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US Ukraine Mineral Deal Russia: डोनाल्ड ट्रंप और यूक्रेन के बीच प्राकृतिक संसाधनों पर डील

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Russia Ukraine War: डोनाल्ड ट्रंप यूक्रेन के प्राकृतिक संसाधनों पर नजर गड़ाए हुए हैं. रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका और यूक्रेन ने पुनर्निर्माण और संसाधनों को लेकर एक डील पर सहमति जताई है. हालांकि, यूक्रेन की सुरक्…और पढ़ें

जेलेंस्की को ब्लैकमेल करने में कामयाब हुए ट्रंप, खजाना देने को यूक्रेन तैयार

अमेरिका और यूक्रेन में होगी डील. (Reuters)

हाइलाइट्स

  • यूक्रेन और अमेरिका ने संसाधनों पर डील की सहमति जताई
  • यूक्रेन अपने दुर्लभ खनिज देने को तैयार है
  • जेलेंस्की वाशिंगटन जाकर डील साइन कर सकते हैं

वॉशिंगटन: डोनाल्ड ट्रंप की नजर यूक्रेन के प्राकृतिक संसाधनों पर है और वह इसे पाने में कामयाब होते दिख रहे हैं. CNN की रिपोर्ट के मुताबिक एक यूक्रेनी अधिकारी ने बताया कि अमेरिका और यूक्रेन ने प्राकृतिक संसाधनों और यूक्रेन के पुनर्निर्माण पर एक डील पर सहमति जताई है. रिपोर्ट में सूत्रों का हवाला देते हुए कहा गया कि यह सहमति तब बनी है जब समझौते से जुड़े ड्राफ्ट में सभी अस्वीकार्य शर्तों को हटा दिया गया. अब इसमें साफ तौर से बताया गया है कि यह डील यूक्रेन की सुरक्षा और शांति में किस तरह योगदान देगा. अमेरिका की ओर से समझौते की शर्तों पर सहमति की पुष्टि नहीं की है. ट्रंप लगातार यूक्रेन पर दबाव बना रहे थे कि एक ऐसी डील हो.

हालांकि यूक्रेनी राष्ट्रपति व्लादिमीर जेलेंस्की अगले कुछ दिनों में वाशिंगटन जा सकते हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार को ओवल ऑफिस से कहा, ‘मैंने सुना है कि वह (जेलेंस्की) शुक्रवार को आ रहे हैं. निश्चित तौर पर अगर वह चाहें तो मेरे लिए ठीक है कि डील को वह मिलकर साइन करें. मैं मानता हूं कि यह एक बड़ा समझौता है. बहुत बड़ा समझौता है.’ इससे पहले भी रिपोर्ट्स आई थीं कि यूक्रेन एक समझौता करने के लिए तैयार है, जो अमेरिका को यूक्रेन के दुर्लभ खनिजों को हासिल करने देगा. इसके बदले में अमेरिका यूक्रेन के पुनर्निर्माण कोष में शामिल होगा. सूत्र ने बताया कि अमेरिका ने ड्राफ्ट में सुरक्षा गारंटी शामिल करने का विरोध किया था.

जेलेंस्की नहीं हुए थे तैयार
यूक्रेन अपना दुर्लभ खनिज देने को तैयार है, लेकिन इसके बावजूद समझौते में उसकी सुरक्षा को लेकर सटीक शर्तें नहीं हैं. रिपोर्ट के मुताबिक संसाधन समझौतों से जुड़े कुछ जटिल विवरणों पर बाद की वार्ताओं में बातचीत की जाएगी. अमेरिकी और यूक्रेनी राष्ट्रपति सुरक्षा गारंटी पर व्यक्तिगत रूप से चर्चा कर सकते हैं. इससे पहले ट्रंप ने यूक्रेन को मदद के बदले खनिजों में 500 बिलियन डॉलर की हिस्सेदारी मांगी थी, लेकिन जेलेंस्की ने इसे खारिज कर दिया था. रिपोर्ट के मुताबिक जेलेंस्की ने इसे इसलिए खारिज किया था, क्योंकि इसमें अमेरिका की कोई भागीदारी नहीं थी, जबकि यूक्रेन से सब कुछ देने की उम्मीद की गई थी.

