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‘गेट टू द टेबल राइट नाउ!’ ट्रंप ने अब पुतिन पर तरेरी आंखें, जेलेंस्की को भी मैसेज

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Russia Ukraine War: डोनाल्ड ट्रंप ने पहली बार रूस को सीधी धमकी दी है. ट्रंप ने कहा कि यूक्रेन से शांति समझौते पर बातचीत न शुरू करने की सूरत में रूस को और अधिक प्रतिबंध लगाने की चेतावनी दी. उन्होंने दोनों देशों …और पढ़ें

'गेट टू द टेबल राइट नाउ!' ट्रंप ने पुतिन पर तरेरी आंखें, जेलेंस्की को भी मैसेज

ट्रंप ने रूस को दी कड़ी चेतावनी.

हाइलाइट्स

  • डोनाल्ड ट्रंप ने रूस को कड़ी चेतावनी दी.
  • रूस-यूक्रेन से तुरंत बातचीत की अपील.
  • रूस पर और कड़े प्रतिबंध लगाने की धमकी.
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‘डोनाल्ड ट्रंप ने जेलेंस्की की पीठ में छुरा भोंका’, घर में ही घिरे अमेरिकी राष्ट्रपति, तेज हुए विरोध प्रदर्शन

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अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप और जेडी वेंस द्वारा यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की पर दबाव बनाने के बाद वर्मोंट, न्यू यॉर्क सिटी और बोस्टन में विरोध प्रदर्शन हुए.

'ट्रंप ने जेलेंस्की की पीठ में छुरा भोंका', घर में ही घिरे अमेरिकी राष्ट्रपति

अमेरिका में यूक्रेन के समर्थन में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. (Image:AP)

हाइलाइट्स

  • ट्रंप और वेंस ने जेलेंस्की पर दबाव बनाया.
  • वर्मोंट, न्यू यॉर्क, बोस्टन में विरोध प्रदर्शन.
  • प्रदर्शनकारियों ने यूक्रेन का समर्थन किया.

वाशिंगटन. अमेरिका में प्रेसीडेंट डोनाल्ड ट्रंप और वाइस प्रेसिडेंट जेडी वेंस के व्हाइट हाउस में यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की पर ‘हमला’ के बाद लोगों ने कई जगहों पर विरोध प्रदर्शन किया. व्हाइट हाउस के ओवल ऑफिस में हुई इस गरमागरम बहस के बाद वर्मोंट, न्यू यॉर्क सिटी और बोस्टन में लोग ट्रंप प्रशासन के खिलाफ सड़कों पर उतरे. शनिवार को अमेरिका में जगह-जगह ट्रंप सरकार के खिलाफ प्रदर्शन हुए. डोनाल्ड ट्रंप और उनके वाइस प्रेसिडेंट ने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की पर दबाव बनाने की कोशिश की थी. शनिवार सुबह वर्मोंट के वेट्सफील्ड में सैकड़ों लोग इकट्ठा हुए. वे वाइस प्रेसिडेंट जेडी वेंस के परिवार की स्की ट्रिप का विरोध कर रहे थे. इस प्रदर्शन का आयोजन पहले से ही एक स्थानीय संगठन ‘इंडिविजिबल’ ने किया था.

कई और लोग विरोध में शामिल हुए. वे ट्रंप और वेंस के जेलेंस्की के साथ बर्ताव से नाराज थे. प्रदर्शनकारियों ने हाथों में तख्तियां ली हुई थीं. उन पर लिखा था कि ‘वर्मोंट यूक्रेन के साथ है’ और ‘दुनियाभर में शर्मिंदगी’. कई लोग यूक्रेन के झंडे लहरा रहे थे. फॉक्स न्यूज़ ने प्रदर्शनकारियों का वीडियो दिखाया. लेकिन उन्होंने उन तख्तियों को धुंधला कर दिया जिन पर वाइस प्रेसिडेंट के खिलाफ और यूक्रेन के समर्थन में बातें लिखी थीं. प्रदर्शनकारी कोरी गिरौक्स ने वर्मोंट पब्लिक रेडियो को बताया कि ‘उन्होंने जो किया वो बहुत गलत था.’ गुरुवार को गवर्नर फिल स्कॉट ने एक बयान जारी किया. स्कॉट रिपब्लिकन पार्टी से हैं. उन्होंने लोगों से अपील की कि वे वाइस प्रेसिडेंट और उनके परिवार का सम्मान करें.

