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अमेरिका में डेसिग्नेटेड सर्वाइवर: राष्ट्रपति पद का गुप्त उत्तराधिकारी.

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US Designated Survivor: डोनाल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह के लिए भी ‘डेसिग्नेटेड सर्वाइवर’ चुना गया था. ये वो शख्स होता है जो आपात स्थिति में राष्ट्रपति पद संभालता है. इसका नाम गोपनीय रखा जाता है. यह परंपरा शीत…और पढ़ें

डेसिग्नेटेड सर्वाइवर’ वो शख्स होता है जो आपात स्थिति में राष्ट्रपति पद संभालता है.
हाइलाइट्स
- ‘डेसिग्नेटेड सर्वाइवर’ आपात स्थिति में राष्ट्रपति बनता है
- ‘डेसिग्नेटेड सर्वाइवर’ का नाम गोपनीय रखा जाता है
- अमेरिका में यह परंपरा शीत युद्ध के दौरान शुरू हुई थी
US Designated Survivor: डोनाल्ड ट्रंप ने जब 20 जनवरी को संयुक्त राज्य अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली तो उनके नए प्रशासन के सभी लोग वहां मौजूद नहीं थे. शपथ ग्रहण समारोह और स्टेट ऑफ द यूनियन एड्रेस (सालाना भाषण) जैसे आयोजनों के लिए एक ‘डेसिग्नेटेड सर्वाइवर’ चुना जाता है. यह व्यक्ति, आमतौर पर राष्ट्रपति के मंत्रिमंडल का कोई व्यक्ति होता है, जिसे कार्यक्रम में शामिल न होने के लिए चुना जाता है ताकि, किसी आपात स्थिति में राष्ट्रपति पद का उत्तराधिकार बरकरार रखा जा सके. ये इसलिए किया जाता है कि राष्ट्रपति की मृत्यु या अक्षम होने की स्थिति में उनका उत्तराधिकारी कौन होगा? वैसे तो उपराष्ट्रपति और सदन के अध्यक्ष सहित लगभग 20 अधिकारियों की सूची है जो राष्ट्रपति पद के उत्तराधिकारी हो सकते हैं. लेकिन ‘डेसिग्नेटेड सर्वाइवर’ उस स्थिति में राष्ट्रपति के पद पर आ सकता है जब वे सभी लोग किसी भयावह घटना में मारे गए हों.
ऐसे बहुत कम मौके होते हैं जब अमेरिका के शीर्ष नेता एक ही कमरे में इकट्ठा होते हैं. आम तौर पर राष्ट्रपति के स्टेट ऑफ द यूनियन एड्रेस यानी सालाना भाषण में न केवल राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और कांग्रेस के दोनों सदन बल्कि सुप्रीम कोर्ट के सभी नौ न्यायाधीश और राष्ट्रपति के मंत्रिमंडल के सदस्य भी शामिल होते हैं. यह कल्पना करना जितना भयानक है, इस तरह के आयोजन के दौरान कैपिटल बिल्डिंग पर टारगेटेड परमाणु हमला या आतंकवादी हमला एक झटके में अमेरिकी संघीय सरकार के लगभग पूरे नेतृत्व को मिटा सकता है.
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कैसे चुना जाता है डेसिग्नेटेड सर्वाइवर?
डेसिग्नेटेड सर्वाइवर का चयन राष्ट्रपति और उनके सलाहकारों द्वारा किया जाता है. इसके लिए आमतौर पर कैबिनेट के किसी सदस्य को चुना जाता है, जो संवैधानिक रूप से राष्ट्रपति पद के लिए पात्र हो. डेसिग्नेटेड सर्वाइवर की पहचान आमतौर पर सार्वजनिक नहीं की जाती है, ताकि उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके. हालांकि, कुछ मामलों में मीडिया या जनता को इसकी जानकारी मिल जाती है. इस व्यक्ति को एक सुरक्षित और गुप्त स्थान पर रखा जाता है, जहां से वह आपातकालीन स्थिति में काम कर सके.
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गुप्त रखा जाता है उसका नाम
