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VIDEO: अप्रवासियों ने दिलाई मोरक्को फुटबॉल टीम को सफलता, हर की अपनी अलग कहानी – watch video fifa world cup 2022 morocco enters in semifinal celebrating with mother after victory

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फीफा विश्व कप में शनिवार को मोरक्को की टीम ने इतिहास रच दिया. मोरक्को पहला अफ्रीकी देश बन गया है, जो इस टूर्नामेंट के सेमीफाइनल तक पहुंचा है. मोरक्को के खिलाड़ी जीत के बाद मैदान पर अपनी मां के साथ जश्न मनाते नज…और पढ़ें

VIDEO: अप्रवासियों ने दिलाई मोरक्को को सफलता, हर की अपनी अलग कहानी

जीत के बाद अपनी मां के साथ जश्न मनाते मोरक्को के खिलाड़ी. (AP/Twitter)

नई दिल्ली. मोरक्को की फुटबॉल टीम ने फीफा वर्ल्ड कप में इतिहास रच दिया, जब उन्होंने क्रिस्टियानो रोनाल्डो, ब्रूनो फर्नांडेज जैसे दिग्गज खिलाड़ियों से भरी पुर्तगाल टीम को हराकर सेमीफाइनल मुकाबले में जगह बनाई. मोरक्को पहला अफ्रीकी देश बन गया है, जो फीफा वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल तक पहुंचा है. मोरक्को की जीत के बाद सोशल मीडिया पर कई तस्वीरें वायरल हो रही है. इनमें से मोरक्को के विंगर सोफियान बोफाल (Sofiane Boufal) और उनकी मां की खुशी की तस्वीर बेहद खास थी.

यह तस्वीरें सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुई है. इन तस्वीरों ने दुनियाभर के फैंस का ध्यान अपनी ओर खींचा है. अक्सर देखा जाता है कि फुटबॉल मैच में खिलाड़ी या तो अपनी पत्नी या अपनी गर्लफ्रेंड के साथ विश्व कप खेलने जाते हैं. लेकिन मोरक्को की टीम के खिलाड़ियों ने मां को मैदान पर आने का आग्रह किया और उनकी जीत के बाद कुछ ऐसे ही दृश्य मैदान पर देखने को मिले.

सोफियान बोफाल मां के साथ डांस करते हुए.

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ISL : मणिपुर के फुटबॉलर गौरामांगी सिंह एफसी गोवा से जुड़े, सहायक कोच की मिली जिम्मेदारी – isl indian former footballer gouramangi singh joins fc goa as assistant coach

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मणिपुर के रहने वाले गौरामांगी सिंह 2007 से 2012 के बीच चर्चिल ब्रदर्स का हिस्सा रहे जिसके साथ उन्होंने आईलीग (2008-09), दो आईएफए शील्ड (2009 और 2011) और दो डूरंड कप (2009 और 2011) खिताब जीते. उन्हें साल 2010 मे…और पढ़ें

ISL : मणिपुर के फुटबॉलर गौरामांगी एफसी गोवा से सहायक कोच के तौर पर जुड़े

गौरामांगी सिंह आईएसएल के आगामी सीजन में एफसी गोवा के लिए असिस्टेंट कोच की जिम्मेदारी निभाएंगे. (Twitter)

पणजी. भारत के पूर्व अंतरराष्ट्रीय फुटबॉलर गौरामांगी सिंह (Gouramangi Singh) आगामी सीजन से पहले इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) फ्रेंचाइजी एफसी गोवा से जुड़ गए हैं. गौरामांगी ने एक बयान में कहा, ‘क्लब और उनके खेल के स्तर को जानने के कारण यह मेरे कोचिंग करियर का सही दिशा में उठाया बड़ा कदम है.’

टाटा फुटबॉल अकादमी में खेल के गुर सीखने वाले गौरामांगी 15 साल के अपने करियर के दौरान देश के कुछ सबसे बड़े क्लब की ओर से खेले. गौरामांगी ने डेम्पो एससी के साथ 2004-05 सत्र में राष्ट्रीय फुटबॉल लीग और फेडरेशन कप का खिताब जीता. इसके अगले साल उन्होंने महिंद्रा यूनाईटेड के साथ इस उपलब्धि को दोहराया.

