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Pakistan Jaffar Express Train Hijack Videos; Balochistan|BLA Army | पाकिस्तान ट्रेन हाईजैक के VIDEO, PHOTOS: यात्रियों ने लड़ाकों के मारे जाने के बाद रिकॉर्ड किए, जगह-जगह पड़े शव और हथियार

इस्लामाबाद5 मिनट पहले
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वीडियो के मुताबिक BLA लड़ाकों के पास से मिले हथियार, पास ही इन लड़ाकों के शव पड़े हुए हैं।
पाकिस्तान के बलूचिस्तान में बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) ने 11 मार्च को जाफर एक्सप्रेस को हाईजैक कर लिया था। इस ट्रेन के कुछ वीडियोज सामने आए हैं। दावा किया जा रहा है कि ये वीडियोज ट्रेन के पैसेंजर्स ने रिकॉर्ड किए हैं। इनमें जगह-जगह शव और हथियार पड़े नजर आ रहे हैं। यह शव BLA लड़ाकों के माने जा रहे हैं।
पाकिस्तानी सेना के अनुसार, हाईजैक संकट करीब 36 घंटे चला था। सेना का दावा है कि सभी बलूच विद्रोही मार दिए गए और बंधकों को छुड़ा लिया गया। दावों के मुताबिक, पूरे ऑपरेशन में पाक सेना के 28 सैनिक और 33 बलूच लड़ाके मारे गए हैं।
PHOTOS में देखिए सेना और BLA की लड़ाई के बाद के हालात… पूरा VIDEO देखने के लिए ऊपर दी गई तस्वीर पर क्लिक करें….

वीडियो से ली गई तस्वीर में नजर आ रहे शव BLA लड़ाकों के बताए जा रहे हैं। वीडियो में पाकिस्तानी सेना का एक सैनिक अपने सीनियर को बताता है कि यहां 15 शव पड़े हुए हैं।

वीडियोज में ट्रेन के पास पड़े हुए शव के पास पाकिस्तानी सेना के सैनिक खड़े नजर आ रहे हैं। माना जा रहा है कि यह सभी शव ट्रेन हाईजैक करने वाले BLA लड़ाकों के हैं।

वीडियो से ली गई तस्वीर में ट्रेन की पटरी के पास पड़ा एक शव। वीडियो में एक पैसेंजर इस शव को अपशब्द कहता है और कुछ लोग पत्थर मारते हैं। पैसेंजर कहता है कि वो 36 घंटे से ट्रेन में फंसा है।

वीडियो में एक शव की तरफ इशारा करते हुए एक पैसेंजर कहता है कि हमारा भी एक बंदा मारा गया है। तस्वीर में शव के पास खड़े पाकिस्तानी सैनिक।

वीडियो से ली गई तस्वीर में AK47, रॉकेट लॉन्चर समेत घातक हथियार नजर हैं। माना जा रहा है कि इन हथियारों को पाकिस्तानी सेना ने BLA लड़ाकों से बरामद किया है।

वीडियो में पाकिस्तानी सेना के सैनिक ट्रेन को घेरे हुए नजर आ रहे हैं। सेना ने लड़ाकों के खिलाफ 36 से ज्यादा ऑपरेशन चलाया था। हालांकि शनिवार शाम तक बलूच आर्मी का दावा था कि जंग अभी भी जारी है।

वीडियो से ली गई तस्वीर में ट्रेन से निकल कर कुछ पैसेंजर्स बाहर जाते दिखाई दे रहे हैं। दूसरी तरफ जगह-जगह बिखरे पड़े शवों के पास पाकिस्तानी सेना के सैनिक खड़े नजर आ रहे हैं।
अब मैप ने देखिए बलूच लड़ाकों के हमले वाली जगह…

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यह खबर भी पढ़ें…
बलूच आर्मी का दावा- सभी 214 बंधकों को मार डाला:कहा- जंग अभी जारी; पाकिस्तानी सेना ने ट्रेन हाईजैक खत्म होने का दावा किया था

पाकिस्तान में ट्रेन हाईजैक करने वाली बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (BLA) ने दावा किया है कि उसने सभी 214 बंधकों को मार डाला है। आज BLA ने एक बयान में कहा कि हमने पाकिस्तानी सेना को बंधकों की अदला-बदली करने के लिए 48 घंटे का समय दिया था। लेकिन पाकिस्तान की जिद के चलते इतने लोगों की जान गई। यहां पढ़ें पूरी खबर…
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India Canada Conflict: डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन कनाडा को ‘फाइव आईज’ से बाहर करने की तैयारी में.

