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टोरंटो डेल्टा एयरलाइंस प्लेन क्रैश: सभी 80 लोग कैसे सुरक्षित बच गए?

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Toronto Delta Airline Plane Crash: टोरंटो एयरपोर्ट पर क्रैश हो चुके डेल्‍टा एयरलाइंस के प्‍लेन से निकल रहे पैसेंजर को देखकर किसी को भरोसा नहीं हो रहा था कि वह जीवित कैसे बच गए. पांच प्‍वाइंट में समझें कि इतने भ…और पढ़ें

नहीं हो रहा था यकीन, जीवित हैं या फिर भूत, क्‍या है 80 जिंदगियों का सच?

हाइलाइट्स

  • टोरंटो एयरपोर्ट पर डेल्टा एयरलाइंस का प्लेन क्रैश हुआ.
  • सभी 76 पैसेंजर और 4 क्रू मेंबर सुरक्षित बच गए.
  • प्लेन का डिजाइन और सर्द मौसम ने जान बचाने में मदद की.

Toronto Delta Airline Plane Crash: किसी को भी इस बात का यकीन नहीं हो रहा था कि फ्लाइट से निकल रहे लोग जीवित हैं या फिर उनका भूत है. तब से लेकर अब तक हर कोई क्रैश के दौरान प्‍लेन में मौजूद 80 जिंदगियों का सच जानने के लिए बेकरार है. इन 80 जिंदगियों में 76 पैसेंजर और 4 क्रू-मेंबर शामिल है. जी हां, यहां पर बात टोरंटो पियर्सन इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर डेल्‍टा एयरलाइंस के प्‍लेन क्रैश की बात हो रही है.

दरअसल, 18 दिसंबर की दोपहर टोरंटो के पियर्सन इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर भारी बर्फबारी हुई थी. जिसके चलते रनवे पर भारी तादाद में बर्फ इकट्ठा थी. दोपहर करीब सवा दो बजे डेल्‍टा एयरलाइंस की फ्लाइट 4819 पियर्सन इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर लैंड हुई. रनवे पर बर्फ की वजह से फिसलन होने चलते प्‍लेन फिसल गया और देखते ही देखते वह आग के गोले में तब्‍दील हो गया. अगले कुछ सेकेंडों में प्‍लेन 180 डिग्री में पटल गया.

यह भी पढ़ें: दिल्‍ली या नोएडा एयरपोर्ट: NCR वाले कहां से पकड़ेंगे फ्लाइट, होने वाला है यह बड़ा फैसला, DIAL ने दिया यह प्रस्‍ताव … Airport News: आने वाले समय में एनसीआर के वाशिंदों को फ्लाइट पकड़ने के लिए दिल्‍ली एयरपोर्ट जाना होगा या फिर नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट. यह फैसला अब दो लोगों के हाथों में है. पहला ऐरा और दूसरा खुद पैसेंजर. क्‍या है पूरा मसला, समझने के लिए क्लिक करें.

इसके बाद, उठे धुंए के गुबार में प्‍लेन पूरी तरह से खो गया. कुछ ही पलों के अंतराल में फायर टेंडर मौके पर पहुंचे और पानी की बौछार एयरक्राफ्ट पर शुरू हो गई. इसके बाद, एयरपोर्ट पर मौजूद लोगों ने जो देखा, उस पर उन्‍हें एक बारगी भरोसा नहीं हुआ. दरअसल, धुएं का गुबार शांत होते ही प्‍लेन के इमरजेंसी गेट खुले और एक-एक कर पैसेंजर ने बाहर आना शुरू कर दिया. पैसेंजर को बाहर आते देख किसी ने प्रतिक्रिया भी दी, ये पैसेंजर हैं या उनका भूत.

खैर, इस प्‍लेन में सवार सभी 76 पैसेंजर और 4 क्रू मेंबर प्‍लेन से जीवित बाहर आ गए. इतने भयंकर हादसे में किसी की भी जान नहीं गई, यह बात किसी को भी हजम नहीं हो रही थी. तो चलिए हम आपको बताते हैं कि इतने भयंकर हादसे के बावजूद प्‍लेन में मौजूद सभी मुसाफिर कैसे सुरक्षित बच गए.

