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अमेरिका के लिए चीन सबसे बड़ी चिंता, भारत इंडो-पैसिफिक में अहम साथी.

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US China News: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा रक्षा नीति के लिए अंडर सेक्रेटरी पद पर नॉमिनेट एल्ब्रिज कोल्बी को सीनेट की मंजूरी मिलने पर वॉशिंगटन की असली चिंता बीजिंग होगी, न कि मॉस्को.

चीन को कैसे पटखनी दी जाए? मुस्लिम देश ने अमेरिका को सिखा दिया धांसू तरीका

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग. (फाइल फोटो)

हाइलाइट्स

  • अमेरिका की असली चिंता चीन है, न कि रूस.
  • एल्ब्रिज कोल्बी को रक्षा नीति के लिए नॉमिनेट किया गया.
  • कोल्बी ताइवान की रक्षा पर जोर दे रहे हैं.

वॉशिंगटन. अमेरिका के लिए इन दिनों चीन और रूस दोनों तरफ से परेशानी खड़ी हो रही है. उसे दोनों ही देशों से चुनौती मिल रही है, लेकिन एक रिपोर्ट की मानें, तो उसकी असली चिंता ड्रैगन है. खासकर इंडो-पैसिफिक में जहां चीन के खिलाफ अमेरिका के लिए भारत उसका सबसे ताकतवर साथी है. अगर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा रक्षा नीति के लिए अंडर सेक्रेटरी के पद पर नॉमिनेट एल्ब्रिज कोल्बी को सीनेट की मंजूरी मिल जाती है, तो इससे यह धारणा और मजबूत होगी कि वॉशिंगटन के लिए असली चिंता का कारण बीजिंग है, न कि मॉस्को.

रिपोर्ट्स के अनुसार, कोल्बी ट्रंप अधिकारियों में सबसे मुखर हैं, जो यह तर्क देते हैं कि अमेरिका का ध्यान यूरोप और रूस से हटाकर चीन और इंडो-पैसिफिक में उसकी बढ़ती चुनौतियों पर केंद्रित होना चाहिए. उनके लिए, अंतरराष्ट्रीय प्रणाली में कुछ भी उतना मौलिक रूप से अमेरिकी हितों के लिए खतरनाक नहीं है जितना कि इंडो-पैसिफिक पर संभावित चीनी “वर्चस्व”, जो अमेरिकी सुरक्षा, स्वतंत्रता और समृद्धि को गंभीर रूप से कमजोर कर सकता है.

हालांकि, अगर कोल्बी को पिछले हफ्ते सीनेट आर्म्ड सर्विसेज कमेटी की बैठक में अपनी कन्फर्मेशन सुनवाई के दौरान कठिन सवालों का सामना करना पड़ा, तो वह भी रिपब्लिकन सीनेटर टॉम कॉटन (आर-आर्क) की अगुवाई में था, और यह उनके ताइवान की रक्षा के बारे में “बदलते” विचारों पर था. सीनेटर कॉटन ने उनसे पूछा, “पिछले कुछ सालों में, आपने कहना शुरू कर दिया है कि ताइवान हमारे लिए महत्वपूर्ण है, लेकिन यह हमारे लिए अस्तित्व का सवाल नहीं है या यह हमारे लिए आवश्यक नहीं है. क्या आप हमें समझा सकते हैं कि आपने ताइवान की रक्षा के बारे में अपने रुख को थोड़ा नरम क्यों कर लिया है?”

