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कौन हैं हिमानी मोर? जिसे ओलंपिक चैंपियन ने बनाया लाइफ पार्टनर, कितनी पढ़ी- लिखी हैं नीरज चोपड़ा की दुल्हनिया

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Neeraj chopra wife Himani Mor education: भारत के ‘गोल्डन ब्वॉय’ नीरज चोपड़ा रविवार को हिमानी मोर संग शादी के पवित्र बंधन में बंध गए. नीरज चोपड़ा ने इसकी जानकारी सोशल मीडिया के जरिए दी. टोक्यो ओलंपिक के गोल्ड म…और पढ़ें

कौन हैं हिमानी मोर? जो बनीं नीरज चोपड़ा की दुल्हनिया

कितनी पढ़ी लिखी हैं नीरज चोपड़ा की वाइफ हिमानी.

Neeraj chopra wife Himani Mor education: भारत के स्टार भाला फेंक एथलीट नीरज चोपड़ा ने रविवार को शादी कर ली. नीरज ने हिमानी मोर संग शादी के सात फेरे लिए. उन्होंने अपनी शादी को प्राइवेट रखी. नीरज की शादी में उनकी फैमिली के अलावा करीबी रिश्तेदार शामिल हुए.उन्होंने गुपचुप तरीक से शादी कर अपने फैंस को चौंका दिया. नीरज ने शादी की जानकारी सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए दी.उन्होंने तीन फोटो शेयर कर बताया कि वह हिमानी के हो चुके हैं. नीरज की शादी की खबर सुनते ही उन्हें बधाई देने वालों का तांता लग गया. हालांकि हिमानी के बारे में नीरज ने कभी जिक्र नहीं किया था, इसलिए लोग यह जानने को उत्सुक हैं कि आखिर कौन है वो लकी गर्ल जिसने नीरज चोपड़ा जैसे स्टार एथलीट को अपना हमसफर बनाया.आइए जानते हैं .

स्पोर्ट्स स्टार के मुताबिक हिमानी मोर (Himani Mor) एक टेनिस प्लेयर हैं.उन्होंने अपनी एजुकेशन साउथइस्टर्न लुइसियाना यूनिवर्सिटी से पूरी की है. वह फ्रेंकलिन प्रियर्स यूनिवर्सिटी में पार्ट टाइम वॉलंटियर असिस्टेंट टेनिस कोच रही हैं.एमहर्स्ट कॉलेज में ग्रेजुएट असिस्टेंट के रूप में काम करने वाली हिमानी कॉलेज की महिला टेनिस टीम का प्रबंधन करती हैं. वह टीम के प्रशिक्षण, शेड्यूलिंग, भर्ती और बजट की देखरेख करती हैं. हिमानी मैककॉर्मैक इसेनबर्ग स्कूल ऑफ मैनेजमेंट से स्पोटर्स मैनेजमेंट एंड एडमिनिस्ट्रेशन विज्ञान में मास्टर डिग्री की पढ़ाई भी कर रही हैं.

Neeraj Chopra Marriage: शादी के बंधन में बंधे नीरज चोपड़ा… हिमानी संग लिए सात फेरे

‘जीवन के नए अध्याय की शुरुआत अपने परिवार के साथ’
नीरज ने सोशल मीडिया पर लिखा, ‘जीवन के नए अध्याय की शुरुआत अपने परिवार के साथ. हर उस आशीर्वाद के लिए आभारी हूं जो हमें इस पल में एक साथ लाया.’ नीरज ने इस समय नए सीजन से ब्रेक ले रखा है . साल 2016 में अंडर-20 वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीतकर नीरज पहली बार सुर्खियों में आए थे.

सोनीपत के लिटिल एंजेल स्कूल से पढ़ी हैं हिमानी
हिमानी मोर हरियाणा के लारसौली की रहने वाली हैं. उनकी स्कूली शिक्षा सोनीपत के उसी लिटिल एंजेल स्कूल से हुई है जहां से भारतीय टेनिस खिलाड़ी सुमित नागल पढ़े हैं . उनके भाई हिमांशु भी टेनिस खेलते हैं. नीरज चोपड़ा आजाद भारत के पहले एथलीट हैं जिन्होंने एथलेटिक्स में ओलंपिक में भारत गोल्ड मेडल दिलाया. नीरज ने टोक्यो ओलंपिक में जैवलीन थ्रो इवेंट में गोल्ड मेडल जीता था. पेरिस ओलंपिक में नीरज ने सिल्वर मेडल जीता था.

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इंडिया ओपन से पहले पीवी सिंधु ने भरी हुंकार, बोलीं- अभी काफी जज्बा बाकी है…

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इंडिया ओपन से पहले पीवी सिंधू ने कहा कि करियर के इस चरण में उनके पास सफलता हासिल करने के लिए अभी काफी जज्बा बाकी है. वह पेरिस ओलंपिक में जीतने में विफल रही थी.

इंडिया ओपन से पहले पीवी सिंधु ने भरी हुंकार, बोलीं- अभी काफी जज्बा बाकी है...

इंडिया ओपन से पहले पीवी सिंधु ने क्या कहा.