Last Updated:
India Canada Conflict : डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो ने खालिस्तानी हरदीप निज्जर की हत्या का आरोप भारत पर लगाया. अब ट्रंप प्रशासन कनाडा को ‘फाइव आईज’ से बाहर करने की तैयारी…और पढ़ें

डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन अब जस्टिन ट्रूडो के लिए सबसे बड़ी मुश्किल लेकर आ रहा है.
हाइलाइट्स
- ट्रंप प्रशासन कनाडा को ‘फाइव आईज’ से बाहर करने की तैयारी में है.
- ट्रूडो ने ‘फाइव आईज’ का नाम लेकर निज्जर हत्या का आरोप भारत पर लगाया था.
- ‘फाइव आईज’ में अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और कनाडा शामिल हैं.
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जबसे सत्ता संभाली है, पूरी दुनिया में उथल पुथल मचा हुआ है. लेकिन सबसे ज्यादा मुसीबत में कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो है. वही ट्रूडो जिन्होंने एक खालिस्तानी हरदीप निज्जर की हत्या में सीधे-सीधे भारत से दुश्मनी मोल ले ली. झूठे आरोप लगाए कि निज्जर की हत्या भारत सरकार के एजेंटों ने की है. इतना ही नहीं, बेशर्मी दिखाते हुए उन्होंने दुनिया के सबसे बेहतरीन खुफिया समूह ‘फाइव आईज’ (Five Eyes) का हवाला तक दे दिया. लेकिन भारत से दुश्मनी मोल लेकर वे ज्यादा दिन तक नहीं बच पाए. पहले सत्ता चली गई और अब खबर आ रही है कि ट्रंप प्रशासन कनाडा को ही ‘फाइव आईज’ ग्रुप से बाहर करने की तैयारी में है.
फाइनेंशियल टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, व्हाइट हाउस के बड़े अधिकारी और डोनाल्ड ट्रंप के करीबी सलाहकार पीटर नवारो ने अमेरिकी सरकार को सुझाव दिया है कि कनाडा को फाइव आईज ग्रुप से बाहर कर दिया जाए. फाइव आईज में अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और कनाडा हैं. ये देश दुनियाभर की खुफिया सूचनाएं एक दूसरे से शेयर करते हैं. इसे दुनिया का सबसे ताकतवर इंटेलिजेंस नेटवर्क माना जाता है. इसका मकसद आतंकवाद को रोकना और नेशनल सिक्योरिटी के लिए काम करना है.
‘फाइव आईज’ और निज्जर कनेक्शन
‘फाइव आईज’ एक खुफिया संगठन है. यह ग्लोबल सर्विलांस (Global Surveillance) करता है और दुनिया भर में साइबर सुरक्षा, आतंकवाद, सैन्य गतिविधियों और अन्य खुफिया जानकारी समूह के सभी देशों से साझा करता है. इसमें इलेक्ट्रॉनिक कम्यूनिकेशन, इंटरनेट डेटा मॉनिटरिंग, सैटेलाइट ट्रैकिंग और साइबर जासूसी जैसे कई महत्वपूर्ण सर्विलांस होते हैं. भारत फाइव आईज का सदस्य नहीं है, लेकिन हाल के वर्षों में भारत अमेरिका और अन्य देशों के साथ खुफिया सहयोग बढ़ा रहा है. लेकिन 18 जून 2023 को जब निज्जर की हत्या हुई तो जस्टिन ट्रूडो ने इसी संगठन का नाम लेते हुए दावा कर दिया कि ‘फाइव आईज’ ने हमारे साथ खुफिया सूचना दी है कि निज्जर की हत्या में भारतीय खुफिया एजेंसियां शामिल हैं. हालांकि, भारत ने इसे बकवास बताया था.
जस्टिन ट्रूडो अलग-थलग पड़े
जस्टिन ट्रूडो ने फाइव आईज का नाम लेते हुए दावा तो कर दिया लेकिन अलग-थलग पड़ गए. कई देश उनसे नाराज हो गए. अब खबर आ रही है कि अमेरिका खुद कनाडा को इस महत्वपूर्ण खुफिया समूह से बाहर करने में लगा हुआ है. व्हाइट हाउस से जुड़े लोगों का कहना है कि नवारो ट्रंप से बार-बार कह रहे हैं कि अमेरिका को कनाडा पर और दबाव बनाना चाहिए और उसे फाइव आईज से निकाल देना चाहिए. यह अभी साफ नहीं है कि ट्रंप इस बारे में क्या सोचते हैं, लेकिन उनके अधिकारी इस पर बात कर रहे हैं.
February 25, 2025, 23:16 IST
ट्रूडो जिस Five Eyes के दम पर उछल रहे थे, ट्रंप उसी से बाहर करने की तैयारी में
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सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर की अंतरिक्ष से वापसी का रास्ता साफ.

