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प्रज्ञानंद जीते, डी गुकेश ने रूस के खिलाड़ी से ड्रॉ खेला, टाटा स्टील चेस टूर्नामेंट में ऐसा रहा सोमवार का दिन

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87वें टाटा स्टील शतरंज टूर्नामेंट में सोमवार के दिन भारतीय ग्रैंडमास्टर आर प्रज्ञानंद ने हमवतन पी हरिकृष्णा को हराया, जबकि अर्जुन एरिगैसी ने दूसरे दौर में ड्रॉ खेला.

प्रज्ञानंद जीते, डी गुकेश ने रूस के खिलाड़ी से ड्रॉ खेला

टाटा स्टील टूर्नामेंट में ऐसा रहा सोमवार का दिन.

नई दिल्ली. भारतीय ग्रैंडमास्टर आर प्रज्ञानंद ने हमवतन पी हरिकृष्णा को हराया, जबकि अर्जुन एरिगैसी ने 87वें टाटा स्टील शतरंज टूर्नामेंट के दूसरे दौर में ड्रॉ खेला. यह तब हुआ जब विश्व चैंपियन डी गुकेश ने रूस से स्लोवेनियाई बने व्लादिमीर फेडोसेव के साथ ड्रॉ खेला, जबकि लियोन ल्यूक मेंडोंका एक और गेम उज्बेकिस्तान के नोडिरबेक अब्दुसत्तोरोव से हार गए.

19 साल प्रज्ञानंद ने हरिकृष्णा पर जीत हासिल की, जो डिफेंस और काउंटर-अटैक का मास्टर-क्लास था. इतने दिनों में दूसरी बार सफ़ेद मोहरों से खेलते हुए, हरिकृष्णा कुछ खास नहीं कर पाए. हालांकि, बीच में उन्होंने अच्छा प्रदर्शन किया था. जब अटैक करना था तो तब हरिकृष्णा लड़खड़ा गए और प्रज्ञानंद ने इसका पूरा फ़ायदा उठाते हुए जीत हासिल की.

एरिगैसी ने अनीश गिरी के खिलाफ कड़ी मेहनत की जो शुरुआती दौर में गुकेश के खिलाफ लगभग जीत रहे थे. लेकिन अनीश के खिलाफ उनका मैच ड्रॉ रहा. फैबियानो कारुआना दिन के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी रहे उन्होंने शुरुआती मध्य गेम से ही धीरे-धीरे दूसरे सर्वश्रेष्ठ डचमैन जॉर्डन वैन फॉरेस्ट के खिलाफ जीत हासिल की.

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Khelo india center inaugurated in sanchore of jalore softball game will get a boost recruitment process for trainers begins

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Jalore Khelo India Centre Instructor Vacancy: जालोर के सांचौर में खेलो इंडिया सेंटर की स्थापना की जा रही है. इसका मकसद सॉफ्टबॉल खेल को प्रोत्साहित करना एवं खिलाड़यों को बेहतर प्रशिक्षण उपलब्ध कराना है. इसके लिए…और पढ़ें

जालोर में यहां खुला खेलो इंडिया सेंटर, प्रशिक्षक के लिए चयन प्रक्रिया शुरू

पास्ट चैंपियन एथलीट चयन के लिए साक्षात्कार 17 जनवरी को…

जालोर. राजस्थान के जालोर जिला स्थित सांचौर में सॉफ्टबॉल खेल को बढ़ावा देने के उद्देश्य से केंद्र सरकार की ‘खेलो इंडिया’ योजना के तहत खेलो इंडिया सेंटर की स्थापना की जा रही है. इस योजना के तहत सॉफ्टबॉल खेल को प्रोत्साहित करने और प्रशिक्षित करने के लिए पास्ट चैंपियन एथलीट को नियुक्त किया जाएगा. इससे ना सिर्फ खिलाड़ियों के खेल प्रतिभा में निखार आएगा, बल्कि ग्रामीण क्षेत्र के खिलाड़ियों को निखरने का अवसर मिलेगा. खेलो इंडिया सेंटर में प्रशिक्षण लेकर खिलाड़ी खेल के क्षेत्र में आगे बढ़ सकते हैं.

