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बारहवां, भजन और विदाई.. लेकिन किसी इंसान के लिए नहीं, बल्कि इस कुत्ते के लिए! जानिए पूरा मामला..

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Dog Funeral: गुजरात के बोटाद में घनश्यामभाई दुधरजिया ने अपने कुत्ते मोती की मौत के बाद उसकी आत्मा की शांति के लिए भजन संध्या का आयोजन किया. मोती परिवार का हिस्सा था और उसकी विदाई भावुक रही.

बारहवां, भजन और विदाई.. लेकिन किसी इंसान के लिए नहीं, बल्कि इस कुत्ते के लिए!

कुत्ते की मौत पर भजन संध्या का आयोजन

हाइलाइट्स

  • घनश्यामभाई ने कुत्ते मोती के लिए भजन संध्या रखी.
  • मोती की आत्मा की शांति के लिए परिवार ने बारहवां आयोजन किया.
  • प्रियंका को मोती से बहुत लगाव था, बीमारी से निधन हुआ.

बोटाद: दुनिया का सबसे वफादार जानवर कौन है? जवाब होगा, “कुत्ता” . अब तक आपने इंसानों की तेरहवीं, श्रद्धांजलि सभा और भजन संध्या तो सुनी होगी, लेकिन कभी किसी कुत्ते के लिए भजन संध्या होते देखी है? नहीं ना! पर गुजरात के बोटाद में ऐसा ही कुछ हुआ. घर के कुत्ते की मौत के बाद उसकी आत्मा की शांति के लिए भजन संध्या का आयोजन हुआ और भजन गाये गए.

अंतिम विदाई दी गई
दरअसल, बोटाद के पालीयाद रोड पर सूर्य गार्डन होटल के पीछे रहने वाले घनश्यामभाई दुधरजिया ने एक कुत्ता पाला था. एक साल पहले उस कुत्ते ने एक बच्चे को जन्म दिया जिसका नाम मोती रखा गया. मोती घनश्यामभाई के परिवार का हिस्सा बन गया था. 1 मार्च, 2025 को जब मोती इस दुनिया को छोड़ गया, तो परिवार के सदस्य की तरह ही उसे भारी दिल से अंतिम विदाई दी गई.

मोती की आत्मा की शांति के लिए भजन संध्या का कार्यक्रम
परिवार के सदस्य के निधन के बाद जैसे बारहवां रखा जाता है, वैसे ही मोती के लिए भी बारहवां आयोजन किया गया. मोती की आत्मा की शांति के लिए भजन संध्या का कार्यक्रम रखा गया. कार्यक्रम में उपस्थित परिजनों और मेहमानों ने मोती की दिव्य आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की. भजन कलाकार ने भी पशु प्रेम की सराहना की.

लोकल 18 से बात करते हुए भजन संध्या के लिए आई लोकगायिका चंद्रिका राठौड़ ने कहा, “जब कोई इंसान मरता है तो उसके शोक और आत्मा की शांति के लिए आमतौर पर बारहवें दिन भजन संध्या का आयोजन किया जाता है. लेकिन घनश्यामभाई दुधरजिया के घर में मुझे कुछ अलग ही देखने को मिला. उन्होंने अपने मृत कुत्ते मोती के लिए भजन संध्या का आयोजन किया है. इस संध्या में मुझे आमंत्रित किया गया था.”

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घनश्यामभाई की बेटी प्रियंका को मोती से बहुत लगाव था. लोकल 18 से बात करते हुए बेटी प्रियंका ने कहा, “हमारी मादा कुत्ते ने एक बच्चे को जन्म दिया था. जिसे हमने मोती नाम दिया था. मोती से मुझे बहुत लगाव था. वह मेरे साथ ही रहता था. वह मेरे साथ होता तो कोई मुझे छूने की हिम्मत नहीं कर सकता था, लेकिन बीमारी के कारण उसका निधन हो गया है. जिससे हमें बहुत दुख हुआ है.”

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बारहवां, भजन और विदाई.. लेकिन किसी इंसान के लिए नहीं, बल्कि इस कुत्ते के लिए!

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वैज्ञानिकों ने 117 साल की मारिया के डीएनए से लंबी उम्र का राज खोजा

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स्पेन की रहने वाली मारिया (Maria Branyas Morera) को दुनिया का सबसे बुजुर्ग इंसान होने का दर्जा प्राप्त था. पिछले साल, यानी अगस्त 2024 में उनकी मौत हो गई. उनकी मौत के करीब 8 महीने बाद वैज्ञानिकों ने उनकी लंबी उम…और पढ़ें

117 साल की महिला के DNA की हुई जांच, वैज्ञानिकों को मिली ऐसी चीज!