Last Updated:
Sunita Williams and Butch Wilmore: सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर की अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन से वापसी का रास्ता साफ हो गया है. उनके स्थान पर नए अंतरिक्ष यात्री पहुंच गए हैं. वापसी अगले सप्ताह संभावित है.

सब कुछ ठीक रहा तो अगले सप्ताह सुनीता विलियम्स की वापसी हो सकती है.
हाइलाइट्स
- सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर अगले सप्ताह लौटेंगे.
- चार नए अंतरिक्ष यात्री ISS पहुंचे.
- नए अंतरिक्ष यात्री अमेरिका, जापान, रूस से हैं.
लंबे समय से अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) में फंसी भारतीय मूली का अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और अमेरिकी बुच विल्मोर की वापसी का रास्ता साफ हो गया है. इन दोनों यात्रियों के बदले स्पेस स्टेशन में रहने के लिए धरती से दो यात्री वहां पहुंच गए हैं. अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा लंबे समय से सुनीता और विल्मोर को वापस लाने की कोशिश कर रहा है. अब विल्मोर और सुनीता के स्थान पर अन्य अंतरिक्ष यात्रियों को तैनात कर दिया गया है. एक दिन पहले रवाना हुआ स्पेसएक्स का अंतरिक्ष यान रविवार को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पहुंच गया. इसके साथ ही ये अंतरिक्ष यात्री वहां पहुंचे हैं. अब इसी अंतरिक्ष यान से सुनीता और विल्मोर की वापसी होगी.
अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पहुंचे चार नए अंतरिक्ष यात्री अमेरिका, जापान और रूस का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं. वे कुछ दिन विलियम्स और विल्मोर से स्टेशन के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे. माना जा रहा है कि अगर मौसम सही रहा तो दोनों फंसे अंतरिक्ष यात्रियों को अगले सप्ताह फ्लोरिडा के तट के निकट जलक्षेत्र में उतारा जाएगा.
बीते साल 5 जून को अंतरिक्ष में गई थी सुनीता
विल्मोर और विलियम्स बोइंग के नए स्टारलाइनर कैप्सूल से पांच जून को केप कैनवेरल से रवाना हुए थे. दोनों एक सप्ताह के लिए ही गए थे लेकिन अंतरिक्ष यान से हीलियम गैस के रिसाव और वेग में कमी के कारण ये लगभग नौ माह से अंतरिक्ष स्टेशन में फंसे हुए हैं.
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी के कैनेडी अंतरिक्ष केंद्र से रवाना हुए अंतरिक्ष यात्रियों के नए दल में नासा से ऐनी मैक्लेन और निकोल एयर्स शामिल हैं. वे दोनों सैन्य पायलट हैं. इनके अलावा जापान के ताकुया ओनिशी और रूस के किरिल पेस्कोव भी रवाना हुए हैं और दोनों विमानन कंपनियों के पूर्व पायलट हैं. ये चारों लोग विल्मोर और विलियम्स के धरती के लिए रवाना होने के बाद अगले छह महीने अंतरिक्ष स्टेशन में बिताएंगे, जिसे सामान्य अवधि माना जाता है.
March 16, 2025, 11:27 IST
गुड न्यूज! सुनीता विलियम्स और बुच इस दिन धरती पर उतरेंगे, नई टीम ISS पहुंची
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US Ukraine Mineral Deal Russia: डोनाल्ड ट्रंप और यूक्रेन के बीच प्राकृतिक संसाधनों पर डील

Last Updated:
Russia Ukraine War: डोनाल्ड ट्रंप यूक्रेन के प्राकृतिक संसाधनों पर नजर गड़ाए हुए हैं. रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका और यूक्रेन ने पुनर्निर्माण और संसाधनों को लेकर एक डील पर सहमति जताई है. हालांकि, यूक्रेन की सुरक्…और पढ़ें