यूक्रेन पर दबाव बना रहा यूक्रेन
रूस और यूक्रेन युद्ध को 24 फरवरी को तीन साल हो गए. युद्ध खत्म करने को लेकर संयुक्त राष्ट्र में एक प्रस्ताव लाया गया, जिसमें अमेरिका रूस के साथ खड़ा दिखा. अमेरिका ने रूस को हमले के लिए दोषी ठहराने से इनकार कर दिया. यह अमेरिका का एक अलग ही रुख दिखाता है. इस प्रस्ताव पर संयुक्त राष्ट्र में सहमति बनी. भारत ने इस मुद्दे पर वोटिंग से इनकार किया.

एजेंसी इनपुट के साथ.

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भारत के लोग जितना सालभर में कमाते हैं, उतनी कमाई 20 दिन में करते हैं न्यूजीलैंड वाले, आधे से अधिक हैं ‘अधर्मी’

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IND vs NZ Champions Trophy Final: टीम इंडिया और न्यूजीलैंड क्रिकेट की दुनिया में भले ही बराबरी पर खड़े हों लेकिन इसके इतर बात करें तो भारत बेहद शक्तिशाली है.

भारत के लोग जितना सालभर में कमाते हैं, न्यूजीलैंड वाले उतनी कमाई 20 दिन में...

भारत से दो आईसीसी ट्रॉफी छीन चुका है न्यूजीलैंड.

हाइलाइट्स

  • चैंपियंस ट्रॉफी जीतकर न्यूजीलैंड से बदला लेने चाहेगा भारत.
  • भारत से दो आईसीसी ट्रॉफी छीन चुकी है न्यूजीलैंड की टीम.
  • 52 लाख की आबादी वाला देश 3 बार रग्बी वर्ल्ड कप भी जीता है.

नई दिल्ली. भारत और न्यूजीलैंड की टीमें शनिवार को आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी में टकराएंगी. ये दोनों देश क्रिकेट की दुनिया में भले ही बराबरी पर खड़े हों लेकिन इसके इतर बात करें तो भारत बेहद शक्तिशाली है. जीडीपी से लेकर आबादी तक में भारत के सामने न्यूजीलैंड कहीं नहीं टिकता है. हकीकत तो यह है कि जितने लोगों ने हाल ही में महाकुंभ डुबकी लगाई, न्यूजीलैंड की आबादी उसका एक फीसदी भी नहीं है.

न्यूजीलैंड भारतीय खेलप्रेमियों के लिए कोई नया नाम नहीं है. दोनों देश बरसों से एकदूसरे के साथ खेलते रहे हैं. महज 4 महीने पहले न्यूजीलैंड की टीम ने भारत में आकर मेजबान टीम को 3-0 से हराया था. 25 साल पहले हुई चैंपियंस ट्रॉफी का फाइनल हो या 2021 का डब्ल्यूटीसी फाइनल… न्यूजीलैंड की टीम भारत पर भारी पड़ी है. कम से कम आईसीसी टूर्नामेंट्स में भारतीय टीम न्यूजीलैंड के सामने कमतर नजर आती है. शायद यह भी एक कारण है कि भारत में न्यूजीलैंड के बारे में काफी उत्सुकता रही है.

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3 बार जीता रग्बी का वर्ल्ड कप
हम भारतीय न्यूजीलैंड को भले ही क्रिकेट के जरिये जानते हैं, लेकिन यह उनका दूसरा प्रिय खेल है. न्यूजीलैंड में सबसे ज्यादा लोकप्रिय रग्बी है, जिसमें वह 3 बार वर्ल्ड चैंपियन भी रह चुका है. न्यूजीलैंड की हॉकी टीम भी दुनिया की ताकतवर टीमों में शुमार की जाती है. न्यूजीलैंड चूंकि काफी छोटा देश है, इसलिए वह हर खेल में उस ताकत से सामने नहीं आता, जितनी उसमें क्षमता है.

