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वो मुस्लिम देश जो गरीबों को देता है फ्री घर, एरिया में छोटा पर अमीरी में अव्वल

Brunei: ब्रुनेई, दक्षिण पूर्व एशिया का एक छोटा सा देश है. बोर्नियो आईलैंड पर बसे इस देश का पूरा नाम ब्रुनेई दारूस्सलाम है. ब्रुनेई का शुमार हैप्पीनेस इंडेक्स में दुनिया के शीर्ष देशों में किया जाता है. ब्रुनेई की सरकार गरीब लोगों को हर साल मुफ्त जमीन और घर उपलब्ध करवाती है. इसके लिए सरकारी योजनाएं भी चलती हैं. क्षेत्रफल के मामले में ब्रुनेई भारत के सिक्किम से भी छोटा है. लेकिन अमीरी के मामले में ये दुनिया में 13वें स्थान पर है. यहां के लोगों की प्रति व्यक्ति आय भारत से कई गुना ज्यादा है.
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Asteroid 2024 YR4 NASA Warning India: भारत पर 500 परमाणु बम का खतरा अंतरिक्ष से आ रही ऐसी तबाही जिसे देख खबराए चीन पाकिस्तान नासा की चेतावनी

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नासा ने 90 मीटर चौड़े एस्टेरॉयड 2024 YR4 के पृथ्वी से टकराने की आशंका जताई है. अगर यह पृथ्वी तक पहुंचने में कामयाब रहा तो भारत, चीन, अफ्रीका या दक्षिण अमेरिका के किसी क्षेत्र में गिर सकता है. 500 परमाणु बमों जि…और पढ़ें

एक बड़ा खतरा अंतरिक्ष से पृथ्वी की ओर आ रहा है.
हाइलाइट्स
- नासा ने 2024 YR4 एस्टेरॉयड के पृथ्वी से टकराने की चेतावनी दी
- एस्टेरॉयड 22 दिसंबर 2032 को पृथ्वी से टकरा सकता है
- टकराव से 500 परमाणु बमों जितना विनाशकारी विस्फोट संभव
वॉशिंगटन: पृथ्वी की ओर लगभग 60 हजार किमी की स्पीड से आ रहे एक उल्कापिंड ने दुनिया भर के वैज्ञानिकों की टेंशन बढ़ा दी है. यह एक ऐसा एस्टेरॉयड है जो बड़े से बड़े शहर को तबाह कर सकता है. एस्टेरॉयड का नाम 2024 YR4 है, जिसकी खोज ने दुनिया भर की स्पेस एजेंसियों में खलबली मचा दी है. नासा के वैज्ञानिकों ने इस बात का अनुमान लगाया है कि यह एस्टेरॉयड कहां गिर सकता है. नासा की ओर से वित्तपोषित कैटालिना स्काई सर्वे प्रोजेक्ट के इंजीनियर डेविड रैंकिन ने एस्टेरॉयड की वर्तमान स्थिति के आधार पर जोखिम का नक्शा बनाया है, जो भारत के लिए बिल्कुल भी अच्छी खबर नहीं है.
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अगर 2024 YR4 सच में 2032 में पृथ्वी से टकराता है, तो यह दक्षिण अमेरिका के उत्तरी हिस्से से लेकर प्रशांत महासागर,उप-सहारा अफ्रीका और एशिया तक फैले एक पतले बैंड में कहीं भी गिर सकता है. चिंता वाली बात है कि इस इलाके में भारत का चेन्नई और चीन का हाईनान द्वीप सहित घनी आबादी वाले क्षेत्र हैं. यह एस्टेरॉयड 22 दिसंबर 2032 को पृथ्वी से टकरा सकता है. वर्तमान में नासा का अनुमान है कि इसके टकराने की संभावना 48 में 1 है. इस एस्टेरॉयड का व्यास 90 मीटर है, जो लगभग अमेरिका के स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी के बराबर है. प्रस्तावित कॉरिडोर में एक बड़ा क्षेत्र समुद्र का है. लेकिन अगर यह किसी आबादी वाले क्षेत्र में गिरता है तो तबाही मच सकती है.
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500 परमाणु बम के बराबर होगा धमाका!
एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर यह पृथ्वी से टकराता है तो 8 मेगाटन टीएनटी का विस्फोट कर सकता है, जो हिरोशिमा पर गिराए गए परमाणु बम से 500 गुना ज्यादा ताकतवर होगा. एस्टेरॉयड 2024 YR4 को पहली बार दिसंबर 2024 में खोजा गया था. लेकिन जल्द ही यह नासा और यूरोपीय स्पेस एजेंसी (ESA) के सबसे खतरनाक एस्टेरॉयड की लिस्ट में ऊपर पहुंच गया. यह एस्टेरॉयड वर्तमान में एकमात्र बड़ा एस्टेरॉयड है, जिसके पृथ्वी से टकराने की संभावना 1 फीसदी से ज्यादा है.
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किन देशों पर मंडरा रहा खतरा?
जोखिम वाले कॉरिडोर में भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, इथियोपिया, सूडान, नाइजीरिया, वेनेजुएला, कोलंबिया और इक्वाडोर जैसे देशों पर खतरा मंडरा रहा है. जहां यह गिरेगा, वहां इसका प्रभाव तीव्रता पर निर्भर करेगा, क्योंकि कॉरिडोर के अंत में गिरने वाले क्षेत्रों में हल्का झटका लगने की संभावना है. इस एस्टेरॉयड के आकार का सटीक अध्ययन के लिए वैज्ञानिकों ने जेम्स वेब टेलीस्कोप के इस्तेमाल का फैसला किया है. नासा ने इमरजेंसी में फैसला किया है कि जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप अब इस एस्टेरॉयड का विस्तृत अध्ययन करेगा. इससे जुड़ी पूरी खबर बढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.
New Delhi,New Delhi,Delhi
February 17, 2025, 13:51 IST
भारत पर 500 ‘परमाणु बम’ का खतरा! अंतरिक्ष से आ रही तबाही देख खबराए चीन-पाक
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शी जिनपिंग का मकसद: चीन की सेना युद्ध के लिए तैयार नहीं – रिपोर्ट

