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अमेरिका-यूक्रेन डील विफल, पुतिन ने दुर्लभ खनिज सहयोग का प्रस्ताव दिया

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अमेरिका और यूक्रेन के बीच दुर्लभ खनिजों की डील ट्रंप और जेलेंस्की की कहासुनी के कारण नहीं हो सकी. पुतिन ने अमेरिका को रूस के खनिज भंडार का लालच दिया है और सहयोग की पेशकश की है.

यूक्रेन को छोड़ो, हमसे खरीदो धरती का 'खजाना'... पुतिन ने US को दिया बड़ा ऑफर

पुतिन ने अमेरिका को दुर्लभ खनिज का ऑफर दिया.

हाइलाइट्स

  • पुतिन ने अमेरिका को दुर्लभ खनिजों का लालच दिया.
  • रूस अमेरिकी कंपनियों के साथ साझेदारी के लिए तैयार.
  • ट्रंप और जेलेंस्की की कहासुनी से डील नहीं हो सकी.

वॉशिंगटन: अमेरिका यूक्रेन से दुर्लभ खनिजों को लेकर डील करना चाहता है. शुक्रवार को इससे जुड़ी डील पर हस्ताक्षर होने थे, लेकिन ट्रंप और जेलेंस्की में ऐसी जुबानी जंग हुई कि डील न हो सकी. इस बीच रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अमेरिका को रेयर अर्थ मिनरल्स का लालच दिया है. पुतिन ने संकेत दिया है कि वे दुर्लभ खनिजों पर अमेरिका के साथ सहयोग करने के लिए तैयार हैं. सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो में पुतिन ने कहा कि रूस अमेरिकी साझेदारों के साथ दुर्लभ खनिज क्षेत्र में काम करने के लिए तैयार है. इसमें निजी कंपनियां भी शामिल हैं.

पुतिन ने कहा, ‘हम अपने अमेरिकी साझेदारों के साथ सहयोग के लिए खुले रहेंगे, और जब मैं ‘साझेदार’ कहता हूं, तो मेरा मतलब केवल प्रशासनिक और सरकारी एजेंसियों से नहीं है, बल्कि उन निजी कंपनियों से भी है जो साथ काम करने में रुचि दिखाती हैं.’ पुतिन ने कहा है कि रूस के पास यूक्रेन की तुलना में काफी बड़ा दुर्लभ खनिज भंडार है. पुतिन ने कहा, ‘रूस के पास यूक्रेन से ज्यादा बड़ा दुर्लभ खनिज का भंडार है.’ पुतिन ने कहा कि दुर्लभ खनिज भंडार के मामले में रूस लीडर में से एक है.

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GK: इस देश में नहीं है एक भी हॉस्पिटल, 96 सालों से नहीं पैदा हुआ कोई बच्चा, क्या आप जानते हैं नाम?

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इसके अलावा, वेटिकन में केवल 800-900 लोग रहते हैं, जिनमें रोमन कैथोलिक ईसाई धर्म से जुड़े वरिष्ठ पादरी भी शामिल हैं. हालांकि, यहां अपराध दर अन्य देशों की तुलना में अधिक है. ऐसा इसलिए कहा जाता है, क्योंकि यहां कई व्यक्तिगत अपराध होते हैं. ये अपराध आमतौर पर लाखों बाहरी पर्यटकों द्वारा किए जाते हैं. आम अपराधों में दुकान से चोरी, पर्स छीनना और जेबकतरी शामिल हैं.

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भारत-बांग्लादेश सीमा पर बिना वीजा और कस्टम ड्यूटी के बाजार.

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Indo-Bangladesh International Border: शेख हसीना को शरण देने के लिए भारत और बांग्‍लादेश के बीच भले ही राजनैतिक तनाव बढ़ा हो, लेकिन दोनों देशों की सीमाओं पर होने वाला स्‍थानीय व्‍यापार एक बार फिर सामान्‍य होने लग…और पढ़ें

तनाव के बीच भी बॉर्डर पर सजा बाजार, वीजा-कस्‍टम का नहीं झंझट, खूब खरीदें सामान

हाइलाइट्स

  • भारत-बांग्लादेश सीमा पर फिर से बाजार सजने लगे हैं.
  • बिना वीजा और कस्टम ड्यूटी के खरीददारी संभव.
  • भारतीय और बांग्लादेशी करेंसी दोनों स्वीकार्य.