योग्य प्रशिक्षकों को किया जा रहा है बहाल

जिला खेल अधिकारी ने बताया कि पास्ट चैंपियन एथलीट के चयन के लिए साक्षात्कार 17 जनवरी को प्रातः 11.30 बजे राजस्थान राज्य क्रीड़ा परिषद मुख्यालय, जयपुर में आयोजित किया जाएगा. यह प्रक्रिया ऐसे खिलाड़ियों के लिए है, जिन्होंने अपने खेल क्षेत्र में विशेष उपलब्धियां हासिल की है और प्रशिक्षक के रूप में अपनी भूमिका निभाने के लिए तैयार हैं. खेलो इंडिया योजना का उद्देश्य खेल प्रतिभाओं को उभारने और उन्हें राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मंच प्रदान करने का है. सांचौर में सॉफ्टबॉल खेल के लिए स्थापित होने वाला यह केंद्र न केवल स्थानीय युवाओं को खेल में आगे बढ़ने का अवसर देगा, बल्कि उन्हें एक संगठित और आधुनिक प्रशिक्षण प्रणाली का लाभ भी मिलेगा.

जालोर के खेल स्तर को मिलेगी नई ऊंचाई

जिला खेल अधिकारी ने बताया कि इस पहल से सांचौर में खेल संस्कृति को मजबूती मिलेगी और खेल प्रतिभाओं को उनके कौशल का प्रदर्शन करने का अवसर मिलेगा. इच्छुक उम्मीदवार जो पास्ट चैंपियन एथलीट के मानदंडों को पूरा करते हैं, उन्हें समय पर साक्षात्कार में भाग लेने की अपील की गई है. यह कदम जिले में खेल संस्कृति को मजबूत करने, युवाओं को प्रोत्साहित करने और खेल प्रतिभाओं को निखारने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है. खेलो इंडिया योजना के माध्यम से जालोर जिले के खेल स्तर को नई ऊंचाइयों तक ले जाने की उम्मीद है.

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जालोर में यहां खुला खेलो इंडिया सेंटर, प्रशिक्षक के लिए चयन प्रक्रिया शुरू

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Badminton player sanskar saraswat success story ranked on top in four categories making his father dream come true

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Badminton Player Sanskar Success Story: जोधरपुर के रहने वाले संस्कार देश के टॉप टेन शटलर्स में से एक हैं. संस्कार को विरासत में बेडमिंटन खेल मिला है. इनके पिता भी इसी खेल में स्टेट चैंपियन रह चुके हैं. 18 वर्षी…और पढ़ें

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नेशनल बैडमिंटन खिलाड़ी संस्कार सारस्वत

जोधपुर. आपने फिल्म दंगल जरूर देखी होगी, इसमें आमिर खान देश के लिए गोल्ड नहीं ला पाते हैं. लेकिन उनका सपना होता है कि एक ना एक दिन उनके बच्चे देश के लिए गोल्ड जरूर लेकर आएंगे. इसी फिल्म से मिलती-जुलती एक रियल लाइफ स्टोरी हम आपको बताएंगे, जिसमें आमिर खान का किरदार राज सारस्वत और गीता-बबीता का किरदार राज सारस्वत के पुत्र संस्कार सारस्वत और उनकी पुत्री एश्वर्या सारस्वत निभा रहे हैं. जोधपुर के संस्कार सारस्वत ने देश के टॉप-10 शटलर्स में अपना स्थान तक बना लिया है.

संस्कार के पिता राज सारस्वत नेशनल चैंपियन रह चुके हैं. ऐसे में उन्होंने बचपन से संस्कार को उसी अनुरूप ट्रेनिंग भी दी है. 18 वर्षीय संस्कार सारस्वत ने राजस्थान का मान पूरे देश में बढाने का काम किया है. बैडमिंटन एसोसिएशन ऑफ इंडिया की नई वरियता सूची में संस्कार 4 कैटेगरी में टॉप-10 रैंक में शामिल  हो चुके है.

