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Israel resumes attacks in Gaza | इजराइल ने गाजा में फिर हमले शुरू किए: एयरस्ट्राइक में 60 की मौत, लेबनान और सीरिया में भी बमबारी; हमास बोला- यह सीजफायर का उल्लंघन

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तेल अवीव10 मिनट पहले

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इजराइल ने गाजा में फिर से हमले शुरू कर दिए हैं। इजराइल डिफेंस फोर्सेस के मुताबिक वायुसेना गाजा में हमास के ठिकानों पर एयरस्ट्राइक कर रही है। टाइम्स ऑफ इजराइल के मुताबिक इन हमलों में अब तक 60 लोगों की मौत हो गई है।

19 जनवरी को इजराइल-हमास में शुरू हुए सीजफायर के बाद इजराइल का गाजा में यह सबसे बड़ा हमला है। इजरायली सेना का कहना है कि वह हमले की योजना बना रहे आतंकवादियों को निशाना बना रही थी।

इजराइल ने पिछले दो हफ्तों से गाजा में भोजन, दवाइयों, ईंधन और अन्य सप्लाई को रोक दिया है और मांग की है कि हमास संघर्षविराम समझौते में बदलाव स्वीकार करे।

गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक मरने वालों का आंकड़ा अभी और बढ़ सकता है।

गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक मरने वालों का आंकड़ा अभी और बढ़ सकता है।

हमास ने सीजफायर का उल्लंघन बताया

हमास ने इजराइली हवाई हमलों को सीजफायर का उल्लंघन बताया है। हमास ने धमकी दी है कि इजराइल के इस कदम से उसके बंधक खतरे में पड़ गए है और इसके लिए इजराइली सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। हमास ने कहा कि इजराइल ने बिना किसी उकसावे के हमले किए हैं।

इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि उन्होंने यह हमले इसलिए कराए क्योंकि सीजफायर पर हो रही बातचीत आगे नहीं बढ़ रही थी। नेतन्याहू कई बार फिर से जंग शुरू करने की धमकी दे चुके हैं।

सीजफायर के पहले फेज में 33 इजराइली बंधक रिहा हुए

सीजफायर का पहला फेज 1 मार्च को खत्म हो गया है। पहले फेज में हमास ने 33 बंधक छोड़े हैं, इनमें 8 शव शामिल हैं। वहीं इजराइल 2 हजार से फिलिस्तीनी कैदियों को रिहा किया है। इजराइल और हमास में बीच सीजफायर के दूसरे फेज पर अभी तक बातचीत शुरू नहीं हो पाई है।

इस फेज में लगभग 60 बंधकों को रिहा किया जाना था। साथ ही जंग को पूरी तरह से खत्म करने पर बात होनी थी।

तीन फेज में पूरी होनी है सीजफायर डील

इजराइल और फिलिस्तीन के बीच कैदियों की अदला-बदली की यह डील तीन फेज में पूरी होगी। इसमें 42 दिन तक बंधकों की अदला-बदली की जाएगी।

पहला फेज:

  • 19 जनवरी से 1 मार्च तक गाजा में पूरी तरह से युद्धविराम रहा। हमास 33 इजराइली बंधकों को रिहा किया।। इजराइल रोजाना अपने एक बंधक के बदले 33 फिलिस्तीनी बंदियों को रिहा करेगा। हर एक इजराइली महिला सैनिक के बदले 50 फिलिस्तीनी बंदियों को रिहाई मिलेगी।

दूसरा फेजः

  • कहा गया था कि पहले फेज के 16वें दिन, यानी 3 फरवरी तक सब कुछ ठीक रहा, तो दूसरे फेज की योजना पर बातचीत शुरू होगी। इस दौरान हमला नहीं किया जाएगा। जिंदा बचे हुए बाकी बंधकों को रिहा किया जाएगा। हालांकि बातचीत अभी तक शुरू नहीं हो सकी है।
  • इजराइल 1 हजार फिलिस्तीनी कैदियों को रिहा करेगा, इनमें लगभग 190 कैदी 15 साल से ज्यादा समय से सजा काट रहे हैं।

तीसरा फेजः

  • इस डील के आखिरी फेज में गाजा को दोबारा बसाया जाएगा। इसमें 3 से 5 साल का समय लगेगा। हमास के कब्जे में मारे गए बंधकों के शव भी इजराइल को सौंपे जाएंगे।