यूरेशियन टाइम्स में प्रकाशित खबर के मुताबिक, कोल्बी ने जवाब दिया कि उन्होंने हमेशा कहा है कि ताइवान संयुक्त राज्य अमेरिका के लिए “बहुत महत्वपूर्ण” है, लेकिन उन्होंने तर्क दिया कि यह “अस्तित्व का सवाल” नहीं है, अमेरिका और चीन के बीच “सैन्य संतुलन” में बदलाव को देखते हुए. उन्होंने कहा, “जो बदला है, सीनेटर, वह है सैन्य संतुलन का नाटकीय रूप से बिगड़ना.” यह बताते हुए कि चीन के प्रभाव क्षेत्र में मुकाबला करने के लिए हमारी ओर से “तैयारी की कमी” है, उन्होंने कहा, “यह एक निरर्थक, अत्यधिक महंगे प्रयास में शामिल होने से अलग है जो हमारी सेना को नष्ट कर देगा.”

कोल्बी ने तर्क दिया कि ताइवान का रक्षा खर्च उसके सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 3 प्रतिशत से भी कम है और इसे बढ़ाकर 10 प्रतिशत करना चाहिए. उनके अनुसार, ताइवान में अपनी रक्षा क्षमताओं को मजबूत करने की “चिंताजनक कमी” है. गौरतलब है कि ताइवान के राष्ट्रपति विलियम लाई ने पिछले महीने रक्षा खर्च को इस साल के 2.45 प्रतिशत से बढ़ाकर जीडीपी का 3 प्रतिशत करने का वादा किया था, ताकि ट्रंप को यह दिखाया जा सके कि ताइवान अपनी रक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है. लेकिन लाई की मुख्य समस्या ताइवान की विपक्ष-प्रभुत्व वाली विधायिका (युआन) है, जिसने इस साल रक्षा बजट में कटौती को और फ्रीज कर दिया है.

हालांकि, कोल्बी ने सीनेटरों से कहा कि वह द्विपक्षीय संचार और नीति सलाह जारी रखेंगे, और ताइवान से अपनी सैन्य ताकत को दक्षिण कोरिया के स्तर तक बढ़ाने का आग्रह करेंगे, जिसे उन्होंने “न केवल संभव, बल्कि अमेरिकी लोगों और सैनिकों के लिए उचित माना, जिन्होंने इसकी रक्षा में भारी निवेश किया है.” कोल्बी का वर्तमान सिद्धांत, जिसे वह रक्षा उप सचिव के रूप में पुष्टि होने पर आगे बढ़ाना चाहेंगे, “डिनायल” की रणनीति है, जिसे “चीन का पहला द्वीप” कहा जाता है, जो चीन को ताइवान पर कब्जा करने से रोक सकता है.

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Russia-Ukraine War LIVE News: रूस में सबसे दूर तक यूक्रेन ने किया ड्रोन हमला, तेल रिफाइनरी तबाह

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Russia-Ukraine War LIVE News: ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने यूरोपीय नेताओं संग शिखर सम्मेलन की मेजबानी की, जिसमें यूक्रेन के एयर डिफेंस के लिए 2 बिलियन डॉलर के फंड का ऐलान हुआ. जेलेंस्की ने अमेरिका सं…और पढ़ें

रूस में सबसे दूर तक यूक्रेन ने किया ड्रोन हमला, तेल रिफाइनरी तबाह

रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध चल रहा है. (Reuters)

वॉशिंगटन: ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने रविवार को लंदन में यूरोपीय नेताओं के एक महत्वपूर्ण शिखर सम्मेलन की मेजबानी की. इस मीटिंग का उद्देश्य ट्रंप और जेलेंस्की के बीच ओवल ऑफिस में हुई तीखी बहस का समाधान निकालना था. इस मीटिंग के बाद यूक्रेन के एयर डिफेंस के लिए 2 बिलियन डॉलर के एक नए फंड का ऐलान किया गया. इसके जरिए यूक्रेन 5000 एयर-डिफेंस मिसाइलें खरीद सकेगा. इसके अलावा कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो भी मीटिंग में शामिल हुए, जिन्होंने रूस के सहयोगियों, अर्धसैनिक संगठनों, उनके नेताओं और अन्य के खिलाफ नए प्रतिबंधों का ऐलान किया. आइए जानें 3 मार्च की दुनिया की बड़ी खबरों के बारे में.