महिला के शरीर में ऐसी चीज मिली जिसके बारे में जानकर वैज्ञानिक भी हैरान हो गए. (प्रतीकात्मक फोटो: Canva)

इस दुनिया में शायद ही कोई ऐसा व्यक्ति होगा जो लंबी उम्र तक नहीं जीना चाहता होगा. पर हर किसी की किस्मत ऐसी नहीं होती कि वो अपने मन मुताबिक वक्त तक जीवित रह सके. ये तो परमात्मा के हाथ में है. हालांकि, वैज्ञानिकों को लंबी उम्र का राज पता चल गया है. वैज्ञानिकों ने क117 साल की एक मर चुकी महिला के डीएनए (Scientists check DNA of oldest person) टेस्ट की जांच की. इस जांच में उन्हें काफी चौंकाने वाली चीज मिली.

मिरर वेबसाइट की रिपोर्ट के अनुसार स्पेन की रहने वाली मारिया (Maria Branyas Morera) को दुनिया का सबसे बुजुर्ग इंसान होने का दर्जा प्राप्त था. पिछले साल, यानी अगस्त 2024 में उनकी मौत हो गई. उनकी मौत के करीब 8 महीने बाद वैज्ञानिकों ने उनकी लंबी उम्र का पता लगा लिया है. बार्सिलोना यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने मारिया के माइक्रोबायोम और डीएनए की जांच की. माइक्रोबायोम का अर्थ होता है माइक्रो-ऑर्गैनिज्म्स का एक समूह, जो इंसानी शरीर के ऊपर या अंदर रहता है.

117 year old woman

महिला 117 साल की थी जब उसकी मौत हुई. (फोटो: Jam Press)

डीएनए में मिली ये खास चीजें
जांच में पता चला कि उनके शरीर में बच्चों का सा माइक्रोबायोम है. इसके अलावा उनके शरीर में प्रिवलेज्ड जिनोम भी है. बार्सिलोना यूनिवर्सिटी के जेनेटिक प्रोफेसर, मैनल एस्टलर का कहना है कि ऐसे अनोखे जीन्स ने उनकी उम्र को 17 साल तक घटा दिया था. मारिया की बेटी रोजा मोरेट का कहना है कि उनकी मां इतने लंबे समय तक इस वजह से जी गईं, क्योंकि वो कभी बीमार नहीं पड़ती थीं. मारिया को अपनी मौत के कुछ वक्त पहले तक पहला विश्व युद्ध और स्पैनिश सिविल वॉर के बारे में सब कुछ पता था. पर मरने से कुछ दिनों पहले से ही उनकी याददाशत कमजोर हो रही थी और उन्हें सुनने में भी तकलीफ हो रही थी.

कभी नहीं पीती थीं शराब
मारिया के गुजर जाने के बाद जापान की टोमिको ईटूका दुनिया की सबसे बुजुर्ग व्यक्ति बन गई थीं, पर दिसंबर 2024 में उनकी भी 116 साल की उम्र में मौत हो गई. तब से ब्राजील की कैनबरो लूकस को दुनिया का सबसे बुजुर्ग व्यक्ति बनाया गया है जिनकी उम्र फिलहाल 116 साल है. माना जा रहा है कि इन खोज से एंटी-एजिंग दवाएं बनाने में काफी मदद मिलेगी. इसके साथ ही कौन सा खाना उम्र को बढ़ाता है, वो भी जानना आसान हो जाएगा. वैज्ञानिकों ने पाया कि मारिया का कोलेस्ट्रॉल लेवल काफी अच्छा था, ब्लड शुगर भी दायरे में ही रहता था और इम्यून सिस्टम भी अच्छा था. वो कभी शराब या सिगरेट नहीं पीती थीं. दिन में 3 बार योगर्ट लेती थीं.

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117 साल की महिला के DNA की हुई जांच, वैज्ञानिकों को मिली ऐसी चीज!

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स्पेन-मोरक्को के बीच 85 मीटर की दुनिया की सबसे छोटी सीमा

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क्या आप जानते हैं कि दुनिया की सबसे छोटी अंतरराष्ट्रीय सीमा मात्र 85 मीटर लंबी है? ये सीमा एक चट्टान है, जिसे पेनोन दे वेलेज दे ला गोमेरा के नाम से जाना जाता है, जो उत्तरी अफ्रीका में है. जानिए कैसे समंदर के दू…और पढ़ें

85 मीटर लंबा है दुनिया का सबसे छोटा बॉर्डर, जानिए कैसे स्पेन के कब्जे में आया?

