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Nepali student commits suicide, preparations to surround the government | नेपाली स्टूडेंट सुसाइड, ओली सरकार को घेरने की तैयारी: विपक्ष बोला- 1 हजार बच्चों की सुरक्षा का मामला, भारत से सख्त बातचीत हो

नई दिल्ली6 दिन पहलेलेखक: संध्या द्विवेदी
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छात्रा की आत्महत्या के विरोध में नेपाल में प्रदर्शन हो रहे हैं।
ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर के कलिंग इंस्टीट्यूट ऑफ इंडस्ट्रियल टेक्नोलॉजी (KIIT) में नेपाली स्टूडेंट प्रकृति लम्साल की आत्महत्या का मामला अभी शांत नहीं हुआ है। विपक्ष का कहना है कि नेपाल को भारत सरकार से सख्ती से बात करनी चाहिए। यह 1 हजार से ज्यादा छात्र-छात्राओं की सुरक्षा का मामला है।
मार्च के आखिर में नेपाली संसद का सत्र शुरू होना है। विपक्षी पार्टियां इस मसले पर संसद में सरकार को घेरने की तैयारी कर रही हैं। जानकारी के मुताबिक नेपाल सरकार ने इस मामले में भारत से बातचीत भी की है। वहीं, सुसाइड कर चुकी स्टूडेंट के पिता सुनील लम्साल का कहना है कि ओडिशा पुलिस ने उन्हें एक महीने में केस खत्म करने का भरोसा दिया है।

KIIT हॉस्टल में नेपाल की स्टूडेंट का शव मिलने के बाद छात्रों ने प्रदर्शन किया था।
नेता बोले- नेपाल ही पढ़ाई का इंतजाम हो नेपाली स्टूडेंट का घर लुंबिनी प्रांत में है। भास्कर ने इस प्रांत के दो बड़े नेताओं से बात की है। लोकजनशक्ति पार्टी के सीनियर लीडर और प्रांत के पूर्व गृह मंत्री संतोष कुमार पांडेय ने कहा कि बच्चों की जान की कीमत पर उन्हें पढ़ाई के लिए भारत नहीं भेजा जा सकता।
अगर हमारे बच्चे भारत में सुरक्षित नहीं है तो नेपाल में ही उनकी पढ़ाई का व्यवस्था की जानी चाहिए। बिना सुरक्षा गारंटी के बच्चों को भारत में पढ़ने नहीं भेजना चाहिए। ये मुद्दा हम सदन में उठाएंगे।
विपक्ष बोला- भारत दोषियों को सजा दिलाए जनमत पार्टी के संसदीय दल के नेता और पूर्व मंत्री चंद्रकेश गुप्ता कहते हैं- भारत से हमारा रोटी-बेटी का नाता है। यह दो देशों की आत्मा से जुड़ा संबंध है। कुछ छोटे लोग इस पर सवाल उठा रहे हैं। हमारी मांग है कि सरकार भारत से सख्ती से बात करे।
इससे संबंध खराब हो रहे हैं। ऐसे लोगों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। हमारे देश के लाखों लोग भारत में रहते हैं। वे कैसे सुरक्षित महसूस करेंगे। भारत सरकार को दोषियों को सजा दिलाकर उन्हें सुरक्षित महसूस कराना चाहिए।

प्रकृति के पिता बोले- हमें भारत पर भरोसा है प्रकृति के पिता सुनील लम्साल कहते हैं कि पुलिस ने हमें दोषियों को सजा दिलाने का भरोसा दिया है। भारतीय पुलिस की जांच और व्यवहार की तारीफ करते हुए लम्साल कहते हैं कि हम जांच अधिकारी को हर 5-6 दिन में फोन करते हैं। वे हर बार विस्तार से बात करते हैं। हमें भारत सरकार और पुलिस पर पूरा भरोसा है। हमारी बेटी को न्याय जरूर मिलेगा।
यह पूछने पर कि क्या भारत में किसी पॉलिटिशियन या फिर सरकार के प्रतिनिधि ने उनसे बात की, तो वे इनकार करते हैं। वे कहते हैं हम राजनीति के चक्कर में नहीं पड़ना चाहते। हम बस अपनी बेटी के लिए इंसाफ चाहते हैं। आगे नेपाल के किसी बच्चे के साथ ऐसा न हो।
जानिए क्या है पूरा मामला… 16 फरवरी की शाम KIIT के हॉस्टल में नेपाली स्टूडेंट प्रकृति लम्साल ने आत्महत्या कर ली थी। इसे लेकर स्टूडेंट्स ने यूनिवर्सिटी में विरोध प्रदर्शन किया था। स्टूडेंट्स का आरोप था कि छात्रा के साथ कई बार शारीरिक और मानसिक उत्पीड़न किया गया था। उसके साथ पढ़ने वाले एक स्टूडेंट लगातार उसे टॉर्चर करता था। इसी से तंग आकर लड़की ने आत्महत्या कर ली।