नई दिल्ली. इंडोनेशिया के अनुभवी कोच इरवानस्याह आदि प्रतामा की देखरेख में प्रैक्टिस शुरू करने वाली दो बार की ओलंपिक मेडल विजेता पीवी सिंधू ने कहा कि करियर के इस चरण में उनके पास सफलता हासिल करने के लिए अभी काफी जज्बा बाकी है. हैदराबाद की इस 29 साल की पूर्व विश्व चैंपियन ने पिछले दो साल में कई कोच के साथ काम किया है लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली. इसमें पेरिस ओलंपिक में मेडल जीतने से विफल रहना भी शामिल है.

पिछले महीने अपनी शादी के बाद मलेशिया ओपन से चूकने के बाद इंडिया ओपन सुपर 750 में वापसी करने वाली सिंधू ने कोच इरवानस्याह की देख-रेख में प्रैक्टिस शुरू कर दिया. इंडोनेशिया के इस कोच को जोनाथन क्रिस्टी और एंथोनी गिंटिंग जैसे मेंस सिंगल खिलाड़ियों के करियर को संवारने का श्रेय दिया जाता है.

सिंधू ने इंडिया ओपन की पूर्व संध्या पर कहा, ‘‘मैं अभी बेंगलुरु में कोच इरवानस्याह के देखरेख में प्रैक्टिस कर रही हूं. अभी डेढ़ सप्ताह ही हुए हैं. मूल रूप से वह महिला सिंगल कोच हैं और साथ ही वह कुछ युवा लड़कों को भी प्रशिक्षित कर रहे हैं. मैं उनके साथ काम जारी रखना चाहती हूं.’’

उन्होंने कहा, ‘‘कोच और खिलाड़ी के बीच समझ काफी अहम होती है. इसमें समय लगेगा. हमें एक-दूसरे की सोच को समझने के लिए कुछ प्रैक्टिस सत्रों की आवश्यकता होगी. भारत की इस शीर्ष महिला खिलाड़ी ने कहा, ‘‘मैंने उसके बारे में बहुत कुछ सुना है और मुझे लगा कि वह मेरे लिए सही कोच है. जिस तरह से वह प्रतिद्वंद्वी खिलाड़ियों को लेकर जिस तरह से योजना बनाते हैं वह शानदार है.’’

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इंडिया ओपन से पहले पीवी सिंधु ने भरी हुंकार, बोलीं- अभी काफी जज्बा बाकी है…

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Kho Kho World Cup: उद्घाटन समारोह में पहुंचे उपराष्ट्रपति, खेल मंत्री… भारत ने नेपाल को हराकर जीता पहला मैच

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Kho Kho World Cup: उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने मशाल जलाकर खो खो विश्व टूर्नामेंट का उद्घाटन किया, जिसमें खेल मंत्री मनसुख मांडविया और भारतीय ओलंपिक संघ की अध्यक्ष पीटी उषा भी मौजूद थीं. भारत ने पहले मैच में नेप…और पढ़ें

Kho Kho: उद्घाटन समारोह में पहुंचे उपराष्ट्रपति... भारत ने जीता पहला मैच

रंगारंग उद्घाटन समारोह के साथ शुरू हुआ खो खो विश्व कप.

नई दिल्ली. खो खो विश्व कप की शुरुआत हो चुकी है. सोमवार (13 जनवरी) को दिल्ली में रंगारंग उद्घाटन समारोह के साथ यह शुरू हुआ. जिसमें उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने मशाल जलाकर टूर्नामेंट का शुरुआत कराई. इस अवसर पर खेल मंत्री मनसुख मांडविया और भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) की अध्यक्ष पीटी उषा समेत कई बड़ी पर्सनालिटी मौजूद थी. खचाखच भरे इंदिरा गांधी स्टेडियम में हजारों दर्शकों ने भी उद्घाटन समारोह का आनंद लिया.

खेल मंत्री मांडविया ने कहा कि उन्होंने खो खो को एशियाई खेलों में शामिल करने के लिए एशियाई ओलंपिक परिषद को पत्र लिखा है. उन्होंने कहा,‘‘इस खेल की शुरुआत भारत से हुई और अब इसे 50 देशों में खेला जाता है. मुझे उम्मीद है कि जल्द ही यह खेल एशियाई खेलों और ओलंपिक खेलों का हिस्सा बनेगा.’’

Australian Open: निशेष बासवरेड्डी ने जोकोविच को दिन में दिखाए तारे, 10 बार के चैंपियन को जीतने में आया पसीना

भारत ने जीता पहला मैच
भारत ने पहले खो-खो विश्व कप के रोमांचक शुरुआती मुकाबले में सोमवार को नेपाल को 42-37 से हराकर अपने अभियान का आगाज किया. भारत ने शुरुआती सात मिनट के खेल में 24-0 की बढ़त बनायी जबकि नेपाल ने अगले सात मिनट में 20 अंक जुटाये. मध्यांतर तक भारत के पास 24-20 की बढ़त थी. भारतीय टीम ने मध्यांतर के बाद 14 मिनट के खेल में 18 अंक बनाये जबकि नेपाल की टीम 17 अंक ही हासिल कर सकी.