यह भी पढ़ें: मेरे पेट में है ‘नाजायज…’ विदेशी महिला की बात सुन चकराया इंटेलिजेंस अफसर का माथा, भागे-भागे पहुंचे अस्‍पताल… मुंबई एयरपोर्ट पहुंची विदेशी महिला ने इंटेलिजेंस अफसर के कानों एक ऐसी बात कही कि उसका माथा चकरा गया. इंटेलिजेंस अफसर आनन फानन महिला को लेकर अस्‍पताल पहुंचे. जहां ऐसा खुलासा हुआ, जिसे जानकार सभी भौचक्‍के रह गए. पूरा मामला जानने के लिए क्लिक करें.

  • प्‍लेन का डिजाइन: सभी पैसेंजर का जीवन बचाने में सबसे अधिक मददगार प्‍लेन का डिजाइन था. दरअसल, हादसे का शिकार हुआ प्‍लेन मित्सुबिशी CRJ-900LR था. इस प्‍लेन की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसमें इंजन और विंग अलग-अलग हैं. इस प्‍लेन के इंजन विंग में ना होकर प्‍लेन के आखिरी हिस्‍से में हैं. साथ ही, इंजन की पोजीशन विंग से बहुत ऊपर है.
  • फ्यूल टैंक तक नहीं पहुंची आग: टचडाउन के तुरंत बाद प्‍लेन के इंजन में भयंकर आग लग गई थी. इसके बाद, साथ ही, प्‍लेन फिसलने के बाद पलट गया था और उसके विंग टूट कर अलग हो गए थे. चूंकि इंजन प्‍लेन के आखिरी हिस्‍से में था और फ्यूल टैंक विंग में. लिहाजा, आग और फ्यूल के बीच में संपर्क नहीं हो पाया और बड़ा हादसा टल गया. ‍
  • सीट बेल्‍ट बनी जीवन रक्षक: लैंडिंग के दौरान सभी पैसेंजर की सीट बेल्‍ट बंधी हुई थी. जिसके चलते प्‍लेन पलटने पर पैसेंजर छत पर गिरने की बजाय सीट पर ही उल्‍टे लटक गए. जिसके चलते उन्‍हें गंभीर चोंट नहीं आई. सीट बेल्‍ट न होने पर सिर और गर्दन की हड्डी में लगी चोंट पैसेंजर की मौत का कारण बन सकती थी.
  • 16-डी डिस्‍क्‍लेरेशन सीट्स: मित्सुबिशी CRJ-900LR एयरक्राफ्ट की सीट्स का 16-डी डिस्‍क्‍लेरेशन टेस्‍ट सर्टिफाइड हैं. इन सीट्स की खासियत हैं कि वह तेज शॉक को एब्‍जार्व कर सकती है. शायद यही वजह है कि क्रैश के चलते पैदा हुए शॉक को सीट ने एब्‍जार्व कर लिया था और वह पैसेंजर के लिए जीवन रक्षक बन गईं;
  • बर्फ और सर्द मौसम: भले ही हादसे की वजह बर्फ हो, लेकिन पैसेंजर की जान बचाने में बर्फ और सर्द मौसम खास मददगार रहे. बर्फ और सर्द मौसम की वजह से आग नहीं भड़की और वह विंग पर बने फ्यूल टैंक तक नहीं पहुंच पाई.
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जेलेंस्की का ट्रंप से उठ गया भरोसा, पुतिन से लेंगे बदला, रूस के खिलाफ मैदान-ए-जंग में उतरेगी यूरोप की सेना!

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Russia Ukraine war: रूस और यूक्रेन में तीन सालों से चली आ रही जंग को खत्म करने की कोशिशों के बीच वोलोदिमिर जेलेंस्की ने कहा कि कोई भी शांति समझौता उन्हें शामिल किए बगैर नहीं होना चाहिए.

जेलेंस्की का ट्रंप से उठ गया भरोसा, रूस के खिलाफ जंग में उतरेगी यूरोप की सेना!

