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भारत लगाता है भारी टैरिफ! ट्रंप का बड़ा दावा, कहा- अब घटाने को राजी – News18 हिंदी

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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार को दावा किया कि भारत टैरिफ घटाने को राजी हो गया है. ट्रंप ने भारी टैरिफ का जिक्र किया और कहा कि भारत में कुछ भी बेचना मुश्किल है. विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को टैरिफ विवाद पर प्रतिक्रिया दी, लेकिन कटौती के फैसले पर चुप्पी साध ली. ट्रंप ने सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि कनाडा, चीन, मैक्सिको पर भी टैरिफ बढ़ाने की बात दोहराई. यह बदलाव 2 अप्रैल से लागू होगा.

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आयरलैंड में आतंकवाद पर जयशंकर की खरी-खोटी, इशारों-इशारों में खूब सुनाया

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S Jaishankar Ireland Visit: विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने आयरलैंड में कहा कि भारत बातचीत और कूटनीति से मतभेद सुलझाने में विश्वास रखता है. उन्होंने आतंकवाद पर भारत-आयरलैंड के दृष्टिकोण को रेखांकित किया.

आयरलैंड में आतंकवाद पर जयशंकर की खरी-खोटी, इशारों-इशारों में खूब सुनाया

आयरलैंड में विदेश मंत्री एस जयशंकर. (फोटो X/@DrSJaishankar)

हाइलाइट्स

  • भारत बातचीत और कूटनीति से मतभेद सुलझाने में विश्वास रखता है.
  • जयशंकर ने आतंकवाद पर भारत-आयरलैंड के दृष्टिकोण को रेखांकित किया.
  • आयरलैंड में 1985 के एयर इंडिया बम विस्फोट का संदर्भ दिया.

 S Jaishankar Ireland Visit: विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने आयरलैंड में यूनिवर्सिटी कॉलेज डबलिन में अपने संबोधन में कहा कि संघर्ष आज एक प्रमुख मुद्दा है और भारत का मानना ​​है कि मतभेदों को बातचीत एवं कूटनीति के जरिए सुलझाया जाना चाहिए. जयशंकर ने विदेश नीति के विभिन्न मुद्दों पर अपने विचार रखे और आतंकवाद के खिलाफ भारत-आयरलैंड के साझा दृष्टिकोण को रेखांकित करने के लिए जून 1985 में एयर इंडिया विमान पर हुए आतंकवादी हमले का संदर्भ दिया.

विदेश मंत्री ने कहा कि पश्चिमी कॉर्क में आयरिश गांव अहाकिस्ता, कनिष्क बम विस्फोट आपदा का गवाह है, जिसमें 329 लोगों की मौत हो गई थी. ये घटना आयरलैंड के तट पर हुई थी. जयशंकर ने कहा, ‘‘संघर्षों के बारे में एक विशेष बात, क्योंकि यह आज भारत के लिए एक बहुत ही प्रमुख मुद्दा है; हमारा हमेशा से यह मानना ​​रहा है कि इस युग में मतभेदों को युद्ध के मैदान में नहीं सुलझाया जा सकता और न ही सुलझाया जाना चाहिए.’’

पढ़ें- अमेरिका पर ड्रैगन हमला करेगा तो क्या होगी प्लानिंग? जिनपिंग को सब हो गई खबर, लेकिन कैसे?

वह गुरुवार को ‘भारत का विश्व के प्रति दृष्टिकोण’ विषय पर अग्रणी आयरिश शोध संस्थान में छात्रों, शिक्षाविदों और प्रवासी समुदाय के सदस्यों को संबोधित कर रहे थे. जयशंकर ने कहा, ‘‘संघर्ष के बारे में बात करते हुए, आतंकवाद का मुकाबला करने पर भी कुछ कहना उचित होगा, खासकर ऐसे देश के विदेश मंत्री के रूप में जो लंबे समय से आतंकवादी प्रयासों का शिकार रहा है.’’

प्रतिबद्धता के साथ निपटने की आवश्यकता
उन्होंने कहा, ‘‘आयरलैंड के अहाकिस्ता गांव में एक स्मारक पट्टिका है जो आयरलैंड के तट पर हुए एयर इंडिया के कनिष्क विमान बम विस्फोट के 329 पीड़ितों की याद में स्थापित की गई है. यह हमेशा याद दिलाता है कि यह एक सतत चुनौती है जिससे समग्र रूप से बहुत अधिक संकल्प और प्रतिबद्धता के साथ निपटने की आवश्यकता है.’’

भारत-यूरोपीय संघ के बीच जारी व्यापार वार्ता के संदर्भ में जयशंकर ने कहा, ‘‘हम बातचीत कर रहे हैं, और हम मुक्त व्यापार समझौते के लिए काफी लंबे समय से, लगभग 23 वर्षों से बातचीत कर रहे हैं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘हाल में यूरोपीय संघ के अध्यक्ष ने 21 आयुक्तों के साथ भारत का दौरा किया था, और अब हम शायद थोड़ा और आशान्वित हैं कि यह अभ्यास समाप्त हो जाएगा, आदर्श रूप से इस वर्ष के अंत तक.’’

