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सुनील छेत्री बोले, एएफसी एशियन कप के आखिरी क्वालिफायर मैच को जीतने के लिए पूरा जोर लगाएगी टीम – sunil chhetri says indian football team will put full emphasis on the home ground to win the last match of the afc asian cup qualifiers

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AFC Asian Cup Football Qualifiers: भारतीय फुटबॉल टीम हांगकांग के खिलाफ एएफसी एशियाई कप क्वालिफिकेशन ग्रुप डी का आखिरी क्वालिफाइंग मैच खेलेगी. भारतीय कप्तान सुनील छेत्री ने कहा कि उनकी टीम मुकाबला जीतकर अगले दौर…और पढ़ें

एशियन कप के आखिरी क्वालिफायर मैच को जीतने  के लिए पूरा दम लगांएगे: छेत्री

सुनील छेत्री ने कहा कि भारतीय फुटबॉल टीम हांगकांग के खिलाफ क्वालिफायर मैच जीतने के लिए कोलकाता में पूरा दम लगाएगी. (AFP)

कोलकाता. घरेलू दर्शकों के सामने लगातार दो जीत दर्ज कर आत्मविश्वास से भरी भारतीय फुटबॉल टीम के कप्तान सुनील छेत्री ने कहा कि टीम हांगकांग के खिलाफ एएफसी एशियाई कप क्वालिफिकेशन ग्रुप डी के आखिरी क्वालिफाइंग मैच में जीत दर्ज कर अगले दौर में पहुंचने के लिए पूरा जोर लगाएगी. भारतीय फुटबॉल टीम ने शनिवार को अफगानिस्तान के खिलाफ बेहद रोमांचक मुकाबले में 2-1 से जीत दर्ज की. मैच के तीनों गोल खेल के 86वें मिनट के बाद हुए.

कोलकाता के साल्ट लेक स्टेडियम में 40000 दर्शकों के सामने छेत्री ने 86वें मिनट में गोल कर भारत का खाता खोला. जुबैर अमीरी ने हालांकि इसके दो मिनट के बाद अफगानिस्तान के लिए बराबरी का गोल दाग दिया. मैच जब ड्रॉ की ओर बढ़ रहा था तब सहल अब्दुल समद के गोल (90+1 मिनट) ने स्टेडियम में मौजूद दर्शकों को जश्न में डूबा दिया.

सुनील छेत्री के लिए यह मुकाबला खास था क्योंकि उन्होंने इसी दिन अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल में अपने 17 साल पूरे किए. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर छेत्री का यह 83वां गोल था. छेत्री ने कहा, ‘अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल में इस तरह से अपने 17 साल का जश्न मना कर  बहुत अच्छा लग रहा है. अफगानिस्तान के गोल के बाद मुझे लगा कि शायद  हमें अंक साझा करने होंगे लेकिन हमारे खिलाड़ियों ने वही किया जिसके लिए वे मैदान में उतरे थे.’

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इस करिश्माई खिलाड़ी ने कहा, ‘मेरे लिए इस तरह की उपलब्धियां हालांकि बहुत मायने नहीं रखती हैं लेकिन मैं इतने लंबे समय तक राष्ट्रीय टीम की जर्सी पहनने के लिए सम्मानित और भाग्यशाली महसूस कर रहा हूं.’

मैच के अंतिम समय में अब्दुल सहल समद के निर्णायक गोल के बाद उसेन बोल्ट की तरह उनके जश्न मनाने के तरीके के बारे में पूछे जाने पर छेत्री ने हंसते हुए कहा, ‘अगर आप मेरा ‘जीपीएस’ देखेंगे तो शायद उस दिन का यह मेरी सबसे तेज स्प्रिंट (दौड़) थी. हम अब थोड़ा सा आराम करने के साथ  वीडियो देख कर अगले मैच की तैयारी करेंगे. हांगकांग एक मजबूत टीम है, लेकिन हम घरेलू मैदान पर खेल रहे है. हम जीत के लिए पूरा जोर लगाएंगे. प्रशंसक भी वहां होंगे.’

इस जीत से भारत को ग्रुप में अपनी स्थिति मजबूत की. टीम 2019 में ग्रुप चरण से बाहर होने के बाद लगातार दूसरे और कुल पांचवीं बार मुख्य चरण के लिए क्वालिफाई करने की कोशिश कर रही है. भारत के मुख्य कोच इगोर स्टिमक ने कहा, ‘अफगानिस्तान के खिलाफ मैच में हम‘ ब्लू टाइगर्स’ थे, और हमें मैदान में ऐसे ही रहने की जरूरत है. हम ऐसे प्रदर्शन को जारी रखना चाहते हैं.’

मैच के आखिरी क्षणों में विजयी गोल दागने वाले अब्दुल सहल ने खुशी का इजहार करते हुए कहा, ‘यह जीत प्रशंसकों के सामने मिली है. इससे इसके मायने और बढ़ गये हैं. मुझे खुद पर भरोसा रखकर गोलकीपर को छकाना था. मेरे गोल करने से पहले ही पूरी टीम ने जश्न मनाना शुरू कर दिया था.’

