीता विलियम्स का स्वागत करते हुए क्रू।
6. क्रू-10 मिशन को इतनी देरी से क्यों भेजा गया, पहले भी भेज सकते थे?
इलॉन मस्क की कंपनी के पास अभी 4 ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट है। एंडेवर, रेजीलिएंस, एंड्योरेंस और फ्रीडम। पांचवें स्पेसक्राफ्ट की अभी मैन्युफैक्चरिंग हो रही है। क्रू-10 के लिए इसी पांचवें स्पेसक्राफ्ट का इस्तेमाल किया जाना था, लेकिन मैन्युफैक्चरिंग में देरी के कारण नासा ने क्रू-10 मिशन को फरवरी से मार्च के अंत तक टाल दिया। हालांकि, बाद में नासा ने क्रू-9 को वापस लाने में हो रही देरी को देखते हुए क्रू-10 के लिए पुराने एंड्यूरेंस स्पेसक्राफ्ट के ही इस्तेमाल का फैसला लिया।
वहीं इस देरी की एक वजह पॉलिटिकल भी बताई जा रही है। पिछले साल, मस्क ने सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर को को तय समय से पहले घर वापस लाने में मदद की पेशकश की थी, लेकिन उनका दावा है कि बाइडेन प्रशासन ने इसे अस्वीकार कर दिया था। फॉक्स न्यूज़ के होस्ट सीन हैनिटी के साथ एक इंटरव्यू में मस्क ने कहा, “दोनों एस्ट्रोनॉट्स को राजनीतिक कारणों से स्पेस स्टेशन में छोड़ दिया गया, जो अच्छा नहीं है।”
7. सुनीता की वापसी में क्या खतरे हो सकते हैं?
सुनीता की धरती पर वापसी में मुख्य रूप से 3 खतरे हैं।



8. क्या पूरी तरह सुरक्षित है ड्रैगन कैप्सूल?

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सुनीता विलियम्स से जुड़ी ये खबरें भी पढ़ें…
सुनीता की वापसी में कितने खतरे; स्पेसक्राफ्ट का एंगल बदला तो जल जाएगा, पैराशूट टाइम पर खुलने जरूरी

सुनीता विलियम्स की अंतरिक्ष से वापसी हो रही है। 8 दिनों के लिए स्पेस गईं सुनीता पिछले 9 महीने से वहां फंसी थीं। 18 मार्च को सुनीता इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन से स्पेसएक्स के ड्रैगन कैप्सूल में सवार होंगी। करीब 17 घंटे में बाद कैप्सूल मेक्सिको की खाड़ी में स्प्लैश डाउन होगा। पूरी खबर पढ़ें…
सुनीता के अंतरिक्ष में फंसने को नासा ने ओवरटाइम माना, रोज के ₹347; एस्ट्रोनॉट्स की सैलरी क्या है

सिर्फ 10 दिन के मिशन पर अंतरिक्ष गए दोनों एस्ट्रोनॉट्स को महीनों तक वहां फंसे रहने के क्या एक्स्ट्रा पैसे मिलेंगे? सुनीता विलियम्स और उन जैसे एस्ट्रोनॉट्स को कितनी सैलरी मिलती है। पूरा वीडियो देखें…
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Jalandhar bhogpur woman dies by Canadian flight | Jalandhar | Bhogpur | Canada | Paramjit Kaur | जालंधर की महिला की कनाडाई फ्लाइट में मौत: बेटी से मिलने गई थी, तबीयत बिगड़ी तो इमरजेंसी लैंडिंग करवाई, रास्ते में दम तोड़ा – Jalandhar News

