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ग्रेटर नोएडा: चलती टाटा हैरियर कार में लगी आग, चालक ने कूदकर बचाई जान.

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ग्रेटर नोएडा में गौर सिटी गोल चक्कर के पास चलती कार में आग लग गई, लेकिन चालक ने समय रहते कूदकर जान बचा ली. पुलिस और दमकल विभाग ने आग बुझाई, यातायात बाधित रहा.

यूपी के इस शहर में चलती टाटा हैरियर में लगी अचानक भीषण आग: चालक ने ऐसे बचाई जान,
हाइलाइट्स
- चालक ने कूदकर बचाई जान
- गौर सिटी गोल चक्कर के पास कार में लगी आग
- पुलिस और दमकल विभाग ने आग बुझाई
ग्रेटर नोएडा: बिसरख थाना क्षेत्र में मंगलवार को एक बड़ा हादसा टल गया. गौर सिटी गोल चक्कर के नजदीक अचानक एक चलती हुई टाटा हैरियर कार में भीषण आग लग गई. आग इतनी तेजी से फैली कि कुछ ही मिनटों में पूरी कार जलकर राख हो गई. हालांकि, गनीमत यह रही कि चालक ने समय रहते गाड़ी से कूदकर अपनी जान बचा ली.
जानकारी के अनुसार, कार ड्राइवर नोएडा के परथला गोल चक्कर की तरफ से इटेड की ओर जा रहा था. जैसे ही वह गौर सिटी गोल चक्कर के पास पहुंचा, अचानक गाड़ी के बोनट से धुआं निकलने लगा. चालक ने तुरंत खतरे को भांप लिया और बिना देर किए गाड़ी को सड़क के किनारे रोक दिया. वह जैसे ही गाड़ी से बाहर निकला, कुछ ही पलों में आग तेजी से फैल गई और उसने पूरी गाड़ी को अपनी चपेट में ले लिया.
आग का विकराल रूप और राहगीरों में दहशत
देखते ही देखते, कार धू-धू कर जलने लगी और आग की लपटें काफी ऊपर तक उठने लगीं. इस भयावह दृश्य को देखकर आसपास के राहगीरों और वाहन चालकों में दहशत फैल गई. मौके पर लोगों की भीड़ जमा हो गई, जिससे यातायात भी प्रभावित होने लगा.
पुलिस और दमकल विभाग ने संभाला मोर्चा, यातायात हुआ बाधित
घटना की सूचना तुरंत स्थानीय पुलिस और दमकल विभाग को दी गई. सूचना मिलते ही पुलिस और ट्रैफिक पुलिसकर्मी मौके पर पहुंचे और स्थिति को नियंत्रित करने का प्रयास शुरू कर दिया. दमकल विभाग की एक गाड़ी भी तुरंत घटनास्थल पर पहुंची और आग बुझाने का काम शुरू किया. हालांकि, आग इतनी भीषण थी कि दमकल कर्मियों को आग पर काबू पाने में काफी मशक्कत करनी पड़ी. जब तक आग पूरी तरह से बुझाई गई, तब तक कार पूरी तरह से जलकर राख हो चुकी थी.
ट्रैफिक पुलिस ने कराया यातायात सुचारू, जांच जारी
कार में आग लगने के कारण गौर सिटी गोल चक्कर के पास घंटों तक यातायात बाधित रहा. ट्रैफिक पुलिस कर्मियों ने तत्परता दिखाते हुए जली हुई कार को सड़क के किनारे करवाया और धीरे-धीरे ट्रैफिक को सुचारु करने में जुट गए. पुलिस अब इस बात की जांच कर रही है कि कार में आग लगने का क्या कारण था. शुरुआती अनुमान लगाया जा रहा है कि शॉर्ट सर्किट के कारण आग लगी होगी, लेकिन पुलिस सभी पहलुओं से मामले की जांच कर रही है. इस हादसे में किसी भी व्यक्ति के घायल होने या जनहानि की कोई सूचना नहीं है, जिससे लोगों ने राहत की सांस ली.
Greater Noida,Gautam Buddha Nagar,Uttar Pradesh
March 18, 2025, 11:21 IST
चलती टाटा हैरियर में अचानक लगी भीषण आग, ड्राइवर ने कूदकर बचाई जान
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वैज्ञानिकों ने 117 साल की मारिया के डीएनए से लंबी उम्र का राज खोजा

