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ट्रंप का गोल्डन डोम: अमेरिका का नया एयर डिफेंस सिस्टम.

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Air defence shield: मौजूदा समय की जंग ने पारंपरिक जंग के तरीके को ही बदल दिया है. लॉंग रेंज मिसाइल, ड्रोन जंग के प्रमुख हथियार बन गए हैं. और इन से बचवा के लिए एयर डिफेंस सिस्टम भी हाई टेक चाहिए. इजराइल को तो उ…और पढ़ें

गोल्डन डोम के जरिए अमेरिका की सुरक्षा की तैयारी
हाइलाइट्स
- ट्रंप ने गोल्डन डोम एयर डिफेंस शील्ड का एलान किया.
- भारत ने स्वदेशी उपकरणों से रक्षा कवच तैयार किया.
- गोल्डन डोम अमेरिकी एरियल अटैक से रक्षा करेगा.
Golden dome AD System: इजराइल की जंग ने एयर डिफेंस की जरूरत को पूरी दुनिया को समझा दिया है. हमास-हिजबुल्लाह और ईरान के हमलों से इजराइल को आयरन डोम एयर डिफेंस सिस्टम ने ही बचाया. एरियल अटैक का खतरा अब अमेरिका को भी सता रहा है. ट्रंप ने अमेरिकी कांग्रेस को समबोधित करते हुए गोल्डन डोम शील्ड का एलान किया. ट्रंप ने कहा कि इजराइल के एयर डिफेंस सिस्टम आयरन डोम की तर्ज पर ही उनके भी पास भी एयर डिफेंस गोल्डन डोम होना चाहिए. ट्रंप ने अपने संबधन में पूर्व राष्ट्रपति रोनल्ड रीगन का हवाला देते हुए कहा कि वह भी ऐसा चाहते थे. उस वक्त ऐसी तकनीक नहीं था. लेकिन अब ऐसी तकनीक है. अमेरिकी मेनलैंड को दुश्मन के एरियल अटैक से बचाने के लिए
क्या है गोल्डन डोम प्रोग्राम?
यह एक यह एक नेक्स्ट जेनेरेशिन एयर डिफेंस सिस्टम प्रोग्राम होगा. इसमें लॉंग रेंज रडार अमेरिका की तरफ आने वाले प्रोजेक्टाइल को पहचानेगा, उसकी ट्रेजेक्टरी को ट्रैक करेगा और फिर इंटरसेप्टर मिसाइल के जरिए उसे मिड एयर में ही एंगेज कर देगा. अमेरिका की रक्षा उत्पाद कंपनी लॉकहीड मार्टिंन का मानना है कि अलगे साल के अंत तक अमेरिका के लिए गोल्डन डोम देना एक चुनौती है और इसके लिए सभी कमर्शियल इंडस्ट्री को एक नेशनल टीम की तरह साथ आना होगा. लॉकहीड इस नेशनल टीम की अगुवाइ करने को तैयार है. अमेरिकी कंपनियों की मदद से पूरा करने की कोशिश की जाएगी. हाइपरसोनिक मिसाइलों और स्पेस बेस्ड इंटरसेप्टर को विकसित करना होगा.
आयरन डोम कैसे काम करता है?