Russia-Ukraine War LIVE News Update: जेलेंस्की को तुर्की पर भरोसा

यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की का कहना है कि तुर्किये यूक्रेन के भविष्य के सुरक्षा ढांचे में भाग ले सकता है.

यूक्रेन का रूस में सबसे दूर तक ड्रोन हमला

यूक्रेनी ड्रोन ने युद्ध शुरू होने के बाद रूस के सबसे अंदर तक हमलों को अंजाम दिया है. रूस की ऊफा तेल रिफाइनरी पर यूक्रेनी ड्रोन ने हमला किया है जो लड़ाई के इलाके से 1,300 किमी दूर है.

इस्तीफा देने को तैयार हूं: जेलेंस्की

यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने कहा है कि वह राष्ट्रपति पद छोड़ने को तैयार हैं. उन्होंने कहा कि अगर नाटो की सदस्यता यूक्रेन को दी जाती है तो वह सत्ता छोड़ देंगे.

Russia Ukraine Live: एक महीने का हो सीजफायर- फ्रांस

फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने रूस-यूक्रेन के युद्ध में एक महीने के सीमित युद्धविराम का सुझाव दिया है. यह हवाई, समुद्र और महत्वपूर्ण ऊर्जा बुनियादी ढांचे पर हमलों पर लागू होगा. जेलेंस्की ने संकेत नहीं दिया है कि वह इसे स्वीकार करेंगे या नहीं, लेकिन उन्होंने कहा कि वह हर चीज से अवगत थे.

Russia Ukraine Live News: ‘अमेरिका से मिनरल डील करने को तैयार’

यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने कहा है कि वह अमेरिका के साथ मिनरल डील करने को तैयार हैं. इसके अलावा अच्छे संबंध चाहते हैं. शुक्रवार को जेलेंस्की और ट्रंप के बीच ओवल ऑफिस में बहस देखने को मिली थी, जिसके बाद मिनरल डील पर हस्ताक्षर नहीं हो पाए. यहां से जेलेंस्की सीधे ब्रिटेन पहुंचे जहां उनका भव्य स्वागत हुआ. यूरोपीय देशों की मीटिंग में जेलेंस्की भी शामिल हुए. इस मीटिंग के बाद अमेरिका को लेकर उनका रुख नरम दिखा. इससे जुड़ी पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.

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US America Earthquake Today: वॉशिंगटन हॉलीवुड में 3.9 तीव्रता का भूकंप, ऑस्कर अवार्ड के दौरान आया

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Earthquake News US: ऑस्कर अवार्ड समारोह के दौरान अमेरिका के उत्तरी हॉलीवुड में 3.9 तीव्रता का भूकंप आया. भूकंप का केंद्र डॉल्बी थिएटर से कुछ ही मील की दूरी पर था.

ऑस्कर का जश्न मना रहे थे हॉलीवुड के सितारे, तभी भूकंप से हिल गई US की धरती

अमेरिका में भूकंप आया है.

हाइलाइट्स

  • ऑस्कर समारोह के दौरान 3.9 तीव्रता का भूकंप आया
  • भूकंप का केंद्र डॉल्बी थिएटर से कुछ मील की दूरी पर था
  • लॉस एंजिल्स में भूकंप के झटके महसूस किए गए

वॉशिंगटन: अमेरिका के हॉलीवुड में दुनिया भर के सितारे रेड कार्पेट पर थे, ऑस्कर अवार्ड का जश्न रहा था कि तभी अचानक धरती हिलने लगी. दरअसल जब अमेरिका में ऑस्कर अवार्ड शो चल रहा था तभी 3.9 तीव्रता का भूकंप आया. भूकंप का केंद्र उत्तरी हॉलीवुड में था. ऑस्कर अवार्ड शो डॉल्बी थिएटर में आयोजित किया गया था. भूकंप का केंद्र समारोह की जगह से कुछ ही मील की दूरी पर था. स्थानीय समय के मुताबिक भूकंप रविवार रात 10 बजे आया. यह वही समय था जब सेलिब्रिटी ऑस्कर अवार्ड की आफ्टर पार्टी के लिए जमा हो रहे थे.