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स्पेन की रहने वाली मारिया (Maria Branyas Morera) को दुनिया का सबसे बुजुर्ग इंसान होने का दर्जा प्राप्त था. पिछले साल, यानी अगस्त 2024 में उनकी मौत हो गई. उनकी मौत के करीब 8 महीने बाद वैज्ञानिकों ने उनकी लंबी उम…और पढ़ें

महिला के शरीर में ऐसी चीज मिली जिसके बारे में जानकर वैज्ञानिक भी हैरान हो गए. (प्रतीकात्मक फोटो: Canva)
इस दुनिया में शायद ही कोई ऐसा व्यक्ति होगा जो लंबी उम्र तक नहीं जीना चाहता होगा. पर हर किसी की किस्मत ऐसी नहीं होती कि वो अपने मन मुताबिक वक्त तक जीवित रह सके. ये तो परमात्मा के हाथ में है. हालांकि, वैज्ञानिकों को लंबी उम्र का राज पता चल गया है. वैज्ञानिकों ने क117 साल की एक मर चुकी महिला के डीएनए (Scientists check DNA of oldest person) टेस्ट की जांच की. इस जांच में उन्हें काफी चौंकाने वाली चीज मिली.
मिरर वेबसाइट की रिपोर्ट के अनुसार स्पेन की रहने वाली मारिया (Maria Branyas Morera) को दुनिया का सबसे बुजुर्ग इंसान होने का दर्जा प्राप्त था. पिछले साल, यानी अगस्त 2024 में उनकी मौत हो गई. उनकी मौत के करीब 8 महीने बाद वैज्ञानिकों ने उनकी लंबी उम्र का पता लगा लिया है. बार्सिलोना यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने मारिया के माइक्रोबायोम और डीएनए की जांच की. माइक्रोबायोम का अर्थ होता है माइक्रो-ऑर्गैनिज्म्स का एक समूह, जो इंसानी शरीर के ऊपर या अंदर रहता है.

महिला 117 साल की थी जब उसकी मौत हुई. (फोटो: Jam Press)
डीएनए में मिली ये खास चीजें
जांच में पता चला कि उनके शरीर में बच्चों का सा माइक्रोबायोम है. इसके अलावा उनके शरीर में प्रिवलेज्ड जिनोम भी है. बार्सिलोना यूनिवर्सिटी के जेनेटिक प्रोफेसर, मैनल एस्टलर का कहना है कि ऐसे अनोखे जीन्स ने उनकी उम्र को 17 साल तक घटा दिया था. मारिया की बेटी रोजा मोरेट का कहना है कि उनकी मां इतने लंबे समय तक इस वजह से जी गईं, क्योंकि वो कभी बीमार नहीं पड़ती थीं. मारिया को अपनी मौत के कुछ वक्त पहले तक पहला विश्व युद्ध और स्पैनिश सिविल वॉर के बारे में सब कुछ पता था. पर मरने से कुछ दिनों पहले से ही उनकी याददाशत कमजोर हो रही थी और उन्हें सुनने में भी तकलीफ हो रही थी.
कभी नहीं पीती थीं शराब
मारिया के गुजर जाने के बाद जापान की टोमिको ईटूका दुनिया की सबसे बुजुर्ग व्यक्ति बन गई थीं, पर दिसंबर 2024 में उनकी भी 116 साल की उम्र में मौत हो गई. तब से ब्राजील की कैनबरो लूकस को दुनिया का सबसे बुजुर्ग व्यक्ति बनाया गया है जिनकी उम्र फिलहाल 116 साल है. माना जा रहा है कि इन खोज से एंटी-एजिंग दवाएं बनाने में काफी मदद मिलेगी. इसके साथ ही कौन सा खाना उम्र को बढ़ाता है, वो भी जानना आसान हो जाएगा. वैज्ञानिकों ने पाया कि मारिया का कोलेस्ट्रॉल लेवल काफी अच्छा था, ब्लड शुगर भी दायरे में ही रहता था और इम्यून सिस्टम भी अच्छा था. वो कभी शराब या सिगरेट नहीं पीती थीं. दिन में 3 बार योगर्ट लेती थीं.
March 18, 2025, 15:03 IST
117 साल की महिला के DNA की हुई जांच, वैज्ञानिकों को मिली ऐसी चीज!
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स्पेन-मोरक्को के बीच 85 मीटर की दुनिया की सबसे छोटी सीमा