हमास ने आयरन डोम के रॉकेट के एंगेज करने की क्षमता से ज्यादा राकेट दागे. ज्यादातर को आयरन डोम ने मार गिराया. हमास ने ग्लाइडर के जरिए हमले के लिए भी वही समय चुना जब आयरन डोम के रडार मिसाइलों के ट्रेक कर रहे थे. आयरन डोम को इजात ही किया गया था हाई स्पीड रॉकेट और मिसाइल को रोकने के लिए. इसमें इस तरह का सिस्टम है वह हमले में रॉकेट की स्पीट को ट्रैक करता है. जो भी रॉकेट भीड़ वाले इलाके में गिरने वाला होता है सिर्फ उसे एंगेज करता है. हाई स्पीड मिसाइलों और लो फ्लाइंग स्लो ऑब्जेक्ट में से अगर पहली किसी को चुनना होता है तो यह मिसाइल को ही पहले चुनता है.
रक्षाकवच भारत का देसी आयरन डोम
देसी आयरन डोम डीआरडीओ के स्वदेशी उपकरणों को इंटीग्रेट कर के रक्षा कवच को विकसित किया है. इस रक्षा कवच में दो हिस्से है. पहला है निगरानी करना और दूसरा है अटैक करना. निगरानी के लिए अर्ली वॉर्निंग सिस्टम, सर्वेलांस ड्रोन और सैटेलाइट है. ग्राउंड में लॉंग रेंज रडार है जो दुशमन के किसी भी एरियल खतरे को ट्रैक करता है. दूसरा है उसे एंगेज करने के लिए हार्ड किल, सॉफ्ट किल, सर्फेस टू एयर मिलाइल, आर्टोलरी गन और लेजर बीम तकनीक है.
कैसे करेगा रक्षा कवच काम ये सिस्टम?
सबसे जरूरी है एरियल अटैक को पहचानना यानी दुश्मन कितनी दूर है. सर्वेलॉंस का सारा डॉटा कंट्रोंल सेंटर में जाएगा. वहा जानकारी प्रोसेस करने के बाद अटैक को न्यूट्रलाइज करना पड़ता है. हाई स्पीड ड्रोन अटैक से निपटने के लिए सॉफ्ट किल, हार्ड किल होता है. सॉफ्ट किल में हाई पावर माइक्रोवेव उस दिशा में छोड़ते हैं जिस दिशा से अटाक आ रहा है. इससे सिस्टम का इलेकट्रोनिक कमजोर हो जाता है. स्पीड धीरे हो जाती है. उसके बाद भी वह अटैक करने के लिए आता है तो क्विक रिसेपॉंस सर्फोस टू एयर मिसाइल सिस्टम है इससे उसे एंगेज किया जाता सकता है. इसी तहर से ATAGS है उसेसे भी अटैक को एंगेज किया जा सकता है. इसके अलावा लेजर बीम तकनीक से टार्गेट को नष्ट किया जा सकता है. सुपरसोनिक और हाइपरसोनिक हमलों को भी तभी नष्ट किया जा सकता है जब उसका डिटेक्शन पहले ही हो जाए. पहले ही डिटेक्शन हो गया तो एयर डिफेंस मिसाइल को टाइम मिल जाएगा उसे एंगेज करने के लिए. फिलहाल सभी सिस्टम तैयार हो चुके हैं, सॉफ्टवेर पर काम चल रहा है .जल्द ही DRDO इसे शोकेस करेगी.
March 06, 2025, 19:04 IST
ट्रंप को सता रहा एरियल अटैक का डर, आयरन डोम की तर्ज पर बनेगा गोल्डन डोम
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US America Earthquake Today: वॉशिंगटन हॉलीवुड में 3.9 तीव्रता का भूकंप, ऑस्कर अवार्ड के दौरान आया