अमेरिका और यूक्रेन में होगी डील. (Reuters)
हाइलाइट्स
- यूक्रेन और अमेरिका ने संसाधनों पर डील की सहमति जताई
- यूक्रेन अपने दुर्लभ खनिज देने को तैयार है
- जेलेंस्की वाशिंगटन जाकर डील साइन कर सकते हैं
वॉशिंगटन: डोनाल्ड ट्रंप की नजर यूक्रेन के प्राकृतिक संसाधनों पर है और वह इसे पाने में कामयाब होते दिख रहे हैं. CNN की रिपोर्ट के मुताबिक एक यूक्रेनी अधिकारी ने बताया कि अमेरिका और यूक्रेन ने प्राकृतिक संसाधनों और यूक्रेन के पुनर्निर्माण पर एक डील पर सहमति जताई है. रिपोर्ट में सूत्रों का हवाला देते हुए कहा गया कि यह सहमति तब बनी है जब समझौते से जुड़े ड्राफ्ट में सभी अस्वीकार्य शर्तों को हटा दिया गया. अब इसमें साफ तौर से बताया गया है कि यह डील यूक्रेन की सुरक्षा और शांति में किस तरह योगदान देगा. अमेरिका की ओर से समझौते की शर्तों पर सहमति की पुष्टि नहीं की है. ट्रंप लगातार यूक्रेन पर दबाव बना रहे थे कि एक ऐसी डील हो.
हालांकि यूक्रेनी राष्ट्रपति व्लादिमीर जेलेंस्की अगले कुछ दिनों में वाशिंगटन जा सकते हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार को ओवल ऑफिस से कहा, ‘मैंने सुना है कि वह (जेलेंस्की) शुक्रवार को आ रहे हैं. निश्चित तौर पर अगर वह चाहें तो मेरे लिए ठीक है कि डील को वह मिलकर साइन करें. मैं मानता हूं कि यह एक बड़ा समझौता है. बहुत बड़ा समझौता है.’ इससे पहले भी रिपोर्ट्स आई थीं कि यूक्रेन एक समझौता करने के लिए तैयार है, जो अमेरिका को यूक्रेन के दुर्लभ खनिजों को हासिल करने देगा. इसके बदले में अमेरिका यूक्रेन के पुनर्निर्माण कोष में शामिल होगा. सूत्र ने बताया कि अमेरिका ने ड्राफ्ट में सुरक्षा गारंटी शामिल करने का विरोध किया था.
जेलेंस्की नहीं हुए थे तैयार
यूक्रेन अपना दुर्लभ खनिज देने को तैयार है, लेकिन इसके बावजूद समझौते में उसकी सुरक्षा को लेकर सटीक शर्तें नहीं हैं. रिपोर्ट के मुताबिक संसाधन समझौतों से जुड़े कुछ जटिल विवरणों पर बाद की वार्ताओं में बातचीत की जाएगी. अमेरिकी और यूक्रेनी राष्ट्रपति सुरक्षा गारंटी पर व्यक्तिगत रूप से चर्चा कर सकते हैं. इससे पहले ट्रंप ने यूक्रेन को मदद के बदले खनिजों में 500 बिलियन डॉलर की हिस्सेदारी मांगी थी, लेकिन जेलेंस्की ने इसे खारिज कर दिया था. रिपोर्ट के मुताबिक जेलेंस्की ने इसे इसलिए खारिज किया था, क्योंकि इसमें अमेरिका की कोई भागीदारी नहीं थी, जबकि यूक्रेन से सब कुछ देने की उम्मीद की गई थी.
यूक्रेन पर दबाव बना रहा यूक्रेन
रूस और यूक्रेन युद्ध को 24 फरवरी को तीन साल हो गए. युद्ध खत्म करने को लेकर संयुक्त राष्ट्र में एक प्रस्ताव लाया गया, जिसमें अमेरिका रूस के साथ खड़ा दिखा. अमेरिका ने रूस को हमले के लिए दोषी ठहराने से इनकार कर दिया. यह अमेरिका का एक अलग ही रुख दिखाता है. इस प्रस्ताव पर संयुक्त राष्ट्र में सहमति बनी. भारत ने इस मुद्दे पर वोटिंग से इनकार किया.
एजेंसी इनपुट के साथ.
New Delhi,New Delhi,Delhi
February 26, 2025, 07:13 IST
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