Indo-Bangladesh International Border: बांग्‍लादेश में तख्‍ता पलट के बाद तत्‍कालीन प्रधानमंत्री शेख हसीना ने भारत में शरण ले ली थी. तब से भारत और बांग्‍लादेश के बीच तनाव चरम पर है. दोनों देशों के बीच जारी तनाव के इतर भारत-बाग्‍लांदेश की सीमा पर एक अनूठा बाजार सजा है. इस बाजार में दोनों देश के नागरिक जाकर मनचाही खरीददारी कर सकते हैं. इस खरीददारी के लिए उन्‍हें ना ही वीजा की जरूरत होगी और ना ही कस्‍टम ड्यूटी के भुगतान का कोई झंझट होगा.

इतना ही नहीं, भारतीय नागरिक बांग्‍लादेश में और बांग्‍लादेशी नागरिक भारत में बिना रोक आ जा सकते हैं. यहां पर खरीददारी के लिए आपको करेंसी एक्‍सचेंज कराने की भी जरूरत नहीं है. दोनों ही देश एक-दूसरे की करेंसी भी स्‍वीकार करेंगे. पहला बाजार दक्षिण त्रिपुरा के श्रीनगर और दूसरा बाजार कमलासागर इलाके में है. दोनों ही इलाके भारत और बांग्‍लादेश इंटरनेशनल बॉर्डर पर स्थि‍त है. सप्‍ताह में एक से दो दिन लगने वाला यह बाजार स्‍थानीय लोगों के बीच खासा लोकप्रिय है.

दोनों देशों की तरफ से लगती है करीब 54 दुकानें
सुरक्षा से जुड़े सीनियर ऑफिसर के अनुसार, इस बाजार के लिए दोनों देशों की तरफ से 75-75 वर्ग मीटर जगह उपलब्‍ध कराई गई है. जिसमें भारत की तरफ से 27 दुकाने लगाई जाती है और इतनी ही दुकाने बांग्‍लादेश की तरफ से भी लगाई जाती है. बांग्‍लादेशी दुकानों में सबसे अधिक वहां की प्रस‍िद्ध हिल्‍सा मछली, रेडिमेड गारमेंट, कॉटन की साड़ियां, लेदर की वस्‍तुएं, प्‍लाटिक का सामान, फल और सब्जियां उपलब्‍ध होता है. बांग्‍लादेश की हिल्‍सा मछली त्रिपुरा के लोग बहुत पसंद करते हैं.

भारत से बांग्‍लादेश जाती हैं ये वस्‍तुएं
इसी तरह, भारत की तरफ स्थित दुकानों में दवाइयां, बनारसी साडियां, हस्‍तशिल्‍प की वस्‍तुएं, स्‍टील के बर्तन, फल और कटहल खास तौर पर उपलब्‍ध होता है. उन्‍होंने बताया कि बांग्‍लादेश की तरफ स्थिति बाजार की सुरक्षा की जिम्‍मेदारी बॉर्डर गार्डिंग बांग्‍लादेश (बीजीबी) के हिस्‍से में होती है. वहीं, भारत के तरफ की दुकानों की जिम्‍मेदारी बॉर्डर सिक्‍योरिटी फोर्स (बीएसएफ) के पास होती है. इस दौरान, इस बात का खास ख्‍याल रखा जाता है कि कोई भी शख्‍स गैरकानूनी तरीके से बाजार के इतर दोनों देशों की सीमा में दाखिल न हो पाएं.

फिलहाल जारी हैं दो ही बॉर्डर हाट
आपको बता दें कोविड के पहले तक भारत और बांग्‍लादेश की सीमा में कुल सात बाजार लगते थे. इनमें, तारापुर-कमला सागर, बलियामारी-कलैरचर, छगलनैया-श्रीनगर, भोलागंज-पूर्वी खासी हिल्स, डोलुरा-बालाट, लाउवाघर-बलात और बागानबाड़ी-रिंकू बॉर्डर हाट शामिल थे. कोविड के दौरान सभी बाजारों को बंद कर दिया गया था. वहीं, भारत और बांग्‍लादेश के बीच राजनैतिक दबाव बढ़ने के बाद तक सभी बाजार बंद थे. बीते कुछ समय पहले तारापुर-कमला सागर और छगलनैया-श्रीनगर को खोला गया है.

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तनाव के बीच भी बॉर्डर पर सजा बाजार, वीजा-कस्‍टम का नहीं झंझट, खूब खरीदें सामान

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आधी दुनिया में सफेद तबाही का बड़ा खतरा, वैज्ञानिकों ने क्यों दी चेतावनी, अभी से हो जाएं सावधान

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Polar Vortex Collapse: पोलर वोर्टेक्स के टूटने से अमेरिका, कनाडा और यूके में भयानक शीत लहर का खतरा है. वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि मार्च में तापमान में भारी गिरावट हो सकती है.