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Earthquake News US: ऑस्कर अवार्ड समारोह के दौरान अमेरिका के उत्तरी हॉलीवुड में 3.9 तीव्रता का भूकंप आया. भूकंप का केंद्र डॉल्बी थिएटर से कुछ ही मील की दूरी पर था.

अमेरिका में भूकंप आया है.
हाइलाइट्स
- ऑस्कर समारोह के दौरान 3.9 तीव्रता का भूकंप आया
- भूकंप का केंद्र डॉल्बी थिएटर से कुछ मील की दूरी पर था
- लॉस एंजिल्स में भूकंप के झटके महसूस किए गए
वॉशिंगटन: अमेरिका के हॉलीवुड में दुनिया भर के सितारे रेड कार्पेट पर थे, ऑस्कर अवार्ड का जश्न रहा था कि तभी अचानक धरती हिलने लगी. दरअसल जब अमेरिका में ऑस्कर अवार्ड शो चल रहा था तभी 3.9 तीव्रता का भूकंप आया. भूकंप का केंद्र उत्तरी हॉलीवुड में था. ऑस्कर अवार्ड शो डॉल्बी थिएटर में आयोजित किया गया था. भूकंप का केंद्र समारोह की जगह से कुछ ही मील की दूरी पर था. स्थानीय समय के मुताबिक भूकंप रविवार रात 10 बजे आया. यह वही समय था जब सेलिब्रिटी ऑस्कर अवार्ड की आफ्टर पार्टी के लिए जमा हो रहे थे.
इस दौरान लोगों ने अचानक झटके महसूस किए. कुछ लोग चिल्लाने लगे. लोगों का कहना है कि इमारतों को उन्होंने जेली की तरह हिलते देखा. भूकंप पर अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (USGS) ने कहा कि झटके पूरे लॉस एंजिल्स में कई मीलों तक महसूस किए गए. भूकंप अपेक्षाकृत छोटा था, जिस कारण सुनामी की चेतावनी जारी नहीं की गई. अभी तक किसी भी तरह के नुकसान या लोगों के घायल होने की जानकारी नहीं मिली है. लॉस एंजिल्स फायर डिपार्टमेंट ने कहा कि भूकंप का असर पूरे डाउनटाउन लॉस एंजिल्स में महसूस किया गया. एजेंसी ने कहा कि झटके इतने तगड़े नहीं थे कि ‘भूकंप मोड’ को एक्टिव किया जाए.
मार्च में आए 40 भूकंप
अगर भूकंप ताकतवर होता तो अधिकारी इमारतों और बुनियादी ढांचों के नुकसान की जांच करते. BBC की रिपोर्ट के मुताबिक मार्च की शुरुआत से दक्षिणी कैलिफोर्निया में आए लगभग 40 भूकंपों में से यह एक है. USGS के जिस डेटा का विश्लेषण किया गया, उसके मुताबिक ज्यादातर की तीव्रता 1 थी, जो आमतौर पर लोगों को महसूस नहीं होते. पिछले महीने पास के मालिबू क्षेत्र में 3.7 तीव्रता का भूकंप आया था. दिसंबर में उत्तरी कैलिफोर्निया में 7 तीव्रता का एक तगड़ा भूकंप आया, जिसके बाद तटीय इलाके के लोगों को भूकंप की चेतावनी दी गई.
भूकंप पर क्या बोले लोग?
BBC की रिपोर्ट के कुछ लोगों ने कहा कि झटका ऐसा था, जैसे कोई बम फटा हो. एक स्थानीय निवासी ने कहा कि उसने अब तक का सबसे तगड़ा भूकंप का झटका महसूस किया. हालांकि उन्होंने इस बात पर आश्चर्य भी जताया कि झटका सिर्फ 3.9 तीव्रता का था. एक शख्स ने कहा कि मैंने झटके को अपनी हड्डियों में महसूस किया.
New Delhi,New Delhi,Delhi
March 03, 2025, 14:01 IST
ऑस्कर का जश्न मना रहे थे हॉलीवुड के सितारे, तभी भूकंप से हिल गई US की धरती
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Chandrayaan Blue Ghost Lander: फायरफ्लाई एयरोस्पेस ने चंद्रमा पर उतारा पहला यान.

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US Moon Landing:अमेरिकी प्राइवेट कंपनी फायरफ्लाई एयरोस्पेस ने ब्लू घोस्ट मिशन 1 के तहत चंद्रमा पर सफल लैंडिंग की. यह भारत के चंद्रयान-3 से अलग है, क्योंकि इसमें कोई रोवर नहीं है. जल्द ही दो और मिशन उतरेंगे.