Last Updated:
चीन की सेना युद्ध के लिए तैयार नहीं है, बल्कि शी जिनपिंग का मकसद सत्ता पर पकड़ बनाए रखना है. PLA का ध्यान CCP की सत्ता बनाए रखने पर है, न कि विदेशी दुश्मनों से लड़ने पर.

रिपोर्ट के मुताबिक, जिनपिंग सत्ता पर पकड़ रखने के लिए सेना को आधुनिक बना रहे हैं.
हाइलाइट्स
- अमेरिकी थिंक टैंक की रिपोर्ट बता रही कि चीन किसी से युद्ध करने को तैयार नहीं.
- कम्युनिष्ट पार्टी सत्ता पर पकड़ बनाए रखने के लिए सेना को आधुनिक बना रही है.
- इस रिपोर्ट से चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग का डर भी पूरी दुनिया के सामने आ गया है.
चीन की आक्रामकता काफी परेशान करने वाली रही है. साउथ चाइना सी हो या फिर लद्दाख बॉर्डर पर तैनाती, उसकी सेना चुनौती देने का दुस्साहस करती रही है. लेकिन अब एक ऐसा राज खुला है, जो शी जिनपिंग का मकसद बताता है. अमेरिका के एक थिंक टैंक की रिपोर्ट के अनुसार, चीन युद्ध के लिए तैयार नहीं है. सेना को आधुनिक बनाने का मकसद किसी विदेशी दुश्मन का सामना करना नहीं, बल्कि सत्ता पर अपनी पकड़ बनाए रखना है.
चीनी नेता शी जिनपिंग के नेतृत्व में बीजिंग ने अपनी सैन्य क्षमताओं को आक्रामक रूप से बढ़ाया है. पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA), जो कभी एशिया की सबसे मजबूत सेनाओं में भी नहीं गिनी जाती थी, अब उस स्तर पर पहुंच गई है जहां विश्लेषकों का मानना है कि यह कुछ क्षेत्रों में अमेरिकी सेना के बराबर या उससे भी आगे निकल गई है.
अमेरिकी रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि ताइवान के मुद्दे पर उसे अमेरिका का डर सता रहा है. वह संघर्ष से बचना चाहता है. ताइवान एक स्व-शासित द्वीप है जिसे बीजिंग अपना हिस्सा मानता है. वाशिंगटन स्थित रैंड कॉर्पोरेशन द्वारा पिछले महीने प्रकाशित एक रिपोर्ट ने चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) की युद्ध तत्परता पर संदेह जताया है, भले ही उसके पास प्रभावशाली शस्त्रागार और भारी सैन्य खर्च हो.
इतिहास गवाह
क्या चीन की सेना वास्तव में युद्ध के लिए तैयार है?” शीर्षक वाली इस रिपोर्ट में कहा गया है कि एक बड़ी और अच्छी तरह से सुसज्जित सेना युद्ध में तभी सफल होती है, जब लीडर मजबूत हो. रिपोर्ट में कहा गया है कि PLA का मुख्य ध्यान चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (CCP) के शासन को बनाए रखने पर है. रिपोर्ट में ऐतिहासिक उदाहरणों के साथ तुलना की गई है, जैसे कि पहले चीन-जापान युद्ध में किंग राजवंश की तकनीकी रूप से उन्नत नौसेना की हार और चीनी गृहयुद्ध में बेहतर हथियारों के बावजूद राष्ट्रवादियों की हार हो गई थी. इसमें रूस के यूक्रेन में संघर्ष का हालिया उदाहरण भी दिया गया है.
रिपोर्ट में एक महत्वपूर्ण सवाल उठाया गया है, “चीनी सेना का उद्देश्य क्या है?” जबकि सभी सेनाएं राज्य की रक्षा के लिए होती हैं, उनकी वास्तविक कार्यक्षमताएं काफी भिन्न हो सकती हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि PLA का ऐतिहासिक और वर्तमान ध्यान CCP की सत्ता को बनाए रखने पर है, भले ही इसके लिए युद्ध तत्परता की कीमत चुकानी पड़े.
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February 17, 2025, 23:38 IST
चीन क्या जंग की तैयारी कर रहा? अमेरिकी रिपोर्ट से खुल गया जिनपिंग का राज
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US President Trump attempts to void Biden pardons | ट्रम्प बोले- बाइडेन की तरफ से दिए गए क्षमादान अमान्य: बाइडेन के बेटे की फाइल फिर खुल सकती है; टैक्स चोरी का आरोप है