वोलोदिमिर जेलेंस्की ने सीधे तौर पर पुतिन को चुनौती दी है. (फाइल फोटो)

हाइलाइट्स

  • जेलेंस्की ने यूरोप की सेना बनाने की बात की.
  • जेलेंस्की ने पुतिन को झूठा और कमजोर कहा.
  • शांति समझौते में यूक्रेन की सुरक्षा की गारंटी मांगी.

कीव. रूस और यूक्रेन के बीच जंग खत्म करने की डोनाल्ड ट्रंप की कोशिश किस रास्ते पर जाएगी? यह कहना थोड़ा मुश्किल लग रहा है क्योंकि यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर ज़ेलेंस्की ने म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन में ‘यूरोप की सेना’ बनाने के बारे में बात की और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को झूठा-कमजोर कहा. दिलचस्प तो यह है कि 47 वर्षीय यूक्रेनी नेता ने जब अपने यूरोपीय सेना के सपने को जिक्र किया, तो उन्होंने इसमें अमेरिकी भागीदारी को कोई जिक्र नहीं था.

यह तब आया है जब डोनाल्ड ट्रंप ने यूक्रेन से युद्ध को जल्दी समाप्त करने के लिए तरीका खोजने का निवेदन किया है. राष्ट्रपति ट्रंप ने पहले ही ज़ेलेंस्की और पुतिन दोनों के साथ फोन पर बातचीत की है, जिसमें तीनों शांति समझौते पर सहमत होने की कोशिश कर रहे हैं. तानाशाह पुतिन से उम्मीद की जा रही है कि जब वह अंततः ट्रंप से यूक्रेन शांति वार्ता के लिए मिलेंगे तो वह कई पागल मांगें करेंगे.

ज़ेलेंस्की ने कहा है कि वह किसी भी शांति समझौते को तब तक स्वीकार नहीं करेंगे जब तक उनके देश को सुरक्षा की गारंटी नहीं दी जाती. शनिवार को जर्मनी में बोलते हुए, ज़ेलेंस्की ने यूक्रेन की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक नई योजना का प्रस्ताव रखा. उन्होंने कहा, “कई नेताओं ने यूरोप के बारे में बात की है और कहा है कि उसे अपनी खुद की सेना की जरूरत है, एक यूरोप की सेना और मुझे लगता है कि समय आ गया है. यूरोप की सशस्त्र सेनाओं का निर्माण किया जाना चाहिए.”

जेलेंस्की ने कहा, “बिना यूक्रेन की सेना के, यूरोप की सेना रूस को रोकने के लिए पर्याप्त नहीं होगी. केवल हमारी सेना के पास यूरोप में असली, आधुनिक युद्ध का अनुभव है, लेकिन हमारी सेना भी अकेले पर्याप्त नहीं है. हमें आपकी मदद की जरूरत है – हथियार, ट्रेनिंग, प्रतिबंध, पैसों की मदद, राजनीतिक दबाव और एकता.” यूक्रेन के राष्ट्रपति ने कहा कि यूरोप को नाटो से अलग एक ऐसी सेना बनाने पर विचार करना चाहिए ताकि “अगर अमेरिका यूरोप को किसी मुद्दे पर ना कह दे जो उसे खतरे में डाल सकता है”.

उन्होंने कहा कि तीन साल की लड़ाई के बाद, यूक्रेन ने एक यूरोपीय सेना की नींव तैयार कर ली है और अब इस पर काम करना चाहिए. उन्होंने कहा, “जैसे हम इस युद्ध को लड़ रहे हैं और शांति और सुरक्षा की नींव रख रहे हैं, हमें यूरोप की सशस्त्र सेनाओं का निर्माण करना चाहिए ताकि यूरोप का भविष्य केवल यूरोपियों पर निर्भर हो और यूरोप के बारे में निर्णय यूरोप में ही लिए जाएं. यूरोप के पास सब कुछ है, लेकिन उसे एकजुट होना होगा.”