चांद पर उतरा ब्लू घोस्ट मिशन. (Reuters)
हाइलाइट्स
- अमेरिकी कंपनी ने ब्लू घोस्ट लैंडर चांद पर उतारा
- ब्लू घोस्ट में कोई रोवर नहीं है
- दो और मिशन जल्द ही चांद पर उतरेंगे
वॉशिंगटन: आसमान में दिखने वाला चमकदार चांद हमेशा इंसानों को अपनी ओर आकर्षित करता रहा है. यही कारण है कि वैज्ञानिकों को यहां पहुंचने की चाहत रही है. दुनिया में पांच देश भारत, अमेरिका, रूस, चीन और जापान ही चांद पर जा सके हैं. रविवार को अमेरिका की एक प्राइवेट कंपनी ने चंद्रमा पर अपना पहला अंतरिक्ष यान सफलतापूर्वक उतारा, जो विज्ञान के लिए एक बड़ी कामयाबी है. फायरफ्लाई एयरोस्पेस का ब्लू घोस्ट मिशन 1 स्थानीय समय के मुताबिक सुबह 8:34 बजे मॉन्स लैट्रेल के पास उतरा. यह चंद्रमा के उत्तर-पूर्वी भाग में मारे क्रिसियम में एक ज्वालामुखीय संरचना है. एयरक्राफ्ट के लैंड होते ही मिशन टीम में खुशी की लहर दौड़ गई. हालांकि यह कामयाबी वैसी नहीं है, जैसी चंद्रयान-3 मे हासिल की थी, लेकिन फिर भी यह एक बड़ा कदम है.
गोल्डेन लैंडर का आकार एक छोटी कार के बराबर है जो 15 जनवरी को स्पेसएक्स फाल्कन 9 रॉकेट के जरिए लॉन्च किया गया था. चंद्रमा की यात्रा के दौरान इसने धरती और चांद की कई शानदार तस्वीरें खींची. भारत के चंद्रयान 3 मिशन से अगर इसकी तुलना करें तो बेहद फर्क है. सबसे बड़ा फर्क यही है कि चंद्रयान को भारत सरकार की फंडिंग से लॉन्च किया गया था. चंद्रयान ने विक्रम लैंडर के साथ में प्रज्ञान नाम का रोवर भी भेजा था, जो चंद्रमा की सतह पर चला. लेकिन गोल्डेन लैंडर में कोई भी रोवर नहीं है. इसके अलावा भारत ने वह कारनामा कर दिखाया था, जो उससे पहले कोई नहीं कर पाया.
भारत ने किया था बड़ा कारनामा
भारत का विक्रम लैंडर चांद के दक्षिणी ध्रुव पर उतरा था. यहां लैंडिंग करवाना बेहद मुश्किल होता है. इसके अलावा यह वह क्षेत्र है, जहां पानी की मौजूदगी होने की संभावना है. ब्लू घोस्ट में 10 उपकरण हैं, जिनमें एक चंद्रमा के मिट्टी का विश्लेषण करने वाला यंत्र भी शामिल है. 14 मार्च को एक पूर्ण चंद्र ग्रहण लगने वाला है. इस दौरान उम्मीद है कि यह शानदार तस्वीरें कैप्चर करेगा. इससे पहले फरवरी 2024 में अमेरिका की एक कंपनी का लैंडर बहुत तेजी से नीचे आया था. तब इसका एक पैर फंस गया और पलट गया, जिससे मिशन लगभग फेल ही हो गया.
दो और मिशन के उतरने की तैयारी
ब्लू घोस्ट की सफल लैंडिंग के बाद चांद पर दो और मेहमान पहुंचने वाले हैं. आने वाले हफ्तों में चांद पर दो और मिशन उतरेंगे. इंटुएटिव मशीन्स का एथेना और जापानी प्राइवेट मिशन रेजिलिएंस हकुतो-आर2 अगले लैंडर में से हैं, जिनके उतरने की उम्मीद है. स्पेसएक्स फाल्कन 9 रॉकेट के जरिए 26 फरवरी, 2025 को एथेना लॉन्च किया गया था. इंट्यूएटिव मशीन्स का यह दूसरा चंद्र मिशन है. इसके 6 मार्च को उतरने की उम्मीद है. एथेना दक्षिणी ध्रुव के करीब उतरने की कोशिश करेगा, जहां भारत पहले ही उतर चुका है.
New Delhi,New Delhi,Delhi
March 03, 2025, 16:11 IST
चंद्रयान की बराबरी नहीं कर पाया अमेरिका का ब्लू घोस्ट लैंडर, समझें किसमें चूका
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डोनाल्ड ट्रंप का अमेरिकी संसद में संबोधन: क्या कहेंगे ट्रंप?Trump big speech tonight causes global stir

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डोनाल्ड ट्रंप ने सोशल मीडिया पर एक रहस्यमयी मैसेज लिखा, जिसमें कहा गया है कि कुछ बड़ा होने वाला है. इसके बाद से पूरी दुनिया में हलचल मची हुई है.