देश के टॉप टेन शटलर में शामिल हैं सस्कार

संस्कार को अंडर-19 बालक एकल वर्ग में प्रथम, युगल में दूसरी, पुरूष एकल में 9वीं और युगल वर्ग में 7वीं रैंक मिली है. राजस्थान के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है, जब किसी खिलाड़ी को 4 वर्गों में एक साथ टॉप रैंक मिली हो. संस्कार ने सीनियर नेशनल बैडमिंटन चैंपियनशिप में पुरुष युगल का खिताब अपने नाम किया था. पंचकुला में सितम्बर में 31वीं कृष्णा खेतान स्मृति अखिल भारतीय जूनियर रैंकिंग स्पर्धा और भुवनेश्वर में नवम्बर में 47वीं राष्ट्रीय जूनियर बैडमिंटन स्पर्धा में 19 वर्ष बालक युगल खिताब जीत चुके है. संस्कार ने राजस्थान सीनियर बैडमिंटन स्पर्धा में भी दोहरी सफलता हासिल की. संस्कार हैदराबाद में हुई तेलंगाना अंतरराष्ट्रीय चैलेंज बैडमिंटन स्पर्धा व इस स्पर्धा में बेंगलुरु में ही पुरुष एकल में क्वार्टर फाइनल तक खेले. संस्कार राष्ट्रीय स्तर के पूर्व बैडमिंटन खिलाड़ी राज सारस्वत के बेटे हैं.

इंडोनेशिया में देश को कर चुके रिप्रजेंट

इंडोनेशिया में आयोजित एशियन जूनियर बैडमिंटन चैम्पियनशिप में राजस्थान के संस्कार सारस्वत भारत का प्रतिनिधित्व कर चुके है. राजस्थान के बैडमिंटन इतिहास में यह पहला मौका है, जब कोई खिलाड़ी 19 वर्ष आयु वर्ग की भारतीय बैडमिंटन टीम में चुना गया. राज सारस्वत ने बताया कि खुद नेशनल लेवल का बैडमिंटन प्लेयर रह चुके हैं. देश के लिए इंटरनेशनल टूर्नामेंट में भी शिरकत कर चुके हैं. एक सोच थी कि बेटे को अच्छे प्लेयर के तौर पर तैयार करें. संस्कार में छोटी सी उम्र से ही सीखने की समझ अच्छी थी. आठ साल की उम्र में संस्कार ने राजस्थान अंडर-10 खेला, उसके बाद कई खिताब हासिल किए. संस्कार अंडर-13 और अंडर-15 में इंडिया में टॉप पर रहा. इंटरनेशनल लेवल पर देश का नाम रोशन करे यही सपना है.

संस्कार के डाइट का मां ने रखा पूरा ख्याल

संस्कार की मां होम्योपैथिक नर्सिंग ऑफिसर हैं. ऐसे में संस्कार के डाइट शेड्यूल से लेकर मेडिसिन इत्यादि का बचपन से ही ध्यान रखती आई है. डॉ. अनिता सारस्वत बताती है कि बच्चे में गेम के प्रति इतना रुझान था कि गेम के लिए समझाते थे कि गेम के लिए ये डाइट है, वह उसको ही फॉलो करता था. संस्कार सारस्वत ने बताया कि बचपन से पूरे परिवार से अच्छा सपोर्ट मिला है. सबसे पहला टारगेट यही है कि पिता के सपने को साकार करते हुए इंटरनेशनल खेलें और देश के लिए गोल्ड मेडल जीतें. संस्कार ने बताया कि पूरा परिवार बैडमिंटन में नेशनल लेवल के खिलाडी रह चुके हैं. उन्हीं को देखकर रूझान जगा और बड़ों के ही नक्शे कदम पर चल पड़े. जिला  से लेकर नेशनल स्तर पर शानदार प्रदर्शन किया और अब इंटरनेशनल की बारी है.