शपथ ग्रहण समारोह और स्टेट ऑफ द यूनियन एड्रेस आयोजन के लिए ‘डेसिग्नेटेड सर्वाइवर’ का नाम गुमनाम रखा जाता है. आम तौर पर शपथ ग्रहण के लिए निवर्तमान प्रशासन डेसिग्नेटेड सर्वाइवर को चुनता है. 2021 में जो बाइडन के शपथ ग्रहण समारोह के लिए चुने गए ‘डेसिग्नेटेड सर्वाइवर’ के नाम का कभी खुलासा नहीं किया गया. 2017 में डोनाल्ड ट्रंप के पिछले शपथ ग्रहण समारोह के लिए, दो ‘डेसिग्नेटेड सर्वाइवर’ थे. एक थे रक्षा सचिव जेह जॉनसन जिन्हें निवर्तमान राष्ट्रपति बराक ओबामा ने चुना था. दूसरे थे सीनेटर ओरिन हैच, जिन्हें ट्रंप ने चुना था.
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क्यों शुरू हुई ये परंपरा
‘डेसिग्नेटेड सर्वाइवर’ की परंपरा शीत युद्ध के दौरान शुरू हुई थी, जब परमाणु हमले का खतरा अधिक था. इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि अगर किसी आपदा या हमले में सरकार के सभी उच्च पदाधिकारी मारे जाएं, तो भी देश का नेतृत्व करने के लिए कोई व्यक्ति मौजूद हो. क्योंकि शीत युद्ध के समय सोवियत संघ के साथ तनाव चरम पर था. उस दौर में यह अकल्पनीय नहीं था कि सोवियत संघ परमाणु हथियार से कैपिटल पर निशाना नहीं साधेगा. माना जाता है कि यह परंपरा कम से कम 1960 के दशक से चली आ रही है.
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कब बना था उत्तराधिकार अधिनियम
कांग्रेस ने 1792 में मूल राष्ट्रपति उत्तराधिकार अधिनियम पारित किया, जिसमें उपराष्ट्रपति के बाद सीनेट के अस्थायी अध्यक्ष को नॉमिनेट किया गया. उसके बाद प्रतिनिधि सभा के अध्यक्ष को नॉमिनेट किया गया. इस अधिनियम में 1886 और 1947 में दो बार संशोधन किया गया जब यह उत्तराधिकार के वर्तमान क्रम पर पहुंचा. उपराष्ट्रपति, सदन के अध्यक्ष, सीनेट के अस्थायी अध्यक्ष, उसके बाद राष्ट्रपति के मंत्रिमंडल के सदस्य उसी क्रम में आते हैं जिस क्रम में उनके मंत्रिमंडल के पद बनाए गए थे. जो राज्य सचिव से शुरू होकर रक्षा सचिव के साथ समाप्त होता है.
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कौन कब इसके लिए चुना गया
2023 में, राष्ट्रपति जो बाइडन के स्टेट ऑफ द यूनियन एड्रेस के दौरान वाणिज्य सचिव गीना रायमोंडो को ‘डेसिग्नेटेड सर्वाइवर’ चुना गया था. 2016 में, तत्कालीन गृह मंत्री जेह जॉनसन को ‘डेसिग्नेटेड सर्वाइवर’ चुना गया था. यह परंपरा अमेरिकी सरकार की सुरक्षा और उत्तराधिकार सुनिश्चित करने के लिए एक महत्वपूर्ण उपाय है. व्हाइट हाउस द्वारा स्वीकार किए गए पहले नॉमिनेटेड ‘डेसिग्नेटेड सर्वाइवर’शिक्षा सचिव टेरेल बेल थे, जो राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन के 1981 में कांग्रेस के संयुक्त सत्र में दिए गए संबोधन में अनुपस्थित थे, लेकिन काफी समय बाद तक बेल की पहचान नहीं हो पाई थी. हालांकि व्हाइट हाउस कभी भी ‘डेसिग्नेटेड सर्वाइवर’ शब्द का इस्तेमाल नहीं करता. वो उन्हें ‘उपस्थित न होने वाला कैबिनेट सदस्य’ कहता है.
New Delhi,Delhi
March 05, 2025, 16:04 IST
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जीरो ग्रेविटी में जीरो पॉलिटिक्स! अंतरिक्ष में फंसी सुनीता विलियम्स के लिए मदद लेकर पहुंचा रूसी स्पेसक्राफ्ट