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Jalandhar bhogpur woman dies by Canadian flight | Jalandhar | Bhogpur | Canada | Paramjit Kaur | जालंधर की महिला की कनाडाई फ्लाइट में मौत: बेटी से मिलने गई थी, तबीयत बिगड़ी तो इमरजेंसी लैंडिंग करवाई, रास्ते में दम तोड़ा – Jalandhar News

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जालंधर की एक महिला की कनाडा में फ्लाइट के अंदर मौत हो गई। मृतक महिला की पहचान जालंधर के कस्बा भोगपुर की रहने वाली परमजीत कौर गिल के रूप में हुई है। जो कनाडा के एक एरयपोर्ट से दूसरे किसी प्रोविंस के एयरपोर्ट पर जा रही थी। इस दौरान फ्लाइट में उसकी तबीय

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बेटी से मिलने विदेश गई थी महिला

जानकारी के अनुसार, भोगपुर की रहने वाले परमजीत कौर गिल अपनी बेटी से मिलने के लिए कनाडा गई थी। महिला कनाडा में ही ट्रैवल कर रही थी। इस दौरान जब परमजीत की तबीयत बिगड़ी तो तुरंत फ्लाइट के क्रू मेंबर्स को सूचना दी गई।

जिसके बाद फ्लाइट को इमरजेंसी में तय समय से पहले किसी अन्य एयरपोर्ट पर उतारा गया। जहां से तुरंत उस महिला को अस्पताल ले जाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई। अस्पताल ले जाते ही महिला को डॉक्टरों द्वारा मृत घोषित कर दिया गया था। हालांकि फिलहाल ये स्पष्ट नहीं है कि महिला की मौत का सटीक कारण क्या था। परमजीत की मौत के बाद से भोगपुर में रह रहे परिवार में शोक की लहर है।

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Raisina Dialogue 2025: शशि थरूर ने रूस-यूक्रेन युद्ध पर अपने पुराने रुख पर जताया अफसोस.

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Raisina Dialogue 2025: शशि थरूर ने रायसीना डायलॉग 2025 में स्वीकार किया कि रूस-यूक्रेन युद्ध पर 2022 में उनका रुख गलत था और अब उन्हें अफसोस है. उन्होंने पीएम मोदी की नीति की तारीफ भी की.

मुझे अफसोस...रूस-यूक्रेन जंग पर शशि थरूर को गलती का एहसास, कहा- मोदी सरकार सही

Raisina Dialogue 2025: शशि थरूर ने रूस-यूक्रेन युद्ध पर अपने पुराने रुख पर जताया अफसोस.

हाइलाइट्स

  • शशि थरूर ने रूस-यूक्रेन युद्ध पर 2022 में अपनाया रुख गलत माना.
  • थरूर ने पीएम मोदी की नीति की तारीफ की.
  • भारत ने रूस-यूक्रेन संकट में संतुलित रुख अपनाया.

Raisina Dialogue 2025: रूस और यूक्रेन के बीच 2022 में युद्ध शुरू हुआ था. जंग अब भी जारी है. जब पूरी दुनिया में रूस-यूक्रेन जंग से खलबली मची तब कांग्रेस नेता शशि थरूर उस समय भारत के रुख के सबसे मुखर विरोधियों में से एक थे. तब उन्होंने भारत के स्टैंड को लेकर केंद्र सरकार की आलोचना की थी. अब तीन साल बाद उन्हें अपने स्टैंड को लेकर पछतावा है. कांग्रेस नेता शशि थरूर ने मंगलवार को रायसीना डायलॉग 2025 में स्वीकार किया कि रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर 2022 में जो रुख उन्होंने अपनाया था, वह सही नहीं था. अब उन्हें उस बयान पर अफसोस हो रहा है.

दरअसल, साल 2022 में युद्ध शुरू होने के बाद शशि थरूर भारत सरकार के रुख के सबसे मुखर आलोचकों में से एक थे. उस समय उन्होंने संसद में कहा था कि भारत का रूस-यूक्रेन युद्ध पर अचानक चुप हो जाना यूक्रेन और उसके समर्थकों के लिए निराशाजनक होगा. उन्होंने सरकार पर मौन रहने का आरोप लगाते हुए कहा था, ‘रूस हमारा दोस्त है और उसकी कुछ वैध सुरक्षा चिंताएं हो सकती हैं, लेकिन भारत का अचानक इस मुद्दे पर चुप हो जाना यूक्रेन और उसके समर्थकों को निराश करेगा. यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि भारत इस मामले में मौन हो गया.’