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Longest Marriage World Record: तेरा साथ न छोड़ेंगे! ब्राजील के कपल ने बनाया सबसे लंबी शादी का वर्ल्ड रिकॉर्ड, 105 साल की उम्र में भी है प्यार

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Guinness World Records: ब्राजील के मानोएल (105) और मारिया (101) ने 84 साल की शादीशुदा जिंदगी के साथ सबसे लंबे विवाह का वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया है. 1940 में शादी करने वाले इस जोड़े के 100 से अधिक पोते-पोतियां हैं.

तेरा साथ न छोड़ेंगे! ब्राजील के कपल ने बनाया सबसे लंबी शादी का रिकॉर्ड

ब्राजील के कपल की शादी को 84 साल हो गए हैं. (Credit-Instagram)

हाइलाइट्स

  • मानोएल और मारिया ने 84 साल की शादी का रिकॉर्ड बनाया
  • इस कपल के 100 से अधिक पोते-पोतियां हैं
  • गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड ने इसे सबसे लंबी शादी माना

ब्राजीलिया: प्यार हो तो किसी भी रिश्ते को लंबा चलाया जा सकता है, चाहे किसी भी तरह की परिस्थिति क्यों न आ जाए. ब्राजील के एक दंपति ने इस बात को सच कर दिखाया है. मानोएल (105) और मारिया (101) नाम के कपल ने सबसे लंबे शादीशुदा जीवन का वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया है. दोनों 84 साल से रिश्ते में हैं और उनके 100 से ज्यादा पोते-पोतियां हैं. दोनों की शादी को इतने साल हो गए हैं, जितना बहुत से लोगों की उम्र भी नहीं होती है. मानोएल और मारिया ने 1940 में ब्राजील के सियारा राज्य के बोआ वेंचुरा चैपल में शादी की थी.

यह एक ऐसा समय था जब दुनिया बहुत अलग थी. तब तक ब्राजील फीफा वर्ल्ड चैंपियन नहीं बना था. दुनिया के पहले प्रोग्रामेबल इलेक्ट्रॉनिक कंप्यूटर का आविष्कार नहीं हुआ था. दोनों ने लव मैरिज की थी. इनकी प्रेम कहानी 1936 में शुरू हुई थी, जब मानोएल बोआ विएजम के अल्मीडा क्षेत्र में रपादुरास का एक शिपमेंट लेकर पहुंचे थे. रपादुरास ब्राजील की पारंपरिक मिठाई का नाम है. जब वह डिलीवरी के लिए पहुंचे थे, तभी उनकी मुलाकात मारिया से हुई. हालांकि पहली मुलाकात में दोनों का रिश्ता नहीं बना.

ऐसे शुरू हुई लव स्टोरी
साल 1940 में उनके बीच फिर जुड़ाव पैदा हुआ. मानोएल को यकीन हो गया कि मारिया ही उनकी जीवनसंगिनी हैं और उन्होंने अपने प्यार का इजहार किया. मारिया ने तब उनकी बात मान ली और दोनों का रिश्ता शुरू हुआ. शुरुआत में मारिया की मां दोनों के रिश्ते पर संदेह कर रही थीं. लेकिन मानोएल अपनी लगन से उनका दिल जीतने में कामयाब रहे. उन्होंने अपना एक घर बनाना शुरू किया, परिवार की मंजूरी मिलने के बाद दोनों ने शादी कर ली. अपना परिवार चलाने के लिए दशकों तक उन्होंने तंबाकू की खेती की. उन्होंने 13 बच्चों को पाला, जिनसे आगे चलकर 55 पोते-पोतियां, 54 परपोते और 12 परपरपोतों का विशाल परिवार बना.

सबसे लंबी शादी का बना रिकॉर्ड
कपल की उम्र अब 100 साल से ज्यादा हो चुकी है. बुढ़ापे में, मानोएल और मारिया शांति से अपना जीवन बिता रहे हैं. उम्र के कारण मानोएल दिन में आराम करते हैं, लेकिन हर शाम वे मारिया के साथ लिविंग रूम में बैठकर रेडियो पर एक धार्मिक प्रार्थना देखते हैं. जब उनसे लंबे और सुखी वैवाहिक जीवन का रहस्य पूछा गया तो उन्होंने जवाब दिया ‘प्रेम’. गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड ने इसे सबसे लंबे जीवित विवाह के रूप में पुष्टि की है.