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप संसद को संबोधित करने वाले हैं.
हाइलाइट्स
- डोनाल्ड ट्रंप ने सोशल मीडिया पर रहस्यमयी पोस्ट किया.
- डोनाल्ड ट्रंप संसद में देने वाले हैं भाषण, जो काफी महत्वपूर्ण.
- ट्रंप प्रशासन यूक्रेन को सैन्य मदद रोकने पर विचार कर रहा है.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने देर शाम अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म, ट्रुथ सोशल पर लिखा, आज रात बहुत खास होगी. मैं आपको वही बताऊंगा जो सच है! दरअसल, ट्रंप अमेरिकी संसद को संबोधित करेंगे. हालांकि यह आधिकारिक तौर पर ‘स्टेट ऑफ द यूनियन’ भाषण नहीं होगा, जो राष्ट्रपति आमतौर पर एक साल पूरे होने पर देते हैं, लेकिन यह ट्रंप के लिए इस साल जनवरी में दूसरी बार राष्ट्रपति बनने के बाद पहला बड़ा भाषण होगा. इसलिए पूरी दुनिया में उनके पोस्ट के बाद से खलबली मची हुई है.
फॉक्स न्यूज़ से बात करते हुए, रिपब्लिकन स्पीकर माइक जॉनसन ने कहा कि आम तौर पर कोई भी राष्ट्रपति अपने कार्यकाल के इस समय पर ‘स्टेट ऑफ द यूनियन’ भाषण नहीं देता, लेकिन “यह असल में ‘स्टेट ऑफ द यूनियन’ भाषण जैसा ही होगा”. उन्होंने दावा किया कि ट्रंप ने “अमेरिका को फिर से मजबूत बनाया है”.
क्या कहेंगे साफ नहीं
यह अभी तक साफ नहीं है कि ट्रंप अपने भाषण में क्या कहेंगे. खासकर यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर ज़ेलेंस्की के साथ हुए विवाद के बाद, उनका रुख क्या होगा. ट्रंप ने ज़ेलेंस्की पर “तीसरे विश्व युद्ध को दांव पर लगाने” का आरोप लगाया था और कहा था कि उन्होंने पुतिन के हमले से अपने देश की रक्षा में अमेरिका द्वारा दी जा रही मदद के लिए पर्याप्त आभार नहीं जताया.
यूरोप के देश एकजुट
इस विवाद के बाद, यूरोपीय नेताओं ने इस हफ्ते लंदन में ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक द्वारा आयोजित एक बैठक में हिस्सा लिया. ब्रिटेन और फ्रांस ने शांति समझौते का समर्थन किया है, लेकिन कहा है कि इसके साथ अमेरिका द्वारा सुरक्षा गारंटी भी होनी चाहिए. आज की रिपोर्ट्स बताती हैं कि ट्रंप प्रशासन व्लादिमीर पुतिन के रूस से लड़ाई में यूक्रेन को सैन्य मदद भेजने से रोकने के लिए कई विकल्पों पर विचार कर रहा है.

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म ट्रुथ पर लिखा…
क्यों और कब हुआ विवाद
यह सब तब हुआ जब पिछले हफ्ते ज़ेलेंस्की वाशिंगटन में एक खनिज सौदे पर हस्ताक्षर करने आये थे, जो आगे चलकर अमेरिकी सैन्य सहायता के बदले प्राकृतिक संसाधनों पर अधिकारों का आदान-प्रदान करता. ट्रंप और उपराष्ट्रपति माइक पेंस के साथ तनावपूर्ण बातचीत के बाद यूक्रेनी नेता ने इस सौदे पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया. विवाद के कारण यात्रा को छोटा कर दिया गया और सौदे पर हस्ताक्षर नहीं हो पाए.
क्या संकेत
कुछ संकेत मिले हैं कि ट्रंप अभी भी इस सौदे को मंजूरी देने के लिए दबाव बना सकते हैं. उन्होंने अपनी एक पुरानी पोस्ट को दोबार शेयर किया है जिसमें कहा गया था कि ट्रंप शतरंज के खेल में हर किसी से “10 कदम आगे” हैं. ट्रुथ सोशल पर ट्रंप की अन्य टिप्पणियों में शामिल इस पोस्ट में कहा गया था कि “ट्रंप असल में अमेरिका को युद्ध में घसीटे बिना यूक्रेन की रक्षा कर रहे हैं… खनिज सौदे पर बातचीत करके, ट्रंप यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि अमेरिका यूक्रेन के खनन उद्योग में शामिल होगा. यह रूस को हमला शुरू करने से रोकेगा, क्योंकि यूक्रेन पर हमला करने का मतलब होगा अमेरिकी जान को खतरे में डालना.”
जेलेंस्की ने क्या कहा
इस बीच, ज़ेलेंस्की ने आज कहा कि रूस शांति नहीं चाहता, जबकि ट्रंप ने पहले कहा था कि उन्हें लगता है कि पुतिन युद्ध को खत्म होते देखना चाहते हैं. एक सोशल मीडिया पोस्ट में, ज़ेलेंस्की ने “रूसी हमले को असंभव बनाने” के लिए “हमारी वायु रक्षा को मजबूत करने, हमारी सेना का समर्थन करने और प्रभावी सुरक्षा गारंटी सुनिश्चित करने” का आह्वान किया.
New Delhi,New Delhi,Delhi
March 03, 2025, 21:56 IST
कुछ बड़ा होने वाला है… ट्रंप ने सोशल मीडिया में लिखा रहस्यमयी पोस्ट
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