51% लोगों ने कहा- नो रिलीजन
न्यूजीलैंड की कुल आबादी करीब 52 लाख है. अगर भारत से तुलना करें तो यहां दिल्ली-मुंबई समेत 9 शहरों की आबादी ही न्यूजीलैंड से अधिक है. हाल ही में भारत में महाकुंभ हुआ, जिसकी पूरी दुनिया में चर्चा रही. प्रयागराज में हुए इस महाकुंभ में 65 करोड़ से ज्यादा लोग पहुंचे. यानी इस महाकुंभ में जितने लोग पहुंचे, न्यूजीलैंड की आबादी उसका एक फीसदी भी नहीं है. वैसे न्यूजीलैंड के लोग बहुत धार्मिक भी नहीं है. इस देश के 51 फीसदी लोगों को धर्म से कोई लेना देना नहीं है. एक रिपोर्ट के मुताबिक जब न्यूजीलैंड में आबादी का सर्वे हुआ तो 51 फीसदी लोगों ने अपने नाम के सामने नो रिलीजन पर टिक किया.

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महिलाओं को वोटिंग राइट्स देने वाला पहला देश
न्यूजीलैंड के लोग धर्म को भले ही ज्यादा महत्व ना देते हों लेकिन इस देश में मानवीय मूल्यों को सबसे ऊंचा रखा जाता है. महिला अधिकारों की बात करें तो महिलाओं को सबसे पहले मतदान का अधिकार इसी देश ने दिया. भारत की आजादी से 54 साल पहले न्यूजीलैंड अपने देश की महिलाओं को वोटिंग राइट्स दे चुका था.

पर कैपिटा इनकम भारत से 18 गुना ज्यादा 
अगर प्रति व्यक्ति आय (पर कैपिटा इनकम) की बात करें तो न्यूजीलैंड दुनिया के कई देशों से बेहतर स्थिति में है. न्यूजीलैंड की प्रति व्यक्ति आय तकरीबन 43.45 लाख रुपए है. भारत की प्रति व्यक्ति आय 2.35 लाख रुपए के करीब है. यानी न्यूजीलैंड की प्रति व्यक्ति आय भारत से 18 गुना ज्यादा है. सरल शब्दों में कहें तो न्यूजीलैंड का एक आदमी औसतन जितना 20 दिन में कमाता है, भारत के एक व्यक्ति की यह एक साल की कमाई है.

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Argentina में भयंकर तूफान से तबाही, Bahia Blanca में सालभर की बारिश कुछ घंटों में

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अर्जेंटीना के बहिया ब्लांका शहर में भयंकर तूफान के कारण 13 लोगों की मौत हो गई और सैकड़ों बेघर हो गए. कुछ घंटों में सालभर की बारिश हुई, जिससे बाढ़ और तबाही मच गई.

तूफान ने इस देश में मचाई तबाही, 8 घंटे में ही हो गई साल भर की बारिश, डूब गए घर

अर्जेंटीना में बारिश से भारी तबाही मची है.

हाइलाइट्स

  • अर्जेंटीना के बहिया ब्लांका में भयंकर तूफान से 13 लोगों की मौत
  • 8 घंटे में सालभर की बारिश से बाढ़ और तबाही
  • अस्पताल और घर डूबे, सैकड़ों लोग बेघर

ब्यूनस आयर्स: अर्जेंटीना में एक भयानक तूफान ने तबाही मचाई है. अर्जेंटीना के बंदरगाह शहर बहिया ब्लांका में कुछ ही घंटों में एक साल की बारिश हो गई. तबाही इतनी ज्यादा है कि 13 लोगों की मौत हो गई और सैकड़ों लोग अपने घरों से बेघर हो गए. शुक्रवार के तूफान के बाद बाढ़ के पानी में बह जाने के बाद चार और एक साल की दो छोटी लड़कियां लापता हो गईं. भारी बारिश के कारण अस्पताल के कमरे डूब गए. मोहल्ले टापुओं में बदल गए और शहर के बड़े हिस्से में बिजली चली गई. राष्ट्रीय सुरक्षा मंत्री पैट्रिसिया बुलरिच ने कहा कि बहिया ब्लांका ‘तबाह’ हो गया है.

