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Zelensky US Visit: अमेरिका में जेलेंस्की की फ्लाइट लैंड, क्या डोनाल्ड ट्रंप करेंगे बड़ी डील? लेकिन पेच बहुत

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Zelensky US Visit: यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की अमेरिका दौरे पर हैं और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मिलने वाले हैं. ट्रंप ने दुर्लभ खनिजों की डील की बात कही है, लेकिन विशेषज्ञों को इस पर संदेह…और पढ़ें

यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की अमेरिका दौरे पर पहुंच चुके हैं. (फोटो AP)
हाइलाइट्स
- जेलेंस्की अमेरिका दौरे पर पहुंचे.
- ट्रंप दुर्लभ खनिजों की डील पर संदेह.
- यूक्रेन में खनिजों की मात्रा कम.
वाशिंगटन: यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की अमेरिका दौरे पर पहुंच चुके हैं. उनकी फ्लाइट युक्त बेस एंड्रयूज पहुंच चुका है. यूक्रेनी राष्ट्रपति के शुक्रवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मिलने की उम्मीद है. वहीं का दावा है कि जेलेंस्की के साथ वह जो ‘ट्रिलियन-डॉलर डील’ करने वाले हैं, उससे अमेरिका को दुर्लभ खनिजों का खजाना आसानी से मिल जाएगा. लेकिन वर्तमान और पूर्व अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि यूक्रेन में दुर्लभ खनिजों और अन्य खनिज संपत्तियों के बारे में बहुत कम साक्ष्य हैं और जो कुछ भी है, उसे पूर्वी युद्धग्रस्त क्षेत्र में निकालना मुश्किल, यहां तक कि असंभव होगा.
ट्रंप के मुताबिक, यह डील अमेरिकी टैक्सपेयर के लिए फायदेमंद होगी क्योंकि इससे यूक्रेन की सहायता में खर्च हुए अरबों डॉलर की भरपाई होगी. हालांकि, अमेरिकी अधिकारियों और विशेषज्ञों को इस सौदे पर संदेह है. उनका कहना है कि यूक्रेन में दुर्लभ खनिजों की मौजूदगी के बारे में पुख्ता जानकारी नहीं है. मौजूदा आंकड़े पुराने हैं और सोवियत युग के मानचित्रों पर आधारित हैं. विशेषज्ञों का मानना है कि यूक्रेन में उपलब्ध खनिजों की मात्रा वैश्विक स्तर पर बहुत कम है.
❗️Zelensky lands at Joint Base Andrews ahead of high-stakes DC visit
The defacto Ukrainian president is expected to meet with Trump in person on Friday. pic.twitter.com/CA4xkAI6AA
— RT (@RT_com) February 28, 2025
Internattional
मॉरीशस की आबो-हवा में अपनेपन का एहसास, यहां की मिट्टी में हमारे पूर्वजों का खून-पसीना: PM मोदी

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PM Modi in Mauritius: प्रधानमंत्री मोदी ने मॉरीशस को भारत और ‘ग्लोबल साउथ’ के बीच सेतु बताया. उन्होंने मॉरीशस को ‘मिनी इंडिया’ कहा और मॉरीशस के सर्वोच्च नागरिक सम्मान को स्वीकार किया.

पीएम मोदी ने कहा, “मॉरीशस सिर्फ एक साझेदार देश नहीं है. हमारे लिए मॉरीशस एक परिवार है!”
हाइलाइट्स
- पीएम मोदी ने मॉरीशस को ‘मिनी इंडिया’ कहा.
- मॉरीशस ने पीएम मोदी को सर्वोच्च नागरिक सम्मान दिया.
- पीएम मोदी ने मॉरीशस को ‘ग्लोबल साउथ’ का सेतु बताया.
पोर्ट लुइस. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को मॉरीशस को भारत और ‘ग्लोबल साउथ’ के बीच एक सेतु करार दिया. उन्होंने कहा कि मॉरीशस सिर्फ एक साझेदार देश भर नहीं है, बल्कि भारत के परिवार का हिस्सा है. पीएम मोदी ने पोर्ट लुइस में एक सामुदायिक कार्यक्रम में प्रवासी भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए कहा, “मॉरीशस ‘मिनी इंडिया’ की तरह है.” इस कार्यक्रम में मॉरीशस के प्रधानमंत्री नवीनचंद्र रामगुलाम, उनकी पत्नी और कैबिनेट मंत्री भी शामिल हुए.
