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RCB में 19 साल का खूंखार बल्लेबाज, एक मैच में मारे 52 छक्के, अकेले ठोक डाले 585 रन

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आरसीबी ने 30 लाख में स्वास्तिक चिकारा को खरीदा, जिन्होंने 14 साल की उम्र में 585 रन बनाए थे. हालिया प्रदर्शन कमजोर रहा, सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में संघर्ष किया. ऑक्शन में विवाद हुआ.

RCB में 19 साल का खूंखार बैटर, एक मैच में मारे 52 छक्के, अकेले ठोके थे 585 रन

स्वास्तिक चिकारा पर इस आईपीएल सीजन में सबकी नजर रहेगी

हाइलाइट्स

  • आरसीबी ने 30 लाख में स्वास्तिक चिकारा को खरीदा.
  • चिकारा ने 16 साल की उम्र में 585 रन बनाए थे.
  • ऑक्शन में चिकारा की बोली को लेकर विवाद हुआ.

नई दिल्ली. इंडियन प्रीमियर लीग के इस सीजन के हर बार की तरह ही धमाकेदार होने की उम्मीद है. एक से बढ़कर एक खूंखार बल्लेबाज फ्रेंचाइजी टीम ने ऊंची बोली लगाकर अपने साथ जोड़ा है. सबसे ज्यादा चर्चा रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर द्वारा महज 30 लाख की गोल्डन प्राइस में हासिल किए गए स्वास्तिक चिकारा की हो रही है. 19 साल के इस युवा ने घरेलू क्रिकेट में एक ऐसी पारी खेली थी जो मिसाल बन चुका है.

आरसीबी की तरफ से इस सीजन में खेलने उतरने की उम्मीद कर रहे स्वास्तिक चिकारा पर सबकी नजर है. महज 14 साल की उम्र में इस युवा ने 167 गेंद पर 55 चौके और 52 छक्के जमाते हुए 585 रन ठोक डाले थे. दिसंबर 2019 में माही क्रिकेट अकैडमी की ओर से गोरखपुर की एसीई क्रिकेट अकैडमी के खिलाफ 40 ओवर के मैच में उन्होंने यह विस्फोटक पारी खेली थी. माही क्रिकेट अकैडमी ने में कुल 704 रन बनाए थे और मुकाबला 355 रन से जीता था.

चिकारा का हालिया प्रदर्शन फीका
इस बल्लेबाज ने भले ही क्लब क्रिकेट में धमाका किया हो लेकिन हालिया प्रदर्शन कुछ खास नहीं रहा. हालिया सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में वो रन बनाने को संघर्ष करते नजर आए. पिछले 5 मुकाबलों में उनका बेस्ट स्कोर 21 रन का रहा. चिकारा ने 21, 5, 0, 7 और 3 रन ही बनाए. ऐसे में आरसीबी की टीम उनको प्लेइंग इलेवन में जगह देती है या नहीं देखना होगा.

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ऑस्ट्रेलिया में क्रिकेट मैच के दौरान पाकिस्तानी क्रिकेटर जुनैद खान की मौत

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Junaid Zafar Khan नाम के पाकिस्तानी मूल के ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर की अत्यधिक गर्मी के कारण मौत हो गई. 40 डिग्री सेल्सियस तापमान में मैच खेलते समय वे गिर पड़े और बचाए नहीं जा सके.

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क्रिकेटर जुनैद जफर खान की गर्मी से मौत

हाइलाइट्स

  • पाकिस्तानी मूल के ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर की मौत
  • भरी धूप और तेज गर्मी में खेल रहे थे क्रिकेट मैच
  • 40 डिग्री सेल्सियस के करीब पहुंच चुका था तापमान

एडिलेड में एक क्रिकेट मैच के दौरान गर्मी और उमस से एक क्रिकेटर की मौत हो गई. ये दुखद घटना पाकिस्तानी मूल के ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर जुनैद जफर खान के साथ हुई. अत्यधिक गर्मी के कारण वह मैदान पर गिर पड़े और उनकी मौत हो गई.

यह घटना शनिवार को दोपहर 4 बजे कॉनकॉर्डिया कॉलेज ओवल में ओल्ड कॉनकॉर्डियंस और प्रिंस अल्फ्रेड ओल्ड कॉलेजियंस के बीच मैच के दौरान हुई. पैरामेडिक्स द्वारा तत्काल चिकित्सा सहायता दिए जाने के बावजूद जुनैद खान को बचाया नहीं जा सका.

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घटना के समय मौसम बहुत खराब था और तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा था. एडिलेड टर्फ क्रिकेट एसोसिएशन के नियमों के अनुसार मैच 42 डिग्री सेल्सियस पर रद्द कर दिए जाने चाहिए, हालांकि 40 डिग्री सेल्सियस तक के तापमान के लिए संशोधित खेल स्थितियों की अनुमति है.