जालंधर की एक महिला की कनाडा में फ्लाइट के अंदर मौत हो गई। मृतक महिला की पहचान जालंधर के कस्बा भोगपुर की रहने वाली परमजीत कौर गिल के रूप में हुई है। जो कनाडा के एक एरयपोर्ट से दूसरे किसी प्रोविंस के एयरपोर्ट पर जा रही थी। इस दौरान फ्लाइट में उसकी तबीय
.
बेटी से मिलने विदेश गई थी महिला
जानकारी के अनुसार, भोगपुर की रहने वाले परमजीत कौर गिल अपनी बेटी से मिलने के लिए कनाडा गई थी। महिला कनाडा में ही ट्रैवल कर रही थी। इस दौरान जब परमजीत की तबीयत बिगड़ी तो तुरंत फ्लाइट के क्रू मेंबर्स को सूचना दी गई।
जिसके बाद फ्लाइट को इमरजेंसी में तय समय से पहले किसी अन्य एयरपोर्ट पर उतारा गया। जहां से तुरंत उस महिला को अस्पताल ले जाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई। अस्पताल ले जाते ही महिला को डॉक्टरों द्वारा मृत घोषित कर दिया गया था। हालांकि फिलहाल ये स्पष्ट नहीं है कि महिला की मौत का सटीक कारण क्या था। परमजीत की मौत के बाद से भोगपुर में रह रहे परिवार में शोक की लहर है।
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Raisina Dialogue 2025: शशि थरूर ने रूस-यूक्रेन युद्ध पर अपने पुराने रुख पर जताया अफसोस.

Last Updated:
Raisina Dialogue 2025: शशि थरूर ने रायसीना डायलॉग 2025 में स्वीकार किया कि रूस-यूक्रेन युद्ध पर 2022 में उनका रुख गलत था और अब उन्हें अफसोस है. उन्होंने पीएम मोदी की नीति की तारीफ भी की.