इसे भी देखें, फीफा वर्ल्ड कप के दौरान फैंस का मैच देखने का मजा हो सकता है किरकिरा, लग सकती है बड़ी पाबंदी

वह 2007 से 2012 के बीच चर्चिल ब्रदर्स का हिस्सा रहे जिसके साथ उन्होंने आईलीग (2008-09), दो आईएफए शील्ड (2009 और 2011) और दो डूरंड कप (2009 और 2011) खिताब जीते. मणिपुर के इस खिलाड़ी को 2010 में अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ का साल का सर्वश्रेष्ठ पुरुष खिलाड़ी चुना गया. चार साल बाद उन्होंने चेन्नईयिन एफसी की ओर से आईएसएल में पदार्पण किया.

वर्ष 2018 में गौरामांगी पूर्णकालिक कोचिंग से जुड़ गए. वह 2019 से राष्ट्रीय महासंघ के एक लाइसेंस धारक कोच हैं और पिछले तीन सत्र से बेंगलुरु यूनाइटेड के सहायक कोच की भूमिका निभा रहे थे.

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ISL : मणिपुर के फुटबॉलर गौरामांगी एफसी गोवा से सहायक कोच के तौर पर जुड़े

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Nainital: 15 अगस्त 1947 को हुआ था इस फुटबॉल टूर्नामेंट का पहला फाइनल, प्लेयरों की लंबाई का नियम भी दिलचस्प – students football competition in dsa flats since 15 august 1947 in nainital localuk

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जब देश में हर शहर में आज़ादी का अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है, तब उत्तराखंड के नैनीताल में एक फुटबाॅल प्रतियोगिता का आयोजन इसलिए खास हो गया है क्योंकि पहली बार यह 15 अगस्त 1947 को ही संपन्न हुई थी. 75 साल की हो ग…और पढ़ें

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नैनीताल

नैनीताल का 75 साल पुराना फुटबाॅल टूर्नामेंट

(रिपोर्ट- हिमांशु जोशी)



नैनीताल. उत्तराखंड की पर्यटन नगरी के मल्लीताल में स्थित ऐतिहासिक DSA मैदान में इन दिनों ‘एनएच पांडे इंडिपेंडेंस डे चिल्ड्रन फुटबॉल’ टूर्नामेंट का आयोजन किया गया है. इस टूर्नामेंट में 12 स्कूलों की टीमें हिस्सा ले रही हैं. इस टूर्नामेंट से जुड़ी खास बात यह है कि इसका सबसे पहला फाइनल इसी मैदान में देश की आजादी के दिन यानी 15 अगस्त, 1947 को खेला गया था. 1 अगस्त, 2022 से शुरू हुए इस टूर्नामेंट की एक खास विशेषता यह भी है कि प्रतिभाग करने वाले खिलाड़ियों की लंबाई 4 फुट 9 इंच से कम होना जरूरी है.

इसमें स्कूलों के केवल कक्षा 8वीं तक के छात्र प्रतिभाग कर सकते हैं. इस साल इस टूर्नामेंट में 12 टीमें हिस्सा ले रही हैं, जिन्हें 4 पूल में डिवाइड किया गया है. पूल ए में बिरला विद्या मंदिर, जीडी जेएम चोरगलिया और बीएसएसवी, पूल बी में सरस्वती शिक्षा मंदिर, सनवाल स्कूल और वुडब्रिज स्कूल, पूल सी में लेक्स इंटरनेशनल भीमताल, सेंट जोसेफ और नैनी स्कूल, पूल डी में आरएसएसवी निशांत, लॉन्ग व्यू पब्लिक स्कूल और लेक्स इंटरनेशनल शामिल हैं.

75 साल पुराना है इस टूर्नामेंट का इतिहास

राष्ट्रीय शहीद सैनिक स्मारक विद्यापीठ मल्लीताल टीम के कोच कुंदन सिंह सुयाल का कहना है कि कोरोना के चलते दो साल तक इस टूर्नामेंट का आयोजन नहीं हो पाया था. हालांकि इस बार छात्रों को अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका मिल रहा है. खेलने से बच्चों के शारीरिक विकास के साथ-साथ मानसिक विकास भी होता है, जिससे वह काफी क्षेत्र में आगे रहते हैं.