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VAR का इस्तेमाल अब भारत में भी होगा, एएफसी महिला एशियन कप में रचा जाएगा इतिहास – video assistant referee technique var to debut in india by afc women asian cup football

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एएफसी महिला एशियन कप (AFC Women Asian Cup) में 30 जनवरी के बाद के मुकाबलों में वीएआर यानी वीडियो असिस्टेंट रेफरी तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा. इस तरह यह वीएआर तकनीक टूर्नामेंट में डेब्यू करेगी. टूर्नामेंट के दौ…और पढ़ें

VAR का अब भारत में होगा डेब्यू, एएफसी महिला एशियन कप में रच जाएगा इतिहास

एएफसी महिला एशियन कप के दौरान भारत में VAR तकनीक का डेब्यू होगा. (सांकेतिक तस्वीर/ट्विटर)

नई दिल्ली. आगामी एएफसी महिला एशियाई कप (AFC Women Asian Cup) इतिहास रचने को तैयार हैं क्योंकि भारत में पहली बार इस महाद्वीपीय प्रतियोगिता के क्वार्टर फाइनल चरण से वीडियो असिस्टेंट रेफरी (वीएआर) का इस्तेमाल किया जाएगा. टूर्नामेंट 20 जनवरी से 6 फरवरी तक मुंबई, नवी मुंबई और पुणे तीन स्थलों पर खेला जाएगा. 30 जनवरी के बाद के मैचों में वीएआर का इस्तेमाल किया जाएगा. इस तरह यह वीएआर तकनीक टूर्नामेंट में डेब्यू करेगी.

टूर्नामेंट के दौरान 6 वीडियो मैच अधिकारी 7 अलग लाइव कैमरा फीड देख पाएंगे. वीएआर चार वर्गों के फैसलों की समीक्षा कर सकता है जिसमें गोल/नो गोल, पेनल्टी/नो पेनल्टी, सीधे रेड कार्ड और गलत खिलाड़ी को रेड या येलो कार्ड देना शामिल है. इस तकनीक का इस्तेमाल 6 को होने वाले फाइनल तक किया जाएगा. इस तकनीक के लिए कैमरा लगाने की तैयारी संबंधित स्थलों पर शुरू हो चुकी है.

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मैच के दिन स्टेडियम के अलावा रेफरियों के ट्रेनिंग स्थान पर भी इसी तरह का वीएआर ‘सेटअप’ लगाया जाएगा और ‘सिम्यूलेटरर्स’ रेफरियों के लिए उनके होटल में भी उपलब्ध होंगे. एशियाई फुटबॉल परिसंघ (एएफसी) ने कहा कि एएफसी रेफरिंग के उच्चतम मानक सुनिश्चित करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा है. इसलिए देश में आधिकारिक रूप से वीएआर को पेश किए जाने से पहले ट्रेनिंग स्थलों और स्टेडियमों में कई तकनीकी परीक्षण किए जा रहे हैं.

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बराबरी का गोल हुआ तो मैदान पर ही भिड़ गए खिलाड़ी, लात-घूंसे तक चले – Video – players violent after the full time whistle of gabon vs ghana watch video

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गैबॉन ने पिछड़ने के बाद अंतिम मिनटों में बराबरी का गोल दागा. मैच की अंतिम सीटी बजने के बाद घाना के स्थानापन्न खिलाड़ी बेंजामिन टेटेह ने गैबॉन के आरोन बौपेन्ड्जा को मुक्का जड़ दिया. इससे जुड़े वीडियो सोशल मीडिया…और पढ़ें

बराबरी का गोल हुआ तो मैदान पर ही भिड़ गए खिलाड़ी, मुक्के तक चले- Video

घाना और गैबॉन के बीच मुकाबले में खिलाड़ियों के बीच हाथापाई हो गई. (Video Grab/Twitter)

याउंदे (कैमरून). अफ्रीका कप ऑफ नेशंस फुटबॉल टूर्नामेंट में घाना और गैबॉन के बीच खेले गए मैच के बाद दोनों टीमों के खिलाड़ियों के बीच हाथापाई हो गई. इस दौरान एक खिलाड़ी को मुक्का भी लग गया. इससे जुड़े वीडियो क्लिप भी सोशल मीडिया पर वायरल हो गए. गैबॉन ने पिछड़ने के बाद आखिरी क्षणों में गोल कर स्कोर को 1-1 से बराबर कर दिया. मैच की अंतिम सीटी बजने के बाद घाना के स्थानापन्न खिलाड़ी बेंजामिन टेटेह ने गैबॉन के आरोन बौपेन्ड्जा को मुक्का जड़ दिया.