Raisina Dialogue 2025: शशि थरूर ने रूस-यूक्रेन युद्ध पर अपने पुराने रुख पर जताया अफसोस.
हाइलाइट्स
- शशि थरूर ने रूस-यूक्रेन युद्ध पर 2022 में अपनाया रुख गलत माना.
- थरूर ने पीएम मोदी की नीति की तारीफ की.
- भारत ने रूस-यूक्रेन संकट में संतुलित रुख अपनाया.
Raisina Dialogue 2025: रूस और यूक्रेन के बीच 2022 में युद्ध शुरू हुआ था. जंग अब भी जारी है. जब पूरी दुनिया में रूस-यूक्रेन जंग से खलबली मची तब कांग्रेस नेता शशि थरूर उस समय भारत के रुख के सबसे मुखर विरोधियों में से एक थे. तब उन्होंने भारत के स्टैंड को लेकर केंद्र सरकार की आलोचना की थी. अब तीन साल बाद उन्हें अपने स्टैंड को लेकर पछतावा है. कांग्रेस नेता शशि थरूर ने मंगलवार को रायसीना डायलॉग 2025 में स्वीकार किया कि रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर 2022 में जो रुख उन्होंने अपनाया था, वह सही नहीं था. अब उन्हें उस बयान पर अफसोस हो रहा है.
दरअसल, साल 2022 में युद्ध शुरू होने के बाद शशि थरूर भारत सरकार के रुख के सबसे मुखर आलोचकों में से एक थे. उस समय उन्होंने संसद में कहा था कि भारत का रूस-यूक्रेन युद्ध पर अचानक चुप हो जाना यूक्रेन और उसके समर्थकों के लिए निराशाजनक होगा. उन्होंने सरकार पर मौन रहने का आरोप लगाते हुए कहा था, ‘रूस हमारा दोस्त है और उसकी कुछ वैध सुरक्षा चिंताएं हो सकती हैं, लेकिन भारत का अचानक इस मुद्दे पर चुप हो जाना यूक्रेन और उसके समर्थकों को निराश करेगा. यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि भारत इस मामले में मौन हो गया.’
शशि थरूर ने मानी गलती
रायसीना डायलॉग 2025 में शशि थरूर से पूछा गया कि क्या रूस-यूक्रेन युद्ध और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की स्थिति को देखते हुए उन्हें खुशी है कि भारत ने जो रुख अपनाया, वह सही था? इस पर शशि थरूर ने माना कि तीन साल बाद उन्हें अपनी उस स्थिति पर अफसोस है. उन्हें शर्मिंदगी जैसा अहसास हो रहा है. उन्होंने कहा कि अब मुझे अफसोस है कि जो रुख मैंने अपनाया था, वह सही नहीं था. शशि थरूर ने कहा, ‘मुझे अब भी शर्मिंदगी महसूस हो रही है. फरवरी 2022 में संसदीय बहस में मैं अकेला शख्स था जिसने भारत के रुख की आलोचना की थी. मैंने कहा था कि ये संयुक्त राष्ट्र के घोषणापत्र का उल्लंघन है. सीमाओं की अखंडता और एक सदस्य देश यानी यूक्रेन की संप्रभुता के सिद्धांत का उल्लंघन हुआ है. हम हमेशा से ही अंतरराष्ट्रीय विवादों को सुलझाने के लिए बल प्रयोग को अस्वीकार्य मानते आए हैं. मैंने कहा था कि इन सारे सिद्धांतों का एक पक्ष ने उल्लंघन किया है और हमें निंदा करनी चाहिए थी.’
पीएम मोदी की तारीफ?
शशि थरूर ने आगे स्वीकार किया, ‘तीन साल बाद ऐसा लगता है कि मैं ही बेवकूफ बन गया. स्पष्ट रूप से इस नीति का मतलब है कि भारत के पास वास्तव में एक ऐसा प्रधानमंत्री है जो दो सप्ताह के अंतराल में यूक्रेन के राष्ट्रपति और रूस के राष्ट्रपति दोनों को गले लगा सकते हैं.’ उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि उस नीति के कारण, भारत ऐसी स्थिति में है जहां वह स्थायी शांति के लिए अपनी भूमिका निभा सकता है. उन्होंने कहा, ‘दूरी से मदद मिलती है. तथ्य यह है कि हम यूरोप में नहीं हैं और हमें सीधे तौर पर किसी भी तरह का खतरा नहीं है, और उदाहरण के लिए हमें क्षेत्रीय सीमाओं में किसी भी बदलाव से कोई फायदा नहीं होता है, इससे मदद मिलती है.’
शशि थरूर से हुई चूक?
तीन साल बाद शशि थरूर का मंच से यह स्वीकार करना कि उस समय का उनका रुख गलत साबित हुआ और आज की परिस्थितियों को देखते हुए उन्हें इस पर पछतावा है, अपने आप में बड़ी बात है. शशि थरूर का यह बयान ऐसे समय आया है, जब भारत ने रूस-यूक्रेन संकट में संतुलित और तटस्थ रुख अपनाते हुए शांति और कूटनीतिक समाधान की वकालत की है. शशि थरूर के इस बयान से उनके पहले के रुख पर पुनर्विचार की झलक मिलती है और यह भी संकेत मिलता है कि अंतरराष्ट्रीय राजनीति में बदलते समीकरणों को समझने में शायद उनसे चूक हुई थी.
क्या भारत यूक्रेन शांति रक्षक भेजेगा?
थरूर से यह भी पूछा गया कि क्या यह संभव है कि भारत यूक्रेन समेत संघर्ष प्रभावित क्षेत्रों में शांति रक्षक भेजेगा? उन्होंने बताया कि फैसला कई बातों पर निर्भर करेगा. उन्होंने कहा, ‘यह देखना होगा कि क्या दोनों पक्ष शांति के लिए तैयार हैं, क्या अंतरराष्ट्रीय शांति स्थापना के लिए गंभीरता से अंतरराष्ट्रीय समर्थन मिलेगा? भारत सरकार के लिए ऐसा फैसला लेने से पहले इन सब बातों को ध्यान में रखना होगा. हां या ना कहने से पहले उन्हें इन बातों को सबसे ऊपर रखना होगा.’ हालांकि, उन्होंने इस मामले में आशावादी रुख दिखाया और कहा कि इसे पूरी तरह से संभव मानता हूं कि इन परिस्थितियों में भारत हां कहेगा. उन्होंने आगे कहा कि भारत ने अपने इतिहास में दुनिया भर में ढाई लाख शांति रक्षक भेजे हैं. उन्होंने कहा कि नई दिल्ली ने करीब 49 शांति अभियानों में भाग लिया है. “तो यह एक ऐसा देश है जिसका भारत के प्रत्यक्ष हित से बहुत दूर के स्थानों पर शांति स्थापित करने का व्यापक रिकॉर्ड है. तो क्यों नहीं?”
Delhi,Delhi,Delhi
March 18, 2025, 13:41 IST
मुझे अफसोस…रूस-यूक्रेन जंग पर शशि थरूर को गलती का एहसास, कहा- मोदी सरकार सही
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Russia Ukraine War News: पुतिन-ट्रंप की बातचीत से युद्धविराम की उम्मीद