इस दौरान लोगों ने अचानक झटके महसूस किए. कुछ लोग चिल्लाने लगे. लोगों का कहना है कि इमारतों को उन्होंने जेली की तरह हिलते देखा. भूकंप पर अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (USGS) ने कहा कि झटके पूरे लॉस एंजिल्स में कई मीलों तक महसूस किए गए. भूकंप अपेक्षाकृत छोटा था, जिस कारण सुनामी की चेतावनी जारी नहीं की गई. अभी तक किसी भी तरह के नुकसान या लोगों के घायल होने की जानकारी नहीं मिली है. लॉस एंजिल्स फायर डिपार्टमेंट ने कहा कि भूकंप का असर पूरे डाउनटाउन लॉस एंजिल्स में महसूस किया गया. एजेंसी ने कहा कि झटके इतने तगड़े नहीं थे कि ‘भूकंप मोड’ को एक्टिव किया जाए.

मार्च में आए 40 भूकंप

अगर भूकंप ताकतवर होता तो अधिकारी इमारतों और बुनियादी ढांचों के नुकसान की जांच करते. BBC की रिपोर्ट के मुताबिक मार्च की शुरुआत से दक्षिणी कैलिफोर्निया में आए लगभग 40 भूकंपों में से यह एक है. USGS के जिस डेटा का विश्लेषण किया गया, उसके मुताबिक ज्यादातर की तीव्रता 1 थी, जो आमतौर पर लोगों को महसूस नहीं होते. पिछले महीने पास के मालिबू क्षेत्र में 3.7 तीव्रता का भूकंप आया था. दिसंबर में उत्तरी कैलिफोर्निया में 7 तीव्रता का एक तगड़ा भूकंप आया, जिसके बाद तटीय इलाके के लोगों को भूकंप की चेतावनी दी गई.

भूकंप पर क्या बोले लोग?
BBC की रिपोर्ट के कुछ लोगों ने कहा कि झटका ऐसा था, जैसे कोई बम फटा हो. एक स्थानीय निवासी ने कहा कि उसने अब तक का सबसे तगड़ा भूकंप का झटका महसूस किया. हालांकि उन्होंने इस बात पर आश्चर्य भी जताया कि झटका सिर्फ 3.9 तीव्रता का था. एक शख्स ने कहा कि मैंने झटके को अपनी हड्डियों में महसूस किया.

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Chandrayaan Blue Ghost Lander: फायरफ्लाई एयरोस्पेस ने चंद्रमा पर उतारा पहला यान.

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US Moon Landing:अमेरिकी प्राइवेट कंपनी फायरफ्लाई एयरोस्पेस ने ब्लू घोस्ट मिशन 1 के तहत चंद्रमा पर सफल लैंडिंग की. यह भारत के चंद्रयान-3 से अलग है, क्योंकि इसमें कोई रोवर नहीं है. जल्द ही दो और मिशन उतरेंगे.

चंद्रयान की बराबरी नहीं कर पाया अमेरिका का ब्लू घोस्ट लैंडर, समझें किसमें चूका

चांद पर उतरा ब्लू घोस्ट मिशन. (Reuters)

हाइलाइट्स

  • अमेरिकी कंपनी ने ब्लू घोस्ट लैंडर चांद पर उतारा
  • ब्लू घोस्ट में कोई रोवर नहीं है
  • दो और मिशन जल्द ही चांद पर उतरेंगे