18 फरवरी को गिरफ्तार किए गए लोगों में KIIT के 3 डायरेक्टर शिवानंद मिश्र, प्रताप चंपती और सुधीर रथ के अलावा 2 सिक्योरिटी गार्ड रमाकांत नायक और जोगेंद्र बेहरा शामिल हैं।
हाई लेवल कमेटी कर रही जांच उड़ीसा सरकार ने एडिशनल चीफ सेक्रेटरी सत्यव्रत साहू की अगुआई में एक हाई लेवल कमेटी का गठन किया है। अब तक इस टीम के सामने यूनिवर्सिटी के फाउंडर अच्युत सामंत, चीफ प्रोक्टर पीके पटनायक, डायरेक्टर संहिता मिश्रा, इंटरनल कमेटी चीफ इप्सिता सतपथी, असिस्टेंट डायरेक्टर समेत 7 अन्य अधिकारी पेश हो चुके हैं।
पुलिस ने अब तक आरोपी लड़के समेत 11 लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर और दो गार्डस भी शामिल हैं। डायरेक्टर और गार्डस को बेल मिल गई है। मानवाधिकार आयोग (NHRC) भी मामले की जांच कर रहा है।
आयोग ने 4 मार्च को टीम गठित करने का आदेश दे दिया था। अधिकारियों को ‘ऑन स्पॉट इन्क्वायरी’ कर 10 मार्च तक रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए गए थे।
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मामले से जुड़ी यह खबर भी पढ़ें
कॉलेज स्टाफ ने माफी मांगी, प्रदर्शन कर रहे छात्रों से गलत व्यवहार किया था

KIIT कैंपस में प्रदर्शनकारी स्टूडेंट के साथ गलत व्यवहार पर स्टाफ और यूनिवर्सिटी ने माफी मांग ली है। यह प्रदर्शन यूनिवर्सिटी की एक नेपाली स्टूडेंट के सुसाइड के बाद हुआ था। प्रदर्शन से जुड़ा एक वीडियो भी सामने आया था, जिसमें महिला कर्मचारी नेपाली स्टूडेंट पर चिल्ला रही है। पूरी खबर पढ़ें…
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कुछ बड़ा होने वाला है…दिल्ली में टॉप इंटेलिजेंस चीफ का जमावड़ा, इंडिया के जेम्स बांड का क्या है इरादा? – top global intelligence czars converge in india other hand rebel hijack pakistan train what is planning

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Global Intelligence Conference: दुनियाभर के टॉप देशों के इंटेलिजेंस चीफ इंडिया में जुट रहे हैं. यह कॉन्फ्रेंस ऐसे समय में हो रहा है, जब पूरी दुनिया में सिक्योरिटी कंसर्न काफी बढ़ गया है. इसे देखते हुए यह सम्…और पढ़ें