अगर आपसे पूछा जाए कि दुनिया का सबसे लंबा इंटरनेशनल बॉर्डर किन दो देशों के बीच है, तो आपका जवाब कनाडा और अमेरिका होगा. ये दोनों देश एक-दूसरे से सबसे लंबी अंतरराष्ट्रीय शेयर करते हैं. लेकिन धरती पर सबसे छोटा इंटरनेशनल बॉर्डर कौन सा है? यह किन दो देशों के बीच है? तो बहुत कम लोगों को इसका जवाब पता होगा. ऐसे में आपको बता दें कि दुनिया की सबसे छोटी सीमा केवल 85 मीटर की है, जो स्पेन और मोरक्को को जोड़ती है. आपको जानकर हैरानी होगी, लेकिन यह एक छोटी चट्टान से जुड़ी है. इस चट्टान का नाम पेनोन दे वेलेज दे ला गोमेरा है, जो उत्तरी अफ्रीका में है. यह चट्टान बहुत खास है, क्योंकि यह दुनिया की सबसे छोटी राष्ट्रीय सीमा का हिस्सा है. इस चट्टान का क्षेत्रफल करीब 19,000 वर्ग मीटर है. सन 1564 में स्पेन के एक सेनापति पेड्रो दे एस्टोपिनन ने इस पर कब्जा किया था, तब से यह स्पेन का हिस्सा है.

मोरक्को ने कई बार इसे अपना बताया, लेकिन स्पेन ने कभी इसे छोड़ा नहीं. वहां स्पेन के सैनिक रहते हैं जो इसकी रक्षा करते हैं. बता दें कि स्पेन का जमीनी बॉर्डर करीब 2000 किलोमीटर लंबा है. यह अंतरराष्ट्रीय सीमा पुर्तगाल और फ्रांस से लगती है. लेकिन स्पेन के पास कई देशों से जुड़ी हुई छोटी सीमाएं भी हैं, जैसे अंडोरा, जिब्राल्टर (यूनाइटेड किंगडम) और मोरक्को के साथ. इनमें से मोरक्को के साथ 85 मीटर की सीमा सबसे छोटी है. यह सीमा पेनोन दे वेलेज को मोरक्को के तट से जोड़ती है. यह चट्टान स्पेन के उन खास इलाकों में से एक है, जो उत्तरी अफ्रीका में हैं. इनमें सेउटा, मेलिला, पेनोन दे अल्हुसेमास, चफारिनास द्वीप और इस्ला दे पेरेजिल भी शामिल हैं. यह स्पेन के अधीन हैं, लेकिन इन्हें पूरा देश नहीं माना जाता. पहले यह चट्टान एक आइलैंड था. सन 1934 में एक भूकंप आया और उसने एक छोटा रास्ता बना दिया, जिसके बाद यह द्वीप एक प्रायद्वीप बन गया. तब से यह 85 मीटर की सीमा दुनिया की सबसे छोटी सीमा कहलाती है.

इस जगह पर अब सिर्फ स्पेन के सैनिक रहते हैं. वे उसकी निगरानी करते हैं और हर महीने उनकी टुकड़ी बदलती है. आपको जानकर हैरानी होगी, लेकिन बता दें कि वहां पानी और बिजली भी नहीं है. ऐसे में स्पेन की नौसेना जहाजों से सैनिकों के लिए सामान लाती है. अक्सर मोरक्को इस पर दावा करता है. सन 2012 में तो कुछ लोग इस छोटे पहाड़ पर चढ़ गए, जो सेउटा और मेलिला को आजाद करने वाली एक कमेटी से थे. उन्होंने स्पेन का झंडा हटाकर मोरक्को का झंडा लगा दिया. यह सब कुछ मिनटों तक चला. स्पेन के सैनिकों ने झट से मोरक्को का झंडा हटाया और उन लोगों को पकड़ लिया. तब इसे एक छोटा आक्रमण माना गया. यह आखिरी बार था जब इस चट्टान पर कोई बाहर से आया. पेनोन दे वेलेज भले ही छोटी और सुनसान जगह हो, लेकिन स्पेन इसे मोरक्को को नहीं सौंपना चाहता, जबकि यह उसके जमीनी बॉर्डर से काफी दूर है.

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85 मीटर लंबा है दुनिया का सबसे छोटा बॉर्डर, जानिए कैसे स्पेन के कब्जे में आया?

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साईं बाबा के मंदिर में ‘कुत्ता महाराज’ की समाधि, अब मूर्ति भी लगाने की तैयारी, हैरान कर देगी ये कहानी

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Burhanpur News: मध्य प्रदेश के बुरहानपुर से अजीबोगरीब मामला सामने आया है. यहां साईं बाबा के मंदिर में लोगों ने एक कुत्ते की समाधि बना दी है. अब मूर्ति लगाने की भी तैयारी है. जानें माजरा…

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स्वान

स्वान की समाधि पर पूजा अर्चना करते लोग 

हाइलाइट्स

  • भूरू बाबा की समाधि साईं बाबा मंदिर में बनाई
  • मंदिर समिति मूर्ति लगाने की तैयारी में है
  • भूरू बाबा की पूजा पहले, फिर साईं बाबा की
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साईं बाबा के मंदिर में ‘कुत्ता महाराज’ की समाधि, अब मूर्ति भी लगाने की तैयारी

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