व्हाइट हाउस में बहस के बाद अमेरिका में प्रदर्शन
वाइस प्रेसिडेंट वेंस प्रदर्शनकारियों से बचने के लिए वे एक गुप्त जगह पर चले गए. कुछ लोगों ने कहा कि जेलेंस्की रूस के हमले के दौरान भी यूक्रेन में रहे. वे हमले के बावजूद कीव लौट रहे थे. गौरतलब है कि यह विरोध प्रदर्शन ओवल ऑफिस में हुई एक बहस के बाद हुआ. अमेरिकी राष्ट्रपति ने यूक्रेनी नेता से रूस के साथ समझौता करने को कहा था. उन्होंने कहा था कि ‘समझौता करो नहीं तो हम पीछे हट जाएंगे.’ ट्रंप ने जेलेंस्की पर अमेरिकी सेना और आर्थिक मदद के लिए एहसान ना मानने का आरोप लगाया. उन्होंने चेतावनी दी कि जेलेंस्की तीसरे विश्व युद्ध को दावत दे रहे हैं.

यूक्रेन को छोड़ो, हमसे खरीदो धरती का ‘खजाना’… पुतिन ने अमेरिका को दिया बड़ा ऑफर, चीन के लिए क्यों है टेंशन

जेलेंस्की ने दिखाई हिम्मत
जेलेंस्की ने जवाब दिया कि उन्होंने अमेरिकी लोगों और उनके नेताओं को मदद के लिए कई बार धन्यवाद दिया है. लेकिन वे यूक्रेन की सुरक्षा की गारंटी के बिना रूस के साथ युद्धविराम नहीं चाहते. ऐसा इसलिए क्योंकि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन पहले भी कई बार युद्धविराम तोड़ चुके हैं. इस बहस के बाद, यूरोपीय नेताओं, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्रियों ने यूक्रेन को समर्थन देने वाले बयान जारी किए.

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यूक्रेन-रूस युद्ध: नाटो से अमेरिका के अलग होने पर जेलेंस्की की रणनीति संकट में

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यूक्रेन पर रूस के हमले की एक वजह वोलोदिमीर जेलेंस्की की नाटो में शामिल होने चाहत भी थी. वह लगातार ही इस सैन्य गठबंधन में होने की कोशिश में जुटे हैं. हालांकि अब डोनाल्ड ट्रंप के साथ हुए विवाद के बाद एलन मस्क…और पढ़ें

जिसकी चाह में जेलेंस्की ने रूस से लिया पंगा, अब उसी पर खतरा, मस्क की बात समझिए

ट्रंप से नोकझोंक के बाद अब मस्क का नाटो पर किया पोस्ट जेलेंस्की के लिए बड़ा झटका साबित हो सकता है.

हाइलाइट्स

  • जेलेंस्की की NATO में शामिल होने की चाहत से रूस-यूक्रेन युद्ध शुरू हुआ.
  • एलन मस्क ने NATO से अमेरिका के अलग होने का समर्थन किया.
  • अमेरिका के हटने से NATO कमजोर होगा, रूस-चीन का प्रभाव बढ़ेगा.