इंडिया में 16 मार्च 2025 को दुनिया के टॉप इंटेलिजेंस चीफ जुट रहे हैं.
हाइलाइट्स
- NSA अजित डोभाल करेंगे इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस की अध्यक्षता
- अमेरिका-ब्रिटेन समेत अन्य देशों के स्पाई चीफ करेंगे शिरकत
- ग्लोबल सिक्योरिटी के लिए इंटेलिजेंस शेयरिंग पर होगी चर्चा
नई दिल्ली. रूस-यूक्रेन युद्ध और वेस्ट एशिया में तनावपूर्ण माहौल के बीच इंडिया में महत्वपूर्ण ग्लोबल इंटेलिजेंस कॉन्फ्रेंस होने जा रहा है. इसकी अध्यक्षता भारत के जेम्स बांड कहे जाने वाले राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजित डोभाल करेंगे. इसमें अमेरिका की डायरेक्टर ऑफ नेशनल इंटेलिजेंस तुलसी गबार्ड, कनाडा के स्पाई चीफ डेनियल रॉजर्स और ब्रिटेन के MI6 चीफ रिचर्ड मूर जैसी हस्तियां शिरकत करेंगी. बता दें कि यह खबर ऐसे समय में सामने आई है, जब चीन, रूस और ईरान की नेवी सैन्य अभ्यास कर रही है. वहीं, पड़ोसी देश पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत के बोलन इलाके में विद्रोहियों ने ट्रेन को हाईजैक कर लिया है.
अधिकारियों ने मंगलवार को इसकी जानकारी दी. भारत के NSA अजीत डोभाल 16 मार्च 2025 को भारत द्वारा आयोजित सम्मेलन की अध्यक्षता करेंगे, जिसमें आतंकवाद और विभिन्न अंतरराष्ट्रीय अपराधों से निपटने के लिए खुफिया जानकारी साझा करने के तरीकों पर विचार-विमर्श होने की उम्मीद है. ऑस्ट्रेलिया, जर्मनी, न्यूजीलैंड और भारत के कई अन्य मित्र देशों के खुफिया प्रमुखों के भी नई दिल्ली में होने वाले विचार-विमर्श में शामिल होने की उम्मीद है. गबार्ड जापान, थाईलैंड और फ्रांस के मल्टी नेशन टूर के हिस्से के रूप में भारत आ रही हैं. यह डोनाल्ड ट्रम्प सरकार के किसी शीर्ष अधिकारी की भारत की पहली हाईलेवल ट्रैवल होगी. खुफिया प्रमुखों के सम्मेलन में भाग लेने के अलावा गबार्ड के रायसीना डायलॉग को संबोधित करने और एनएसए डोभाल के साथ द्विपक्षीय बैठक करने की भी संभावना है.
टेरर फाइनेंसिंग पर चर्चा
जानकारी के अनुसार, अमेरिक की नेशनल इंटेलिजेंस डायरेक्टर तुलसी गबार्ड 15 मार्च को भारत आएंगे. पिछले महीने गबार्ड ने वाशिंगटन डीसी की अपनी यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी. सुरक्षा और खुफिया प्रमुखों के सम्मेलन में लगभग 20 देशों के खुफिया और सुरक्षा संगठनों के प्रमुख और उप प्रमुखों के एक साथ आने की उम्मीद है. अपने विचार-विमर्श में खुफिया प्रमुखों से रूस-यूक्रेन युद्ध और मध्य पूर्व में संघर्ष के निहितार्थ सहित विभिन्न वैश्विक चुनौतियों पर ध्यान केंद्रित करने की भी उम्मीद है. अधिकारियों ने बताया कि सुरक्षा और खुफिया प्रमुख टेरर फाइनेंसिंग के साथ-साथ डिजिटल स्पेस में अपराधों से निपटने के तरीकों पर भी चर्चा कर सकते हैं.
ट्रूडो के जाते ही कनाडा का बड़ा कदम
कनाडाई सुरक्षा खुफिया सेवा (सीएसआईएस) के प्रमुख रॉजर्स की भारत यात्रा हरदीप सिंह निज्जर मामले को लेकर दोनों देशों के बीच संबंधों में आई खटास के बीच हो रही है. जस्टिन ट्रूडो की विदाई के बाद रॉजर्स का यह दौरा हो रहा है. सितंबर 2023 में कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो द्वारा कनाडा की धरती पर निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंटों की संभावित संलिप्तता के आरोपों के बाद भारत और कनाडा के बीच संबंधों में गंभीर तनाव आ गया था. नई दिल्ली ने ट्रूडो के आरोपों को बेतुका बताकर खारिज कर दिया. पिछले साल की दूसरी छमाही में संबंधों में और गिरावट तब आई जब ओटावा ने हाई-कमिश्नर संजय वर्मा सहित कई भारतीय राजनयिकों को निज्जर की हत्या से जोड़ा. पिछले अक्टूबर में कनाडा ने वर्मा और पांच अन्य राजनयिकों को निष्कासित कर दिया था. जवाबी कार्रवाई में नई दिल्ली ने भी कनाडा के प्रभारी स्टीवर्ट व्हीलर और पांच अन्य राजनयिकों को निष्कासित कर दिया था. उम्मीद है कि रॉजर्स के साथ डोभाल की बातचीत में इस मामले पर चर्चा हो सकती है.
New Delhi,Delhi
March 11, 2025, 22:03 IST
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US News: अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस और राष्ट्रीय खुफिया निदेशक तुलसी गबार्ड जल्द ही भारत यात्रा पर आएंगे. वेंस की यह दूसरी विदेश यात्रा होगी, जिसमें उनकी पत्नी भी साथ होंगी. गबार्ड रायसीना डायलॉग में शाम…और पढ़ें