शशि थरूर ने मानी गलती
रायसीना डायलॉग 2025 में शशि थरूर से पूछा गया कि क्या रूस-यूक्रेन युद्ध और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की स्थिति को देखते हुए उन्हें खुशी है कि भारत ने जो रुख अपनाया, वह सही था? इस पर शशि थरूर ने माना कि तीन साल बाद उन्हें अपनी उस स्थिति पर अफसोस है. उन्हें शर्मिंदगी जैसा अहसास हो रहा है. उन्होंने कहा कि अब मुझे अफसोस है कि जो रुख मैंने अपनाया था, वह सही नहीं था. शशि थरूर ने कहा, ‘मुझे अब भी शर्मिंदगी महसूस हो रही है. फरवरी 2022 में संसदीय बहस में मैं अकेला शख्स था जिसने भारत के रुख की आलोचना की थी. मैंने कहा था कि ये संयुक्त राष्ट्र के घोषणापत्र का उल्लंघन है. सीमाओं की अखंडता और एक सदस्य देश यानी यूक्रेन की संप्रभुता के सिद्धांत का उल्लंघन हुआ है. हम हमेशा से ही अंतरराष्ट्रीय विवादों को सुलझाने के लिए बल प्रयोग को अस्वीकार्य मानते आए हैं. मैंने कहा था कि इन सारे सिद्धांतों का एक पक्ष ने उल्लंघन किया है और हमें निंदा करनी चाहिए थी.’

पीएम मोदी की तारीफ?
शशि थरूर ने आगे स्वीकार किया, ‘तीन साल बाद ऐसा लगता है कि मैं ही बेवकूफ बन गया. स्पष्ट रूप से इस नीति का मतलब है कि भारत के पास वास्तव में एक ऐसा प्रधानमंत्री है जो दो सप्ताह के अंतराल में यूक्रेन के राष्ट्रपति और रूस के राष्ट्रपति दोनों को गले लगा सकते हैं.’ उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि उस नीति के कारण, भारत ऐसी स्थिति में है जहां वह स्थायी शांति के लिए अपनी भूमिका निभा सकता है. उन्होंने कहा, ‘दूरी से मदद मिलती है. तथ्य यह है कि हम यूरोप में नहीं हैं और हमें सीधे तौर पर किसी भी तरह का खतरा नहीं है, और उदाहरण के लिए हमें क्षेत्रीय सीमाओं में किसी भी बदलाव से कोई फायदा नहीं होता है, इससे मदद मिलती है.’

शशि थरूर से हुई चूक?
तीन साल बाद शशि थरूर का मंच से यह स्वीकार करना कि उस समय का उनका रुख गलत साबित हुआ और आज की परिस्थितियों को देखते हुए उन्हें इस पर पछतावा है, अपने आप में बड़ी बात है. शशि थरूर का यह बयान ऐसे समय आया है, जब भारत ने रूस-यूक्रेन संकट में संतुलित और तटस्थ रुख अपनाते हुए शांति और कूटनीतिक समाधान की वकालत की है. शशि थरूर के इस बयान से उनके पहले के रुख पर पुनर्विचार की झलक मिलती है और यह भी संकेत मिलता है कि अंतरराष्ट्रीय राजनीति में बदलते समीकरणों को समझने में शायद उनसे चूक हुई थी.

क्या भारत यूक्रेन शांति रक्षक भेजेगा?
थरूर से यह भी पूछा गया कि क्या यह संभव है कि भारत यूक्रेन समेत संघर्ष प्रभावित क्षेत्रों में शांति रक्षक भेजेगा? उन्होंने बताया कि फैसला कई बातों पर निर्भर करेगा. उन्होंने कहा, ‘यह देखना होगा कि क्या दोनों पक्ष शांति के लिए तैयार हैं, क्या अंतरराष्ट्रीय शांति स्थापना के लिए गंभीरता से अंतरराष्ट्रीय समर्थन मिलेगा? भारत सरकार के लिए ऐसा फैसला लेने से पहले इन सब बातों को ध्यान में रखना होगा. हां या ना कहने से पहले उन्हें इन बातों को सबसे ऊपर रखना होगा.’ हालांकि, उन्होंने इस मामले में आशावादी रुख दिखाया और कहा कि इसे पूरी तरह से संभव मानता हूं कि इन परिस्थितियों में भारत हां कहेगा. उन्होंने आगे कहा कि भारत ने अपने इतिहास में दुनिया भर में ढाई लाख शांति रक्षक भेजे हैं. उन्होंने कहा कि नई दिल्ली ने करीब 49 शांति अभियानों में भाग लिया है. “तो यह एक ऐसा देश है जिसका भारत के प्रत्यक्ष हित से बहुत दूर के स्थानों पर शांति स्थापित करने का व्यापक रिकॉर्ड है. तो क्यों नहीं?”