पीएम मोदी ने कहा, “मॉरीशस सिर्फ एक साझेदार देश भर नहीं है. हमारे लिए मॉरीशस परिवार का एक हिस्सा है! यह बंधन इतिहास, विरासत और मानवीय भावना में गहराई और मजबूती से निहित है.” उन्होंने कहा, “मॉरीशस भारत को व्यापक ‘ग्लोबल साउथ’ से जोड़ने वाला एक सेतु भी है. एक दशक पहले, 2015 में प्रधानमंत्री के रूप में अपने पहले कार्यकाल में मैंने भारत के सागर दृष्टिकोण की घोषणा की थी. सागर का मतलब क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास सुनिश्चित करना है. आज भी मॉरीशस इस दृष्टिकोण के केंद्र में है.”
मॉरीशस के पोर्ट लुइस में भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि जब मैं मॉरीशस आता हूं, तो ऐसा लगता है कि अपनों के बीच ही तो आया हूं. यहां की हवा में, यहां की मिट्टी में, यहां के पानी में अपनेपन का एहसास है. यहां की मिट्टी में हमारे पूर्वजों का खून और पसीना मिला हुआ है. मॉरीशस के लोगों ने, यहां की सरकार ने, मुझे अपना सर्वोच्च नागरिक सम्मान देने का फैसला लिया है. मैं आपके निर्णय को विनम्रता से स्वीकार करता हूं. ये भारत और मॉरीशस के ऐतिहासिक रिश्तों का सम्मान है.
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि मुझे याद है, साल 1998 में अंतरराष्ट्रीय रामायण सम्मेलन के लिए मुझे यहां आने का अवसर मिला था. तब मैं किसी सरकारी पद पर भी नहीं था. एक सामान्य कार्यकर्ता के रूप में यहां आया था. संयोग देखिए, नवीन रामगुलाम उस समय भी प्रधानमंत्री थे. जब मैं प्रधानमंत्री बना तो नवीन रामगुलाम मेरे शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा लेने दिल्ली आए थे. प्रभु राम और रामायण के प्रति जो आस्था, भावना मैंने जो सालों पहले महसूस की थी, वह आज भी अनुभव करता हूं.
हमारे पूर्वज भारत के विभिन्न क्षेत्रों से यहां लाए गए थे. जब हम भाषा, बोली और खानपान की आदतों में विविधता पर विचार करते हैं, तो यह स्थान वास्तव में एक छोटा हिंदुस्तान, एक लघु भारत का प्रतिनिधित्व करता है. जब अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा का आयोजन हुआ, हमारा 500 साल का इंतजार खत्म हुआ, तो भारत में जो उत्साह और उत्सव था, यहां मॉरीशस में भी उतना ही बड़ा महोत्सव हमने देखा. उस दौरान मॉरीशस ने आधे दिन की छुट्टी भी घोषित की थी. भारत और मॉरीशस के बीच आस्था का ये संबंध हमारी मित्रता का बहुत बड़ा आधार है.
पीएम मोदी ने आगे कहा कि मैं जानता हूं कि मॉरीशस के अनेक परिवार अभी-अभी महाकुंभ में भी होकर आए हैं. दुनिया को आश्चर्य हो रहा है कि मानव इतिहास का, विश्व का, ये सबसे बड़ा समागम था और उसमें मॉरीशस के लोग भी गए थे. लेकिन मुझे ये भी पता है कि मॉरीशस के मेरे अनेक परिवारजन चाहते हुए भी एकता के इस महाकुंभ में नहीं जा पाए. मुझे आपकी भावनाओं का ध्यान है, इसलिए मैं आपके लिए पवित्र संगम का और महाकुंभ के उसी समय का पवित्र जल साथ लेकर आया हूं. इस पवित्र जल को कल गंगा तालाब को अर्पित किया जाएगा. मेरी प्रार्थना है कि मां गंगा की कृपा से मॉरीशस समृद्धि की नई ऊंचाइयों को छुए.