अधिकारियों ने बताया कि शुक्रवार को मरने वालों की संख्या 10 थी, जो शनिवार को बढ़कर 13 हो गई. मेयर के कार्यालय के अनुसार और भी लोगों के हताहत होने की संभावना है. 350,000 की आबादी वाला यह शहर, राजधानी ब्यूनस आयर्स से 600 किलोमीटर (370 मील) दक्षिण-पश्चिम में है. बुलरिच ने रेडियो मितरे को बताया कि लापता लड़कियों को शायद बाढ़ का पानी बहा ले गया. कम से कम पांच लोग बाढ़ग्रस्त सड़कों पर मारे गए, संभवतः क्योंकि वे तेजी से बढ़ते पानी में अपनी कारों में फंस गए थे.

8 घंटे में हुई सालभर की बारिश

प्रांतीय सुरक्षा मंत्री जेवियर अलोंसो के अनुसार शुक्रवार सुबह शुरू हुई बारिश ने केवल आठ घंटों में लगभग 400 मिलीमीटर (15.7 इंच) बारिश कर दी, जो बहिया ब्लांका को पूरे साल में मिलती है. शनिवार को बुलरिच और रक्षा मंत्री लुइस पेट्री ने एक प्रभावित इलाके का दौरा करने की कोशिश की, जिससे स्थानीय लोगों में नाराजगी फैल गई. सोशल मीडिया पर साझा किए गए एक वीडियो के अनुसार लोगों ने शिकायत की कि उन्हें पिछली रात ही आना चाहिए था.

भारी बारिश के बाद सड़कों को साफ करते लोग.

इससे पहले कि पुलिस और सरकारी अधिकारियों ने उन्हें भीड़ से बाहर निकाल पाते कुछ स्थानीय लोगों ने बुलरिच को बाढ़ के पानी की ओर खींचने की कोशिश की और आपत्तिजनक शब्द कहे. पर्यावरण अधिकारी एंड्रिया डुफॉर्ग के लिए, यह चरम मौसम घटना ‘जलवायु परिवर्तन का स्पष्ट उदाहरण’ है. डुफॉर्ग ब्यूनस आयर्स के पास स्थित इटुजैंगो शहर के पर्यावरण नीति निदेशक हैं. उन्होंने कहा, ‘दुर्भाग्य से यह जारी रहेगा… हमारे पास शहरों को तैयार करने, नागरिकों को शिक्षित करने, प्रभावी प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली स्थापित करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है.’

बच्चों को अस्पताल से निकाला गया

तूफान के कारण जोस पेन्या अस्पताल को खाली कराना पड़ा, जिसमें समाचार फुटेज और सोशल मीडिया पर साझा किए गए वीडियो में नर्सों और अन्य चिकित्सा कर्मचारियों को बच्चों को सुरक्षित स्थान पर ले जाते हुए दिखाया गया. बाद में सेना ने उनकी मदद की. डॉक्टर एडुआर्डो सेमिनारा के कार्यालय में लगभग 1.5 मीटर (पांच फीट) गंदा पानी भर गया. उन्होंने स्थानीय चैनल C5N को बताया, ‘सब कुछ बर्बाद हो गया है’. स्थानीय मीडिया ने बाढ़ग्रस्त दुकानों की तस्वीरें दिखाई और रात भर लूटपाट की खबरें दीं.

एजेंसी इनपुट के साथ.

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तूफान ने इस देश में मचाई तबाही, 8 घंटे में ही हो गई साल भर की बारिश, डूब गए घर

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बीएपीएस ने ऑस्ट्रेलिया में नीलकंठ वर्णी की सबसे ऊंची प्रतिमा का अनावरण किया

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बीएपीएस के वरिष्‍ठ संत स्‍वामी तीर्थ स्‍वरूप दास जी के अनुसार संस्‍थान ने ऑस्ट्रेलिया की सबसे ऊंची धातु प्रतिमा 49 फुट की भगवान नीलकंठ वर्णी की प्रतिमा का अनावरण किया. यह प्रतीकात्मक प्रतिमा शांति, दृढ़ता और आं…और पढ़ें

बीएपीएस ने ऑस्ट्रेलिया में नीलकंठ वर्णी की सबसे ऊंची प्रतिमा का अनावरण किया

ऑस्ट्रेलिया का बीएपीएस ने परिसर जहां पर नीलकंठ वर्णी की सबसे ऊंची प्रतिमा स्‍थापित की गयी.