आधी दुनिया में सफेद तबाही का बड़ा खतरा, वैज्ञानिकों ने क्यों दी चेतावनी

US और यूरोप के कुछ हिस्सों में तापमान में ऐतिहासिक गिरावट देखने को मिल सकती है. (फोटो Reuters)

हाइलाइट्स

  • अमेरिका, कनाडा और यूके में शीत लहर का खतरा.
  • मार्च में तापमान में भारी गिरावट की चेतावनी.
  • पोलर वोर्टेक्स के टूटने से ठंड बढ़ेगी.

Polar Vortex Collapse: पृथ्वी का तापमान दिनों-प्रतिदिन गर्म होता जा रहा है. लेकिन एक भयानक शीत लहर का खतरा अमेरिका, कनाडा और यूके पर मंडरा रहा है. इस सफेद तबाही को लेकर वैज्ञानिकों ने बड़ा अलर्ट जारी किया है. वैज्ञानिकों के अनुसार एक भयानक शीत लहर का खतरा अमेरिका, कनाडा और यूके पर मंडरा रहा है. मौसम वैज्ञानिक चेतावनी दे रहे हैं कि पोलर वोर्टेक्स, जो आर्कटिक के ऊपर ठंडी हवा का एक विशाल भंवर है, एक बार फिर टूटने की कगार पर है.

इसका मतलब है कि मार्च में दुनिया के कई देशों में कड़ाके की ठंड वापस आ सकती है, जिससे तापमान में भारी गिरावट आएगी और जनजीवन अस्त-व्यस्त हो सकता है. रिपोर्ट के अनुसार पिछले महीने पोलर वोर्टेक्स के टूटने के बाद से ही यह आशंका जताई जा रही थी कि यह घटना फिर से हो सकती है. विशेषज्ञों का मानना है कि यह टूटन और भी भयावह हो सकती है. इससे उत्तरी अमेरिका और यूरोप के कुछ हिस्सों में तापमान में ऐतिहासिक गिरावट देखने को मिल सकती है.

पढ़ें- 155KM की रफ्तार से आ रही तबाही, दिल्ली जितने लोगों पर मंडराया खतरा, स्कूल-दफ्तर सब बंद

पोलर वोर्टेक्स बदल रहा है अपना आकार
AccuWeather के मौसम विज्ञानी पॉल पास्टेलोक के अनुसार, यह पोलर वोर्टेक्स का विस्थापन यूरोप और पूर्वी कनाडा की ओर हो सकता है. इससे इन क्षेत्रों में भीषण ठंड पड़ सकती है. हालांकि आमतौर पर एक मजबूत पोलर वोर्टेक्स ठंडी हवा को ध्रुवों में बंद रखता है, लेकिन इस बार यह अजीब तरह से खिंच रहा है और अपना आकार बदल रहा है. यह असामान्य व्यवहार वायुमंडल में ऊर्जा के उतार-चढ़ाव के कारण हो रहा है, जिससे पोलर वोर्टेक्स सामान्य से ज़्यादा खिंच और सिकुड़ रहा है.

विशेषज्ञों को किस बात की चिंता?
जबकि NOAA का कहना है कि पोलर वोर्टेक्स इस साल “काफी मजबूत” रहा है. लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि इसका अजीब आकार और बार-बार टूटना चिंता का विषय है. जब पोलर वोर्टेक्स टूटता है, तो यह जेट स्ट्रीम को प्रभावित करता है. इससे ठंडी हवा दक्षिण की ओर धकेल जाती है. इसका नतीजा भयंकर बर्फीले तूफान और जानलेवा ठंड के रूप में सामने आता है.

फरवरी में पोलर वोर्टेक्स के टूटने से पहले ही कई क्षेत्रों में रिकॉर्ड तोड़ बर्फबारी और ठंड दर्ज की जा चुकी है. वैज्ञानिक इस बात पर बहस कर रहे हैं कि ग्लोबल वार्मिंग के बावजूद इतनी भीषण ठंड क्यों पड़ रही है. कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि जलवायु परिवर्तन जेट स्ट्रीम के व्यवहार को प्रभावित कर रहा है, जिससे चरम मौसमी घटनाएं बढ़ रही हैं. भले ही कारण जो भी हो, एक बात तो साफ़ है कि इस साल ठंड का कहर अभी खत्म नहीं हुआ है. पोलर वोर्टेक्स का खतरा अभी टला नहीं है और आने वाले हफ़्तों में तापमान में और गिरावट आ सकती है.

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