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क्या आप जानते हैं कि दुनिया की सबसे छोटी अंतरराष्ट्रीय सीमा मात्र 85 मीटर लंबी है? ये सीमा एक चट्टान है, जिसे पेनोन दे वेलेज दे ला गोमेरा के नाम से जाना जाता है, जो उत्तरी अफ्रीका में है. जानिए कैसे समंदर के दू…और पढ़ें

अगर आपसे पूछा जाए कि दुनिया का सबसे लंबा इंटरनेशनल बॉर्डर किन दो देशों के बीच है, तो आपका जवाब कनाडा और अमेरिका होगा. ये दोनों देश एक-दूसरे से सबसे लंबी अंतरराष्ट्रीय शेयर करते हैं. लेकिन धरती पर सबसे छोटा इंटरनेशनल बॉर्डर कौन सा है? यह किन दो देशों के बीच है? तो बहुत कम लोगों को इसका जवाब पता होगा. ऐसे में आपको बता दें कि दुनिया की सबसे छोटी सीमा केवल 85 मीटर की है, जो स्पेन और मोरक्को को जोड़ती है. आपको जानकर हैरानी होगी, लेकिन यह एक छोटी चट्टान से जुड़ी है. इस चट्टान का नाम पेनोन दे वेलेज दे ला गोमेरा है, जो उत्तरी अफ्रीका में है. यह चट्टान बहुत खास है, क्योंकि यह दुनिया की सबसे छोटी राष्ट्रीय सीमा का हिस्सा है. इस चट्टान का क्षेत्रफल करीब 19,000 वर्ग मीटर है. सन 1564 में स्पेन के एक सेनापति पेड्रो दे एस्टोपिनन ने इस पर कब्जा किया था, तब से यह स्पेन का हिस्सा है.
मोरक्को ने कई बार इसे अपना बताया, लेकिन स्पेन ने कभी इसे छोड़ा नहीं. वहां स्पेन के सैनिक रहते हैं जो इसकी रक्षा करते हैं. बता दें कि स्पेन का जमीनी बॉर्डर करीब 2000 किलोमीटर लंबा है. यह अंतरराष्ट्रीय सीमा पुर्तगाल और फ्रांस से लगती है. लेकिन स्पेन के पास कई देशों से जुड़ी हुई छोटी सीमाएं भी हैं, जैसे अंडोरा, जिब्राल्टर (यूनाइटेड किंगडम) और मोरक्को के साथ. इनमें से मोरक्को के साथ 85 मीटर की सीमा सबसे छोटी है. यह सीमा पेनोन दे वेलेज को मोरक्को के तट से जोड़ती है. यह चट्टान स्पेन के उन खास इलाकों में से एक है, जो उत्तरी अफ्रीका में हैं. इनमें सेउटा, मेलिला, पेनोन दे अल्हुसेमास, चफारिनास द्वीप और इस्ला दे पेरेजिल भी शामिल हैं. यह स्पेन के अधीन हैं, लेकिन इन्हें पूरा देश नहीं माना जाता. पहले यह चट्टान एक आइलैंड था. सन 1934 में एक भूकंप आया और उसने एक छोटा रास्ता बना दिया, जिसके बाद यह द्वीप एक प्रायद्वीप बन गया. तब से यह 85 मीटर की सीमा दुनिया की सबसे छोटी सीमा कहलाती है.
इस जगह पर अब सिर्फ स्पेन के सैनिक रहते हैं. वे उसकी निगरानी करते हैं और हर महीने उनकी टुकड़ी बदलती है. आपको जानकर हैरानी होगी, लेकिन बता दें कि वहां पानी और बिजली भी नहीं है. ऐसे में स्पेन की नौसेना जहाजों से सैनिकों के लिए सामान लाती है. अक्सर मोरक्को इस पर दावा करता है. सन 2012 में तो कुछ लोग इस छोटे पहाड़ पर चढ़ गए, जो सेउटा और मेलिला को आजाद करने वाली एक कमेटी से थे. उन्होंने स्पेन का झंडा हटाकर मोरक्को का झंडा लगा दिया. यह सब कुछ मिनटों तक चला. स्पेन के सैनिकों ने झट से मोरक्को का झंडा हटाया और उन लोगों को पकड़ लिया. तब इसे एक छोटा आक्रमण माना गया. यह आखिरी बार था जब इस चट्टान पर कोई बाहर से आया. पेनोन दे वेलेज भले ही छोटी और सुनसान जगह हो, लेकिन स्पेन इसे मोरक्को को नहीं सौंपना चाहता, जबकि यह उसके जमीनी बॉर्डर से काफी दूर है.
March 18, 2025, 12:46 IST
85 मीटर लंबा है दुनिया का सबसे छोटा बॉर्डर, जानिए कैसे स्पेन के कब्जे में आया?
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साईं बाबा के मंदिर में ‘कुत्ता महाराज’ की समाधि, अब मूर्ति भी लगाने की तैयारी, हैरान कर देगी ये कहानी