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Sunita Williams News: रूसी अंतरिक्ष एजेंसी Roscosmos का स्पेसक्राफ्ट शनिवार को खाना और अन्य सप्लाई लेकर इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) पहुंचा. यह सप्लाई सुनीता विलियम्स और बुच विलमोर समेत ISS पर मौजूद सभी एस्ट्रो…और पढ़ें

रूस का स्पेसक्राफ्ट Sunita Williams समेत फंसे NASA एस्ट्रोनॉट्स के लिए मदद लेकर पहुंचा.
हाइलाइट्स
- रूसी स्पेसक्राफ्ट ने ISS पर राशन पहुंचाया.
- सुनीता विलियम्स और बुच विलमोर आठ महीने से ISS पर फंसे हैं.
- Crew 10 टीम 12 मार्च को ISS पर पहुंचेगी.
Science News: दुनिया की राजनीति अंतरिक्ष में नहीं चलती! जहां गुरुत्वाकर्षण शून्य होता है, वहां मानवता सबसे बड़ा धर्म बन जाती है. इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) बाहरी अंतरिक्ष में मौजूद ऐसी ही एक जगह है. वहां कई महीनों से अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी NASA के दो एस्ट्रोनॉट्स- सुनीता विलियम्स और बुच विलमोर फंसे हुए हैं. उनके और ISS पर मौजूद अन्य एस्ट्रोनॉट्स के लिए राशन व अन्य सप्लाई भेजने का जिम्मा इस बार रूस का था. रूसी स्पेस एजेंसी Roscosmos का Progress 91 शनिवार को सफलतापूर्वक ISS पर डॉक हुआ. यह यान तीन टन खाना, ईंधन और अन्य जरूरी सामान लेकर पहुंचा. Roscosmos का Progress 91 स्पेसक्राफ्ट अगले छह महीने तक ISS पर डॉक रहेगा. इसके बाद इसमें कचरा भरकर पृथ्वी पर लौटने की योजना है.
आठ महीने से फंसे हैं सुनीता और बुच
NASA के एस्ट्रोनॉट सुनीता विलियम्स और बुच विलमोर पिछले आठ महीने से ISS पर फंसे हुए हैं. वे 5 जून 2024 को Boeing के Starliner से अंतरिक्ष में गए थे, लेकिन तकनीकी खामियों के कारण वापसी संभव नहीं हो सकी. हीलियम लीक और थ्रस्टर मालफंक्शन जैसी समस्याओं ने Starliner को अनसेफ बना दिया. अब, NASA ने कहा है कि दोनों एस्ट्रोनॉट्स की वापसी मार्च के अंत तक हो सकती है. लेकिन यह भी मौसम की स्थिति पर निर्भर करेगा.
Roscosmos Spacecraft Delivers Food & Supplies to Stranded Astronauts Sunita Williams & Butch Wilmore
Zero gravity. Zero geopolitics. The unmanned Progress 91 has successfully docked after blasting off from the Baikonur Cosmodrome.
Three tons of food, fuel and supplies… pic.twitter.com/7GqanieRn5
— RT_India (@RT_India_news) March 2, 2025
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रोजमेरी चिकन, क्रीम बूली… व्हाइट हाउस का वो लजीज लंच जो जेलेंस्की को नसीब नहीं हुआ

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इस बीच, यूक्रेनी प्रतिनिधिमंडल पास के एक कमरे में इंतजार कर रहा था, जो विदेशी नेताओं के लिए स्टैंडर्ड प्रोटोकॉल है. हालांकि, स्थिति ने अप्रत्याशित मोड़ ले लिया. कोलिन्स ने अपनी पोस्ट में आगे बताया, “आमतौर पर वे दोपहर के भोजन के लिए फिर से मिलते हैं. लेकिन यूक्रेनियन व्हाइट हाउस में भोजन नहीं करेंगे. जैसे ही तैयार भोजन पास के एक गलियारे में ट्रॉलियों पर रखा हुआ था, यूक्रेनियन को वहां से जाने का निर्देश दिया गया.”
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‘कोई पंगा मत लेना…’ कौन था वो अमेरिकी नेता? जिसने ट्रंप के साथ बैठक से पहले जेलेंस्की को दी वॉर्निंग

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सीनेटर लिंडसे ग्राहम ने यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की को ट्रंप के साथ बहस से बचने की सलाह दी थी. ट्रंप-जेलेंस्की की मुलाकात में बहस हुई, जिससे दोनों देशों के रिश्ते खराब हो गए.