Last Updated:
Russia Ukraine Ceasefire: रूसी राष्ट्रपति पुतिन और अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप आज यूक्रेन युद्ध को खत्म करने पर बातचीत करेंगे. ट्रंप ने कहा कि युद्ध जल्द खत्म हो सकता है. पुतिन युद्धविराम पर सैद्धांतिक रूप से सहमत…और पढ़ें

पुतिन और ट्रंप में आज बात होगी.
हाइलाइट्स
- पुतिन और ट्रंप आज यूक्रेन युद्ध पर करेंगे बातचीत
- यूक्रेन 30 दिनों के युद्धविराम पर सहमत
- यूक्रेन ने एक मजबूत युद्धविराम की मांग की है
Russia Ukraine War Live Update: रूसी राष्ट्रपति पुतिन और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच आज बातचीत होगी. रूस-यूक्रेन युद्ध को खत्म करने पर यह बातचीत होगी. एक अमेरिकी अधिकारी ने उम्मीद जताई है कि दोनों नेता यूक्रेन संघर्ष पर युद्धविराम के लिए हफ्तों में सहमति बना सकते हैं. ट्रंप ने कहा कि यूक्रेन संघर्ष को सुलझाने के लिए अमेरिका और रूस के बीच बहुत काम किया है और उन्हें उम्मीद है कि युद्ध जल्द ही खत्म हो जाएगा. पुतिन ने पिछले सप्ताह कहा था कि वह युद्धविराम के विचार से सहमत हैं, लेकिन उन्होंने चेतावनी दी कि इसे लागू करने के तरीके को लेकर उनके गंभीर सवाल हैं, जिसे लेकर वह ट्रंप से बात करना चाहेंगे. वहीं यूक्रेन ने 30 दिनों के युद्धविराम पर सहमति जता दी है.
लाइव अपडेट्स
- अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि वह और पुतिन आज फोन पर बातचीत में यूक्रेन के भाग्य का फैसला करेंगे. इस महत्वपूर्ण वार्ता में जेलेंस्की शामिल नहीं होंगे. इस बात की आशंका जताई जा रही है कि पुतिन आसानी से अपनी शर्तें ट्रंप से मनवा सकते हैं.
- युद्धविराम पर भले ही यूक्रेन सहमत है, लेकिन यूरोप के देश पुतिन की आलोचना कर रहे हैं कि वह बिना शर्त और तत्काल युद्धविराम पर तैयार नहीं हैं. ब्रिटेन ने पुतिन पर समय बर्बाद करने का आरोप लगाया है.
- क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने कहा, ‘मंगलवार को ऐसी बातचीत की तैयारी है.’ हालांकि उन्होंने यह नहीं बताया कि दोनों नेता किन मुद्दों पर बात करेंगे. ट्रंप ने कहा है कि वे जमीन और पावर प्लांट्स पर चर्चा करेंगे.
- राष्ट्रपति ट्रंप ने पिछले महीने पुतिन से बात की थी. वहीं ट्रंप के विशेष दूत स्टीव विटकॉफ ने पिछले गुरुवार को मॉस्को में पुतिन से मुलाकात की और युद्धविराम का प्लान प्रस्तुत किया था.
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March 18, 2025, 06:46 IST
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