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Burhanpur News: मध्य प्रदेश के बुरहानपुर से अजीबोगरीब मामला सामने आया है. यहां साईं बाबा के मंदिर में लोगों ने एक कुत्ते की समाधि बना दी है. अब मूर्ति लगाने की भी तैयारी है. जानें माजरा…

स्वान की समाधि पर पूजा अर्चना करते लोग
हाइलाइट्स
- भूरू बाबा की समाधि साईं बाबा मंदिर में बनाई
- मंदिर समिति मूर्ति लगाने की तैयारी में है
- भूरू बाबा की पूजा पहले, फिर साईं बाबा की
बुरहानपुर. यूपी के झांसी में ‘कुतिया महारानी’ के मंदिर के बारे में आपने सुना होगा. शायद देखा भी हो. लेकिन, अब मध्य प्रदेश में बुरहानपुर के एक मंदिर में भूरू बाबा यानी एक कुत्ते की समाधि बना दी गई है. यह साईं बाबा का मंदिर है. यहां उनकी मूर्ति भी रखी है. मंदिर समिति का दावा है कि यहां लोग पहले भूरू बाबा की समाधि का दर्शन करते हैं, फिर साईं बाबा का.
बुरहानपुर के लालबाग रेलवे स्टेशन के सामने श्री साईं बाबा मंदिर है. यहां पर मंदिर समिति की ओर से एक कुत्ते की समाधि बनाई गई है. मंदिर समिति के सुनील भामरे का कहना है कि भूरू बाबा का जन्म इस मंदिर में 13 अप्रैल 2013 को हुआ था. उनकी मृत्यु 27 जनवरी 2025 को हुई. इसी मंदिर में उनकी समाधि बना दी गई. अब प्रतिमा लगाने की तैयारी है.
सबसे पहले भूरू बाबा की पूजा
आगे बताया, यहां जन्में सफेद कुत्ते का नाम भूरू बाबा रखा गया था. उसको खंडेराव महाराज का भी दर्जा दिया गया था. जो भक्त दर्शन करने आता था, सबसे पहले महाराज के दर्शन करता था. उसके बाद साईं बाबा के दर्शन करता था. जब देहांत हुआ. सबको पता चला तो बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए. उनकी समाधि बनाई गई. आज भी लोग सबसे पहले उनकी ही पूजा करते हैं. उसके बाद साईं बाबा की पूजा करते हैं. सफेद रंग के इस कुत्ते ने 13 साल के जीवन में कभी किसी को नहीं काटा.
रूठ जाते तो ऐसे मनाते लोग…
मंदिर समिति के सुनील भामरे ने लोकल 18 को बताया कि भूरू बाबा का जन्म इसी मंदिर में हुआ था. उनकी समाधि भी यहीं बना दी गई. समाधि के ऊपर एक तस्वीर भी लगी है. जिसकी आज भी पूजा होती है. जल्द ही प्रतिमा भी लगाने का काम किया जाएगा. बताया, भूरू बाबा का इस मंदिर से बहुत लगाव था. जब उनका देहांत हुआ तो सभी लोगों ने करीब 2 दिन तक भोजन नहीं किया था. जब भूरू बाबा रूठ जाते थे तो मंदिर समिति के लोग अपने हाथों से खाना खिलाते थे.
दो राज्यों में कराया था उपचार
नाक में इन्फेक्शन के कारण भूरू बाबा की तबीयत बिगड़ गई. डॉक्टर ने बताया तो महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के बड़े अस्पतालों में इलाज करवाने गए. जहां से उपचार भी करवाया था. लेकिन फर्क नहीं पड़ा. उनका देहांत हो गया. बच्चे उनके साथ खेलते थे. कुछ भी करते थे. लेकिन, कभी काटा नहीं.
Burhanpur,Madhya Pradesh
March 18, 2025, 12:42 IST
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