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मुझे अफसोस…रूस-यूक्रेन जंग पर शशि थरूर को गलती का एहसास, कहा- मोदी सरकार सही

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Russia Ukraine War News: पुतिन-ट्रंप की बातचीत से युद्धविराम की उम्मीद

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Russia Ukraine Ceasefire: रूसी राष्ट्रपति पुतिन और अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप आज यूक्रेन युद्ध को खत्म करने पर बातचीत करेंगे. ट्रंप ने कहा कि युद्ध जल्द खत्म हो सकता है. पुतिन युद्धविराम पर सैद्धांतिक रूप से सहमत…और पढ़ें

पुतिन और ट्रंप आज करेंगे बात, सीजफायर की हो पाएगी डील?

पुतिन और ट्रंप में आज बात होगी.

हाइलाइट्स

  • पुतिन और ट्रंप आज यूक्रेन युद्ध पर करेंगे बातचीत
  • यूक्रेन 30 दिनों के युद्धविराम पर सहमत
  • यूक्रेन ने एक मजबूत युद्धविराम की मांग की है

Russia Ukraine War Live Update: रूसी राष्ट्रपति पुतिन और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच आज बातचीत होगी. रूस-यूक्रेन युद्ध को खत्म करने पर यह बातचीत होगी. एक अमेरिकी अधिकारी ने उम्मीद जताई है कि दोनों नेता यूक्रेन संघर्ष पर युद्धविराम के लिए हफ्तों में सहमति बना सकते हैं. ट्रंप ने कहा कि यूक्रेन संघर्ष को सुलझाने के लिए अमेरिका और रूस के बीच बहुत काम किया है और उन्हें उम्मीद है कि युद्ध जल्द ही खत्म हो जाएगा. पुतिन ने पिछले सप्ताह कहा था कि वह युद्धविराम के विचार से सहमत हैं, लेकिन उन्होंने चेतावनी दी कि इसे लागू करने के तरीके को लेकर उनके गंभीर सवाल हैं, जिसे लेकर वह ट्रंप से बात करना चाहेंगे. वहीं यूक्रेन ने 30 दिनों के युद्धविराम पर सहमति जता दी है.

लाइव अपडेट्स

  • अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि वह और पुतिन आज फोन पर बातचीत में यूक्रेन के भाग्य का फैसला करेंगे. इस महत्वपूर्ण वार्ता में जेलेंस्की शामिल नहीं होंगे. इस बात की आशंका जताई जा रही है कि पुतिन आसानी से अपनी शर्तें ट्रंप से मनवा सकते हैं.
  • युद्धविराम पर भले ही यूक्रेन सहमत है, लेकिन यूरोप के देश पुतिन की आलोचना कर रहे हैं कि वह बिना शर्त और तत्काल युद्धविराम पर तैयार नहीं हैं. ब्रिटेन ने पुतिन पर समय बर्बाद करने का आरोप लगाया है.
  • क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने कहा, ‘मंगलवार को ऐसी बातचीत की तैयारी है.’ हालांकि उन्होंने यह नहीं बताया कि दोनों नेता किन मुद्दों पर बात करेंगे. ट्रंप ने कहा है कि वे जमीन और पावर प्लांट्स पर चर्चा करेंगे.
  • राष्ट्रपति ट्रंप ने पिछले महीने पुतिन से बात की थी. वहीं ट्रंप के विशेष दूत स्टीव विटकॉफ ने पिछले गुरुवार को मॉस्को में पुतिन से मुलाकात की और युद्धविराम का प्लान प्रस्तुत किया था.
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पुतिन और ट्रंप आज करेंगे बात, सीजफायर की हो पाएगी डील?

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