स्थानीय मीडिया के अनुसार जुनैद रमजान के दौरान रोजा पर थे और फिर भी मैच खेल रहे थे. लेकिन वे पूरे दिन पानी पीते रहे, क्योंकि छूट के तहत मुसलमानों को अस्वस्थ होने पर ऐसा करने की अनुमति है.

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OPINOIN: बागी हो रहे विराट-रोहित, परिवार के लिए BCCI के खिलाफ खोला मोर्चा, दकियानूसी विचार से नहीं चलेगा खेल

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Virat Kohli on presence of family on tours:विराट कोहली ने भारतीय टीम के विदेशी दौरों पर परिवार को साथ ना ले जाने के मसले पर बीसीसीआई को खरी-खरी सुना दी है. कोहली ने साफ कहा कि लोगों को इसकी अहमियत पता नहीं है.

OPINOIN: बागी हो रहे विराट-रोहित, परिवार के लिए BCCI से बगावत

आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी जीतने के बाद रोहित शर्मा और विराट कोहली. (फाइल फोटो)

हाइलाइट्स

  • विराट कोहली ने BCCI की परिवार संबंधी गाइडलाइन पर उठाए सवाल.
  • रोहित शर्मा ने भी कुछ दिन पहले कहा था कि इससे खिलाड़ी परेशान हैं.
  • हरभजन सिंह भी परिवार को दूर रखने की बात पर जता चुके हैरानी.

Virat Kohli on presence of family on tours: भारतीय क्रिकेटर बागी होने लगे हैं. वे दुनिया के सबसे ताकतवर क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) के खिलाफ आवाज बुलंद कर रहे हैं. जिस बीसीसीआई के सामने आईसीसी सहम जाती है, उसके खिलाफ विराट कोहली जमकर बोले. कोहली ने बोर्ड को सरल शब्दों में अपना संदेश दिया कि परिवार किसी खिलाड़ी के लिए कितनी अहमियत रखता है. कोहली जैसे कह रहे हों कि क्रिकेटर कोई ग्लेडिएटर नहीं हैं, जिनका काम सिर्फ मनोरंजन करना था, बल्कि वे मॉडर्न वर्ल्ड के खिलाड़ी हैं, जो अपने परिवार की खुशी और गम से प्रेरित भी होता है और परास्त भी.

विराट कोहली ने RCB के कॉन्क्लेव में भारतीय टीम के विदेशी दौरों पर परिवार के साथ होने या ना होने संबंधी सवालों पर खुलकर बात की है. किंग कोहली ने कहा कि उन्हें लगता है कि वे (परिजन) उन खिलाड़ियों के लिए संतुलन लाते हैं, जो मैदान पर मुश्किलों का सामना करते हैं. विराट के इतना कहते ही यह बहस फिर छिड़ गई है कि क्या खिलाड़ियों से परिवार को दूर रखने संबंधी बीसीसीआई की गाइडलाइंस सही हैं या ये दकियानूसी खयालात हैं.

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विराट कोहली ने बोर्ड को ललकारा
विराट कोहली ने अपनी बात इशारों में नहीं कही है. उन्होंने एक तरह से बोर्ड को बहस के लिए ललकारा है. विराट के जो बात कही, उसके समर्थन में मौजूदा क्रिकेटर, पूर्व क्रिकेटर से लेकर आम क्रिकेटप्रेमी तक बोल रहे हैं. बीसीसीआई बैकफुट पर है. शायद उसे गलती का एहसास है. अगर ऐसा है तो यह अच्छी बात भी है. उसे यह महसूस करना ही चाहिए कि मॉडर्न स्पोर्ट्स में दकियानूसी सोच ज्यादा दिनों तक बर्दाश्त नहीं की जाएगी. कोई ना कोई आवाज उठाएगा.

तुगलकी फरमान आसानी से गले नहीं उतरा
कुछ दिन पहले कप्तान रोहित शर्मा को यह कहते हुए सुना गया था कि वे इस बारे में सेक्रेटरी से बात करेंगे. रोहित सिस्टम के भीतर अपनी बात रखने की कोशिश कर रहे हैं. पर बेलौस विराट बागी स्वभाव के रहे हैं. अच्छा होगा यदि कानों में तेल डालकर बैठने वाले बोर्ड के पदाधिकारी अपने कप्तान और किंग की आवाज सुन लेते हैं. नहीं तो हवा का रुख उनके खिलाफ ही होगा. वैसे भी जब बोर्ड ने विदेशी दौरों पर टीम के साथ खिलाड़ियों के परिजनों के जाने पर रोक संबंधी तुगलकी फरमान जारी किया था तो यह आसानी से गले नहीं उतरा था.