कोविड के दौरान भी संस्कार का चलता रहा ट्रेनिंग

राज सारस्वत बताते है कि कोविड में कोई भी चीज को टच करना मुश्किल था. जब हल्की राहत लॉकडाउन में मिली थी, उस वक्त स्पोर्ट्स एकेडमी में बस गए, ताकि इसकी ट्रेनिंग बराबर चलती रहेगी. 2020 में यहीं शिफ्ट हुए और डेढ साल तक कोविड के समय यहीं रहे. उस समय में लॉकडाउन में आना- जाना अलाउ नहीं था. दोनो हम पति-पत्नी को कोविड भी हो गया था, उसके बाद घर शिफ्ट होकर खुद को आइसोलेट कर लिया. मगर जैसे ही ठीक हुए पुन: ट्रेनिंग शुरू की. उसका फायदा यह हुआ कि जब कोविड के बाद ऑल इंडिया अंडर-17 में बेहतर प्रदर्शन कर संस्कार ने गोल्ड मेडल जीता. कोविड के दौरान जो ट्रेनिंग की गई, उसका अच्छा बेनिफिट मिला. सोच यही था कि संस्कार का ट्रेनिंग बाधित ना हो.

संस्कार को विरासत में मिला है खेल

संस्कार को खेल विरासत में ही मिल गया. संस्कार के परिवार में उसके पिता, दादा व बुआ खिलाड़ी रहे. संस्कार के पिता राज सारस्वत बैडमिंटन में स्टेट चैम्पियन रह चुके हैं. बुआ भी बैडमिंटन खिलाड़ी व दादा ओमप्रकाश बॉक्सर रहे हैं. संस्कार ने 5 साल की उम्र से ही खेलना शुरू कर दिया और अपने पिता के मार्गदर्शन में कड़ी मेहनत की. दिन में 3-4 घंटे एक्सरसाइज व 5-6 घंटे बैडमिंटन प्रेक्टिस की. इससे पहले अंडर-14 में संस्कार ने स्वर्ण पदक जीता था.

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राजस्थान के इस 18 वर्षीय शटलर ने किया कमाल, चार कटेगिरी में शीर्ष पर हुए काबिज

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430 मैच… नोवाक जोकोविच ने बनाया महारिकॉर्ड, रोजर फेडरर का विश्व कीर्तिमान ध्वस्त

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Novak Djokovic 430th grand slam singles match: नोवाक जोकोविच ने वर्ष के पहले ग्रैंड स्लैम ऑस्ट्रेलियन ओपन में इतिहास रच दिया है. वह ओपन एरा में ग्रैंड स्लैम के सिंगल मैचों में सर्वाधिक मैच खेलने वाले खिलाड़ी ब…और पढ़ें

430 मैच... जोकोविच ने बनाया महारिकॉर्ड, फेडरर का विश्व कीर्तिमान ध्वस्त

नोवाक जोकोविच ने बनाया बड़ा रिकॉर्ड.

मेलबर्न. नोवाक जोकोविच ने ऑस्ट्रेलियन ओपन टेनिस टूर्नामेंट के दूसरे दौर के मैच में कोर्ट पर उतरते ही इतिहास रच दिया. वह ग्रैंड स्लैम में सर्वाधिक सिंगल मैच खेलने वाले खिलाड़ी बन गए. उन्होंने इस दौरान रोजर फेडरर का रिकॉर्ड तोड़ा. वहीं महिलाओं में जापान की नाओमी ओसाका पिछले तीन साल में पहली बार किसी ग्रैंडस्लैम टूर्नामेंट के तीसरे दौर में पहुंचीं. जोकोविच चारों ग्रैंडस्लैम टूर्नामेंट में 430 मैच खेल चुके हैं जो नया रिकॉर्ड है. उन्होंने ऑस्ट्रेलियन ओपन के पहले दौर में रोजर फेडरर (429) की बराबरी की थी. जोकोविच ने दूसरे दौर में पुर्तगाल के क्वालीफायर जेमी फरिया को 6-1, 6-7 (4), 6-3, 6-2 से हराया. जोकोविच अब ग्रैंडस्लैम प्रतियोगिताओं में 379 मैच जीत चुके हैं जबकि 51 मैच में उन्हें हार का सामना करना पड़ा.