वॉशिंगटन: आसमान में दिखने वाला चमकदार चांद हमेशा इंसानों को अपनी ओर आकर्षित करता रहा है. यही कारण है कि वैज्ञानिकों को यहां पहुंचने की चाहत रही है. दुनिया में पांच देश भारत, अमेरिका, रूस, चीन और जापान ही चांद पर जा सके हैं. रविवार को अमेरिका की एक प्राइवेट कंपनी ने चंद्रमा पर अपना पहला अंतरिक्ष यान सफलतापूर्वक उतारा, जो विज्ञान के लिए एक बड़ी कामयाबी है. फायरफ्लाई एयरोस्पेस का ब्लू घोस्ट मिशन 1 स्थानीय समय के मुताबिक सुबह 8:34 बजे मॉन्स लैट्रेल के पास उतरा. यह चंद्रमा के उत्तर-पूर्वी भाग में मारे क्रिसियम में एक ज्वालामुखीय संरचना है. एयरक्राफ्ट के लैंड होते ही मिशन टीम में खुशी की लहर दौड़ गई. हालांकि यह कामयाबी वैसी नहीं है, जैसी चंद्रयान-3 मे हासिल की थी, लेकिन फिर भी यह एक बड़ा कदम है.

गोल्डेन लैंडर का आकार एक छोटी कार के बराबर है जो 15 जनवरी को स्पेसएक्स फाल्कन 9 रॉकेट के जरिए लॉन्च किया गया था. चंद्रमा की यात्रा के दौरान इसने धरती और चांद की कई शानदार तस्वीरें खींची. भारत के चंद्रयान 3 मिशन से अगर इसकी तुलना करें तो बेहद फर्क है. सबसे बड़ा फर्क यही है कि चंद्रयान को भारत सरकार की फंडिंग से लॉन्च किया गया था. चंद्रयान ने विक्रम लैंडर के साथ में प्रज्ञान नाम का रोवर भी भेजा था, जो चंद्रमा की सतह पर चला. लेकिन गोल्डेन लैंडर में कोई भी रोवर नहीं है. इसके अलावा भारत ने वह कारनामा कर दिखाया था, जो उससे पहले कोई नहीं कर पाया.

भारत ने किया था बड़ा कारनामा
भारत का विक्रम लैंडर चांद के दक्षिणी ध्रुव पर उतरा था. यहां लैंडिंग करवाना बेहद मुश्किल होता है. इसके अलावा यह वह क्षेत्र है, जहां पानी की मौजूदगी होने की संभावना है. ब्लू घोस्ट में 10 उपकरण हैं, जिनमें एक चंद्रमा के मिट्टी का विश्लेषण करने वाला यंत्र भी शामिल है. 14 मार्च को एक पूर्ण चंद्र ग्रहण लगने वाला है. इस दौरान उम्मीद है कि यह शानदार तस्वीरें कैप्चर करेगा. इससे पहले फरवरी 2024 में अमेरिका की एक कंपनी का लैंडर बहुत तेजी से नीचे आया था. तब इसका एक पैर फंस गया और पलट गया, जिससे मिशन लगभग फेल ही हो गया.

दो और मिशन के उतरने की तैयारी
ब्लू घोस्ट की सफल लैंडिंग के बाद चांद पर दो और मेहमान पहुंचने वाले हैं. आने वाले हफ्तों में चांद पर दो और मिशन उतरेंगे. इंटुएटिव मशीन्स का एथेना और जापानी प्राइवेट मिशन रेजिलिएंस हकुतो-आर2 अगले लैंडर में से हैं, जिनके उतरने की उम्मीद है. स्पेसएक्स फाल्कन 9 रॉकेट के जरिए 26 फरवरी, 2025 को एथेना लॉन्च किया गया था. इंट्यूएटिव मशीन्स का यह दूसरा चंद्र मिशन है. इसके 6 मार्च को उतरने की उम्मीद है. एथेना दक्षिणी ध्रुव के करीब उतरने की कोशिश करेगा, जहां भारत पहले ही उतर चुका है.

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चंद्रयान की बराबरी नहीं कर पाया अमेरिका का ब्लू घोस्ट लैंडर, समझें किसमें चूका

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