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हार्वर्ड वैज्ञानिक डॉ. विली सून का दावा: गणित से भगवान का अस्तित्व प्रमाणित

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God Exists: हार्वर्ड वैज्ञानिक डॉ. विली सून ने गणितीय सूत्र से भगवान के अस्तित्व का दावा किया है. उन्होंने पॉल डिराक के “फाइन ट्यूनिंग आर्गुमेंट” का हवाला दिया. यह सूत्र जिसे सबसे पहले कैम्ब्रिज गणितज्ञ पॉल डिर…और पढ़ें

गणित से भगवान का अस्तित्व प्रमाणित, हार्वर्ड वैज्ञानिक का बड़ा दावा

हार्वर्ड खगोलशास्त्री डॉ. विली सून. (फोटो X)

हाइलाइट्स

  • हार्वर्ड वैज्ञानिक ने गणितीय सूत्र से भगवान के अस्तित्व का दावा किया.
  • डॉ. विली सून ने पॉल डिराक के “फाइन ट्यूनिंग आर्गुमेंट” का हवाला दिया.
  • ब्रह्मांडीय स्थिरांक अद्भुत सटीकता से मेल खाते हैं.

God Exists: हार्वर्ड खगोल भौतिक विज्ञानी और एयरोस्पेस इंजीनियर डॉ. विली सून ने क्रांतिकारी खुलासा किया है. सून ने दावा किया है कि एक गणितीय सूत्र भगवान के अस्तित्व का अंतिम प्रमाण हो सकता है.प्रसिद्ध वैज्ञानिक, जो टकर कार्लसन नेटवर्क पर दिखाई दिए, ने अपने सूत्र को प्रस्तुत किया और सुझाव दिया कि ब्रह्मांड के रहस्य केवल तारों में ही नहीं, बल्कि गणित की बुनियाद में भी लिखे गए हो सकते हैं.

उनके सिद्धांत के केंद्र में “फाइन ट्यूनिंग आर्गुमेंट” है, जो सरल शब्दों में कहें तो यह सुझाव देता है कि ब्रह्मांड के भौतिक नियम इतने सटीक रूप से जीवन का समर्थन करने के लिए कैलिब्रेट किए गए हैं कि यह संयोग से नहीं हो सकता.

पढ़ें- इस देश में डाक सेवा का अंत, 400 साल पुरानी परंपरा पर पूर्ण विराम, अब नहीं आएगी चिट्ठी

फॉर्मूला पहले किसने दिया?
यह सूत्र जिसे सबसे पहले कैम्ब्रिज गणितज्ञ पॉल डिराक ने प्रस्तावित किया था, यह दर्शाता है कि कैसे कुछ ब्रह्मांडीय स्थिरांक अद्भुत सटीकता के साथ मेल खाते हैं. यह एक घटना थी जिसने दशकों से वैज्ञानिकों को चकित किया है. डिराक ने अनुमान लगाया कि ब्रह्मांड के भौतिक नियमों का परिपूर्ण संतुलन गणितीय सिद्धांत की महान सुंदरता और शक्ति के संदर्भ में वर्णित किया जा सकता है, और इसे समझने के लिए उच्च बुद्धिमत्ता की आवश्यकता होती है.

उन्होंने 1963 में अपनी पुस्तक में लिखा, “कोई शायद इस स्थिति का वर्णन इस प्रकार कर सकता है कि भगवान एक बहुत उच्च श्रेणी के गणितज्ञ हैं, और उन्होंने ब्रह्मांड का निर्माण करने में बहुत उन्नत गणित का उपयोग किया.” डिराक को ‘एंटीमैटर के पिता’ माना जाता है, जिन्होंने इसे 1932 में वास्तव में पुष्टि होने से पहले ही गलती से खोज लिया था.

डॉ. सून ने पॉडकास्ट में डिराक के सिद्धांत का हवाला देते हुए भगवान के अस्तित्व के बारे में अपनी बात समझाई. उन्होंने कहा, “हमारे जीवन को रोशन करने वाली सदैव उपस्थित शक्तियों के कई उदाहरण हैं. हालांकि, कई वैज्ञानिकों ने विज्ञान को धर्म से जोड़ने से परहेज किया है, डॉ. सून ने तर्क दिया कि गणित और ब्रह्मांड के बीच की सामंजस्यपूर्णता एक जानबूझकर डिजाइन की ओर इशारा करती है. उन्होंने कहा, “भगवान ने हमें यह प्रकाश दिया है, इस प्रकाश का अनुसरण करने और अपनी पूरी कोशिश करने के लिए.”