जोकोविच ने मैच के बाद कहा, ‘ग्रैंडस्लैम टूर्नामेंट हमारे खेल के मजबूत स्तंभ हैं. इस खेल के इतिहास में वह बहुत मायने रखते हैं. मैं भाग्यशाली हूं कि आज एक और रिकॉर्ड बनाने में सफल रहा.’ पुरुष वर्ग में ही तीसरी वरीयता प्राप्त कार्लोस अल्काराज़ ने अपना शानदार प्रदर्शन जारी रखते हुए योशिहितो निशिओका पर 6-0, 6-1, 6-4 से जीत हासिल की. महिला एकल में दो बार की ऑस्ट्रेलियन ओपन चैंपियन ओसाका 2022 के बाद पहली बार किसी ग्रैंडस्लैम टूर्नामेंट के तीसरे दौर में पहुंचीं.उन्होंने अमेरिकी ओपन की सेमीफाइनलिस्ट करोलिना मुचोवा के खिलाफ पहला सेट गंवाने के बाद शानदार वापसी करके 1-6, 6-1, 6-3 से जीत हासिल की.

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ओसाका ने इस तरह से पिछले साल अमेरिकी ओपन में मुचोवा से मिली हार का बदला भी चुकता कर दिया. इस बीच विश्व रैंकिंग में 97वें नंबर की खिलाड़ी लौरा सीगमंड ने आक्रामक खेल का प्रदर्शन करते हुए ओलंपिक चैंपियन और पिछले साल की उप विजेता झेंग किनवेन को सीधे सेटों में पराजित करके बड़ा उलटफेर किया. झेंग पिछले साल फाइनल में आर्यना सबालेंका से हार गई थी लेकिन इसके बाद उन्होंने पेरिस ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीता था तथा वह सत्र के अंतिम टूर्नामेंट डब्ल्यूटीए फाइनल्स में उपविजेता रही थी.

लेकिन साल के पहले ग्रैंड स्लैम टूर्नामेंट के दूसरे दौर में उन्हें 36 वर्षीय सीगमंड से 7-6 (3), 6-3 से हार का सामना करना पड़ा. इस दौरान चेयर अंपायर ने समय बर्बाद करने को लेकर झेंग को चेतावनी भी दी. झेंग ने मैच के बाद कहा, ‘मुझे लगता है कि आज मेरा दिन नहीं था. मैं महत्वपूर्ण मौकों पर अंक हासिल करने में नाकाम रही. टाइम कंट्रोल को लेकर चेतावनी मिलने से भी मेरी एकाग्रता भंग हुई.’ पिछले दो बार की चैंपियन सबालेंका ने आखिरी पांच गेम जीतकर विश्व में 54वें नंबर की खिलाड़ी जेसिका बौजास मनेइरो को 6-3, 7-5 से हराकर लगातार तीसरा खिताब जीतने की तरफ कदम बढ़ाए. वह इस टूर्नामेंट में लगातार 16 मैच जीत चुकी हैं.

सातवीं वरीयता प्राप्त जेसिका पेगुला भी तीसरे दौर में पहुंच गई हैं. उन्होंने एलिस मर्टेंस पर 6-4, 6-2 से जीत दर्ज की. एक अन्य मैच में 14वीं वरीयता प्राप्त 17 वर्षीय मीरा एंड्रीवा ने मोयुका उचिजिमा को 6-4, 3-6, 7-6(8) से हराया.

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430 मैच… जोकोविच ने बनाया महारिकॉर्ड, फेडरर का विश्व कीर्तिमान ध्वस्त

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