यूक्रेन और रूस के बीच जंग को तीन साल से ज्यादा वक्त हो गया है. इस जंग की एक वजह तो वोलोदिमीर जेलेंस्की की एक चाहत थी… चाहत उत्तर अटलांटिक संधि संगठन यानी नाटो (NATO) में शामिल होने की… जेलेंस्की चाहते थे कि यूक्रेन भी इन सैन्य गठबंधन का हिस्सा बने, जबकि व्लादिमीर पुतिन बिल्कुल नहीं चाहते थे कि नाटो रूस के इतने करीब तक पहुंचे. पुतिन ने पहले तो जेलेंस्की को चेताया और नहीं मानने पर यूक्रेन पर धावा बोल दिया. 24 फरवरी 2022 को शुरू हुए इस युद्ध के खत्म होने की फिलहाल तो उम्मीद कम ही दिख रही है. वहीं दूसरी तरफ से जेलेंस्की ने जिस नाटो की चाहत में पुतिन से पंगा मोल ले लिया, अब उसी सैन्य संगठन पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं. वजह है अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उनके करीबी एलन मस्क का बयान…

मस्क ने संयुक्त राष्ट्र (UN) और नाटो से अमेरिका के अलग होने के प्रस्ताव पर सहमति जताते हुए कहा कि अमेरिका को इन संगठनों से बाहर निकल जाना चाहिए. इससे न केवल नाटो के भविष्य पर सवाल खड़े हो गए हैं, बल्कि यूक्रेन के लिए भी बड़ा झटका साबित हो सकता है, जो इस गठबंधन में शामिल होने की लगातार कोशिश कर रहा है.

एलन मस्क ने क्या कहा?
एलन मस्क ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट को रीट्वीट करते हुए लिखा ‘I agree’ यानी मैं सहमत हूं. यह प्रतिक्रिया सीनेटर माइक ली की तरफ से पेश किए गए एक विधेयक पर थी, जिसमें अमेरिका के यूएन और नाटो से पूरी तरह अलग होने का प्रस्ताव है.

क्या अमेरिका सच में NATO से हट सकता है?
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी कई बार नाटो की फंडिंग को लेकर सवाल उठा चुके हैं. ट्रंप का कहना था कि नाटो में शामिल यूरोपीय देशों को अपनी सुरक्षा का खर्च खुद उठाना चाहिए.

दरअसल अमेरिका नाटो का सबसे बड़ा फंडिंग पार्टनर है. यह पूरा सैन्य गठबंधन एक तरह से अमेरिका की सैन्य शक्ति पर ही टिका है. ऐसे में अगर अमेरिका नाटो से हट जाता है, तो इसके अस्तित्व पर ही सवाल खड़ा हो जाएगा.

यूक्रेन और जेलेंस्की के लिए यह क्यों बड़ा झटका?
रूस के खिलाफ जंग लड़ रहे यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की की सबसे बड़ी रणनीतिक प्राथमिकता नाटो की सदस्यता थी. उनका मानना था कि नाटो में शामिल होकर यूक्रेन को सैन्य सुरक्षा मिलेगी और रूस का प्रभाव कम होगा.

लेकिन अगर अमेरिका NATO से हटता है, तो नाटो की सैन्य ताकत कमजोर हो जाएगी. यूरोपीय देशों को खुद अपनी सुरक्षा करनी होगी, जिससे वे यूक्रेन को उतनी मदद नहीं कर पाएंगे. रूस के लिए एक बड़ा कूटनीतिक और सामरिक अवसर बनेगा.

रूस के लिए क्या मायने रखता है यह घटनाक्रम?
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन शुरू से ही नाटो के विस्तार का विरोध करते आए हैं. उनका मानना है कि नाटो का पूर्वी यूरोप में बढ़ता प्रभाव रूस की सुरक्षा के लिए खतरा है.

  • अगर अमेरिका NATO छोड़ता है, तो इसका सीधा फायदा रूस को मिलेगा.
  • NATO कमजोर होगा, जिससे रूस-चीन का प्रभाव बढ़ेगा.
  • यूरोपीय देशों के पास यूक्रेन को मदद देने के लिए सीमित संसाधन होंगे.

