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जमुई के शैलेश ने चेन्नई में आयोजित राष्ट्रीय पैरा ओलंपिक में जीता रजत पदक, बढ़ाया भारत का मान

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Sports News: जमुई जिले के रहने वाले शैलेश कुमार ने चेन्नई में आयोजित हुए राष्ट्रीय पैरा ओलंपिक में सिल्वर मेडल जीतकर भारत का मान बढ़ाया है. बीते 17 से 20 फरवरी तक चेन्नई में इस प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था….और पढ़ें

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जमुई

जमुई का रहने वाला है एथलीट शैलेश कुमार

बिहार के जमुई जिले के रहने वाले शैलेश कुमार ने एक बार फिर से अपने प्रदर्शन से लोहा मनवाया है. शैलेश ने चेन्नई में आयोजित हो रहे राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में सिल्वर मेडल पर निशाना लगाया है. शैलेश एक पैरा एथलीट हैं. इससे पहले वह वर्ष 2024 में फ्रांस की राजधानी पेरिस में आयोजित हुए पैरा ओलंपिक खेलों में भारत का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं.

उन्होंने चेन्नई में आयोजित हुए राष्ट्रीय पैरा ओलंपिक खेलों में बिहार की तरफ से हिस्सा लिया था. बेहतर प्रदर्शन करते हुए रजत पदक पर निशाना साधा है. बीते 17 से 20 फरवरी तक चेन्नई में इस प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था. जिसमें शैलेश ने भी हिस्सा लिया था.

पेरिस पैरा ओलंपिक में भी ले चुके हैं हिस्सा 
शैलेश कुमार इससे पहले फ्रांस की राजधानी पेरिस में आयोजित हुए पेरिस पैरा ओलंपिक 2024 खेलों में भी हिस्सा ले चुके हैं. इस प्रतियोगिता में भारत का प्रतिनिधित्व किया था. हालांकि वह पेरिस पैरालंपिक में कोई भी पदक हासिल नहीं कर सके थे. लेकिन उसके बावजूद भी लगातार वह अपने खेल के क्षेत्र में प्रयासरत हैं. शैलेश के पिता एक किसान है और काफी आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं होने के बावजूद भी शैलेश के पिता अपने बेटे को आगे बढ़ाने के लिए दिन-रात मेहनत एक कर लगे रहते हैं. शैलेश ओलंपिक के किसी भी प्रतियोगिता में भाग लेने वाले दूसरे बिहारी खिलाड़ी भी हैं.

पेरिस में पहले जीत चुके हैं पदक 
शैलेश कुमार इससे पहले अलग-अलग कई खेलों में अपने देश के लिए पदक जीत चुके हैं. शैलेश ने एशियाई पैरा गेम्स में हिस्सा लिया था. पेरिस में आयोजित हुए एशियाई पर गेम्स में शैलेश ने पदक जीता था. इससे पहले एथलेटिक्स वर्ल्ड चैंपियनशिप में इन्होंने 1.83 मीटर ऊंची चलांग लगाई थी तथा इस प्रतियोगिता में वह दूसरे स्थान पर रहे थे और उन्होंने तब भी रजत पदक अपने नाम किया था. शैलेश के इस सफलता को देखते हुए बिहार सरकार ने उन्हें मेडल लाओ नौकरी पाओ योजना के तहत बाल विकास परियोजना विभाग में भी नौकरी दी थी और वह बाल विकास परियोजना विभाग पदाधिकारी के रूप में वर्तमान में कार्यरत है. शैलेश की सफलता के बाद परिजनों में खुशी का माहौल है.

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3 फुट के पैरा खिलाड़ी का जबरदस्त कमाल! स्टेट प्रतियोगिता में जीते 2 गोल्ड, अब नेशनल के लिए भी चयन

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Meerut Kailash Prakash Stadium: यूपी में मेरठ के कैलाश प्रकाश स्टेडियम में प्रैक्टिस के लिए बड़ी संख्या में खिलाड़ी पहुंचते हैं. ऐसे में यहां प्रतिदिन प्रेक्टिस करने वाले 3 फुट के 23 वर्षीय शेखर पर सबकी निगाहें…और पढ़ें

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पैरा

पैरा खिलाड़ी शेखर

हाइलाइट्स

  • पैरा एथलीट शेखर ने स्टेट प्रतियोगिता में जीते दो गोल्ड मेडल.
  • शेखर का चेन्नई में नेशनल चैंपियनशिप के लिए चयन हुआ.
  • शेखर का सपना अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी बनकर भारत का नाम रोशन करना है.