ब्राजील के कप्तान क्या बोले?
ब्राजील पुरुष खो-खो टीम के कप्तान गेब्रियल बैरोस कोरोनास ने कहा, ” मैं अपनी टीम को धन्यवाद देना चाहूंगा जिसने मुझे कप्तान के रूप में चुना, विशेष रूप से हमारी मुख्य कोच लॉरा को. यह ब्राजील के लिए बहुत नया है. ब्राजील जल्द ही सर्वश्रेष्ठ में से एक बनने जा रहा है.”

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Kho Kho: उद्घाटन समारोह में पहुंचे उपराष्ट्रपति… भारत ने जीता पहला मैच

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पिता चाहते थे सरकारी नौकरी के करे बेटा, लेकिन उदय खेलता रहा ये खेल, कई मेडल जीतने के बाद हासिल किया ये मुकाम

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औरंगाबाद ने न सिर्फ अपना बल्कि अपने जिले का नाम भी रोशन किया है. उदय तिवारी ने सब जूनियर नेशनल कुश्ती प्रतियोगिता हरियाणा-2008 में बिहार का प्रतिनिधित्व किया. वहीं सब जूनियर नेशनल कुश्ती प्रतियोगिता 2009 में के…और पढ़ें

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कुश्ती

कुश्ती पहलवान उदय तिवारी

औरंगाबाद. कहते हैं प्रतिभा किसी की मोहताज नहीं होती हैं. व्यक्ति में अगर प्रतिभा हैं तो एक दिन कामयाब जरूर होगा. औरंगाबाद जिले के ओबरा प्रखंड के काझवां गांव निवासी रामनारायण तिवारी के पुत्र कुश्ती खिलाड़ी पहलवान उदय तिवारी ने अपनी प्रतिभा से अपने पिता और समाज को यह साबित कर के दिखाया कि गरीब किसान का बेटा भी सपना देख सकता है और उसमें कामयाब भी हो सकता है. बता दें पहलवान उदय तिवारी खेलो इंडिया के तहत पीसीए के पद पर कार्यरत हैं और बिहार कुश्ती संघ के लिए 5 बार से अधिक समय तक कोच की भूमिका निभाई है.

पहलवान उदय तिवारी ने बताया कि उनके पिता किसान हैं और वो चाहते थे कि उनका बेटा पढ़कर सरकारी नौकरी करे. लेकिन मुझे कुश्ती देखने और सीखने में अच्छा लगता है. इसके लिए मैंने कई बार पटना, हरियाणा, पंजाब सहित अन्य राज्यों में जाकर ट्रेनिंग ली है. बता दें उदय तिवारी ने सब जूनियर नेशनल कुश्ती प्रतियोगिता हरियाणा-2008 में बिहार का प्रतिनिधित्व किया. वहीं सब जूनियर नेशनल कुश्ती प्रतियोगिता 2009 में केरल के तिरुअनंतपुरम में बिहार का प्रतिनिधित्व किया. राष्ट्रीय जूनियर कुश्ती चैंपियनशिप-2011 में वह जम्मू में आयोजित प्रतियोगिता में शामिल हुए हैं.

पैसे की अभाव में शुरू की कोचिंग
पहलवान उदय तिवारी ने बताया कि पैसे की तंगी के कारण खिलाड़ियों को जूझना पड़ता था. पिताजी की इतनी कमाई नहीं थी, जिसके कारण मुझे अपना लक्ष्य बदलना पड़ा और कुश्ती को छोड़ मुझे कोच बनना पड़ा. बता दें उदय तिवारी को औरंगाबाद जिला कुश्ती संघ का सचिव बनाया गया जिसके बाद उदय ने दर्जनों खिलाड़ियों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट के लिए तैयार करना शुरू किया. उदय तिवारी द्वारा सिखाए गए खिलाड़ी आज देश भर में जिले का नाम रोशन कर रहे हैं.

सैकड़ों खिलाड़ियों को ट्रेनिंग दे रहे उदय
वहीं बिहार में खिलाड़ियों के प्रोत्साहन को लेकर सरकार के द्वारा कई योजनाओं को चलाया गया. इस दौरान मेडल लाओ नौकरी पाओ योजना भी चलाई गई. खेल मंत्रालय द्वारा बिहार के सभी 38 जिलों में खेलो इंडिया के तहत स्मॉल सेंटर बनाया गया और उसी में खिलाड़ियों के लिए हर तरह की सुविधाएं दी गई. उदय तिवारी ने बताया कि वैसे खिलाड़ी जिन्हें देश और राज्य के लिए मेडल लाया उन्हें बिहार राज्य खेल प्राधिकरण के तहत पीसीए पास्ट एथलीट चैंपियन में शामिल कर वैसे खिलाड़ियों को नौकरी दी गई. उदय तिवारी को भी इसमें शामिल किया गया है. जहां सैकड़ों बच्चों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है.

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पिता चाहते थे सरकारी नौकरी के करे बेटा, लेकिन उदय खेलता रहा ये खेल, अब…

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