पीएम मोदी ने बिहार का जिक्र करते हुए कहा कि बिहार के साथ आपका भावुक संबंध भी मैं समझता हूं. दुनिया के अनेक हिस्से जब पढ़ाई-लिखाई से कोसों दूर थे, तब नालंदा जैसा ग्लोबल इंस्टीट्यूट भारत में था, बिहार में था. हमारी सरकार ने फिर से नालंदा यूनिवर्सिटी को और नालंदा स्पिरिट को रिवाइव किया है. बिहार का मखाना, ये आज भारत में बहुत चर्चा में है. आप देखेंगे कि वो दिन दूर नहीं, बिहार का ये मखाना, दुनिया भर में स्नैक्स मैन्यू का हिस्सा होगा.
संकट के समय में भारत हमेशा मॉरीशस के साथ खड़ा रहा है. कोविड-19 के दौरान, भारत एक लाख वैक्सीन और ज़रूरी दवाइयां पहुंचाने वाला पहला देश था. जब मॉरीशस संकट का सामना करता है, तो भारत सबसे पहले मदद के लिए आगे आता है. जब मॉरीशस समृद्ध होता है तो भारत सबसे पहले जश्न मनाता है. जैसा कि मैंने पहले कहा कि हमारे लिए मॉरीशस एक परिवार है.
कार्यक्रम की शुरुआत में पीएम मोदी ने रामगुलाम और उनकी पत्नी वीणा को ‘ओवरसीज सिटीजन ऑफ इंडिया (ओसीआई)’ कार्ड प्रदान किए. उन्होंने कहा कि मॉरीशस में रहने वाले भारतीय समुदाय की सातवीं पीढ़ी को भी ओसीआई कार्ड देने का फैसला किया गया है. मॉरीशस ने मंगलवार को घोषणा की कि मोदी को देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘द ग्रैंड कमांडर ऑफ द ऑर्डर ऑफ द स्टार एंड की ऑफ द इंडियन ओशन’ से सम्मानित किया जाएगा.
प्रधानमंत्री ने इस सम्मान के लिए मॉरीशस की जनता और सरकार का आभार जताया. उन्होंने कहा, “मैं इस निर्णय को बहुत सम्मान के साथ स्वीकार करता हूं. इसके जरिये सिर्फ मुझे सम्मानित नहीं किया गया है, बल्कि भारत और मॉरीशस के बीच ऐतिहासिक संबंधों को सम्मानित किया गया है.” बुधवार को पीएम मोदी मॉरीशस के राष्ट्रीय दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे.
March 11, 2025, 23:01 IST
मॉरीशस की मिट्टी में हमारे पूर्वजों का खून, PM बोले- यहां की आबो-हवा में…
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सुनीता विलियम्स और बुच विलमोर 19 मार्च को धरती पर लौटेंगे.

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Sunita Williams News: सुनीता विलियम्स और बुच विलमोर 19 मार्च को नौ महीने बाद अंतरिक्ष से लौटेंगे. स्पेस-एक्स यान उन्हें लाने ISS पहुंचा है. लंबे समय तक माइक्रोग्रैविटी में रहने से उनके शरीर पर असर पड़ सकता है.

सुनीता विलियम्स और बुच विलमोर ISS पर 9 महीने बिताने के बाद 19 मार्च को धरती पर लौटने वाले हैं.
हाइलाइट्स
- सुनीता विलियम्स और बुच विलमोर 19 मार्च को लौटेंगे.
- स्पेस-एक्स यान उन्हें लाने ISS पहुंचा है.
- लंबे समय तक माइक्रोग्रैविटी में रहने से शरीर पर असर पड़ सकता है.
भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और उनके साथी बुच विलमोर अंतरिक्ष में नौ महीने बिताने के बाद 19 मार्च को धरती पर लौटने वाले हैं. उन्हें वापस लाने के लिए स्पेस-एक्स का अंतरिक्ष यान इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) पहुंच गया है. वहां उनकी जगह लेने के लिए अंतरिक्ष यात्रियों का नया जत्था भेजा गया है. इनमें नासा की ऐनी मैकक्लेन और निकोल एयर्स, जापान के टाकुया ओनिशी और रूस के किरिल पेसकोव शामिल हैं. मैकक्लेन और एयर्स जहां मिलिट्री पायलट हैं, वहीं ओनिशी और पेसकोव पूर्व एयरलाइन पायलट रह चुके हैं.