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Sheikh Hasina News: शेख हसीना को हटाने के ल‍िए क‍िसने द‍िया बांग्‍लादेश की आर्मी को आदेश? 8 महीने बाद सामने आ गया असली सच-who ordered bangladesh army to remove sheikh hasina real truth 8 months latter

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शेख हसीना को सत्‍ता से हटाने की जब कोश‍िश हो रही थी, तब सेना ने उनका साथ क्‍यों नहीं द‍िया. इसका जवाब मिल गया है. यूएन मानवाध‍िकार संगठन के प्रमुख ने स्‍वीकारा क‍ि उन्‍होंने ही चेतावनी दी थी.

शेख हसीना को हटाने के ल‍िए क‍िसने द‍िया बांग्‍लादेश की आर्मी को आदेश? जानें सच

शेख हसीना को बांग्‍लादेश से छोड़ने के ल‍िए आर्मी ने ही कहा था.

हाइलाइट्स

  • शेख हसीना को बांग्‍लादेश की सत्‍ता से क‍िसने हटवाया, अब खुला सच.
  • यूएन ह्यूमन राइट्स कमीशन के चीफ ने खुद कबूल की हकीकत.
  • कहा-हमने एक आदेश द‍िया और बांग्‍लादेश में सरकार बदल गई.

शेख हसीना जब से बांग्‍लादेश की सत्‍ता से हटी हैं, तब से एक ही सवाल सबके सामने है क‍ि आख‍िर सेना ने उनका बचाव क्‍यों नहीं क‍िया? कौन था वो शख्‍स ज‍िसके कहने पर सेना ने शेख हसीना से दूरी बना ली और उनके तख्‍तापलट की राह बनाई. अब इसका जवाब मिलता दिख रहा है.

संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार संगठन के प्रमुख फाल्किर्क ने बताया कि जब उन्होंने बांग्लादेशी सेना को जुलाई-अगस्त में हुए छात्र विरोध प्रदर्शनों को कुचलने में शामिल न होने की चेतावनी दी, इसके बाद बांग्लादेश की सरकार बदल गई. पिछले साल अगस्त में शेख हसीना के कहने के बावजूद, सेना ने प्रदर्शनकारियों पर सख्ती नहीं दिखाई. बाद में सेना ने हसीना को ‘सुरक्षित रास्ते’ से भारत भेज दिया. शुरुआत में सेना ने बांग्लादेश को अपने नियंत्रण में ले लिया. फिर उन्होंने अलग-अलग दलों से बात करके एक अस्थायी सरकार बनाने में मदद की.

सेना ने क्‍यों नहीं मानी बात
लेकिन बांग्लादेशी सेना ने शेख हसीना के आदेशों का पालन क्यों नहीं किया? उन्हें किसने ऐसा करने को कहा था? इस पर फाल्किर्क ने कहा, हमने छात्रों और जनता के आंदोलन को दबाने में सेना की भूमिका के खिलाफ चेतावनी दी थी. हमने उन्‍हें चेताया था क‍ि अगर सेना ने शेख हसीना का साथ द‍िया तो हालात और खराब हो सकते हैं. इसके बाद बांग्लादेश में सरकार बदल गई. हो सकता है क‍ि इसके बाद ही सेना ने शेख हसीना का साथ छोड़ द‍िया हो.

तब क्‍या हुआ
फाल्किर्क ने कहा, ‘मैं पिछले साल बांग्लादेश का उदाहरण देता हूं. जैसे कि आप जानते हैं, जुलाई-अगस्त में वहां बड़े पैमाने पर छात्र विरोध प्रदर्शन हुए थे. बांग्लादेश के लोग यह देख रहे थे कि हम (संयुक्त राष्ट्र) क्या कहते हैं. फिर हमने सेना को चेतावनी दी. हमने कहा कि अगर बांग्लादेशी सेना इस आंदोलन को कुचलने के लिए दखल देती है तो वे संयुक्त राष्ट्र की शांति सेना का हिस्सा नहीं रहेंगे. इसके बाद, हमने बांग्लादेश में बदलाव देखा. वहां के लोगों के लिए बड़ी उम्मीद यह थी कि हम क्या कहते हैं, मैं क्या कहता हूं, हम क्या कर सकते हैं, और हम उस स्थिति को कैसे सामने ला सकते हैं.’

पद संभालते ही यूनुस ने पूछा
फाल्किर्क ने कहा, “जब प्रोफेसर यूनुस ने अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार का पद संभाला, तो उन्होंने तुरंत मुझसे पूछा, क्या आप एक इन्‍वि‍स्‍ट‍िगेशन करने वाली टीम को भेज सकते हैं. यहां की स्थिति का आकलन कर सकते हैं. इस बात की जांच करा सकते हैं कि वहां क्या हुआ था? हमने उनकी बात मानी और हमने ये काम क‍िया. मैं खुद पिछले साल बांग्लादेश गया था. तब छात्रों ने हमें देखकर खुशी जताई थी. वे बहुत आभारी थे कि हमने उनका साथ दिया और उनका समर्थन किया.”

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