बता दें कि इस टूर्नामेंट को सीआरएसटी ओल्ड बॉयज एसोसिएशन की तरफ से आयोजित किया गया है. इस एसोसिएशन के मेंबर ललित तिवारी बताते हैं कि हर साल यह प्रतियोगिता 1 अगस्त से 15 अगस्त तक आयोजित होती है और 15 अगस्त के दिन इसका फाइनल मुकाबला खेला जाता है. 15 अगस्त, 1947 को इस प्रतियोगिता का पहला फाइनल मुकाबला हुआ था, जो सीआरएसटी स्कूल और जीआईसी के बीच खेला गया था. इस साल इस टूर्नामेंट को नैनीताल बैंक की तरफ से स्पॉन्सर किया गया है.

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Nainital: 15 अगस्त 1947 को हुआ था इस फुटबॉल टूर्नामेंट का पहला फाइनल

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COA ने कहा- भारत को निलंबित करने का फीफा का फैसला दुर्भाग्यपूर्ण – fifas decision to suspend india is unfortunate coar

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प्रशासकों की समिति ने मंगलवार को कहा कि चुनाव और संविधान के ढांचे जैसे मसलों पर सहमति बनने के करीब पहुंचने के बाद अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ पर प्रतिबंध के फीफा के दुर्भाग्यपूर्ण फैसले से वे हैरान हैं.

COA ने कहा- भारत को निलंबित करने का फीफा का फैसला दुर्भाग्यपूर्ण

सीओए ने फीफा के फैसले को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है. (सांकेतिक तस्वीर)

नई दिल्ली. प्रशासकों की समिति (COA) ने मंगलवार को कहा कि चुनाव और संविधान के ढांचे जैसे मसलों पर सहमति बनने के करीब पहुंचने के बाद अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ पर प्रतिबंध के फीफा के दुर्भाग्यपूर्ण फैसले से वे हैरान हैं. भारत को करारा झटका देते हुए विश्व फुटबॉल की सर्वोच्च संचालन संस्था फीफा ने मंगलवार को तीसरे पक्ष द्वारा गैर जरूरी दखल का हवाला देकर अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) को निलंबित कर दिया और उससे अक्टूबर में होने वाले अंडर-17 महिला विश्व कप के मेजबानी अधिकार छीन लिए.

सीओए ने एक बयान में कहा ,‘‘सीओए हैरान है कि फीफा का फैसला ऐसे समय में आया है जब उच्चतम न्यायालय के आदेशानुसार फीफा, एएफसी, एआईएफएफ, सीओए और खेल मंत्रालय समेत सभी पक्षों के बीच गहन बातचीत जारी थी.’’ इसने कहा ,‘‘सीओए एआईएफएफ के चुनाव संबंधी माननीय उच्चतम न्यायालय के तीन अगस्त 2022 के आदेश का पालन करने के लिये प्रतिबद्ध है और सभी पक्षों से बातचीत जारी थी.’’

यह भी पढ़ें- डूरंड कप की तैयारियों का जायजा लेने लम्पक स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स पहुंचे मणिपुर के सीएम बीरेन सिंह

इसने आगे कहा,‘‘सभी पक्षों के बीच पिछले कुछ दिन से जारी बातचीत में सुझाव रखा गया था कि एआईएफएफ कार्यकारी समिति के वर्तमान चुनाव 36 प्रदेशों के प्रतिनिधियों की मतदाता सूची के साथ कराये जाये.’’

सीओए ने बयान में कहा,‘‘फीफा ने खेल मंत्रालय के मार्फत यह भी सुझाव दिया कि कार्यकारी समिति में छह अनुभवी खिलाड़ियों समेत 23 सदस्य हो सकते हैं. छह खिलाड़ियों में चार पुरूष और दो महिलायें हों और 17 सदस्यों का चुनाव मतदाता करेंगे ।खिलाड़ियों का नामांकन कार्यकारी समिति कर सकती है और उन्हें मतदान का अधिकार भी रहेगा.’’

बयान में कहा गया,‘‘इसे देखते हुए सीओए भारतीय फुटबॉल पर प्रतिबंध लगाने के फीफा के फैसले से हैरान है जबकि मामले का सर्वश्रेष्ठ हल निकालने के लिए बातचीत जारी थी.’’

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COA ने कहा- भारत को निलंबित करने का फीफा का फैसला दुर्भाग्यपूर्ण

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