तुलसी गबार्ड और जेडी वेंस भारत की यात्रा करेंगे.
हाइलाइट्स
- जेडी वेंस और तुलसी गबार्ड भारत यात्रा पर आएंगे
- वेंस की यह दूसरी विदेश यात्रा होगी, पत्नी भी साथ होंगी
- तुलसी गबार्ड रायसीना डायलॉग में हिस्सा लेंगी
वॉशिंगटन: अमेरिका के नए प्रशासन के दो बड़े अधिकारियों की ओर से जल्द ही भारत यात्रा की जानी है. अमेरिका की राष्ट्रीय खुफिया निदेशक तुलसी गबार्ड अगले सप्ताह भारत आएंगी. उनके अलावा अमेरिका में ट्रंप के नंबर दो यानी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस भी इसी महीने के अंत में भारत की यात्रा करेंगे. अमेरिका का उपराष्ट्रपति बनने के बाद जेडी वेंस की यह दूसरी विदेश यात्रा होगी. पोलिटिको की एक रिपोर्ट के मुताबिक जेडी वेंस के साथ उनकी पत्नी उषा वेंस भी होंगी. वेंस ने पिछले महीने फ्रांस और जर्मनी की अपनी पहली विदेश यात्रा की थी.
अपनी पहली विदेश यात्रा के दौरान जर्मनी के म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन में एक उग्र भाषण दिया था, जहां उन्होंने अवैध प्रवासन से निपटने, धार्मिक स्वतंत्रता की अनदेखी करने और चुनावों को पलटने के लिए यूरोपीय सरकारों की आलोचना की. पेरिस एआई एक्शन समिट के दौरान उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने अपने परिवार के साथ पीएम मोदी से मुलाकात की थी. इस दौरान पीएम मोदी को उन्होंने दयालु बताया था. पीएम मोदी ने जेडी वेंस के बच्चों को उपहार भी दिया था.
तुलसी गबार्ड भी आएंगी भारत
अमेरिका की राष्ट्रीय खुफिया निदेशक तुलसी गबार्ड एशिया की यात्रा पर जा रही हैं. अगले सप्ताह भारत में एक सुरक्षा सम्मेलन में वह शामिल होंगी. सोमवार को एक सोशल मीडिया पोस्ट में गबार्ड ने घोषणा की कि वह जापान, थाईलैंड और भारत की यात्रा कर रही हैं और वापस अमेरिका लौटते समय फ्रांस जाएंगी. ट्रंप प्रशासन में शामिल होने के बाद यह उनकी दूसरी यात्रा है. नेशनल इंटेलिजेंस की डायरेक्टर बनने के बाद उन्होंने जर्मनी के म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन में हिस्सा लिया था.
रायसीना डायलॉग में लेंगी हिस्सा
नई दिल्ली में रायसीना डायलॉग में तुलसी का भाषण भी होगा. रिपोर्ट्स के मुताबिक ब्रिटेन के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) जोनाथन पॉवेल और कनाडाई सुरक्षा खुफिया सेवा CSIS के डायरेक्टर डेनियल रॉर्स के भी सुरक्षा सम्मेलन में हिस्सा लेने की उम्मीद है. भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय ने 2022 से भू-राजनीति और भू-अर्थशास्त्र पर देश के प्रमुख सम्मेलन रायसीना डायलॉग के मौके पर सुरक्षा सम्मेलन की मेजबानी की है.
New Delhi,New Delhi,Delhi
March 12, 2025, 08:45 IST
भारत आ रहे ट्रंप के ‘आंख-कान,’ पत्नी संग ‘ससुराल’ पहुंचेंगे जेडी वेंस
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Iran Warning US News: ईरान ने US से बातचीत से किया इनकार, China-Russia संग Military Drill से दिखाई ताकत