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खिलाड़ी को भावनात्मक समर्थन की जरूरत
किसी जमाने में खिलाड़ियों को मशीन की तरह ट्रीट किया जाता था. चाबी भरी और खेल शुरू. यह देखने-समझने की जहमत भी नहीं उठाई जाती थी कि खिलाड़ी खेलने की हालत में है या नहीं. वो कहते हैं ना- शो मस्ट गो ऑन. लेकिन आधुनिक खेलमनोविज्ञान यह मानता है कि खिलाड़ी को सिर्फ शारीरिक रूप से फिट रहना जरूरी नहीं है या सिर्फ स्किल में महारत जरूरी नहीं है. कोई भी खिलाड़ी लगातार अच्छा प्रदर्शन तभी कर सकता है जब वह मानसिक रूप से स्वस्थ हो. उतारचढ़ाव भरे प्रदर्शन के दौरान उसे भावनात्मक समर्थन की जरूरत होती है और यही बात विराट कोहली कहते हैं.

कमरे में अकेले बैठना कभी अच्छा नहीं होता
विराट कोहली ने कहा, ‘अगर आप किसी खिलाड़ी से पूछेंगे कि क्या वे चाहते हैं कि परिवार उसके आस-पास रहे? तो जवाब होगा- हां . आखिर मैं होटल के कमरे में जा कर अकेले बैठकर उदास नहीं रहना चाहता. परिवार के साथ होने से हमें मदद मिलती है. जब मैं परिवार के साथ रहता हूं, वह मेरे लिए खुशी का दिन होता है.’ कोहली ने आगे कहा, ‘लोगों को यह समझाना काफी मुश्किल है कि जब आपके साथ बाहर कुछ बहुत मुश्किल घट रहा होता है, तो अपने परिवार के पास लौटना कितना अच्छा होता है. मुझे नहीं लगता कि लोग ये समझ पाते हैं कि इसकी क्या कीमत है. यह बेहद निराशाजनक है. जिन लोगों (परिजन) का खेल पर कोई नियंत्रण नहीं है, उन्हें इसके लिए जबरदस्ती घसीटा जाता है और कहा जा रहा है कि इन्हें दूर रखा जाना चाहिए. यह बेहद निराशाजनक है’

सिर्फ पैशन और पैसे के लिए नहीं खेल सकते खिलाड़ी
इस बात में कोई शक नहीं कि खिलाड़ी सिर्फ पैशन और पैसे के लिए नहीं खेल सकता. उसे एक वक्त पर बेहतर प्रदर्शन करने के लिए भावनात्मक समर्थन की जरूरत होती है और वह उसे परिवार से मिलता है. बोर्ड को भी यह बात समझनी चाहिए. और हां, अगर उसकी गाइडलाइंस के पीछे कोई वजह है तो वह भी सामने लानी चाहिए. अगर किसी खिलाड़ी के प्रदर्शन में सिर्फ इसलिए गिरावट आई क्योंकि उसके साथ पत्नी-बच्चे, माता-पिता या गर्लफ्रेंड थी और इससे उसका खेल से ध्यान भटका तो बोर्ड बताए. जब तक बोर्ड बिना वहज बताए तुगलकी फरमान जारी करता है तो उसका विरोध करने वाले को खेल जगत से समर्थन मिलेगा ही और मिलना भी चाहिए. इसीलिए बोर्ड इस बार बैकफुट पर है. लेकिन यकीन मानिए इस सबके बावजूद बोर्ड इस मामले में चुप्पी ही साधेगा. पारदर्शिता बीसीसीआई के लॉकर में ही रहेगी. कभी बाहर नहीं आएगी.

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Rishabh Pant ने Sunil Gavaskar की कमेंट्री की नकल की है

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Rishabh Pant ने सुनील गावस्कर के उस स्टुपिड-स्टुपिड वाली कमेंट्री सीन को रिक्रिएट किया है. क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल है. वीडियो देखकर क्रिकेट फैंस कैसे रिएक्ट करते हैं, देखने वाली बात होगी.

स्टुपिड-स्टुपिड-स्टुपिड... पंत ने लिया बेइज्जती का बदला, गावस्कर से सीधा पंगा

ऋषभ पंत ने उतारी सुनील गावस्कर की नकल

बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी के दौरान महान सुनील गावस्कर की कमेंट्री कौन भूल सकता है. जब भारत के पूर्व दिग्गज बल्लेबाज ने ऑन एयर ऋषभ पंत को जमकर कोसा था. खराब शॉट सिलेक्शनल के बाद अपना विकेट फेंकने वाले ऋषभ को लाइव मैच के दौरान स्टुपिड (Stupid) कह दिया था.

ये वीडियो तब सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ था. अब ऋषभ पंत ने अपनी बेइज्जती का ‘बदला’ ले लिया है. भारत के बाएं हाथ के बल्लेबाज ऋषभ पंत ने इंस्टाग्राम पर उस वायरल कमेंट्री मोमेंट को रीक्रिएट किया है. जो किसी ब्रांड के एडशूट का नजर आ रहा है.

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