मेरठ: जीवन में कुछ करने का जुनून हो तो भले ही कितनी ही कठिन परिस्थितियों क्यों ना हो. उसमें भी नए-नए कीर्तिमान हासिल करते हुए एक विशेष पहचान बनाई जा सकती है. जिसका नजारा मेरठ के कैलाश प्रकाश स्टेडियम में देखने को मिल रहा है. यूं तो यहां पर आपको विभिन्न खिलाड़ी प्रैक्टिस करते हुए नजर आएंगे, लेकिन यहां सबसे ज्यादा चर्चा का केंद्र 3 फीट के 23 वर्षीय खिलाड़ी पैरा खिलाड़ी शेखर हैं.

पैरा खिलाड़ी शेखर अपने कठिन परिश्रम के बदौलत निरंतर शॉट पुट और जैवलिन थ्रो गेम में बेहतर परफॉर्म करते हुए नजर आ रहे हैं. उन्होंने बरेली में आयोजित उत्तर प्रदेश पैरा एथलीट्स चैंपियनशिप में भी दोनों ही गेम में गोल्ड मेडल लाकर माता-पिता का नाम रोशन किया है. ऐसे में लोकल-18 द्वारा उनसे खास बातचीत की गई.

बनना था डाक्टर बन गए खिलाड़ी

पैरा खिलाड़ी शेखर ने लोकल-18 से बताया कि उनका सपना डॉक्टर बनने का था. इसलिए वह मेडिकल लाइन से संबंधित डी फार्मा में अध्ययन कर रहे थे. इसी बीच उनका एक दोस्त उन्हें कैलाश प्रकाश स्टेडियम ले आया. खेल से संबंधित क्षेत्र में आगे बढ़ाने की सलाह दी. उसके बाद उन्होंने एथलीट कोच गौरव त्यागी से प्रशिक्षण हासिल करना शुरू किया. शेखर बताते हैं कि 7 माह पहले ही उन्होंने अपने गेम की शुरुआत की थी.

देश का विश्व में नाम करने का है सपना 

पैरा खिलाड़ी शेखर ने बताया उनका सपना अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी बनने का है. साथ ही विभिन्न प्रतियोगिताओं में शॉट पुट और जैवलिन थ्रो में परचम लहराते हुए भारत का नाम गर्व के साथ रोशन करना है. उन्होंने बताया कि साल 2026 में पैरा एशियाई चैंपियनशिप भी आयोजित होने वाली है. जिसको लेकर वह तैयारी कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि वर्तमान समय में 6 मीटर तक शॉट पुट एवं 15 मीटर तक वह भाला फेंक लेते हैं. उन्होंने बताया कि उनके पिता आर्मी में तैनात हैं. वहीं माता गृहणी हैं.

अद्भुत प्रतिभा का धनी हैं शेखर

एथलीट कोच गौरव त्यागी ने बताया कि जिस तरीके से शेखर द्वारा कड़ी मेहनत की जाती है. उससे उन्हें पूरा विश्वास है कि एशियाई पैरा ओलंपिक में भारत के लिए गोल्ड मेडल लाकर शेखर नया इतिहास रचेंगे. उन्होंने बताया कि स्टेडियम की अगर बात की जाए तो सबसे छोटी हाइट के पैरा खिलाड़ी के तौर पर शेखर यहां पर प्रशिक्षण हासिल कर रहे हैं.  कोच ने बताया कि बरेली में आयोजित  हुई प्रतियोगिता में भी मुरादाबाद के खिलाड़ी को हराकर शेखर ने 2 गोल्ड मेडल हासिल किए हैं. इसके साथ ही वह चेन्नई में आयोजित होने वाली नेशनल चैंपियनशिप में उनका चयन हुआ है.

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मध्य प्रदेश की बेटियों का कमाल, नेशनल गेम्स में जीता ब्रॉन्ज मेडल, मंत्री ने दी बधाई

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विदिशा की दो बेटियों ने 38वें नेशनल गेम्स उत्तराखंड में जीते मध्यप्रदेश के लिय ब्रॉन्ज मेडल जीते. विदिशा से डोली मालवीय और लक्ष्या शर्मा ने जीता कांस्य मेडल अपने नाम किए.

मध्य प्रदेश की बेटियों का कमाल, नेशनल गेम्स में जीता ब्रॉन्ज मेडल

मध्य प्रदेश की बेटियों का कमाल.

नई दिल्ली. विदिशा की दो बेटियों ने 38वें नेशनल गेम्स उत्तराखंड में जीते मध्यप्रदेश के लिय ब्रॉन्ज मेडल जीते. 9 वे दिन ताइक्वांडो खेल में मध्य प्रदेश की मेडल तालिका में दो कांस्य मेडल जुड़े. मंत्री विश्वास सारंग ने सोशल मीडिया के माध्यम से मेडल विजेताओं को बधाई दी. विदिशा से डोली मालवीय और लक्ष्या शर्मा ने जीता कांस्य मेडल अपने नाम किए.