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Iran US News: ईरानी राष्ट्रपति मसूद पेजेश्कियान ने कहा कि अमेरिका की धमकियों के बीच ईरान परमाणु समझौते पर बातचीत नहीं करेगा. ईरान ने रूस और चीन के साथ ओमान की खाड़ी में सैन्य अभ्यास किया, जिससे क्षेत्रीय तनाव औ…और पढ़ें

ईरान ने अमेरिका को चेतावनी दी है.
हाइलाइट्स
- ईरानी राष्ट्रपति ने ट्रंप को चेतावनी दी
- ईरानी राष्ट्रपति ने कहा कि वह समझौते को तैयार नहीं
- अमेरिका से उन्होंने कहा जो करना है कर लो
तेहरान: अमेरिका में राष्ट्रपति ट्रंप सत्ता में आने के बाद से ईरान पर दबाव बढ़ाने में लगे हैं. ईरान ने अब ट्रंप को करारा जवाब दिया है. ईरानी राष्ट्रपति मसूद पेजेश्कियान ने मंगलवार को कहा कि धमकियों के बीच ईरान अमेरिका से किसी भी स्थिति में अपने परमाणु कार्यक्रम पर बात नहीं करेगा. उन्होंने राष्ट्रपति ट्रंप को दो टूक जवाब देते हुए कहा, ‘जो करना है कर लो.’ इस बीच ईरान ने रूस और चीन के साथ संयुक्त सैन्य अभ्यास करके अपनी ताकत दिखाई है. पेजेश्कियान ने कहा, ‘हम यह बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं कर सकते कि अमेरिका हमें आदेश और धमकियां दे. मैं तुमसे (अमेरिका) बात भी नहीं करूंगा. जो करना है कर लो.’
ईरानी सुप्रीम लीडर अयातुल्लाह अली खामेनेई ने भी शनिवार को कहा था कि ईरान किसी भी दबाव में बातचीत नहीं करेगा. यह बयान ट्रंप के उस दावे के बाद आया, जिसमें उन्होंने कहा था कि उन्होंने ईरान के साथ नए परमाणु समझौते के लिए खामेनेई को एक पत्र लिखा है. हालांकि ईरान ने कहा है कि उसे कोई भी पत्र नहीं मिला है. ट्रंप प्रशासन ने एक बार फिर पहले की तरह ईरान पर ‘अधिकतम दबाव’ की नीति लागू कर दी है. इसके जरिए अमेरिका ईरान की अर्थव्यवस्था को कमजोर करने और उसके तेल निर्यात को शून्य तक लाने की कोशिश में जुटा है.
ईरान पर दबाव बढ़ाने में लगा अमेरिका
ट्रंप ने सोमवार को प्रतिबंधों में दी गई छूट को समाप्त करके दबाव बढ़ाने की कोशिश की. इस छूट के तहत इराक को ईरान से बिजली खरीदने की इजाजत दी गई थी. ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने इस कदम की निंदा करते हुए कहा कि ईरान ‘दबाव और धमकी में बातचीत नहीं करेगा.’ 2015 में राष्ट्रपति बराक ओबामा ने ईरान और प्रमुख शक्तियों के साथ ऐतिहासिक समझौता किया था. इसमें ईरान को अपने परमाणु कार्यक्रम पर अंकुश लगाने के बदले प्रतिबंधों में छूट देने का वादा किया गया था. ट्रंप के आने के बाद यह समझौता टूट गया.
ईरान ने किया सैन्य अभ्यास
ईरान ने मंगलवार को चीन और रूस के साथ संयुक्त नौसैनिक अभ्यास किया, जिसे मैरिटाइम सिक्योरिटी बेल्ट 2025 नाम दिया गया. यह अभ्यास ओमान की खाड़ी में हुआ, जो रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण होर्मुज जलडमरूमध्य के पास मौजूद है. इस हिस्से से दुनिया के कुल तेल व्यापार का पांचवां हिस्सा गुजरता है. यह पांचवां साल है जब तीनों देशों ने इस मिलिट्री एक्सरसाइज में हिस्सा लिया है.
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