जेलेंस्की को अमेरिकी दौरे में मिली थी बहस नहीं करने की सलाह. (Image:PTI)
हाइलाइट्स
- सीनेटर लिंडसे ग्राहम ने जेलेंस्की को ट्रंप से बहस से बचने की सलाह दी.
- ट्रंप-जेलेंस्की की मुलाकात में बहस से रिश्ते खराब हुए.
- ग्राहम ने जेलेंस्की को पद छोड़ने का सुझाव दिया.
वाशिंगटन. अमेरिकी दफ्तर में बहस से कुछ घंटे पहले अमेरिका के एक बड़े नेता और सीनेटर ने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की को अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ किसी बहसबाजी या ‘झगड़े’ से बचने की सलाह दी थी. रिपब्लिकन नेता और ट्रंप के खास साथी सीनेटर लिंडसे ग्राहम ने कहा कि उन्होंने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ बहस में न पड़ने की सलाह दी थी. यह सलाह उस महत्वपूर्ण मुलाकात से कुछ घंटे पहले दी गई थी, जिसने दुनिया को हैरान कर दिया था.
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के कड़े आलोचक और रिपब्लिकन पार्टी में यूक्रेन के सबसे बड़े समर्थकों में से एक, सीनेटर ग्राहम ने 28 फरवरी को जेलेंस्की से मुलाकात की थी, जो बाद में अमेरिकी दफ्तर में ट्रंप से मिलने वाले थे. ग्राहम ने पत्रकारों से कहा कि ‘मैंने सुबह उनसे कहा झगड़े में मत पड़ो. मीडिया या किसी और को आपको ट्रंप के साथ बहस में न फंसने देना. वह आज जो कर रहे हैं, वह रिश्ते सुधार रहे हैं.’
जो हुआ वह अपमानजनक
अमेरिका के सीनेटर लिंडसे ग्राहम ने आगे ट्रंप और उपराष्ट्रपति जेडी वेंस का समर्थन किया और कहा कि वे अमेरिकियों के साथ खड़े हैं. उन्होंने जेलेंस्की को पद छोड़ने का सुझाव दिया. उन्होंने कहा कि यह पता नहीं है कि अमेरिका कभी जेलेंस्की के साथ काम कर पाएगा या नहीं. ग्राहम ने कहा कि ‘जो मैंने अमेरिकी दफ्तर में देखा वह अपमानजनक था, और मुझे नहीं पता कि हम कभी जेलेंस्की के साथ काम कर पाएंगे या नहीं. मुझे लगता है कि ज्यादातर अमेरिकियों ने एक ऐसे व्यक्ति को देखा जिसके साथ वे काम नहीं करना चाहेंगे, जिस तरह से उन्होंने बैठक को संभाला.’
जिस NATO की चाहत में जेलेंस्की ने पुतिन से लिया पंगा, अब उसी पर संकट के बादल, एलन मस्क की बातों के मायने समझिये
दोनों देशों के रिश्ते निचले स्तर पर पहुंचे
ट्रंप-जेलेंस्की की मुलाकात एक सामान्य फोटो खिंचवाने के मौके के रूप में शुरू हुई थी. वह दोनों नेताओं के बीच बहस में बदल गई, जिससे दोनों देशों के बीच रिश्ते एक नए निचले स्तर पर पहुंच गए. अमेरिकी दफ्तर की बैठक में ट्रंप ने जेलेंस्की को डांटा और कहा कि वे तीसरे विश्व युद्ध का जुआ खेल रहे हैं. उन्होंने आगे कहा कि रूस के साथ एक समझौता काफी करीब है और यूक्रेन के प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग करने की अनुमति देने वाला सौदा बहुत उचित होगा. बातचीत बहुत जल्दी बिगड़ गई जब जेलेंस्की ने अमेरिकी उपराष्ट्रपति से पूछा कि क्या वे यूक्रेन गए हैं.
March 02, 2025, 18:41 IST
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