सुनीता विलियम्स और बुच विलमोर के वापस लौटने के बाद ये अंतरिक्ष यात्री अगले छह महीने तक ISS पर रहेंगे. सुनीता और बुच आठ दिनों के मिशन पर अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के लिए रवाना हुए थे. हालांकि, बोइंग के स्टारलाइनर यान में तकनीकी खराबी आ गई. इस कारण उन्हें स्पेस स्टेशन में ही रुकना पड़ा और उनका मिशन लगभग 270 दिनों तक बढ़ गया.
नौ महीने तक अंतरिक्ष में रहने के बाद सुनीता विलियम्स और बुच विलमोर आखिरकार 19 मार्च को धरती पर लौटने वाले हैं. हालांकि, इतने लंबे समय तक अंतरिक्ष में गुरुत्वाकर्षण के बिना रहने के कारण उनके शरीर पर इसका असर पड़ सकता है. वैज्ञानिकों के अनुसार, वे ‘बेबी फीट’ नामक समस्या से जूझ सकते हैं, जिससे उनके पैरों की संरचना प्रभावित हो सकती है.
क्या होती है ‘बेबी फीट’ समस्या?
लंबे समय तक माइक्रोग्रैविटी में रहने से हड्डियों और मांसपेशियों पर भार नहीं पड़ता, जिससे वे कमजोर हो जाते हैं. पृथ्वी पर लौटने के बाद उन्हें चलने में कठिनाई हो सकती है, क्योंकि पैरों को फिर से गुरुत्वाकर्षण के अनुरूप ढलने में समय लगेगा.
स्पेस में गुरुत्वाकर्षण न होने के कारण शरीर की हड्डियों और मांसपेशियों पर असर पड़ता है. पृथ्वी पर भार वहन करने वाली हड्डियों की घनत्व (डेंसिटी) हर महीने लगभग 1% कम हो जाती है. अगर सही डाइट, एक्सरसाइज़ और दवाइयों का सेवन न किया जाए तो यह हड्डियों को कमजोर और भंगुर बना सकती है. इस प्रक्रिया को ‘एट्रोफी’ (atrophy) कहा जाता है. नासा के अनुसार, अंतरिक्ष यात्रियों को इस प्रभाव से बचाने के लिए वे हर दिन औसतन दो घंटे तक व्यायाम करते हैं.
मांसपेशियों की कमजोरी और थकान
अंतरिक्ष में मांसपेशियों को सामान्य रूप से काम नहीं करना पड़ता, जिससे वे कमजोर हो जाती हैं. वापस आने के बाद सुनीता को सामान्य गतिविधियों में भी थकान और कमजोरी महसूस हो सकती है.
चक्कर आना और संतुलन बिगड़ना
माइक्रोग्रैविटी के कारण कान की अंदरूनी संतुलन प्रणाली प्रभावित होती है. पृथ्वी पर लौटने पर उन्हें चक्कर आना, मतली और असंतुलन की समस्या हो सकती है.
रक्त संचार और हृदय से जुड़ी समस्याएं
अंतरिक्ष में दिल को खून पंप करने में ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ती. ऐसे में पृथ्वी पर लौटने के बाद रक्तचाप में गिरावट (orthostatic hypotension) हो सकती है, जिससे खड़े होते ही चक्कर आ सकता है.
प्रतिरक्षा प्रणाली (इम्यून सिस्टम) पर असर
कुछ स्टडी के मुताबिक, अंतरिक्ष में रहने से इम्यून सिस्टम कमजोर हो सकता है. इससे सुनीता को संक्रमण या एलर्जी जैसी समस्याएं हो सकती हैं.
कैसे होगा रिकवरी प्रोसेस?
सुनीता और बुच की वापसी के बाद उन्हें विशेष पुनर्वास प्रक्रिया से गुजरना होगा. इसमें फिजियोथेरेपी, एक्सरसाइज, संतुलित आहार और मेडिकल निगरानी शामिल होगी. NASA की मेडिकल टीम यह सुनिश्चित करेगी कि वे जल्द से जल्द सामान्य स्थिति में लौट सकें.