इस दौरान स्टेडियम में दोनों टीमों के खिलाड़ियों और टीम अधिकारियों के बीच धक्का-मुक्की भी हुई. इस ड्रॉ मैच के बाद घाना की टीम अपने ग्रुप (ग्रुप सी) में तीसरे स्थान पर खिसक गई है.  टेटेह को मुक्का मारने के लिए रेड कार्ड दिखाया गया और उन पर प्रतिबंध लगाना तय है. कप्तान आंद्रे अयूव ने 18वें मिनट में ही घाना को बढ़त दिला दी थी लेकिन जिम अलेविनाह ने मैच के 88वीं मिनट में बराबरी का गोल कर दिया.

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1982 की चैंपियन घाना पर जहां ग्रुप चरण से बाहर होने का खतरा मंडरा रहा है तो वही गैबॉन और मोरक्को की टीमों ने अंतिम 16 के लिए अपनी स्थिति मजबूत कर ली. मोरक्को ने टूर्नामेंट में पदार्पण कर रही कोरोमोस की टीम को 2-0 से हराया. ग्रुप बी के मैच में गिनिया ने सेनेगल की मजबूत टीम को गोलरहित ड्रॉ पर रोक दिया. लिवरपूल के लिए खेलने वाले सादियो माने अपनी राष्ट्रीय टीम के लिए दमदार प्रदर्शन नहीं कर सके.

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Former india international and coach subhash bhowmick passed away – भारत के पूर्व फुटबॉलर ने दुनिया को कहा अलविदा, एशियन गेम्‍स में देश को दिलाया था मेडल

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भारत के पूर्व दिग्गज फुटबॉलर और मशहूर कोच सुभाष भौमिक (subhash bhowmick) का लंबी बीमारी के बाद कोलकाता में निधन हो गया. 1970 में वह एशियन गेम्‍स में ब्रॉन्‍ज मेडल जीतने वाली भारतीय भारतीय टीम का भी हिस्‍सा थे.

भारत के पूर्व फुटबॉलर का निधन, एशियन गेम्‍स में देश को दिलाया था मेडल

भारत के पूर्व दिग्गज फुटबॉलर और मशहूर कोच सुभाष भौमिक का लंबी बीमारी के बाद कोलकाता में निधन हो गया. (pc: @WestBlockBlues)

नई दिल्‍ली. भारत के पूर्व दिग्गज फुटबॉलर और मशहूर कोच सुभाष भौमिक  (subhash bhowmick)  का लंबी बीमारी के बाद कोलकाता में निधन हो गया. वह 72 वर्ष के थे. अपने करियर में सुभाष ने देश के 2 बड़े फुटबॉल क्‍लब ईस्‍ट बंगाल और मोहन बागान का भी प्रतिनिधित्‍व किया. 1970 से 1985 तक उन्‍होंने कई इंटरनेशनल टूर्नामेंट में भारत का प्रतिनधित्‍व किया. 1970 में वह एशियन गेम्‍स में ब्रॉन्‍ज मेडल जीतने वाली भारतीय भारतीय टीम का भी हिस्‍सा थे.

उनके पारिवारिक सूत्रों ने बताया कि वह लंबे समय से गुर्दे के रोग और मधुमेह से पीड़ित थे और उन्होंने सुबह 3 बजकर 30 मिनट पर अंतिम सांस ली. उन्होंने कहा कि वह पिछले लगभग साढ़े 3 महीने से नियमित रूप से डायलिसिस से गुजर रहे थे. करीब 23 साल पहले उनकी बाईपास सर्जरी भी हुई थी.

विवादों से घिरा रहा करियर 

खेल से संन्‍यास लेने के बाद उन्‍होंने कोचिंग में अपना करियर आगे बढ़ाया. वह पहले मोहन बागान के साथ कोच के रूप में जुड़े और फिर ईस्ट बंगाल के सबसे सफल कोच बने. उनके कोच रहते हुए ईस्ट बंगाल ने 2003 में आसियान कप का खिताब जीता था. उन्हें कोलकाता मैदान का ‘जोस मारिन्हो’ कहा जाता था.

महिला टीम के लॉकर रूम में मिले छिपे हुए कैमरे, खेल जगत में खलबली

Womens Asian Cup: ईरान से ड्रॉ खेला, फिर भी महिला टीम ने जीता पूर्व कप्तान का दिल

भौमिक ने 19 साल की उम्र में राजस्थान क्लब से अपने करियर की शुरुआत की. इस राइट विंगर ने ‘ड्रिबलिंग’ ने अपने कौशल के कारण एक दशक तक राष्ट्रीय फुटबॉल में अपना दबदबा बनाये रखा. उन्होंने 1971 में मर्डेका कप में फिलीपींस के खिलाफ हैट्रिक बनायी थी. उनका करियर विवादों से भी घिरा रहा, क्योंकि 2005 में रिश्वत के मामले में दोषी पाये जाने के बाद उन्हें गिरफ्तार करके जेल भेज दिया गया था.

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भारत के पूर्व फुटबॉलर का निधन, एशियन गेम्‍स में देश को दिलाया था मेडल

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