28 जनवरी से उत्तराखंड में चल रहे 38वें नेशनल गेम्स में 9वें दिन हल्द्वानी में ताइक्वांडो प्रतियोगिता प्रारंभ हुई. जिसमें विदिशा की लक्ष्या शर्मा 57 किलो ग्राम भार वर्ग में और डोली मालवीय 46 किलोग्राम भार वर्ग में मध्य प्रदेश टीम का प्रतिनिधित्व करते हुए कांस्य मेडल जीत कर मध्य प्रदेश की मेडल तालिका में बढ़ोतरी की.

दोनों ही बालिकाओं ने विदिशा से ताइक्वांडो खेल की शुरुआत की और अभी मध्य प्रदेश ताइक्वांडो अकादमी भोपाल में अभ्यास कर रही हैं. उनकी उपलब्धि पर मध्य प्रदेश खेल मंत्री विश्वास सारंग ने भी सोशल मीडिया के माध्यम से बधाई दी.

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मध्य प्रदेश की बेटियों का कमाल, नेशनल गेम्स में जीता ब्रॉन्ज मेडल

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बलिया की पलक गुप्ता: 14 साल की कराटे चैंपियन, 25 से अधिक मेडल विजेता

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बलिया की 14 वर्षीय पलक गुप्ता ने कराटे में 25 से अधिक मेडल जीते हैं. भाई से प्रेरित होकर कराटे शुरू किया और दिल्ली, कोलकाता, वाराणसी में सर्वश्रेष्ठ फाइटर बनीं. माता-पिता और कोच का भी रहा योगदान.

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कमाल

कमाल की है ये बलिया कराटा खिलाड़ी पलक गुप्ता…

हाइलाइट्स

  • बलिया की पलक गुप्ता ने कराटे में 25 से अधिक मेडल जीते.
  • भाई से प्रेरित होकर पलक ने कराटे में कदम रखा.
  • पलक ने दिल्ली, कोलकाता, वाराणसी में सर्वश्रेष्ठ फाइटर टाइटल जीते.

बलिया: जब दिल में कुछ कर गुजरने की चाह हो, तो उम्र भी कोई मायने नहीं रखती. इसी की एक मिसाल है बलिया की रहने वाली 14 साल की एक बेटी जिसने अपने हुनर से इतिहास रचने की दिशा में पहला कदम बढ़ाया है. हम बात कर रहें हैं बलिया जिले के चंद्रपुरा गांव की रहने वाली पलक की जिन्होंने कराटे के क्षेत्र में न केवल जिले में बल्कि, राज्य में भी अपनी अलग पहचान बनाकर 25 से अधिक मेडल अपने नाम किए हैं. पलक गुप्ता ने बताया की अपने भाई से प्रेरित होकर उन्होंने कराटे की दुनिया में अपना कदम रखा. कहा इसके अलावा आज के दौर में खुद को सुरक्षित रखने के लिए भी उन्होंने कराटे पर फोकस किया. उन्होंने कहा की सभी को कराटे सीखने चाहिए, क्योंकि इसके कई लाभ है.

उपलब्धियों की भंडार बन चुकी हैं बलिया की पलक

पलक ने भाई से प्रेरित होकर कराटे की दुनिया में अपना कदम रखा और अब अपनी मेहनत से इस फील्ड में उन्होंने अपने भाई को भी पछाड़ दिया है. पलक ने अब तक दिल्ली, कोलकाता, वाराणसी में 2 बार सर्वश्रेष्ठ फाइटर में जीत हासिल की इसके अलावा उन्होंने 3 बार बलिया का बेस्ट फाइटर टाइटल भी अपने नाम किया है. इसके अलावा एसजीएफआई कांस्य पदक विजेता, सीआईएससीई राष्ट्रीय में 2 बार स्वर्ण पदक विजेता के साथ ही राज्य स्वर्ण पदक विजेता जैसे कई टाइटल अपने नाम कर जिले से लेकर प्रदेश स्तर तक अपना परचम लहराया है.

ऐसे करती है ट्रेनिंग
पलक सुबह मॉर्निंग में वर्कआउट करने के बाद गांव से कराटे क्लब में आकर ट्रेनिंग करती थी. पलक ने कहा की उनकी इस सफलता में माता-पिता के साथ ही उनके कोच सुमित पाठक का भी बहुत बड़ा योगदान है.

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सुप्रिया जाटव से कम नहीं UP की ये लड़की, कराटे में अपने भाई को भी छोड़ा पीछे, गिनते रह जाएंगे उपलब्धियां…

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