इतने लंबे समय तक स्पेस में रहने के कारण सुनीता और बुच के परिवारों पर भी असर पड़ा है. विलमोर की पत्नी और दो बेटियां तथा सुनीता के पति और उनकी मां उनके लौटने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं. विलमोर, जो एक चर्च एल्डर हैं, फिर से आमने-सामने धार्मिक सेवाओं में शामिल होने के लिए उत्सुक हैं. वहीं, सुनीता अपने दो लेब्राडोर डॉग्स को टहलाने का इंतजार कर रही हैं. अब सभी की नजरें 19 मार्च पर टिकी हैं, जब ये दोनों अंतरिक्ष यात्री धरती पर सुरक्षित वापसी करेंगे.
New Delhi,Delhi
March 16, 2025, 15:00 IST
धरती पर लौटकर भी सुनीता विलियम्स की मुसीबत नहीं होगी कम, पहाड़ सा लगेगा हर कदम
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Trump का Houthi Rebels पर Airstrike 31 Dead Iran को दी कड़ी चेतावनी

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US Attack On Houthi: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हूती विद्रोहियों पर हवाई हमले का आदेश दिया, जिससे 31 लोग मारे गए और 101 घायल हुए. ट्रंप ने ईरान को चेतावनी दी और कहा कि हमले जारी रहेंगे. अमेरिका ने रूस …और पढ़ें

हमले के दौरान डोनाल्ड ट्रंप. (X/Whitehouse)
हाइलाइट्स
- ट्रंप ने हूती विद्रोहियों पर हवाई हमले का आदेश दिया
- हमलों में 31 लोग मारे गए, 101 घायल हुए
- ट्रंप ने ईरान को चेतावनी दी, हमले जारी रहेंगे
वेस्ट पाम बीच: वाइट हाउस ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की एक फोटो शेयर की है. इस फोटो में वह हूती ठिकानों पर हमले के दौरान वॉर रूम में निगरानी कर रहे हैं. न्यूयॉर्क पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक ट्रंप प्रशासन ने अपने बयान में कहा है कि उसने हमले के बारे में रूस को जानकारी दी थी. कूटनीतिक संचार को बढ़ावा देने के लिए ऐसा किया गया. हमले के तुरंत बाद वाइट हाउस ने एक फोटो शेयर की, जिसमें ट्रंप टीवी पर देख रहे हैं. हूती विद्रोहियों की ओर से संचालित स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि मरने वालों की संख्या 31 हो गई है. इन लोगों में महिलाएं तथा बच्चे भी शामिल हैं. मंत्रालय के प्रवक्ता अनीस अल-असबाही ने रविवार को बताया कि रातभर हुए हमलों में 101 लोग घायल भी हुए हैं. अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शनिवार को यमन में हूती विद्रोहियों के कब्जे वाले इलाकों पर सिलसिलेवार हवाई हमलों का आदेश दिया. ट्रंप ने चेतावनी दी कि ईरान समर्थित हूती विद्रोही लाल सागर में आने-जाने वाले मालवाहक जहाजों पर जब तक अपने हमले बंद नहीं कर देते, तब तक वह ‘पूरी ताकत से’ हमले जारी रखेंगे.
हूती विद्रोहियों ने पहले कहा था कि इन हवाई हमलों में कम से कम 18 आम नागरिकों की मौत हुई है. ट्रंप ने सोशल मीडिया पर एक ‘पोस्ट’ में कहा, ‘हमारे बहादुर सैनिक अमेरिकी जलमार्गों, वायु और नौसैन्य संपत्तियों की रक्षा करने तथा नौवहन की स्वतंत्रता को बहाल करने के लिए आतंकवादियों के ठिकानों, उनके आकाओं और मिसाइल रक्षा तंत्र पर हवाई हमले कर रहे हैं.’ उन्होंने कहा, ‘कोई भी आतंकी ताकत अमेरिकी वाणिज्यिक और नौसैनिक पोतों को दुनिया के जलमार्गों पर स्वतंत्र रूप से आने-जाने से नहीं रोक पाएगी.’
President Trump is taking action against the Houthis to defend US shipping assets and deter terrorist threats.
For too long American economic & national threats have been under assault by the Houthis. Not under this presidency. pic.twitter.com/FLC0E8Xkly
— The White House (@WhiteHouse) March 15, 2025
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