क्या अमेरिका वाकई NATO से अलग होगा?
इस सवाल का जवाब भविष्य की राजनीति और अमेरिकी नीतियों पर निर्भर करेगा. हालांकि पहले डोनाल्ड ट्रंप और अब उनके खासमखान एलन मस्क इसके साफ संकेत दे रहे हैं.

एलन मस्क का यह बयान सिर्फ एक पोस्ट नहीं, बल्कि वैश्विक राजनीति के लिए एक बड़ा संकेत है. अगर अमेरिका नाटो से अलग होता है, तो यह विश्व शक्ति संतुलन को पूरी तरह से बदल सकता है. ऐसे में रूस, चीन और यूरोप का भविष्य भी नए मोड़ पर जा सकता है.

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जीरो ग्रेविटी में जीरो पॉलिटिक्स! अंतरिक्ष में फंसी सुनीता विलियम्स के लिए मदद लेकर पहुंचा रूसी स्पेसक्राफ्ट

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Sunita Williams News: रूसी अंतरिक्ष एजेंसी Roscosmos का स्पेसक्राफ्ट शनिवार को खाना और अन्य सप्लाई लेकर इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) पहुंचा. यह सप्लाई सुनीता विलियम्स और बुच विलमोर समेत ISS पर मौजूद सभी एस्ट्रो…और पढ़ें

जीरो ग्रेविटी, जीरो पॉलिटिक्स! स्पेस में सुनीता के लिए खाना ले गया रूस का यान

रूस का स्पेसक्राफ्ट Sunita Williams समेत फंसे NASA एस्ट्रोनॉट्स के लिए मदद लेकर पहुंचा.

हाइलाइट्स

  • रूसी स्पेसक्राफ्ट ने ISS पर राशन पहुंचाया.
  • सुनीता विलियम्स और बुच विलमोर आठ महीने से ISS पर फंसे हैं.
  • Crew 10 टीम 12 मार्च को ISS पर पहुंचेगी.

Science News: दुनिया की राजनीति अंतरिक्ष में नहीं चलती! जहां गुरुत्वाकर्षण शून्य होता है, वहां मानवता सबसे बड़ा धर्म बन जाती है. इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) बाहरी अंतरिक्ष में मौजूद ऐसी ही एक जगह है. वहां कई महीनों से अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी NASA के दो एस्ट्रोनॉट्स- सुनीता विलियम्स और बुच विलमोर फंसे हुए हैं. उनके और ISS पर मौजूद अन्य एस्ट्रोनॉट्स के लिए राशन व अन्य सप्लाई भेजने का जिम्मा इस बार रूस का था. रूसी स्पेस एजेंसी Roscosmos का Progress 91 शनिवार को सफलतापूर्वक ISS पर डॉक हुआ. यह यान तीन टन खाना, ईंधन और अन्य जरूरी सामान लेकर पहुंचा. Roscosmos का Progress 91 स्पेसक्राफ्ट अगले छह महीने तक ISS पर डॉक रहेगा. इसके बाद इसमें कचरा भरकर पृथ्वी पर लौटने की योजना है.

आठ महीने से फंसे हैं सुनीता और बुच

NASA के एस्ट्रोनॉट सुनीता विलियम्स और बुच विलमोर पिछले आठ महीने से ISS पर फंसे हुए हैं. वे 5 जून 2024 को Boeing के Starliner से अंतरिक्ष में गए थे, लेकिन तकनीकी खामियों के कारण वापसी संभव नहीं हो सकी. हीलियम लीक और थ्रस्टर मालफंक्शन जैसी समस्याओं ने Starliner को अनसेफ बना दिया. अब, NASA ने कहा है कि दोनों एस्ट्रोनॉट्स की वापसी मार्च के अंत तक हो सकती है. लेकिन यह भी मौसम की स्थिति पर निर्भर करेगा.

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