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तेरा साथ न छोड़ेंगे! ब्राजील के कपल ने बनाया सबसे लंबी शादी का रिकॉर्ड

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Gold Mine Collapse Africa: सोने की चाहत ने सुला दी मौत की नींद, माली में ढह गई गोल्ड माइन, 48 लोगों क बन गई कब्र

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Mali Gold Mine: माली में एक अवैध सोने की खदान ढहने से कम से कम 48 लोगों की मौत हो गई, जिसमें एक महिला और उसका बच्चा भी शामिल थे. यह खदान पहले एक चीनी कंपनी की ओर से संचालित थी. माली में अवैध खनन बड़ी समस्या है.

सोने की चाहत ने सुला दी मौत की नींद, माली में ढह गई गोल्ड माइन, 48 की मौत

सोने की खदान ढह गई. (Reuters)

हाइलाइट्स

  • माली में अवैध सोने की खदान ढहने से 48 लोगों की मौत
  • खदान पहले एक चीनी कंपनी की ओर से संचालित की जाती थी
  • माली में अवैध खनन बड़ी समस्या है

बामको: पश्चिम अफ्रीकी देश माली में एक हैरान करने वाला मामला देखने को मिला है. शनिवार को यहां एक अवैध रूप से संचालित सोने की खदान ढह गई, जिसमें कम से कम 48 लोगों की मौत हो गई. एएफपी की रिपोर्ट के मुताबिक स्थानीय अधिकारियों और सूत्रों ने इससे जुड़ी जानकारी दी. माली अफ्रीका के प्रमुख गोल्ड उत्पादक देशों में से एक है, यहां खदानों में अक्सर इस तरह की दुर्घटनाएं होती रहती हैं. रिपोर्ट के मुताबिक शाम 6 बजे तक खदान ढहने से 48 लोगों की मौत हो गई. कुछ पीड़ित पानी में गिर गए, जिनमें एक महिला और उसकी पीठ पर बंधा बच्चा भी शामिल था.

स्थानीय अधिकारियों ने भी इस घटना की पुष्टि की है, जबकि केनीबा सोना खनिक संघ ने मरने वालों की संख्या 48 बताई है. एक पर्यावरण संगठन के प्रमुख ने एएफपी को बताया कि पीड़ितों की तलाश जारी है. यह दुर्घटना एक ऐसी खदान में हुई है, जहां पहले से ही सोना निकाला जा चुका है. पहले इस खदान को एक चीनी कंपनी की ओर से संचालित किया जाता था. माली दुनिया के सबसे गरीब देशों में से एक है. यहां अवैध खनन पर नियंत्रण पाना अधिकारियों के लिए बड़ी चुनौती है. जनवरी में भी दक्षिणी माली में एक खदान में भूस्खलन से कम से कम 10 लोगों की मौत हो गई थी और कई अन्य लापता हो गए थे, जिसमें ज्यादातर महिलाएं थीं.

दक्षिण अफ्रीका की खदानों में फंसे लोग
दक्षिण अफ्रीका में भी बंद पड़ी खदानों को अवैध रूप से संचालित किया जा रहा है. पिछले कई महीनों से सैकड़ों लोग दक्षिण अफ्रीका की सबसे गहरी खदानों में फंसे हुए हैं. दरअसल, पुलिस ने इन खदानों में फंसे लोगों को बाहर निकालने के लिए वहां की सभी आपूर्तियां रोक दी थीं, जिससे भूख-प्यास से लोगों की मौत होने लगी. जनवरी में आई एक रिपोर्ट में कहा गया था कि 78 लोगों के शवों को बाहर निकाला गया है. वहीं 246 लोगों को सुरक्षित निकाला गया है. जो लोग बाहर निकले थे, उनमें से कुछ ने दावा किया था कि भूख के कारण लोग मृत साथियों के शरीर के अंग खाने को मजबूर हो गए थे.

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सोने की चाहत ने सुला दी मौत की नींद, माली में ढह गई गोल्ड माइन, 48 की मौत

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