नई दिल्‍ली. आध्यात्मिकता और सांस्कृतिक विरासत के इस ऐतिहासिक उत्सव में, बीएपीएस स्वामीनारायण संस्था ने ऑस्ट्रेलिया की सबसे ऊंची धातु प्रतिमा 49 फुट की भगवान नीलकंठ वर्णी की प्रतिमा का अनावरण किया. यह प्रतीकात्मक प्रतिमा शांति, दृढ़ता और आंतरिक शक्ति का प्रतीक है, जो आगंतुकों को इन शाश्वत मूल्यों को अपनाने के लिए प्रेरित करती है.

बीएपीएस के वरिष्‍ठ संत स्‍वामी तीर्थ स्‍वरूप दास जी के अनुसार इस प्रतिमा का अनावरण बीएपीएस के आध्यात्मिक गुरु परम पूज्य महंत स्वामी महाराज द्वारा एक भक्तिपूर्ण और पारंपरिक अनुष्ठान के साथ किया गया. इस अवसर पर आस्ट्रेलिया के जलवायु परिवर्तन और ऊर्जा मंत्री क्रिस बोवेन मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे.

अपने संबोधन में मंत्री बोवेन ने बीएपीएस द्वारा एकता, निःस्वार्थ सेवा और सांस्कृतिक समरसता को बढ़ावा देने के प्रति समर्पण की सराहना की. इस ऐतिहासिक अवसर पर ऑस्ट्रेलिया के विभिन्न हिस्सों से हजारों भक्तगण और शुभचिंतक एकत्र हुए, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि बीएपीएस समुदाय वैश्विक स्तर पर गहरी आध्यात्मिक छाप छोड़ रहा है.

ऑस्ट्रेलिया में नीलकंठ वर्णी की सबसे ऊंची प्रतिमा के अनावरण मौके पर संस्‍था के परम पूज्य महंत स्वामी महाराज पूजा अर्चना करते हुए.

25 एकड़ क्षेत्र में फैला होगा पूरा परिसर

नीलकंठ वर्णी प्रतिमा का अनावरण बीएपीएस के नए आध्यात्मिक और सांस्कृतिक परिसर के विकास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, जो ऑस्ट्रेलिया का सबसे बड़ा आध्यात्मिक क्षेत्र बनने जा रहा है और 25 एकड़ क्षेत्र में फैला होगा. इस परिसर में एक भव्य मंदिर, शांतिपूर्ण उद्यान और समर्पित सांस्कृतिक स्थान शामिल होंगे, जिन्हें शिक्षा, चिंतन और सामुदायिक सहभागिता को प्रोत्साहित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है.

गहन ध्यान में लीन है ये प्रतिमा

परम पूज्य महंत स्वामी महाराज की इस परिसर के प्रति दृष्टि बीएपीएस के आस्था, सेवा और आध्यात्मिक उत्थान के मूल्यों को प्रतिबिंबित करती है. नीलकंठ वर्णी की यह प्रतिमा, जो गहन ध्यान में लीन है, अटल एकाग्रता, आंतरिक शांति और आत्म-अनुशासन की शक्ति का प्रतीक है, जो आज के व्यस्त जीवन में अत्यंत प्रासंगिक है।

पश्चिमी सिडनी का एक नया प्रतीक

नया आध्यात्मिक परिसर सभी पृष्ठभूमि के लोगों के लिए उपासना, सांस्कृतिक शिक्षा और सामाजिक सौहार्द्र का स्थान बनने की आशा रखता है. अपनी भव्यता और गहरी आध्यात्मिक महत्ता के साथ यह परिसर पश्चिमी सिडनी का एक नया प्रतीक और ऑस्ट्रेलिया की समृद्ध बहुसांस्कृतिक पहचान का प्रतीक बनकर उभरेगा. इस पूरे प्रोजेक्‍ट का आकार 14 फुटबॉल मैदानों के बराबर है.

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