वॉशिंगटन DC6 मिनट पहले
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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने रविवार को पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडेन की तरफ से दिए गए क्षमादान को अमान्य बताया। ट्रम्प ने कहा कि बाइडेन द्वारा कार्यकाल के अंतिम दिनों में दिए गए क्षमादान, जिसमें उनके बेटे हंटर बाइडेन को दिए गया क्षमादान भी शामिल है नल एंड वाइड (अमान्य) है।
ट्रम्प ने कहा-

बाइडेन को शायद इस बात की जानकारी भी नहीं थी उनके नाम पर किन किन डॉक्यूमेंट्स पर साइन किए जा रहे थे, क्योंकि इन पर साइन करने के लिए ऑटोपेन का इस्तेमाल किया गया था।
गौरतलब है कि ऑटोपेन एक ऐसी मशीन है जो किसी इंसान के साइन की हूबहू नकल करती है। इसे खासतौर पर आधिकारिक दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करने के लिए डिजाइन किया गया है। अमेरिकी राष्ट्रपति दशकों से ऑटोपेन का इस्तेमाल करते आ रहे हैं।
ट्रम्प बोले- बाइडेन ने माफी के दस्तावेजों पर साइन नहीं किए ट्रम्प ने आगे कहा कि नींद में सोए हुए बाइडेन ने राजनीतिक ठगों और कई अन्य लोगों को माफी दी, इसे अब प्रभावी नहीं माना जाता है, क्योंकि यह ऑटोपेन द्वारा दिया गया था। दूसरे शब्दों में जो बाइडेन ने माफी के दस्तावेजों पर साइन नहीं किए थे, सबसे जरूरी बात यह थी कि उन्हें इसके बारे में कुछ पता ही नहीं था।
ऐसे सभी लोग जिन्हें बाइडेन ने पद छोड़ने से ठीक पहले गलत तरीके से माफ किया था, अब जांच का सामना करेंगे।

जानकारी छुपाकर बंदूक खरीदने के मामले में हंटर को पिछले साल 21 अगस्त को दोषी पाया गया था। इसके बाद कोर्ट से बाहर निकलते हंटर बाइडेन।
सजा मिलने से 2 दिन पहले हंटर को माफी मिली थी जो बाइडेन ने राष्ट्रपति पद छोड़ने से पहले अपने बेटे हंटर बाइेडन की सजा को माफ कर दिया था। बाइडेन पर अवैध तरीके से बंदूक रखने और टैक्स चोरी के मामला था।
बाइडेन का कहना था कि उन्हें कानून व्यवस्था पर पूरा यकीन है, लेकिन राजनीति ने इसे गंदा कर दिया है। हंटर के मामले को देखने वाला कोई भी समझदार शख्स यह जानता होगा कि उसे सिर्फ इसलिए निशाना बनाया गया क्योंकि वह मेरा बेटा है।

हंटर को पिछले साल 4 दिसंबर को सजा सुनाई जानी थी। अवैध तरीके से बंदूक खरीदने के मामले में अधिकतम 25 साल तक की जेल हो सकती थी, लेकिन सजा सुनाए जाने से ठीक 2 दिन पहले पिता बाइडेन ने अपनी राष्ट्रपति शक्तियों का इस्तेमाल कर बेटे बाइडेन को बचा लिया था।

अमेरिका में राष्ट्रपति को क्षमादान के लिए कारण बताने की जरूरत नहीं अमेरिका के राष्ट्रपति को संघीय अपराधों से संबंधित सजा को माफ करने या कम करने का संवैधानिक अधिकार है। अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने माना है कि यह शक्ति बिना किसी सीमा के दी गई है और कांग्रेस (संसद) इसे प्रतिबंधित नहीं कर सकती है।
क्षमादान एक एग्जीक्यूटिव पावर है और विवेकाधीन है, इसका मतलब है कि राष्ट्रपति अपने क्षमादान के लिए उत्तरदायी नहीं हैं और उसे क्षमादान जारी करने के लिए कोई कारण बताने की जरूरत नहीं है।
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